Warning: Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home4/hillmail/public_html/wp-content/themes/pressroom-child/functions.php:86) in /home4/hillmail/public_html/wp-includes/feed-rss2.php on line 8
बागेश्वर – Hill Mail https://hillmail.in Fri, 08 Sep 2023 09:28:51 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.4.4 https://i0.wp.com/hillmail.in/wp-content/uploads/2020/03/250-X-125.gif?fit=32%2C16&ssl=1 बागेश्वर – Hill Mail https://hillmail.in 32 32 138203753 बागेश्वर उपचुनाव में पार्वती दास हुई विजयी, बीजेपी और कांग्रेस में दिखा कड़ा मुकाबला https://hillmail.in/parvati-das-wins-bageshwar-by-election-tough-competition-seen-between-bjp-and-congress/ https://hillmail.in/parvati-das-wins-bageshwar-by-election-tough-competition-seen-between-bjp-and-congress/#respond Fri, 08 Sep 2023 09:27:33 +0000 https://hillmail.in/?p=45774 बागेश्वर उपचुनाव में पार्वती दास ने 2405 वोट से यह चुनाव जीत लिया है। पार्वती दास को कुल 33,247 वोट मिले जबकि बसंत कुमार को 30842 वोट मिले। बागेश्वर सीट एससी सीट और यहां 35 प्रतिशत दलित वोटर्स हैं तथा 65 प्रतिशत सवर्ण वोटर्स हैं। पहले राउंड की मतगणना के बाद जहां कांग्रेस प्रत्याशी बसंत कुमार 754 वोट से आगे चल रहे थे, वहीं दूसरे चरण की मतगणना में पार्वती दास ने बढ़त बढ़ाई। हालांकि दोनों राउंड की मतगणना के बाद कांग्रेस प्रत्याशी बसंत कुमार, भाजपा की पार्वती दास से 195 वोटो से आगे चल रहे थे।

बागेश्वर में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला। चौथे राउंड में भाजपा की पार्वती दास अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसंत कुमार कांग्रेस से 476 वोट आगे चल रही थीं। वहीं 13वें राउंड आते आते भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास कांग्रेस के बसंत कुमार से 2726 वोट से आगे हो गईं।

पिछले चुनाव में दिवंगत नेता और पार्वती दास के पति चंदन रामदास को 32,000 वोट मिले थे और रंजीत दास को 20,000 के लगभग वोट प्राप्त हुए थे वहीं आप से बसंत कुमार जो अब कांग्रेस के टिकट पर लड़ रहे हैं उन्हें 16,000 कुछ वोट प्राप्त हुए थे। 2022 में करीब 74,000 लोगों ने वोट किया था। वहीं इस बार वोटिंग 64,000 वोटों पर सिमट गई।

2022 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले रंजीत दास भाजपा में आ गए लेकिन वोटों के रुझान से लग रहा है कि इससे भाजपा को ज्यादा फायदा नहीं हुआ। इस चुनाव में कई बड़े मुद्दे रहे ? पहाड़ों में बेरोज़गारी, आपदा में राहत न मिलना, किसानी तबाह होना, बेरोज़गारी जैसे तमाम मुद्दे थे जिनकी वजह से बागेश्वर पिछड़ा क्षेत्र रहा है। बागेश्वर विधानसभा चार क्षेत्रों में बटी है जिसमें गरुड़, बागेश्वर ग्रामीण, बागेश्वर नगर, गेरेहि क्षेत्र शामिल हैं। गरुड़ क्षेत्र में सबसे 88 बूथ जिसको भाजपा का गढ़ माना जाता है

दरअसल चंदन राम दास 2007 से चुनाव जीतते आ रहे हैं और इस बार उनके आकस्मिक निधन के बाद भाजपा ने उनकी पत्नी पार्वती दास को चुनाव मैदान में उतारा। चुनाव का आंकड़ा देखें को 4 बार भाजपा और 1 बार कांग्रेस ने इस सीट पर कब्ज़ा जमाया है।

अब इस बार भी भाजपा प्रत्याक्षी पार्वती दास ने इस सीट को अपनी झोली में डाल दिया है। बीजेपी के नेता इस जीत को राज्य सरकार की नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व को लोगों का समर्थन के रूप में देख रहे हैं। बीजेपी नेताओं का कहना है कि चंदन राम दास के निधन के बाद जो अधूरे कार्य रह गये थे अब पार्वती देवी के नेतृत्व में पूरे किये जायेंगे।

बागेश्वर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास की जीत पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बागेश्वर की जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह विजय मातृशक्ति, युवाशक्ति और वरिष्ठजनों के हमारी सरकार पर अटूट विश्वास का प्रमाण है। इस उप चुनाव में बागेश्वर विधानसभा की जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन और राज्य सरकार की नीतियों तथा जन कल्याणकारी योजनाओं पर मुहर लगाई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जीत स्व. चंदनराम दास जी को श्रद्धांजलि है। उनके समय के रूके हुए कार्यों और उनके सपनों को पूरा किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बागेश्वर की जनता ने राज्य सरकार पर जो विश्वास जताया है, बागेश्वर की जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप बागेश्वर का विकास किया जायेगा।

]]>
https://hillmail.in/parvati-das-wins-bageshwar-by-election-tough-competition-seen-between-bjp-and-congress/feed/ 0 45774
बागेश्वर से बीजेपी की उम्मीदवार पार्वती दास ने भरा पर्चा, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री रहे मौजद https://hillmail.in/bjp-candidate-from-bageshwar-parvati-das-filed-nomination/ https://hillmail.in/bjp-candidate-from-bageshwar-parvati-das-filed-nomination/#respond Wed, 16 Aug 2023 09:38:54 +0000 https://hillmail.in/?p=45254 भाजपा ने बागेश्वर उपचुनाव में पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय चंदनराम दास की पत्नी पार्वती दास को प्रत्याशी बनाया है, आज पार्वती दास ने अपना नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, कैबिनेट मंत्री सौरव बहुगुणा सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी जनसभा को संबोधित करने पहुंचे। सीएम धामी अल्मोड़ा से सड़क मार्ग बागेश्वर पहुंचे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि भाजपा बागेश्वर उपचुनाव में चंपावत उपचुनाव की तर्ज पर पहले से अधिक रिकार्ड मतों से जीत दर्ज करेगी।

