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देहरादून – Hill Mail https://hillmail.in Sat, 04 May 2024 09:25:36 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.2 https://i0.wp.com/hillmail.in/wp-content/uploads/2020/03/250-X-125.gif?fit=32%2C16&ssl=1 देहरादून – Hill Mail https://hillmail.in 32 32 138203753 सीएम धामी ने वनाग्नि, चारधाम यात्रा, पेयजल व विद्युत आपूर्ति को लेकर की महत्वपूर्ण बैठक https://hillmail.in/cm-dhami-held-an-important-meeting-regarding-forest-fire-chardham-yatra-drinking-water-and-electricity-supply/ https://hillmail.in/cm-dhami-held-an-important-meeting-regarding-forest-fire-chardham-yatra-drinking-water-and-electricity-supply/#respond Sat, 04 May 2024 09:24:21 +0000 https://hillmail.in/?p=49222 वनाग्नि को लेकर सभी की तय हो जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में वनाग्नि को लेकर कहा कि हमारे सामने वनाग्नि बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है। उन्होंने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को निर्देशित किया कि इस मामले में ऊपर से नीचे तक अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यालय स्तर पर तैनात सभी अधिकारियों को प्रभागों की जिम्मेदारी बांटी जाए और इन सभी से नियमित रिपोर्ट ली जाए। उन्होंने कहा कि वनाग्नि रोकने के कार्य में जिलाधिकारी भी वन विभाग का पूर्ण सहयोग करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें यह भी सुनिश्चित करना है कि जो फायर वॉचर्स फील्ड में कार्यरत हैं उनकी भी सुरक्षा के उपाय किये जायें और इसके लिए उनके हेतु बीमा आदि विकल्पों पर विचार किया जाए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि डीएफओ और उनसे उच्च स्तर के अधिकारी मौके पर जरूर जाएं। उन्होंने कहा कि कार्यालय में बैठकर आग पर काबू नहीं पाया जा सकता। इसके लिए जो भी कड़ी कार्रवाई की जानी है वह की जाए। जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे परिस्थितियों के हिसाब से निर्णय लें।

मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि वनाग्नि के मामले में एक सप्ताह में सकारात्मक परिणाम नजर आएंगे। नवनियुक्त हॉफ के द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि अब तक वनाग्नि के प्रकरणों में कुल 350 केस दर्ज किए जा चुके हैं जिनमें 60 नामजद मुकदमे दर्ज किए गए। उन्होंने कहा कि जहां कहीं से भी घटना की सूचना मिल रही है वहां तत्काल टीमें भेजकर एक से छह घंटों में आग पर काबू पा लिया जा रहा है। मुख्य सचिव द्वारा इस दौरान मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया गया कि पिरूल को लेकर एनटीपीसी के साथ राज्य सरकार का करार हो चुका है और एनटीपीसी ने राज्य से पिरूल लेना शुरू भी कर दिया है। ऐसे में आगामी समय में यह भी आग लगने से बचाव में कारगर साबित होगा।

चारधाम यात्रा से अच्छा संदेश लेकर जाएं श्रद्धालु

मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि चारधाम यात्रा हमारे लिए चुनौती भी और परीक्षा की घड़ी भी। उन्होंने डीजीपी को निर्देशित किया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि मंदिर परिसरों में तैनात सुरक्षाकर्मी श्रद्धालुओं के साथ अच्छा व्यवहार करें और उनकी मदद के लिए तत्काल आगे आएं। उन्होंने कहा कि जो भी श्रद्धालु यहां से जाए वह अपने साथ एक अच्छा सन्देश लेकर जाए। उन्होंने कहा कि यात्रा के शुरुआती 15 दिन हमारे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण हैं और इस हेतु आवश्यक निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इन 15 दिनों में वीआईपी का मूवमेंट कम से कम हो।

