गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि यात्रा मार्ग का सीढ़ियों वाला हिस्सा खतरनाक बना हुआ है। जिसे अब सेना के जवानों की ओर से दुरुस्त करने का कार्य शुरु कर दिया गया है। साथ ही यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की आवाजाही के मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग के सुधारीकरण में जुटे जवानों ने आगामी 20 मई तक यात्रा मार्ग को चाक-चौबंद करने की बात कही है।
सेना के जवानों ने पहले दिन 4 किमी बर्फ हटाकर आवाजाही की सुचारु
चमोली में स्थित हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे की यात्रा तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन, भारतीय सेना और गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट ने तैयारियां शुरु कर दी हैं। जिसके तहत भारतीय सेना की 418 इंजीनियरिंग कोर के जवानों की ओर से पहले दिन हेमकुंड साहिब यात्रा के पैदल मार्ग पर 4 किलोमीटर हिस्से से बर्फ हटाकर पैदल आवाजाही सुचारू कर दी है। जबकि अभी भी 2 किलोमीटर मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य किया जा रहा है।
भारतीय सेना हवलदार हर सेवक सिंह के नेतृत्व में जवानों द्वारा इन दिनों यात्रा के पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि घांघरियां में गुरुद्वारे में आवास के साथ ही पेयजल और विद्युत व्यवस्था को भी चाक-चौबंध करने का कार्य सेवादारों की ओर से शुरु कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि ऊर्जा निगम और संचार निगम की ओर से घाटी में विद्युत और संचार की व्यवस्था सुचारु करने की बात कही गई है।
]]>यूनेस्को ने 2009 इस उत्सव को राष्ट्रीय धरोहर भी घोषित किया है। यह धार्मिक विरासत 500 वर्षों से चली आ रही है। इसमें राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान के पात्रों द्वारा नृत्य शैली में रामकथा की प्रस्तुति दी जाती है।
इसमें 18 मुखौटे 18 ताल, 12 ढोल, 12 दमाऊं, 8 भंकोरे का प्रयोग होता है। इसके अलावा रामजन्म, वनगमन, स्वर्ण मृग वध, सीता हरण और लंका दहन का मंचन ढोलों की थापों पर किया गया। इसमें कुरू जोगी, बण्यां-बण्यांण और माल के विशेष चरित्र होते हैं। यह लोगों को खूब हंसाते हैं। साथ ही वन्यजीवों के आक्रमण का मनमोहक चित्रण म्योर-मुरैण नृत्य नाटिका होती है। ये पात्र लोगो हसांते तो है ही लेकिन इनका मंचन इतना बेहतरीन होता है की ये सबका मन मोह लेते है।
रम्माण के अंत में भूम्याल देवता प्रकट होते हैं। समस्त ग्रामीण भूम्याल देवता को एक परिवार विशेष के घर विदाई देने पहुंचते हैं। उसी परिवार द्वारा साल भर भूम्याल देवता की पूजा-अर्चना की जाती है। इसके बाद उस घर के आंगन में प्रसाद बांटा जाता है। इसके साथ ही इस पौराणिक आयोजन का समापन होता है।
उत्सव में गाँव ध्यानियों यानी बेटियों को विशेष रूप बुलवाया जाता है। रात्रि के समय प्रांगण में महिलाए और पुरुष मिलकर चांचड़ी लगाते है। यह उत्सव देव पूजा के साथ साथ कई भावनात्मक पहलुओं से जुड़ा हुआ है।
]]>सौरभ गहरवार ने श्री केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण एवं विकास कार्यों का निरीक्षण करते हुए संबंधित एजेंसियों से प्रगति रिपोर्ट जानी। इस दौरान उन्होंने मंदिर परिसर से लेकर गोल चबूतरे, मंदाकिनी एवं सरस्वती घाट पर चल रहे निर्माण कार्यों के अलावा अन्य निर्माण कार्य का जायजा लेते हुए आगामी यात्रा से पहले सभी प्राथमिक सुविधाएं दुरुस्त करने के निर्देश संबंधित विभागों को दिए। इसके साथ ही आस्था पथ, वाटर एटीएम सहित अन्य कार्य भी यात्रा शुरू होने से पहले पूर्ण करने के निर्देश दिए। इसके बाद गौरीकुंड तक यात्रा मार्ग का पैदल निरीक्षण कर बिजली-पानी, स्ट्रीट लाइट, रेन शेड, रेलिंग एवं मार्ग से जुड़े सभी कार्य यात्रा शुरू होने से पहले पूर्ण करने के निर्देश संबंधित विभागों को दिए।