उन्होंने कहा कि बागेश्वर की जनता कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति को दरकिनार कर अपने प्रिय नेता स्वर्गीय चंदन रामदास को ऐतिहासिक जीत के साथ श्रद्धांजलि देगी।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस उपचुनाव की दो महीने से तैयारी में जुटी है। विधानसभा चुनाव प्रबंधन टोली ने राज्य संसदीय बोर्ड को पांच नाम भेजे थे, जिनमें चंदन राम दास की पत्नी पार्वती दास, बेटा गौरव दास, पार्टी के वरिष्ठ नेता जेसी आर्य, दीपा आर्य व मथुरा प्रसाद के नाम शामिल थे।

भाजपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास के आकस्मिक निधन के बाद बागेश्वर में उपचुनाव हो रहे हैं, जिसके लिए सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारी में भी लगे हुए हैं हालांकि सियासी खीचतान भी इस दौरान साफ तौर पर नजर आ रही है।

नेताओं के दल बदलने का सिलसिला भी लगातार जारी है, बागेश्वर से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे रंजीत दास के भाजपा का दामन थामने के बाद से कांग्रेस के पांव तले जमीन खिसक चुकी है वहीं इस बात से कांग्रेस के भीतर की गुटबाजी एक बार फिर से नजर आ रही है।

ठीक चुनाव से पहले प्रत्याशी का दूसरे दल में चले जाना कांग्रेस को बागेश्वर चुनाव में जमीन के बल पटक सकती है हालांकि कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने इस बात को पूरी तरह से नकारा है, शीशपाल बिष्ट का कहना है कि इस बार भाजपा को दाल बागेश्वर में नही गलेगी और कांग्रेस बागेश्वर में जीत दर्ज करेगी।

अब कांग्रेस ने बागेश्वर उपचुनाव में फहत हासिल करने के लिए एक मजबूत प्रत्याशी बिजनेस मेन बसन्त कुमार को चुनाव मैदान में उतारा हैं, कांग्रेस 17 अगस्त को प्रत्याशी का नामांकन करेगी।

कांग्रेस ने बागेश्वर से आम आदमी पार्टी का विलय कांग्रेस में करा कर आप के पूर्व प्रत्याशी बसन्त कुमार को चुनाव में उतारने के बाद कांग्रेस को बागेश्वर से जीत के समीकरण दिख रहें हैं, कांग्रेस मान रही रही हैं, कि कांग्रेस के 19 हजार वोटों में बसन्त कुमार के 16 हजार वोट और जुड़ जाय तो कांग्रेस कि जीत तय है।

]]>
https://hillmail.in/bjp-candidate-from-bageshwar-parvati-das-filed-nomination/feed/ 0 45254
पंचतत्व में विलीन हुए कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास, अंतिम यात्रा में उमड़ा अपार जनसैलाब, लोगों ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई https://hillmail.in/cabinet-minister-chandan-ram-das-merged-with-panchatattva-huge-crowd-gathered-in-the-last-journey-people-gave-last-farewell-with-moist-eyes/ https://hillmail.in/cabinet-minister-chandan-ram-das-merged-with-panchatattva-huge-crowd-gathered-in-the-last-journey-people-gave-last-farewell-with-moist-eyes/#respond Thu, 27 Apr 2023 09:33:57 +0000 https://hillmail.in/?p=42930 कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास का कल निधन हो गया था उनके निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर है। आज प्रातः 10.45 बजे उनके आवास से भारी जन समूह के साथ निकली शव यात्रा जब तक सूरज चांद रहेगा, चंदन तेरा नाम रहेगा व चंदन अमर रहे जैसे नारों के साथ बाजार होते हुए बागनाथ सरयू घाट पहुंची। जहां पर राजकीय सम्मान व पुलिस टुकडी की मातमी धुन के साथ अंतिम विदाई दी गयी। दिवंगत कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास की चिता को उनके दोनों पुत्रों द्वारा मुखाग्नि दी गयी।

इससे पूर्व सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, रेखा आर्या, प्रेम चन्द्र अग्रवाल, सौरभ बहुगुणा, प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, विधायक सुरेश गडिया, विशन सिंह चुफाल, दिवान सिंह बिष्ट, भोपाल राम टम्टा, प्रमोद नैनवाल, बंशीधर भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव, जिलाधिकारी अनुराधा पाल, पुलिस अधीक्षक हिमांशु वर्मा ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शोक संवेदना प्रकट कर स्व. चंदन राम दास के आकस्मिक निधन को राजनीति के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि ईश्वर पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे एवं शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की। उन्होंने कहा स्व. दास सहज व मृदुभाषी थे, उनका हमारे बीच से यो चले जाना दुखद है। यह समाज, राज्य व पार्टी के लिए भी अपूरणीय क्षति है। उन्होंने हमेशा गरीबों व समाज के अंतिम छोर पर खडे व्यक्ति के लिए काम किया व जन आवाज को विधानसभा में प्रमुखता से उठाते थे। उन्होंने कहा उनके सपनों व संकल्पों को आगे बढाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने शोकाकुल परिवार को उनके घर जाकर ढ़ाढस बधाया।

इस दौरान विधायक सरिता आर्या, राम सिंह कैडा, मेयर जोगेन्द्र रौतेला, पूर्व मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल, जिलाध्यक्ष भाजपा इन्द्र सिंह फर्स्वाण, पूर्व विधायक शेर सिंह गडिया, महेश नेगी, ललित फर्स्वाण, पूर्व सासंद प्रदीप टम्टा, नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल, अल्मोडा प्रकाश चन्द्र जोशी, नगर पंचायत अध्यक्ष गोविन्द सिंह बिष्ट, प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र सिंह बिष्ट, संगठन मंत्री अजेय कुमार, ब्लॉक प्रमुख गोविन्द दानू, पुष्पा देवी, हेमा बिष्ट, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश ऐठानी, देवकी नंदन जोशी, खंडक टगडिया, कुन्दन रैखोला, अपर जिलाधिकारी चन्द्र सिंह इमलाल, प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागरी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. डीपी जोशी, उपजिलाधिकारी हरगिरि, मोनिका सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी व जनसैलाब मौजूद रहा।