उन्होंने कहा कि चारधाम की हर तरह की सूचना का ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार किया जाए ताकि यात्रियों को किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े। उन्होंने जिलाधिकारियों से कहा कि यात्रा मार्गों पर साफ-सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्य सचिव द्वारा अवगत कराया गया कि जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग द्वारा यात्रा रूट पर अतिरिक्त सफाई कर्मियों की तैनाती की गई है।

मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की रोटेशन में तैनाती के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा शिकायतें हेली सेवाओं को लेकर आती है, इस पर बहुत ज्यादा सख्ती करने की जरूरत है। डीजीपी अभिनव कुमार द्वारा अवगत कराया गया कि डीआईजी लॉ एंड आर्डर को ट्रैफिक प्रबंधन के लिहाज से भी जिम्मेदारी दी गयी है। लक्ष्मण झूला, मुनि की रेती, शिवपुरी वाले मार्ग पर लगने वाले जाम के मद्देनजर देहरादून के एसपी देहात को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। एडिशनल एसपी कोटद्वार व सीओ नरेन्द्र नगर उनका सहयोग करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभाग और अधिकारी ओनरशिप लेकर एक पॉजिटिव भाव के साथ कार्य करें।

पेयजल के लिहाज से अभी चुनौती आना शेष

बैठक में मुख्यमंत्री को सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य में कुल 317 गांव व शहरी क्षेत्रों में 148 मोहल्ले चिन्हित किये गए हैं जहां पेयजल की समस्या है और इन क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति हेतु तमाम विकल्पों के जरिये पेयजल पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैब। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा शिकायतें देहरादून, नैनीताल, पिथौरागढ़, डीडीहाट, कोटद्वार, चम्पावत से प्राप्त हो रही हैं। साथ ही 1 अप्रैल से 30 जून तक समस्त जिलों में कमर्शियल कंस्ट्रक्शन के लिए कनेक्शन देने पर रोक लगाने के साथ ही समस्त डीएम को निर्देशित किया है कि वे वर्कशॉप्स में वाहनों को ड्राई वाश किया जाए यह सुनिश्चित करें।

अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों को हर जिले में 10-10 छोटे नाले धारे चिन्हित कर इन्हें पुनर्जीवित करने का लक्ष्य दिया गया है। इसी तरह राज्य स्तर पर 10 छोटी नदियों को चिन्हित किया जा रहा है जिन्हें पुनर्जीवित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि 1 से 7 जून तक भारत सरकार जल संरक्षण अभियान शुरू करने जा रही है, जिसकी राज्य स्तर पर भी तैयारियां गतिमान हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण हमारे लिए चुनौती है। उन्होंने कहा कि समस्त सरकारी भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग व सौर ऊर्जा के इंतजाम किये जायें। उन्होंने कहा कि पेयजल के लिहाज से अभी चुनौती आना शेष है, इसलिए अभी से तैयारियों को पुख्ता बनाएं।

चारधाम यात्रा मार्गों पर सड़कें हों चकाचक

मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 मई को चारधाम यात्रा प्रारंभ होने से पहले समस्त सड़कें चकाचक हो जानी चाहिए। लोनिवि सचिव पंकज पांडेय ने अवगत कराया कि अपर सचिव व अन्य अधिकारियों के द्वारा नियमित रूप से फील्ड विजिट की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 मई तक सभी सड़कों की स्थिति ठीक होनी चाहिए यह सुनिश्चित किया जाए।

लघु व दीर्घकालिक योजनाओं पर करें काम

सचिव ऊर्जा मीनाक्षी सुंदरम द्वारा अवगत कराया गया कि चारधामों में 24×7 बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए दो अधिकारियों की ड्यूटी चारधाम के लिए लगाई गई है। उन्होंने बताया कि केदारनाथ व बद्रीनाथ धाम में 23 केवी के सब स्टेशन का निर्माण प्रगति पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में और भी ज्यादा विद्युत की आवश्यकता होगी, इसके लिए हमें लघु और दीर्घकालिक दोनों योजनाओं पर काम करना है।

 