जिलाधिकारी ने यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की लीद से घास के मैदान एवं वन संपदा को हो रही क्षति की भरपाई एवं सेंचुरी क्षेत्र की सुरक्षा के लिए गौरीकुंड से लेकर श्री केदारनाथ धाम स्थित घोड़ा पड़ाव तक घोड़े-खच्चरों के रात्री विश्राम पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही टेंट या दुकानों की आड़ में भी घोड़े-खच्चरों को यात्रा मार्ग पर रुकने की अनुमति नहीं होगी। बताया कि न्यायालय ने सेंचुरी क्षेत्रों में घास के मैदानों का दोहन किसी भी हाल में न होने देने के आदेश दिए हैं। ऐसे में श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चर एवं उनके मालिकों द्वारा अवैध रूप से नियमों का उल्लंघन कर वन संपदा के दोहन को रोकने के लिए यह निर्णय लिया जा रहा है।
इस वर्ष से घोड़े-खच्चर केवल घोड़ा पड़ावों पर ही विश्राम कर सकेंगे। इन नियमों का उल्लंघन करने वाले घोड़े-खच्चर मालिकों एवं व्यवसाइयों पर भारी जुर्माना एवं लाइसेन्स रद्द करने तक की कार्रवाई का प्रावधान रखा जाएगा। जिलाधिकारी ने घोड़े-खच्चरों एवं उनके मालिकों की सुविधा के लिए छोटी लिंचोली के समीप घोड़ा पड़ाव बनाने का प्रस्ताव भी तैयार करने के निर्देश लोनिवि को दिए हैं। ताकि अवैध जगहों के स्थान पर प्रशासन द्वारा बनाए जा रहे सुविधाजनक स्थानों पर घोड़े-खच्चर रह सकें।
जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवाड़ एवं राजस्व विभाग को संयुक्त रूप से पूरे यात्रा मार्ग का निरीक्षण कर रोजगार की दृष्टि से महत्पूर्ण स्थानों को चिह्नित करते हुए दुकान एवं टेंट के लिए प्रस्तावित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही संवेदनशील एवं डेंजर जोन चिन्हित करने के निर्देश देते हुए सभी स्थानों पर साईनेज लगाने एवं ऐसे स्थानों पर किसी भी हाल में दुकान एवं फड़ न लगने देने के निर्देश भी संबंधित विभागों को दिए। पैदल निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने स्वयं एवं अन्य अधिकारी-कर्मचारियों के साथ मिलकर प्लास्टिक की बोतल सहित अन्य प्लास्टिक कचड़ा भी एकत्रित करना शुरू किया। स्वच्छता अभियान के दौरान गौरीकुंड तक करीब 50 किलो कुड़ा एकत्रित कर कलेक्शन सेंटर में लाया गया। जिलाधिकारी ने आपदा प्रबंधन अधिकारी को सुलभ इंटरनेशनल के साथ मिलकर गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक वृहद स्वच्छता अभियान चलाते हुए सभी प्लास्टिक कचड़ा गौरीकुंड कलेक्शन सेंटर पहुंचाने के निर्देश देते हुए नियमित प्रगति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।
]]>लोगों की इस समस्या को दूर करने के लिए गढ़वाल लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी अनिल बलूनी ने इसका संज्ञान लिया और इस समस्या को दूर करने के लिए भारती एयरटेल लिमिटेड को पत्र लिखा। उसके बाद भारती एयरटेल लिमिटेड ने कहा कि लोगों की इस समस्या को जल्द से जल्द दूर किया जायेगा।
अनिल बलूनी ने कहा कि उन्होंने देश भर में मोबाइल इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने वाली प्रतिष्ठित संचार कंपनी एयरटेल इंडिया से गढ़वाल के रुद्रप्रयाग, चमोली और पौड़ी गढ़वाल जनपदों के सभी स्थानों पर निर्बाध एवं सुचारु मोबाइल सेवा उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। इस अनुरोध को भारती एयरटेल लिमिटेड ने स्वीकार कर लिया है।
उन्होंने कहा कि मैं भारती एयरटेल लिमिटेड को धन्यवाद ज्ञापित करता हूं कि उन्होंने गढ़वाल क्षेत्र के 150 स्थानों पर मोबाइल टॉवर लगाने की सहमति दी है। जिससे हमारे इंटरनेट आधारित उद्योग, छात्रों की वर्चुअल क्लासेस और आमजन को बेहतर मोबाइल सेवा प्राप्त होगी।
पिछले कई समय से उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क की बड़ी समस्या बनी हुई है इन टॉवरों के लग जाने से यहां पर रह रहे लोगों को इससे काफी फायदा होगा और वह इंटरनेट सुविधा का लाभ ले सकेंगे।