]]>
https://hillmail.in/cabinet-minister-chandan-ram-das-merged-with-panchatattva-huge-crowd-gathered-in-the-last-journey-people-gave-last-farewell-with-moist-eyes/feed/ 0 42930
महिलाओं के श्रम सम्मान का प्रतीक बना उत्तराखंड अंचल का किर्साण महोत्सव https://hillmail.in/uttarakhand-regions-kirsan-festival-became-a-symbol-of-womens-labor-honor/ https://hillmail.in/uttarakhand-regions-kirsan-festival-became-a-symbol-of-womens-labor-honor/#respond Thu, 22 Dec 2022 06:31:19 +0000 https://hillmail.in/?p=39628 महिलाओं के श्रम को सम्मान दिलाने के उद्देश्य से उत्तराखंड कुमांऊ अंचल के कत्यूर घाटी स्थित न्याय पंचायत भिलकोट स्थित अमस्यारी ग्राम पंचायत के टिटोली मैदान में 17 व 18 दिसंबर को हिमालयी पर्यावरण, जलस्त्रों एव पर्वतीय शिक्षा पर कार्यरत संस्था ’हितैषी’ गरूड, बागेश्वर द्वारा सातवें किर्साण वार्षिक महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया।

आयोजित किर्साण महोत्सव में 133 मात्रशक्ति द्वारा घस्यारी घास काट प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया गया था। जो 33 महिलाएं फाइनल राउंड में पहुंची थी सभी को सम्मान स्वरूप शाल व थर्मस आयोजकों द्वारा प्रदान किया गया। सौ अन्य उद्यमी महिलाओ को कृषियंत्र में कुदाल और रैक पुरस्कार स्वरूप प्रदान किए गए। प्रथम स्थान प्राप्त ग्राम पय्या की गीता देवी को पन्द्रह हजार रुपया, द्वितीय स्थान प्राप्त ग्राम मवई की खष्टी देवी को बारह हजार रुपया तथा तृतीय स्थान प्राप्त ग्राम बून्गा की आनंदी देवी को दस हजार रुपया पुरस्कार स्वरूप जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देवी के कर कमलों प्रदान किया गया।

इस महोत्सव में दिल्ली, देहरादून, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, हल्द्वानी, रानीखेत इत्यादि क्षेत्रों से महोत्सव में उपस्थित प्रबुद्ध अतिथियों का स्वागत अभिनंदन ’हितैषि’ संस्था पदाधिकारियों द्वारा बैच व पुष्प माला पहना कर तथा पर्यावरण संवर्धन के प्रतीक, विभिन्न प्रकार के पेड व पौंधे भैट कर किया गया।

आयोजित किर्साण महोत्सव का श्रीगणेश अतिथियों के कर कमलां दीप प्रज्ज्वलित कर व स्कूली बच्चों द्वारा सरस्वती वंदना से किया गया। आयोजक संस्था अध्यक्ष रतन सिंह किरमोली व सचिव डॉ किसन सिंह राणा द्वारा सभी मंचासीन अतिथियों का स्वागत अभिनंदन कर, संस्था के उद्देश्य व विगत छः वर्षो में संस्था को मिली उपलब्धियों के बावत अवगत कराया गया। व्यक्त किया गया, विगत 25 वर्षो से क्षेत्र की महिलाओं के उत्थान हेतु कार्य हो रहा था। किर्साण महोत्सव विगत छः वर्षो से निरंतर सभी क्षेत्रवासियों के आर्थिक व सामाजिक सहयोग से हो रहा है। इस वर्ष सातवा किर्साण महोत्सव है।

इस महोत्सव में सांस्कृतिक मंच देहरादून के साथ-साथ क्षेत्र के ग्रामीण स्कूलों के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत उत्तराखंड की न्योली, छपेली, झोडा, जागर गायन व नृत्यों का प्रभावशाली मंचन किया गया। लोकगायिका कमला व राधा देवी के लोकगायन ने न सिर्फ समा बांधा, उपस्थित सैकडों ग्रामीण महिलाओं, युवाओं, बच्चों व अतिथियों को प्रभावित किया।

दो दिनों तक आयोजित किर्साण महोत्सव के दूसरे दिन स्थानीय राजकीय उमा महाविद्यालय देवल खेत से टिटोली मैदान तक न्याय पंचायत की सैकडों महिलाओ, बच्चों, युवाओं व बुजुर्गों तथा क्षेत्र के सभी ग्राम प्रधानों द्वारा सांस्कृतिक जुलूस में ढोल, दमाउ, नगाडा, तुरही और छोलिया नृत्य के साथ सांस्कृतिक जुलूस में भाग लिया गया। किर्साण महिलाएं उत्तराखंड की पारंपरिक वेशभूषा व रूपसज्जा धारण कर सांस्कृतिक जुलूस में शामिल हुई, अन्य युवाओं व बच्चों के साथ जनगीत गाकर सांस्कृतिक जुलूस को शोभायमान किया। किर्साण महिलाओं द्वारा गाए गए जनगीतों के बोल थे –

उत्तराखंड मेरी मातृभूमि, मेरी पितृभूमि, त्येरी जै-जै कारा…।
ततुक नि लगा उदेख…. ओ जैता एक दिन आलो यो दिन दुनि में…।

प्रभावशाली विशाल सांस्कृतिक जुलूस में शिरकत कर रहे बच्चों व महिलाओं के हाथों में लहरा रही तख्तियों में नारे लिखे थे –

1- पहाड़ बचाओ, पलायन रोको। 2- ये हैं पहाड़ के किर्साण, इनकी बनी है नई पहचान। 3- जंगल हमारा मायका है।4- धरती मां को सजाना है, पहाड़ बचाना है। 5- काम करो तुम नाम करो, श्रम का सम्मान करो। 6- एक दो एक दो, किर्साणों को सम्मान दो। 7- पर्यावरण रक्षा, जीवन रक्षा। 8- पर्वतीय जीवन का आधार, पहाड़ की नारी। 9- काम करो तुम नाम करो, श्रम का सम्मान करो। 9- बांज, बुराश, देवदार पेड, वर्षा की धार। 10- मां बहनां की यही पुकार, शराब बंद करे सरकार। 11- बांज, बुराश, उतीश की डाल, इनसे निकले पानी की धार। 12- पर्यावरण रक्षा, जीवन रक्षा।

अंचल की ग्रामीण महिलाओं के श्रम सम्मान में आयोजित किर्साण महोत्सव को राज्य व राष्ट्रीय फलक पर ख्याति प्राप्त पर्यावरण विदो, सामाजिक व सांस्कृतिक संगठनो से जुडे कर्मठ प्रबुद्ध जनों द्वारा संबोधित कर व्यक्त किया गया, हम सबको छोटे पौंधों का नुकसान नहीं करना चाहिए। सघन व्रक्षा रोपण होना चाहिए। प्राकृतिक रूप से जो पौंधे पैदा हो रहे हैं, उसको विशेष महत्व देना चाहिए। बांज, बुरांश, काफल, आंवला, मेहल, अखरोट, नाशपाती, सेव को अंचल के ग्रामीणों द्वारा ज्यादा महत्व दिया जाना चाहिए। जिस चीज की पैदावार ज्यादा होती है, उसको महत्व देना चाहिए। उन पेड, पौंधों, वनस्पति व फसलों को ज्यादा महत्व देना चाहिए जो पशुओं से सुरक्षित रह सके।