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हेली बुकिंग करवाने वाली फर्जी वेबसाइट पर कसा शिकंजा, 12 वेबसाइट करवाई गई बंद https://hillmail.in/crackdown-on-fake-heli-booking-websites-12-websites-closed-char/ https://hillmail.in/crackdown-on-fake-heli-booking-websites-12-websites-closed-char/#respond Sat, 04 May 2024 08:41:43 +0000 https://hillmail.in/?p=49220 चारधाम यात्रा के लिए हेली टिकट बुक कराने का दावा करने वाली 12 फर्जी वेबसाइटों को साइबर थाना पुलिस ने बंद कराया है। एसटीएफ और साइबर थाना पुलिस को लगातार शिकायतें भी मिल रही हैं। इससे हरकत में आई पुलिस ने वेबसाइट को चिह्नित करना शुरू कर दिया। पिछले साल 64 वेबसाइट बंद कराई गई थीं। पिछले साल से अब तक बंद कराई गई वेबसाइटों की संख्या 76 हो चुकी है।

पिछले साल से युकाडा ने हेली सेवाओं को बुक कराने का काम आईआरसीटीसी को दिया था। वर्ष 2022 में कई फर्जी वेबसाइट से साइबर ठगों ने सैकड़ों लोगों को ठगी का शिकार बनाया था। इसके बाद एसटीएफ और साइबर थाना पुलिस ने पिछले साल शुरुआत से ही फर्जी वेबसाइट को चिह्नित करना शुरू कर दिया था। हर रोज फर्जी वेबसाइटें बंद कराई जा रही थी। बावजूद लोग साइबर ठगी का भी खूब शिकार हुए। ऐसे में एसटीएफ ने पूरे गैंग के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज किया था, जबकि, 40 मुकदमे कई मामलों में थानों और साइबर थाने में दर्ज किया गया था।

एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया, इस बार भी कई शिकायतें आईं थीं। जिलों में भी लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसी के मद्देनजर साइबर थाना पुलिस ने 12 वेबसाइट को अब तक बंद करा दिया है।

बताया, ये वेबसाइट असली वेबसाइट से मिलती जुलती भी हैं और कुछ इस तरह के यूआरएल तैयार किए हैं जिनसे लोग इन पर आसानी से यकीन कर सकते हैं। सभी के पेज मोबाइल नंबर आदि दर्ज किए गए थे। एसएसपी ने बताया, साइबर थाना पुलिस और एसटीएफ लगातार वेबसाइट को चिह्नित करने में जुटे हुए हैं। इस काम में केंद्रीय गृह मंत्रालय के पोर्टल आईफोरसी का भी पूरा सहयोग मिल रहा है।

फर्जी वेबसाइट दिखे तो इन नंबरों पर भेजें स्क्रीनशॉट

एसएसपी एसटीएफ ने बताया, यदि किसी को इंटरनेट पर फर्जी वेबसाइट दिखती है या फिर ठगी का शिकार बनाने की आशंका है तो जानकारी एसटीएफ से साझा की जा सकती है। लोग ऑफिस आकर भी शिकायत कर सकते हैं। इसके साथ ही दो नंबर 9456591505 और 9412080875 पर भी इनका स्क्रीनशॉट भेजा जा सकता है।

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सुबह सुबह बड़ा हादसा चार लोगों की मौके पर हुई मौत वही दो गंभीर रूप से हुए घायल https://hillmail.in/major-accident-early-in-the-morning-four-people-died-on-the-spot-and-two-were-seriously-injured/ https://hillmail.in/major-accident-early-in-the-morning-four-people-died-on-the-spot-and-two-were-seriously-injured/#respond Sat, 04 May 2024 05:20:25 +0000 https://hillmail.in/?p=49210 सड़क हादसों की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। आये दिन सड़क दुर्घटनाओ में जान गवांने वालो की सख्यां में बढ़ोत्तरी हो रही है है। इन घटनाओ का मुख्य कारण तेज गति से वाहन चलाना और सड़क सुरक्षा नियमो का पालन ना करना है। जिसकी वजह से हमेशा ऐसी घटनाएं होती है। अक्सर वाहन के अनियंत्रित हो जाने से ऐसी भीषण घटनाएं होती है। ऐसी एक घटना आज सुबह मसूरी देहरादून मार्ग में घटित हुई है। जिसके चलते वाहन सवार व्यक्तियों को अपनी जान गवानी पड़ी।