]]>चमोली की की तीनों विधानसभा में 86 दिव्यांग और 259 वरिष्ठ नागरिकों सहित कुल 345 मतदाता होम वोटिंग से आज मतदान करेंगे। जिसमें बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र में 111, थराली विधानसभा में 116 और कर्णप्रयाग विधानसभा में 118 मतदाता शामिल है।
होम वोटिंग के लिए बद्रीनाथ विधानसभा में 19, थराली विधानसभा के लिए 14 तथा कर्णप्रयाग विधानसभा के लिए 22 सहित कुल 55 पोलिंग पार्टियां घर-घर भेजी गई। जिनके माध्यम से सोमवार को 86 दिव्यांग मे से 83 और 259 वरिष्ठ नागरिकों में से 237 ने आज मतदान किया। जबकि 3 दिव्यांग और 22 वरिष्ठ मतदाताओं के मतदान के लिए 10 अप्रैल को पुनः होम वोटिंग प्रक्रिया को संचालित करवाया जाएगा।
85 वर्षीय दो बुजुर्ग महिलाओं ने होम वोटिंग से किया मतदान
दूरस्थ गांव कलगोठ में 85 वर्ष से अधिक दो बुजुर्ग महिला मतदाता बालखी देवी और विमला देवी ने होम वोटिंग के तहत आज पोस्टल बैलेट से अपने घर पर ही मतदान किया। कलगोठ में तीन मतदाताओं ने होम वोटिंग के लिए आवेदन किया था, लेकिन एक मतदाता इन्द्रा देवी घर से अनुपस्थित मिली। जिनके मतदान के लिये 10 अप्रैल को पुनः पोलिंग पार्टी गावं पहुंचेगी। इस मौके पर सेक्टर मजिस्ट्रेट एसपी मैठाणी, प्रथम मतदान अधिकारी रंजीत सिंह रावत, द्वितीय मतदान अधिकारी विवेकानंद किमोठी, माइक्रो आब्जर्वर उपेंद्र सिंह और बीएलओ रामेश्वरी रावत आदि मौजूद थे।
पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट ने भी किया होम वोटिंग से मतदान
चिपको आन्दोलन के प्रणेता और महात्मा गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट ने भी चुनाव आयोग की ओर से संचालित होम वोटिंग सुविधा का प्रयोग कर होम वोटिंग से मतदान किया। उन्होंने 19 अप्रैल को होने वाले मतदान में सभी मतदाताओं से अपने मताधिकार के प्रयोग का आह्वान भी किया।
]]>जबकि विधानसभा चुनाव 2022 में जनपद चमोली में 61.33 प्रतिशत मतदान हुआ। जिसमें 56.14 प्रतिशत पुरुष एवं 66.74 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। पिछले लोकसभा और विधानसभा के दोनों चुनाव में पुरुषों की तुलना में महिला मतदाता ही आगे रही।
इस बार जिला प्रशासन की ओर से लोकसभा चुनाव में मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए सभी प्रयास जारी है। दिव्यांग एवं 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को पोस्टल वैलेट के साथ ही निर्वाचन ड्यटी पर तैनात कार्मिकों को ईडीसी से मतदान की सुविधा दी जा रही है।
इसके अतिरिक्त मतदान दिवस पर आवश्यक सेवाओं से जुड़े विभागीय कार्मिकों को भी डाक मतपत्र से मतदान की व्यवस्था की गई है। जनपद से बाहर रहने वाले मतदाताओं से संपर्क और संवाद करते हुए उनको मतदान दिवस पर अपने घर गांव आकर अपने बूथ पर मतदान करने की अपील की जा रही है।
स्वीप कार्यक्रम के अंतर्गत मतदाता सूची में दर्ज प्रत्येक मतदाता से संपर्क एवं संवाद जारी है। ऐसे दिव्यांग एवं बुजुर्ग मतदाता जो मतदान दिवस पर अपने बूथ तक जाने में बिल्कुल सक्षम नही है उनके लिए डोली, पालकी, लाठी सहित वालंटियर की व्यवस्था की गई है।
जनपद चमोली की तीनों विधानसभा क्षेत्र में इस बार 584 मतदेय स्थल बनाए गए है। इसमें 40 मतदेय स्थलों के लिए दो दिन पहले पोलिंग पार्टियां रवाना की जाएंगी। जबकि 544 मतदेय स्थलों के लिए एक दिन पहले पोलिंग पार्टी रवाना होगी। 584 मतदेय स्थलों में से 500 मतदेय स्थलों पर पोलिंग पार्टियों को पहले वाहन से और फिर कुछ दूरी पैदल तय करना होगा।
प्रत्येक पोलिंग पार्टी में पीठासीन अधिकारी, प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय मतदान कार्मिक सहित कुल 2336 कार्मिकों की तैनाती की गई है, जबकि 236 कार्मिक रिजर्व में रहेंगे। बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत 202 मतदेय स्थलों को 09 जोन और 56 सेक्टर, थराली विधानसभा में 203 मतदेय स्थलों को 07 जोन और 45 सेक्टर तथा कर्णप्रयाग विधानसभा में 179 मतदेय स्थलों को 06 जोन और 33 सेक्टर बनाते हुए जोनल और सेक्टर अधिकारी तैनात किए गए है। लोकसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन युद्धस्तर पर तैयारियों में जुटा है।