उपस्थित कृषि व पर्यावरण विशेषज्ञों द्वारा व्यक्त किया गया, सामान्य सी देखरेख में बहुत कुछ उगाया जा सकता है। प्राकृतिक जडी बूटियां ऐसी हैं जो नुकसान नहीं करती, इलाज पूरा करती हैं। व्यक्ति स्वस्थ रहता है। यह सब कर, महंगे इलाज से बचा जा सकता है। यह सब रोजगार के लिए भी महत्वपूर्ण है। प्राकृतिक नियम है, बदलाव होते रहते हैं। संयुक्त प्रयास से कार्यो को करे, देश समाज के लिए करे।

विशेषज्ञ पर्यावरण विदों द्वारा व्यक्त किया गया, वैज्ञानिक कहते हैं पानी का रंग रूप नहीं होता है, कन्दराओं में रह कर हम पर्वतीय अंचल वासी पानी के रंग रूप को देख सकते हैं। व्यक्त किया गया, आज श्रमिक महिलाओं का राजनैतिक व प्रशासनिक स्तर पर कोई सम्मान नहीं है, जिनकी बदौलत पीढी दर पीढी चली आ रही परंपराएं व लोकसंस्कृति जिंदा है। निरंतर हो रहे पलायन से बोली-भाषा व संस्कृति लुप्त हो रही है। अंचल की महिलाओं व उनके द्वारा किए जा रहे श्रम को सम्मान दिया जाना चाहिए।

वक्ताओं द्वारा व्यक्त किया गया, आयोजित किर्साण महोत्सव का महत्व है। महिलाएं उत्तराखंड की शक्ति हैं, जिनकी बदोलत उत्तराखंड चल रहा है। जो पलायन कर बाहर निकल गए हैं अंचल के उत्थान की जरूर सोचे। धीरे-धीरे उत्तराखंड के प्रवासी अंचल को रुख कर रहे हैं, महिलाओं के दुख दर्द को समझ रहे हैं। आज जलवायु बदल रही है। जीने के लिए तीन चीजे चाहिए, खाना, पानी और आक्सीजन, हम जिंदा रहेंगे।

देश को मिली आजादी के समय हमारी जनसंख्या 35 करोड़ थी, आज 140 करोड़ है। तब यही खेती थी, आज भी यही है, बल्कि घटी है, जिन खेतों में खेती थी वहां आज मकान बन गए हैं। अनाज कहा से आयेगा। जो अनाज पैदा हो रहा है, रासायनिक तौर-तरीकों से। रसायन खाद्यों में जाकर हमारे पेट में जा रहे हैं। आज अब अनाज नहीं, जहर है। जैविक खाद्य ही अन्न है। दुनिया जैविकता की ओर बढ रही है। खेतों को जैविक बनाएं। उत्तराखंड के हजारों गांव प्यासे हैं, टैंकर से पानी पहुंच रहा है। उत्तराखंड की महिलाओं के श्रम को पहचान उन्हें पद्मश्री प्रदान की गई है। पहाड को जिंदा रखना है तो, जंगल को बचाएं। जंगल में आग लगने पर बुझाएं।

इस कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त पद्मश्री बसंती देवी व कल्याण सिंह ’मैती’, सेवानिवृत एडमिरल ओ पी एस राणा, भारत सरकार मे कार्यरत वरिष्ठ अधिकारी दिनेश चंद्र कनसीली, वृक्ष मित्र किसन सिंह मलडा, गरूण ब्लाक प्रमुख हेमा बिष्ट, पंतनगर विश्व विद्यालय के आनंद जीना, पर्यावरणविद गंगोलीहाट राजेन्द्र बिष्ट, मिसाइल वैज्ञानिक ओम प्रकाश राणा, पूर्व आईजी सीआरपीएफ रमेशचंद्र, कुमांऊ विश्वविद्यालय पुरातत्व विभाग के डॉ चंद्र प्रकाश फुलोरिया व प्रोफेसर (डॉ) हेम पंत, डॉ शेखर कांडपाल, जल, जंगल व पर्यावरण से जुडे भैरव नाथ टम्टा, चंदन डांगी व चंद्र मोहन पपनैं इत्यादि की उपस्थिति में संस्था अध्यक्ष रतन सिंह किरमोलिया की अध्यक्षता में आयोजित कर, न्याय पंचायत के 11 गांवों छटिया, मवाई, स्याली स्टेट, अमस्यारी, भिलकोट, बुन्गा, बेटी, हरि नगरी, कुलाउ, पय्या व डाबो की 133 किर्साण महिलाओं को सम्मानित किया गया।

सी एम पपनैं

]]>
https://hillmail.in/uttarakhand-regions-kirsan-festival-became-a-symbol-of-womens-labor-honor/feed/ 0 39628
भांग के फायदे, कई बीमारियों से भी निजाद दिलाने में करता है मदद https://hillmail.in/benefits-of-cannabis-helps-in-getting-rid-of-many-diseases/ https://hillmail.in/benefits-of-cannabis-helps-in-getting-rid-of-many-diseases/#respond Tue, 27 Sep 2022 03:56:17 +0000 https://hillmail.in/?p=37529 भारत की अग्रणी इंडस्ट्रियल हेम्प (औद्योगिक भांग) और मेडिकल कैनाबिस (चिकित्सा गांजा) कंपनी, बॉम्बे हेम्प कंपनी (BOHECO), उत्तराखंड, का नाम भारत में स्टैंडर्डाइज़्ड इंडस्ट्रियल हेम्प के पहले चक्र की सफलतापूर्वक खेती करने वाली कम्पनीज़ में से एक के रूप में दर्ज है।

जिला प्रशासन, बागेश्वर और कृषि विभाग, बागेश्वर के सहयोग से बीज प्रजनन और पादप आनुवंशिकी (प्लांट जेनेटिक्स) में व्यापक शोध के माध्यम से, स्टैंडर्डाइज़्ड इंडस्ट्रियल हेम्प में 0.3ः अनुमानित टीएचसी कंसंट्रेशन है।

यह पहली बार है, जब भारत में कोई कंपनी सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार मानकीकरण के लिए इंडस्ट्रियल-ग्रेड हेम्प की खेती करने में सक्षम हुई है। यह औद्योगिक और बागवानी उपयोगों के लिए भांग के पौधे के बीज, फाइबर और पत्तियों की बड़े पैमाने पर उपलब्धता प्रदान करता है, साथ ही औद्योगिक भांग की व्यावसायिक खेती को और अधिक मजबूत करता है।