मसूरी-देहरादून मार्ग पर चूनाखाल के पास शनिवार सुबह करीब पांच बजे एक वाहन अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गया। हादसे में चार युवकों समेत पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि एक युवती गंभीर रूप से घायल बताई जा रही है। वाहन में कुल छह लोग सवार थे।

बता दें की मसूरी देहरादून मार्ग झड़ीपानी रोड पर पानी वाले बैंड के पास एक कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई जिसमें सवार चार लड़कों की मौके पर मौत हो गई और दो लड़कियां गंभीर रुप से घायल हो गई। घटना की सूचना मिलते ही मसूरी पुलिस फायर सर्विस एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और खाई में गिरी दो युवतियों को खाई से रेस्क्यू करके उनको 108 एंबुलेंस के माध्यम से देहरादून हायर सेंटर भेजा गया जबकि चार लड़कों की मौके पर ही मौत हो गई थी वही घायलों को खाई से निकालकर मसूरी उप जिला चिकित्सालय भेजा गया मसूरी पुलिस द्वारा 6 की पहचान करने की कोशिश की जा रही है।

बताया जा रहा है कि चार युवक और दो युवतियां देहरादून आईएमएस कॉलेज में पढ़ाई करते थे और मसूरी घूमने के लिए आए थे। सुबह के समय देहरादून वापस लौटते समय झड़ी पानी बैंड के पास कार अनियंत्रित हो गई और गहरी खाई में गिर गई। गयी और हादसे का शिकार हो गयी।

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वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए जनभागीदारी जरूरी : वन मंत्री सुबोध उनियाल https://hillmail.in/public-participation-is-necessary-to-prevent-forest-fire-incidents-forest-minister-subodh-uniyal/ https://hillmail.in/public-participation-is-necessary-to-prevent-forest-fire-incidents-forest-minister-subodh-uniyal/#respond Thu, 02 May 2024 07:52:24 +0000 https://hillmail.in/?p=49146 वनाग्नि एक ग्लोबल इश्यू

वन मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि फारेस्ट पर्यावरण की दृष्टि से वनाग्नि उत्तराखंड का ही नहीं बल्कि ग्लोबल इश्यू है। बिना जन सहभागिता के जंगलों में आग लगने की घटनाओं पर विजय प्राप्त नहीं की जा सकती है। वह कहते हैं कि जब सरकार का मैकेनिज्म नहीं था और मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव और सविच नहीं होते थे, तब भी जंगलों में आग लगती थी और इस पर अंकुश स्थानीय लोगों की भागीदारी से ही लगता था। सरकार और फॉरेस्ट विभाग जंगलों में लगने वाली आग को रोकने में पुरजोर तरीके से जुटा हुआ है, लेकिन इसमें जनभागीदारी भी जरूरी है।

हमारी सरकार ने लोगों का जंगल से कनेक्शन फिर से जोड़ा है। इसके लिए वन कानून में कई सुधार किए गए हैं। पहले 27 प्रजातियों के पेड़ों को चाहे वो अपनी जमीन पर हों या फिर किसी और की जमीन पर, उन्हें काटने के लिए किसान को वन विभाग के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब यह प्रतिबंध सिर्फ 15 प्रजातियों के पेड़ों पर ही रखा गया है। हमारे यहां 11230 वन पंचायते हैं। हमने वन पंचायत में संशोधन किया और अब वन पंचायत के लोग वन पंचायत की जमीन पर खेती कर सकते हैं। खेती में जो भी उत्पाद होगा, उस उत्पाद पर उसकी हारवेस्टिंग करके, उसकी मार्केटिंग भी कर सकते हैं और उससे जो पैसा आयेगा वह उन्हीं लोगों में बंटेगा।