]]>इस दौरान मतदाताओं को शपथ दिलाकर शत प्रतिशत मतदान के लिए प्रेरित किया गया। दूसरी ओर जिले के जीआईसी मैठाणा, जीआईसी ग्वालदम, जीआईसी नागनाथ पोखरी, जीआईसी मेलखेत देवाल और जीआईसी गोपेश्वर में फूलदेई के अवसर पर फूल रंगोली बनाकर, स्लोगन प्रतियोगिता आयोजित कर मतदाताओं को जागरूक किया गया। साथ ही दिव्यांग एवं वृद्ध मतदाता जागरूकता रथ के माध्यम से नन्दप्रयाग, कर्णप्रयाग, कनखुल, जस्यारा, सुखतोली, फलोटा, नैनीसैंण में जागरुकता अभियान चलाते हुए दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं का सक्षम एप पर पंजीकरण करवाया गया।
इस मौके पर राजेंद्र प्रसाद सती, प्रबोध डिमरी, अनूप खंडूरी, पृथ्वी रावत, दीवान सिंह नेगी, संजीव बुटोला, भूपाल नेगी, वीरेंद्र सिंह, नंदी देवी आदि मौजूद थे।
]]>रोड शो में उमड़ा जन सैलाब
मुख्यमंत्री ने गौचर हवाई पट्टी से मेला मैदान तक विशाल रोड शो में भी प्रतिभाग किया। इस दौरान सीमांत के लोगों तथा स्थानीय विद्यालय के छात्रों ने पारंपरिक परिधान एवं वाद्य यंत्रों के साथ पुष्प वर्षा कर मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया। महिलाओं ने कलश यात्रा और विद्यालय के बच्चों ने नंदा देवी राजजात, छोलिया नृत्य, पांडव नृत्य, मंगलगान, लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। मुख्यमंत्री ने हजारों की संख्या में पहुंची मातृशक्ति का अभिवादन किया।
उन्होंने पहाड़ की पारंपरिक वस्तुओं को बढ़ावा देने के उदेश्य से रांछ पर कालीन बुनाई, पहाड़ की पारंपरिक चक्की (जांदरा) चलाया, पैडल चरखे पर ऊन कताई, रिंगाल की टोकरी बुनने और दुर्लभ भोजपत्र पर कैलीग्राफी भी की और महिला समूहों के साथ विभिन्न क्रियाकलाप कर स्थानीय संस्कृति को जाना और अपनी पुरानी यादों को साझा किया। मुख्यमंत्री ने उत्पादों की सराहना करते हुए यात्रा मार्ग पर भी आउटलेट खोलने एवं पारंपरिक तरीके से बन रहे कालीन, पंखी, दोखे, शौल, टोपी आदि का खूब प्रचार करने को कहा। मुख्यमंत्री ने लेन्टाना घास से बनाई गई उपयोगी सामग्री की भी सराहना की।
नंदा-गौरा महोत्सव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा मां नन्दा चमोली जिले के साथ ही पूरे गढ़वाल और कुमांऊ मंडल में अधिष्ठात्री देवी के रूप में पूजनीय है। मां नंदा को हम ध्यांण मानते हैं और एक विवाहित बेटी के रूप में मां नंदा की कैलाश विदाई के लिए हर साल सिद्वपीठ कुरूड़ से लोकजात यात्रा और 12 वर्षो में राजजात यात्रा आयोजित की जाती है। जबकि गौरा देवी पर्यावरण संरक्षण को लेकर विश्व विख्यात चिपको आंदोलन की अगुवा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह भगवान बद्रीनाथ की पावन भूमि है। उन्होंने इस कार्यक्रम में शामिल होना अपना सौभाग्य बताया।
सरकार मातृशक्ति के उत्थान को समर्पित
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार मातृशक्ति के उत्थान को समर्पित है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में सरकार लगातार महिलाओं के कल्याण हेतु विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रही है। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को विधानसभा में पारित कर जनता से किया वादा पूरा किया है। समान नागरिक संहिता किसी जाति, धर्म-समुदाय के लिए न होकर पूरे राज्यवासियों के हितों के लिए है।
उन्होंने कहा कि हमारी माताएं, बहनें आज कुटीर उद्योगों के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का काम कर रही है। प्रधानमंत्री के माणा गांव के भ्रमण के दौरान हमारी बहनों ने उनको भोजपत्र पर लिखा एक अभिनंदन पत्र भेंट किया था। प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम के 103 वॉ संस्करण में भी भोजपत्र के उत्पादों की जमकर सराहना की।