इसका विकास टेक्सटाइल, पोषण और निर्माण क्षेत्रों में औद्योगिक उपयोग के अलावा विभिन्न बीमारियों से निजात दिलाने के लिए सूक्ष्म स्वास्थ्य लाभों का उपयोग करने में भी मदद करेगा।

इसके अलावा, यह छोटे और मध्यम किसानों की आय को दोगुना करने में भी मदद करेगा, जिनके लिए भांग पारम्परिक खेती और दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह समूह भारत में उचित मूल्य और औपचारिक मूल्य श्रृंखला से लाभान्वित होगा।

डॉ. बृज किशोर मिश्रा, प्रिंसिपल साइंटिस्ट और चीफ प्लांट ब्रीडर, बॉम्बे हेम्प कंपनी ने कहा, “हम उत्तराखंड सरकार, जिला प्रशासन, बागेश्वर और कृषि विभाग, बागेश्वर के वास्तव में आभारी हैं, जिन्होंने हम पर विश्वास करने के साथ ही राज्य के विकास के लिए भांग के औद्योगिक और औषधीय उपयोग के बारे में जागरूकता पैदा करने को लेकर हमारा पुरजोर समर्थन किया।”

डेलज़ाद देवलालीवाला, को-फाउंडर और चीफ लीगल ऑफिसर, बॉम्बे हेम्प कंपनी और चेयरमैन PIMCHA (पैन इंडिया मेडिकल कैनबिस एंड हेम्प एसोसिएशन) ने कहा, “हम इस अद्भुत फसल की जितनी अधिक जांच करते हैं, औद्योगिक और औषधीय उपयोगों के लिए इसकी क्षमता उतनी ही अधिक बढ़ती जाती है। जिला प्रशासन और कृषि विभाग, बागेश्वर का सहयोग निश्चित रूप से औद्योगिक भांग की व्यावसायिक खेती के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगा, जो विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ समग्र अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक असर छोड़ेगा। भारत में औद्योगिक भांग की खेती के विचार में तेजी लाने में यह एक बड़ी उपलब्धि है।”

कैनाबिडिओल (सीबीडी) और टेट्राहाइड्रोकैनाबिनोल (टीएचसी) दो महत्वपूर्ण फाइटोकेमिकल्स हैं, जो कैनाबिस में पाए जाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय कानून के साथ-साथ उत्तराखंड सरकार द्वारा विनियमित औद्योगिक भांग में टीएचसी कॉन्टेंट, सूखे वजन या उससे कम के अनुसार 0.3ः है, जो इसलिए प्रासंगिक क्षेत्रों के साथ-साथ विभिन्न बीमारियों के लिए दवाओं में इसके औद्योगिक उपयोग की अनुमति प्रदान करता है।

बोहेको समूचे भारत में राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है, ताकि इसकी कानूनी खेती को सुगम बनाने के लिए इस पारंपरिक संयंत्र के चिकित्सा और औद्योगिक उपयोग के मूल्य को पहचाना जा सके।

बॉम्बे हेम्प कंपनी (BOHECO)

बॉम्बे हेम्प कंपनी (BOHECO) वर्ष 2013 में स्थापित भारत की अग्रणी इंडस्ट्रियल हेम्प (Industrial Hemp) और मेडिकल कैनाबिस-आधारित कंपनी है, जो हेम्प और कैनबिस लेंस के माध्यम से भारतीय स्वास्थ्य (Health) और कृषि (Agriculture) के भविष्य की पुनर्कल्पना कर रही है। कैनाबिस के पौधे का लगभग हर हिस्सा उपयोगी है।

इसके रेशे बेहद उपयोगी होते हैं; बीज पोषण प्रदान करते हैं; इसकी आनुवंशिकी का अध्ययन गुणवत्तापूर्ण दवा देने में कारगर है; यहां तक कि इसका सॉफ्टवुड भी काम आता है। बोहेको का डिज़ाइन कृषि, प्रौद्योगिकी, पोषण और स्वास्थ्य देखभाल के मौजूदा उद्योगों के साथ समुदाय, प्रभाव और मूल्य को एक साथ लाने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

]]>
https://hillmail.in/benefits-of-cannabis-helps-in-getting-rid-of-many-diseases/feed/ 0 37529
सीएम ने बागेश्वर बस डिपो का किया उद्घाटन, 19 कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास https://hillmail.in/cm-inaugurated-bageshwar-bus-depot-inaugurated-19-works-and-laid-the-foundation-stone/ https://hillmail.in/cm-inaugurated-bageshwar-bus-depot-inaugurated-19-works-and-laid-the-foundation-stone/#respond Mon, 05 Sep 2022 06:00:49 +0000 https://hillmail.in/?p=36949 विश्व प्रसिद्ध बागनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की व मंदिर से नुर्माइखेत पुल व नवनिर्मित बागनाथ धर्मशाला एवं पुनर्निर्माण भैरव मंदिर का लोकार्पण किया। बिलौना बस डिपो में आयोजित कार्यक्रम में सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बागेश्वर विधानसभा में 2198.30 लाख के 19 कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिसमें 1463.29 लाख लागत से निर्मित 13 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं 735.01 लाख की धनराशि के 6 विकास कार्यों का शिलान्यास किया व बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

मुख्यमंत्री ने बैजनाथ मेला डुंगरी हैलीपेड विस्तारीकरण की घोषणा की तथा काफलीगैर में डिग्री कॉलेज प्रारम्भ करने व वर्तमान शिक्षा सत्र 2022-23 से कक्षाओं का संचालन करने की स्वीकृति, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, पन्त क्वौराली का प्रान्तीकरण एवं उच्चीकरण, पालडी से जैनकरास मोटर मार्ग एवं गुरना से नैनीउडियार मोटर मार्ग का डामरीकरणके साथ ही कपकोट चन्द्र सिंह शाही महाविद्यालय में एम.ए., इतिहास, राजनैतिक शास्त्र, समाज शास्त्र, बीएससी के सभी पद तथा बी.ए. में भूगोल पद सहित, कपकोट में बस स्टेशन व 2 टैक्सी स्टेण्ड निर्माण की बात कही।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बागेश्वर बस डिपो के शुभारम्भ के अवसर पर जनपद के लोगों को बधाई दी, उन्होंने कहा बागेश्वर डिपो की शुरुआत से समस्त बस सेवायें बागेश्वर से प्रारम्भ होकर बागेश्वर पर ही आकर समाप्त होंगी। उन्होंने कहा इन सेवाओं हेतु 21 बसों को बागेश्वर डिपो में सम्मिलित किया जा रहा है। आज तक उत्तराखंड परिवहन निगम 18 बस डिपो के माध्यम से अब इसमें बागेश्वर डिपो के जुड़ जाने से कुल 19 डिपो के माध्यम से अपने 1275 बस बेड़ों के साथ जनता को यातायात की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने कहा बागेश्वर जनपद का स्वतंत्रता संग्राम में भी बड़ा योगदान रहा है। बागेश्वर बस डीपो बन जाने से नये स्थानों को भी जोड़ा जायेगा, डिपो बनने से जहां बागेश्वर से आवागमन सुगम होगा तथा व्यापार बढ़ेगा वहीं रोजगार के अवसर भी बढ़ेगे।