फॉरेस्ट फायर को डिजास्टर से जोड़ा है ताकि फौरन फंड मिल सकें

आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए हमने निर्णय लिया है कि ग्राम प्रधान की अध्यक्षता में फारेस्ट फायर एवं मैनेजमेंट कमेटी बनायेंगे और पहले फेस में हमने उन 72 ग्राम सभाओं को चिन्हित किया जहां पर आग लगने की संभावना है। इस कमेटी में उसी इलाके का युवक मंगल दल का अध्यक्ष, उसी इलाके की महिला मंगल दल की अध्यक्ष और राजस्व विभाग एवं वन विभाग के कर्मचारी इसके मेंबर होंगे ताकि जहां एक ओर ग्राम प्रधान  को सम्मान मिलेगा, कर्मचारियों को अध्यक्ष बनने का अवसर मिला और दूसरा कहीं न कहीं स्थानीय लोगों को अपनी जिम्मेदारी का भी अहसास होगा। हमने पहली बार फारेस्ट फायर को डिजास्टर से जोड़ने का काम किया है और जनपदों के अंदर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में डिस्टिक फॉरेस्ट फायर एवं मैनेजमेंट कमेटी बनाई। जिसका फायदा हमें यह मिला कि रिवेन्यू विभाग के कर्मचारी भी हमें मदद करने लगे और दूसरा डिजास्टर फंड है, उससे भी हमें तुरंत पैंसा मिलना शुरू हुआ है।

सरकार से पैसा मिलने में समय लगता था लेकिन डिजास्टर मैंनेजमेंट के जो फंड डीएम के अंडर में होता है, उससे तत्काल पैसा मिल जाता है जिससे हमें मदद मिली। फारेस्ट फायर में सबसे बड़ी समस्या है रिस्पांस टाइम की है। इसीलिए हमने इसमें ग्राम सभाओं को शामिल किया है। आग लगने पर फोरेस्ट के लोग माइक लगाकार लोगों को जागरूक करने का काम न कर रहे हैं क्योंकि बिना जनजागरूता के आप किसी भी आपदा को जीत नहीं सकते।  इसमें जन सहभागिता और जनजागरूता जरूरी है। हमने निर्णय लिया है कि हमारी फारेस्ट फायर एवं मैनेजमेंट कमेटी जंगल की आग बुझाने में जितना बड़ा रोल निभाएगी, उसे राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।

पिछले वर्षों के मुकाबले इस साल कुल 20 प्रतिशत ही वनाग्नि का नुकसान

हमने हेड ऑफ फारेस्ट ने चार मीटिंग की हैं और हर डिवीजन को बजट दे दिया है। आग लगने के तीन-चार कारण प्रमुख हैं। पहला कारण कुछ शरारती तत्व आग लगाने का काम करते हैं, दूसरा किसान अपने खेत में खरपतवार को हटाने के लिए आग लगाता है और कभी- कभी वह आग जंगलों तक पहुंच जाती है, तीसरा आम आदमी अनजाने में बीड़ी, सिगरेट पीकर फेंक देता है, उससे भी आग लग जाती है। यही जनजागरण हम गाड़ियों के माध्यम से कर रहे हैं कि लोग ऐसा काम न करें जिससे कि आग लग जाये। इसके लिए हम लोगों को जागरुक कर रहे हैं।

2023-24 में विभागीय प्रयास और जनता के सहयोग से पिछले वर्षों के मुकाबले कुल 20 प्रतिशत वनाग्नि का ही हमें नुकसान हुआ है। इस वर्ष बहुत जल्दी गर्मी आ गई और काफी जगह फॉरेस्ट फायर के केसस हुए। हमें पूरा भरोसा है कि सरकार और जनसहभागिता से हम प्रभावी ढंग से आग लगने की घटनाओं से निपटेंगे। हमारी सरकार ने नीति बनाई है कि पिरूल को जनता से खरीदेगी। हमने पिरूल बेस्ट इंडस्ट्री पर फोकस किया है। इसके लिए हमने प्रति किलो 2.50 रुपये का रेट तय किया है और एक रुपये बोनस देने का निर्णय लिया है। विगत वर्ष हमने एक रुपये को दो रुपये बोनस कर दिया। जिससे लोगों को आजीविका में बढ़ोतरी हो और रोजगार भी मिले। इससे वनाग्नि की घटनाएं भी रुकेंगी और लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