महिलाओं को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री ने नंदा गौरा महोत्सव में कृषि क्षेत्र में उत्साहवर्धक कार्य करने हेतु मत्स्य पालन में मुल्लागांव ग्वाड की लीला देवी व ग्राम पिण्डवाली की सीता देवी, परम्परागत हस्तशिल्प में अपर बाजार चमोली की सुनीता देवी, ग्राम गमशाली की रूकमणी देवी, पर्यटन क्षेत्र में मंडल की पूजा देवी तथा महिलाओं के उत्थान एवं सशक्तिकरण में योगदान और तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित ग्राम मठ की चन्द्रकला तिवारी, गोपेश्वर की मीना तिवारी और शशी देवली को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
]]>टिहरी राजदरबार नरेंद्रनगर में आज प्रातः से कपाट खुलने की तिथि घोषित करने के लिए कार्यक्रम शुरू हुआ। महाराजा मनुजयेंद्र शाह, सांसद रानी माला राज्यलक्ष्मी शाह सहित श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय, राजकुमारी शिरजा शाह की उपथिति में पंचांग गणना पश्चात राजपुरोहित आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल ने तिथि तय कर महाराजा के सम्मुख रखी तत्पश्चात महाराजा मनुजयेंद्र शाह ने कपाट खुलने की तिथि की विधिवत घोषणा की इस दौरान राजमहल परिसर जय बदरी विशाल के उद्घोष से गूंज उठा।
इससे पहले श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पदाधिकारी – सदस्यों ने तेल कलश राजदरबार के सुपुर्द किया। इसी कलश में राजमहल से तिलों का तेल पिरोकर 25 अप्रैल तेलकलश यात्रा राजमहल से शुरू होकर कपाट खुलने की तिथि पर भगवान बद्रीविशाल के अभिषेक हेतु श्री बद्रीनाथ धाम पहुंचेगी।
इस अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होते ही यात्रा की तैयारियों शुरू कर दी गयी है। मंदिर समिति आगामी बजट में यात्री सुविधाओं हेतु पर्याप्त बजट प्रावधान करेगी। उन्होंने श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय के अवसर पर सबको बधाई दी है।
कपाट खुलने की तिथि तय होने के अवसर मुकुंदानंद महाराज डिमरी पंचायत अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, मंदिर समिति सदस्य वीरेंद्र असवाल, श्रीनिवास पोस्ती, पुष्कर जोशी भास्कर डिमरी, राजपाल जड़धारी, हरीश डिमरी, विनोद डिमरी, सुरेश डिमरी, मुख्यकार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, अनुसचिव धर्मस्व रमेश रावत, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, निजी सचिव प्रमोद नौटियाल, मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, माधव नौटियाल, संजय डिमरी, ज्योतिष डिमरी आदि मौजूद रहे।
]]>रक्षा मंत्री ने सात राज्यों की जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया उनमें उत्तराखंड में 03 ब्रिज, जम्मू-कश्मीर में 01 सड़क व 10 ब्रिज, लद्वाख में 03 सड़के व 6 ब्रिज, हिमांचल प्रदेश में 01 ब्रिज, सिक्किम में 02 सडकें, अरूणाचल प्रदेश में 08 ब्रिज तथा मिजोरम में 01 ब्रिज शामिल है। उत्तराखंड राज्य में भारत चीन सीमा को जोड़ने वाले जोशमठ-मलारी मार्ग पर ढाक ब्रिज एवं भापकुंड ब्रिज और सुमना-रिमखिम मोटर मार्ग पर रिमखिम गाढ ब्रिज को शिवालित परियोजना द्वारा 33.24 करोड़ लागत से तीनों ब्रिज बनाए गए है। जिससे सीमांत क्षेत्रों में आवागमन सुगम हो गया है।
राजनाथ सिंह ने कहा, “भारत की सीमाओं की रक्षा के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा और साथियों, इसमें हमें सबका सहयोग मिल रहा है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की सेवा की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि किसी परियोजना को समय पर पूरा करना संगठन की प्रतिबद्वता के कारण संभव हुआ है। साथ ही उन्होंने पर्यावरण के अनुकूल अधिकतम राष्ट्रीय सुरक्षा और कल्याण के मंत्र के साथ काम करने का आह्वान भी किया।