जनसभा को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय विधायक एवं परिवहन व समाज कल्याण मंत्री चंन्दन राम दास ने बागेश्वर बस स्टेशन को डिपो बनाये जाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि परिवहन विभाग द्वारा डिपो में वर्कशॉप के साथ ही चालक एवं परिचालकों के लिए यात्रियों के लिए विश्रामालय भी बनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश से हमें 104 करोड़ की धनराशि पूर्व की प्राप्त हुई है जिससे हम पूर्व कार्मिकों का भुगतान कर रहे है। उन्होंने बताया कि पहली बार मुख्यमंत्री धामी की पहल पर परिवहन विभाग द्वारा चारधाम यात्रा में 100 रोडवेज वाहन लगाये गये तथा 50 केएमओयू वाहन भी लगाये गये। रोडवेज के वाहनों से 4.50 करोड़ की धनराशि चारधाम यात्रा से प्राप्त हुए जिससे परिवहन विभाग को घाटे से उभरने में सहायता मिली।

सांसद अजय टम्टा ने सभी को बागेश्वर डिपो बनने की बधाई देते हुए कहा कि हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि मुख्यमंत्री हमारे बीच है व डिपो का शुभारम्भ कर रहे है। उन्होंने कहा बागेश्वर जिला अल्मोड़े से अलग होकर बना था लेकिन अब जिला व्यवस्थित हो गया है इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सूबे के मुख्यमंत्री लगातार जनपद व प्रदेश के विकास के लिए चिंतित है व आगे बढ़ा रहे है। उन्होंने बताया कि टनकपुर चौखुटिया रेल लाइन के लिए भारत सरकार द्वारा 29 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया।

]]>
https://hillmail.in/cm-inaugurated-bageshwar-bus-depot-inaugurated-19-works-and-laid-the-foundation-stone/feed/ 0 36949
बंजर खेतों को लीज में लेकर कर रहे हैं कीवी, सेब और केसर की खेती https://hillmail.in/kiwi-apple-and-saffron-are-being-cultivated-by-taking-the-barren-fields-on-lease/ https://hillmail.in/kiwi-apple-and-saffron-are-being-cultivated-by-taking-the-barren-fields-on-lease/#respond Tue, 30 Aug 2022 15:01:45 +0000 https://hillmail.in/?p=36811 बागेश्वर से 80 किमी दूरी पर कपकोट ब्लाक के सेलिंग गांव के कृष्ण सिंह कुमल्टा ने गांव के लोगों से करीब 120 नाली़ बंजर खेतों को किराये पर लिया और नवम्बर 2019 में वहां पर बागवानी की शुरूआत की। पहले तो गांववासी, उसके बंजर खेतों को किराए में लेने के निर्णय को उसका मूर्खतापूर्ण कदम मान रहे थे पर जब कुमल्टा ने अपनी कड़ी मेहनत से बंजर खेतों को सेब व कीवी के फलों से लकधक किया तो पहले आलोचना करने वाले ही उनके प्रशंसक बन गये। अब उनके बाग में सेब के 450 पेड़ व कीवी के 850 पौधे लग चुके हैं पर अभी भी 80 प्रतिशत जमीन खाली है। उनके बगीचे के सभी पौधे अब फल देने लगे हैं।

कृष्ण सिंह कुमल्टा ने अपने खेतों में कश्मीरी केसर उगाने का प्रयास किया जिसमें वे सफल रहे और अब वे गांव वालों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर केसर की खेती की योजना बना रहे हैं। प्रयोग के तौर पर उन्होंने पुणे से जापानी फ्रूट के पौधे मंगवाए हैं, जो सफलतापूर्वक विकसित हो रहे हैं। उन्होंने अपने बाग में पैशेन फ्रूट भी लगाए हैं जो आस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों का लोकप्रिय फल है।

कृष्ण सिंह ने बताया कि जब उन्होंने बागवानी शुरू की थी तो तब सड़क से उनके बगीचे की दूरी 4.5 किमी थी और पैदल चलकर ही सब सामान वहां ले जाया गया जिसमें उनको काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा। लेकिन अब वे खुश हैं कि उनके बाग तक अब सड़क पहुंच गई है जिससे उनके बागवानी की रफ्तार और तेज हो जाएगी। उनके बाग में उनकी प्रगति को देखने हजारों ग्रामीण आ चुके हैं और वे बागवानी की ओर प्रेरित हो रहे हैं। कृष्ण सिंह ने बताया कि उनके द्वारा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से 20-25 लोगों को रोजगार भी दिया जा रहा है तथा 2-3 लोग सदा उनके साथ काम कर रहे है।

वे मधुमक्खी पालन भी हाथ आजमा रहे हैं, जो शहद के साथ-साथ फसलों व फलों के परागण से उत्पादन में वृद्धि करते हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें बागवानी विभाग की योजनाओं का बहुत लाभ भी मिल रहा है तथा विभाग के विशेषज्ञ उन्हें समय-समय पर तकनीकी मदद भी पहुंचा रहे हैं और आने वाले समय में उनको बागवानी विभाग से और मदद मिलने का आश्वासन दिया गया है।

कृष्ण सिंह कुमल्टा ने बताया कि सन् 2013 में मेरे मन में एक विचार आया कि मैं एक बाग बनाऊं तथा उसमें जैविक खेती करूं। उन्होंने क्षेत्र के लोगों को प्रेरणा देने के उद्देश्य से वर्ष 2019 में जिला मुख्यालय से लगभग 80 किमी दूर जिसमें जाने के लिए 4.5 किमी पैदल रास्ता था उन्होंने हिमालय के नजदीकी क्षेत्र खलझूनी नामक स्थान में 120 नाली बंजर भूमि लीज में लेकर 1000 कीवी के पौधे एवं 650 सेब के पौधों का रोपण किया। काफी परिश्रम एवं अथक प्रयासों से पूना, शामा एवं हिमाचल प्रदेश से विभिन्न प्रजाति के पौधे प्राप्त किये।

