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आईपीएस अनुराग अग्रवाल को संसद सुरक्षा का प्रमुख नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति का आदेश लोकसभा सचिवालय ने जारी किया है। वर्तमान में सीआरपीएफ में महानिरीक्षक असम-मेघालय कैडर के 1998 बैच के अधिकारी को तीन साल के लिए संयुक्त सचिव (सुरक्षा) नियुक्त किया गया है। जेएस (सुरक्षा) का पद पारंपरिक रूप से एक आईपीएस अधिकारी के पास होता है।
READ MOREजांबाज शूरवीर ललित मोहन नेगी को उनके दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के सेवाकाल में यह पांचवा उत्कृष्ट राष्ट्रीय सेवा मैडल मिला है। अभी तक उन्होंने आतंकवादी संगठनों का सफाया करने के लिए 36 इनकाउंटर कर अपनी वीरता, निडरता व साहस का परिचय देकर अपने नाम के साथ-साथ उत्तराखंड का नाम सम्पूर्ण देश में रोशन किया है।
READ MOREउत्तराखंड के रहने वाले एसीपी ललित मोहन नेगी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जायेगा। पिछले साल उन्हें वीरता के लिए पुलिस पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है।
READ MOREलोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर संसद की सुरक्षा का दायित्व रुद्रप्रयाग के बेटे रघुबीर लाल के हाथ में है। वह उत्तर प्रदेश के 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।
READ MOREआईपीएस शंकर जीवाल ने तमिलनाडु के नये डीजीपी का कार्यभार संभाल लिया है। उन्होंने आईपीएस सी सिलेंद्र बाबू का स्थान लिया जो 30 जून को सेवा से सेवानिवृत्त हो गये हैं। शंकर जीवाल उत्तराखंड के अल्मोड़ा के रहने वाले हैं।
READ MOREअंतरिक्ष में सेटेलाइट लॉचिंग और ऑपरेशन के लिए स्पेस मैप तैयार कर रही दिगंतारा स्टार्टअप को जापान और भारत की कंपनियों से 83 करोड़ का फंड मिला है। अब दिगंतारा इसी साल तक स्पेस मैपिंग को लांच करने की तैयारी में है। दिगंतारा गूगल मैप की तर्ज पर अंतरिक्ष में सेटेलाइट लॉचिंग और ऑपरेशनल प्लेटफार्म बना रही है।
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आईपीएस अनुराग अग्रवाल को संसद सुरक्षा का प्रमुख नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति का आदेश लोकसभा सचिवालय ने जारी किया है। वर्तमान में सीआरपीएफ में महानिरीक्षक असम-मेघालय कैडर के 1998 बैच के अधिकारी को तीन साल के लिए संयुक्त सचिव (सुरक्षा) नियुक्त किया गया है। जेएस (सुरक्षा) का पद पारंपरिक रूप से एक आईपीएस अधिकारी के पास होता है।
READ MOREजांबाज शूरवीर ललित मोहन नेगी को उनके दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के सेवाकाल में यह पांचवा उत्कृष्ट राष्ट्रीय सेवा मैडल मिला है। अभी तक उन्होंने आतंकवादी संगठनों का सफाया करने के लिए 36 इनकाउंटर कर अपनी वीरता, निडरता व साहस का परिचय देकर अपने नाम के साथ-साथ उत्तराखंड का नाम सम्पूर्ण देश में रोशन किया है।
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