रक्षा मंत्री ने देश के सीमावर्ती बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बीआरओ की सराहना की और कहा कि सड़क, पुल आदि का निर्माण करके, संगठन दूर-दराज के इलाकों को भौगोलिक दृष्टि से देश के बाकी हिस्सों से जोड़ रहा है, साथ ही दूरदराज के गांवों में रहने वाले लोगों के दिलों को बाकी नागरिकों के साथ भी जोड़ रहा है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों को मुख्यधारा का हिस्सा मानती है न कि बफर जोन। “एक समय था जब सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था। सरकारें इस मानसिकता के साथ काम करती थीं कि मैदानी इलाकों में रहने वाले लोग ही मुख्यधारा के लोग हैं। उन्हें चिंता थी कि सीमा पर घटनाक्रम का इस्तेमाल दुश्मन द्वारा किया जा सकता है। इसी संकीर्ण मानसिकता के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों तक विकास कभी नहीं पहुंच सका। ये सोच आज बदल गई है। पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार देश की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। हम इन क्षेत्रों को बफर जोन नहीं मानते हैं।’’ वे हमारी मुख्यधारा का हिस्सा हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को सिर्फ मौसम संबंधी घटना नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा बेहद गंभीर मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय इसे बहुत गंभीरता से ले रहा है और इस संबंध में मित्र देशों से सहयोग मांगेगा। राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए हाल ही में शुरू किए गए सिलकियारा टनल ऑपरेशन में बीआरओ के योगदान का भी विशेष उल्लेख किया।
राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार संगठन से जुड़े लोगों की मेहनत को मान्यता देती है। हमने सशस्त्र बलों के बराबर बीआरओ के स्थायी नागरिक कर्मियों के लिए जोखिम और कठिनाई भत्ता सुनिश्चित किया है। कैजुअल मजदूरों का अनुग्रह मुआवजा दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है। हाल ही में, मैंने हमारे सीपीएल के लिए 10 लाख रुपये के बीमा के प्रावधान को मंजूरी दी है। ये कदम हमारे सशस्त्र बलों के कर्मियों, नागरिक कर्मचारियों और बीआरओ में सीपीएल के मनोबल को बढ़ाने में मदद करेंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जोशीमठ ढाक में सीमा सड़क संगठन के जवानों से भी मिले और उनसे बातचीत करते हुए उनका मनोबल बढ़ाया। विपरीत परिस्थितियों में देश की सीमाओं पर कनेक्टिविटी को सुदृढ़ बनाने में बीआरओ के कार्यो की जमकर सराहना भी की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवभूमि आगमन पर रक्षा मंत्री का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए सीमांत क्षेत्रों की विकास परियोजनाओं के लोकार्पण पर आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य के सामरिक, धार्मिक व पर्यावरणीय महत्व को समझते हुए बड़ी परियोजनाओं पर काम शुरू किया गया है। चारधाम ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन, सीमांत क्षेत्र विकास परियोजना व पर्वतमाला जैसी योजनाएं विकास के साथ-साथ सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड राज्य में तेजी से विकास कार्यो को आगे बढाने का काम किया जा रहा है। उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ पूरे मनोरथ से काम कर रही है। सीमावर्ती क्षेत्रों में अवसंरचना विकास कार्यो को गति प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री ने बीआरओ की पूरी टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, जिला अध्यक्ष रमेश मैखुरी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक रेखा यादव, बीआरओ से लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन उपस्थित थे।
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