बगीचे में तारबाड़ एवं खाद पानी की व्यव्स्था हेतु काफी धनराशि व्यय करने के पश्चात वर्तमान में बगीचे में लगभग 850 कीवी एवं 450 सेब के पौधे सुरक्षित हैं तथा यह इस साल से फल दे रहे हैं। मेरे द्वारा लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य से स्थानीय परिवारों को जोड़ते हुए विभिन्न प्रकार के पौधे लगवाये जिसमें अखरोट, आडू, पूलम, संतरा तथा नीबू प्रमुख हैं। भविष्य में यहां पर जैविक फल उत्पादन की अपार संभावनायें हैं। आर्युवैदिक दृष्टिकोण से यहां पर कूट-कुटकी एवं काला जीरा का उत्पादन व्यापक स्तर पर हो सकता है।

यहां से जीवन दायिनी, पतित पावनी मां सरयू नदी का उद्गम स्थल होने के कारण यह क्षेत्र धार्मिक तीर्थ स्थल के रूप में भी विकसित हो सकता है। खलझूनी से कफनी ग्लेश्यिर पिण्डारी एवं सुन्दरडूंगा का क्षेत्र भी पर्यटन से जुड़ने की अपार संभावनाये हैं।

]]>
https://hillmail.in/kiwi-apple-and-saffron-are-being-cultivated-by-taking-the-barren-fields-on-lease/feed/ 0 36811
कपकोट में सीएम धामी ने किया दानपुर महोत्सव का शुभारम्भ, बोले – मेले और त्योहार हमारी संस्कृति की पहचान https://hillmail.in/chief-minister-inaugurated-the-three-day-danpur-festival-in-kapkot-fairs-and-festivals-are-the-identity-of-our-culture/ https://hillmail.in/chief-minister-inaugurated-the-three-day-danpur-festival-in-kapkot-fairs-and-festivals-are-the-identity-of-our-culture/#respond Sat, 27 Nov 2021 15:35:30 +0000 https://hillmail.in/?p=29611 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कपकोट क्षेत्र में कर्मी खेल मैदान में तीन दिवसीय दानपुर महोत्सव का दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया। इस दौरान सांसद अल्मोड़ा अजय टम्टा, अध्यक्ष जिला पंचायत बंसती देव, क्षेत्रीय विधायक बलवंत सिंह भौर्याल, ब्लॉक प्रमुख गोविन्द सिंह दानू, जिलाध्यक्ष भाजपा शिव सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष भायुमो सुरेश गढिया, पूर्व विधायक शेर सिंह गढिया सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहें।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्थनीय मां भगवती के मंदिर दर्शन कर पूजा अर्चना की तथा प्रदेश के खुशहाली के लिए कामना की। इस अवसर पर क्षेत्रीय जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले और त्योहार हमारे संस्कृति की पहचान है, तथा हम सभी को अपनी संस्कृति को बचायें रखने के लिए इस प्रकार के मेले व महोत्सवों का किया जाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों के कल्याण के लिए धरातल पर कार्य करते हुए संचालित योजनाओं को उन तक पहुंचाने का हर संभव प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि अपने चार माह के कार्यकाल में पांच सौ से ज्यादा फैसले लिये गये है तथा हर क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। राज्य आंदोलनकारियों को चिन्हिकरण के लिए 31 दिसंबर, 2021 तक की तिथि बढायी गयी है, तथा आंदोलनकारियों के आश्रितों को भी पेंशन की सुविधा दी जायेगी।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के आर्थिक सहायता के चैक वितरित किये जिनमें स्वंय सहायता समूह को बैंक ऋण ब्याज प्रतिपूर्ति सहायता 188 समूह के 564 के सदस्यों को 6.14 लाख तथा कलस्टर स्तरीय संगठनों को अनुदान पांच लाख की दर से पांच समूह को 20 लाख तथा स्वयं सहायता समूह को स्वालंबन हेतु आर्थिक सहायता प्रति समूह की दर से 739 समूहो ंको 70.48 लाख चैकों का वितरण किये गये। इस दौरान मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के विकास के अनेक घोषणायें की।

इस अवसर पर मेला समिति के सदस्यों सहित अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा मुख्यमंत्री को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा शिखर वैली मार्डल पब्लिक स्कूल रीमा के नव निर्माण भवन का लोकार्पण भी किया गया।

कार्यक्रम में सांसद अजय टम्टा ने कहा केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने कार्य किया जा रहा है, उन्होंने कहा कि देश के विकास के निर्माण में उत्तराखंड की महत्वपूर्ण भूमिका है, और कहा कि विकास कार्यों को पूरा करने व क्षेत्रीय जनता को योजनाओं का लाभ दिलाना सरकार की प्राथमिकता में है।

इस दौरान विधायक वलवंत सिंह भौर्याल ने कपकोट विधानसभा क्षेत्र में हुये अनेको विकास कार्यों की जानकारी दी, तथा दानपुर महोत्सव मे पहुंचने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए क्षेत्र की समस्याओं से भी अवगत कराया। मुख्यमंत्री का दानपुर महोत्सव में पहुंचने पर जिलाधिकारी विनीत कुमार ने पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया।

इस अवसर पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विक्रम शाही, दीपा आर्या, पूर्व ब्लॉक प्रमुख मनोहर राम, पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव, प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागरी, मुख्य विकास अधिकारी डीडी पंत, पुलिस उपाधीक्षक शिव सिंह राणा सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि एवं आम जनमानस व मेला समिति के सदस्य मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन आरजे काव्य द्वारा किया गया।

]]>
https://hillmail.in/chief-minister-inaugurated-the-three-day-danpur-festival-in-kapkot-fairs-and-festivals-are-the-identity-of-our-culture/feed/ 0 29611
कोविड-19 टीकाकरणः बागेश्वर से आई गुड न्यूज, शत-प्रतिशत पहली डोज देने वाला जिला बना, पौड़ी के खिर्सू के नाम भी उपलब्धि https://hillmail.in/uttarakhand-news-bageshwar-became-first-district-to-complete-first-dose-covid-19-vaccination/ https://hillmail.in/uttarakhand-news-bageshwar-became-first-district-to-complete-first-dose-covid-19-vaccination/#respond Wed, 18 Aug 2021 15:31:35 +0000 https://hillmail.in/?p=27467 उत्तराखंड ने कोरोना महामारी के खिलाफ चल रहे टीकाकरण अभियान में अहम पड़ाव हासिल किया है। उत्तराखंड क बागेश्वर जिले में सभी को कोविड-19 वैक्सीन की पहली डोज लगा दी गई है। इसके अलावा पौड़ी जिले के खिर्सू ब्लॉक में भी 18 साल की आयु से ऊपर के सभी लोगों को कोविड के पहली डोज लग चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम आवास में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत के दौरान यह जानकारी दी।

बागेश्वर जिले एवं विकास खंड खिर्सू को 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के लिए दिया गया लक्ष्य क्रमशः 1,72,210 एवं 29,374 (2011 की जनगणना) है। जिसके सापेक्ष दिनांक 12 अगस्त, 2021 तक जनपद बागेश्वर एवं विकास खंड र्खिसू द्वारा क्रमशः 1,76,776 एवं 37,789 लाभार्थियों (2021 की संभावित जनसंख्या) का प्रथम डोज टीकाकरण किया जा चुका है।

इस उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री ने विशेषकर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत की जमकर सराहना की। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि डा. रावत ने स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी मिलते ही कोविड वैक्सीनेशन कार्यक्रम को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विशेष प्रयास किए। इसी का नतीजा है कि प्रदेश शतप्रतिशत वैक्सीनेशन की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि डा. रावत ने स्वास्थ्य विभाग में नई जान फूंक दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश में दुनिया का सबसे बड़ा कोविड टीकाकरण अभियान चल रहा है। पीएम मोदी का उत्तराखंड को विशेष सहयोग मिला है। इस महीने अभी तक 17 लाख डोज मिल चुकी हैं। हम दिसंबर अंत तक उत्तराखंड मे शतप्रतिशत वैक्सीनेशन कर दिया जाएगा।

भारत सरकार के मार्ग दर्शन में 16 जनवरी 2021 से सफलता पूर्वक कोविड-19 टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। टीकाकरण अभियान को बढ़ावा देने के लिए लगातार राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। दिनांक 17 अगस्त 2021 के कोविड-19 टीकाकरण कवरेज के अनुसार 45 वर्ष और उससे अधिक के लाभार्थियों के टीकाकरण की प्रथम खुराक 23,26,374 (83% ) एवं द्वितीय खुराक 13,36,923 (48%) तथा 18 से 44 वर्ष के नागरिकों के टीकाकरण की प्रथम खुराक 3027,666 (61%) एवं द्वितीय खुराक 2,11,958 (4%) है।

उत्तराखंड में अब तक कोविड-19 टीकाकरण अभियान के अंतर्गत कुल 74,35,124 खुराक दी जा चुकी हैं। जिसमें प्रथम खुराक 56,61,943 (73%) एवं द्वितीय खुराक 17,73,181 (23%) हैं।

मुख्यमंत्री ने बागेश्वर जिले और विकास खंड र्खिसू को जनपदों से प्राप्त सूचना के आधार पर राज्य में कोविड-19 टीकाकरण शत-प्रतिशत पूर्ण करने वाले पहले जनपद एवं विकास खंड के रूप में प्रमाणित किया गया। उक्त अभियान के लिए बागेश्वर के जिला अधिकारी (विनीत कुमार मीणा), मुख्य चिकित्सा अधिकारी (डा. सुनीता टम्टा), जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डा. प्रमोद सिंह जंगपांगी) एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा पौडी के जिला अधिकारी (डा. के. विजयकुमार जोगडण्डे), मुख्य चिकित्सा अधिकारी (डा. मनोज शर्मा), जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डा. गंभीर सिंह तालियान) एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी गई।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में योजनाबद्ध तरीके से कोविड टीकाकरण अभियान संचालित किया जा रहा है। इसमें केंद्र और राज्य सरकारों का सहयोग मिल रहा है। हमने दिसम्बर माह तक शतप्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया है ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। डा. रावत ने कहा कि बागेश्वर जनपद और खिर्सू ब्लॉक में हमने यह लक्ष्य हासिल कर लिया है।

 

]]>
https://hillmail.in/uttarakhand-news-bageshwar-became-first-district-to-complete-first-dose-covid-19-vaccination/feed/ 0 27467
बागेश्वर जिले में बनेगी एक और नगर पंचायत, अधिसूचना जारी, पढ़िए पूरी बात https://hillmail.in/one-more-nagar-panchayat-garur-in-bageshwar/ https://hillmail.in/one-more-nagar-panchayat-garur-in-bageshwar/#respond Sat, 24 Jul 2021 05:40:03 +0000 https://hillmail.in/?p=26890 बागेश्वर जिले के लोगों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। अब जिले में एक और नगर पंचायत अस्तित्व में आने वाली है। जी हां, अब जिले में नगरपालिका के अलावा दो नगर पंचायतें हो जाएंगी। ताजा आदेश के अनुसार गरुड़ को नगर पंचायत बनाया गया है। पहले कपकोट नगर पंचायत थी। नगर पंचायत के दायरे में आने वाले गरुड़ क्षेत्र की आबादी 5 हजार के आसपास है।

गरुड़ क्षेत्र के लोग काफी पहले से इसकी मांग कर रहे थे। अब शहरी विकास के प्रभारी सचिव विनोद कुमार सुमन ने नगर पंचायत को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है।

गरुड़ बाजार से लगी दस ग्राम पंचायतों को इसमें शामिल किया गया है। ब्यालीसेरा, भकूनखोला, स्याल्दे, फुलवाड़ीगूंठ, नॉघर और टानीखेत को पूरी तरह से नगर क्षेत्र गरुड़ में शामिल किया गया है। इस लिहाज से देखें तो नगर पंचायत में गरुड़ बाजार समेत 10 गांवों की 5002 की आबादी होगी। इसका क्षेत्रफल 245.48 हेक्टेयर होगा।

बताया गया है कि गरुड़ नगर पंचायत के लिए प्रशासन द्वारा विकासखंड मुख्यालय के पास 28 नाली भूमि का चयन किया गया है। जल्द ही भूमि हस्तांतरण नगर पंचायत के नाम होगा। आपको बता दें कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण सत्र के दौरान गरुड़ नगर पंचायत भवन के लिए एक करोड़ की धनराशि मंजूर की थी। भूमि ट्रांसफर होते ही यह राशि मिल जाएगी।

]]>
https://hillmail.in/one-more-nagar-panchayat-garur-in-bageshwar/feed/ 0 26890