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लोकसभा चुनाव 2024 : क्या तीसरी बार मोदी मैजिक रहेगा असरदार ? https://hillmail.in/will-modi-magic-be-effective-for-the-third-time/ https://hillmail.in/will-modi-magic-be-effective-for-the-third-time/#respond Wed, 01 May 2024 18:06:43 +0000 https://hillmail.in/?p=49130 उत्तराखंड में पांच सीटों के लिए 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान हुआ है। चुनाव आयोग की तरफ से जारी आंकड़ों का विश्लेषण बताता है कि इस बार सूबे में पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में 4 प्रतिशत मतदान कम हुआ है। उत्तराखंड की पांचों सीटों के लिए साल 2024 के लोकसभा चुनाव में 57.24 प्रतिशत मतदान हुआ है। सबसे अधिक  63.53 प्रतिशत मतदान हरिद्वार लोकसभा सीट पर हुआ। जबकि सबसे कम 48.82 प्रतिशत मतदान अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर हुआ है। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड में कुल मतदान 61.67 प्रतिशत हुआ था। वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड में कुल मतदा 61.68 प्रतिशत हुआ था। इस हिसाब से विश्लेषण किया जाए तो यह दूसरी बार है जब सूबे में मतदान प्रतिशत कम हुआ है।

क्या मोदी मैजिक रहेगा बरकरार ?

साल 2014 और साल 2019 के लोकसभा चुनावों में उत्तराखंड की पांचों सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई थी। मोदी लहर इतनी जबरदस्त थी कि कांग्रेस पार्टी का वोट प्रतिशत धराशायी हो गया और बीजेपी के वोट प्रतिशत में काफी उछाल देखा गया। इस लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में दो रैलियां रुद्रपुर और ऋषिकेश में कीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर करारी छोट करते हुए जनता से बीजेपी प्रत्याशियों को जीताने की अपील की। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या तीसरी बार भी सूबे में मोदी मैजिक का असर बदस्तूर जारी रहेगा या फिर इस साल जिस तरह से मतदान को लेकर लोगों ने उदासीनता दिखाई है, उसका असर बीजेपी पर पड़ेगा। बीजेपी के लिए चिंता का विषय यह भी है कि मैदानी सीट हरिद्वार में सबसे ज्यादा मतदान हुआ है जहां की कई कस्बे मुस्लिम बहुल हैं और हरिद्वार जिले में मुस्लिम आबादी 34 प्रतिशत है। हरिद्वार जिले के अंदर आने वाले कई कस्बे ऐसे हैं, जहां मुस्लिम आबादी 95 प्रतिशत तक है। सात कस्बे ऐसे हैं जो पूरी-पूरी तरह से मुस्लिम बहुल हैं और जहां मुस्लिम आबादी 70 से लेकर 95 प्रतिशत तक है। मुस्लिम बहुल कस्बों में भंगेरी, भगवानपुर, नांगला इमरती, शाहपुर, सादपुर, झबरेड़ा, लंढौर, पादली गुर्जर इत्यादि कस्बे हैं। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत और इंडी गठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रावत मैदान में हैं।

उत्तराखंड वासियों से मेरा निकट का रिश्ता, मैं उनके घर का सदस्य हूं – पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऋषिकेश में बीजेपी की विजय संकल्प रैली को संबोधित करने से पहले पहाड़ी वाद्य यंत्र हुड़का बजाया और कहा ”उत्तराखंड वालों के लिए मैं घर का सदस्य हूं। उनसे मेरा निकट का नाता रहा है। उत्तराखंड के प्यार को जीवन में नहीं भुलाया जा सकता है। जब भी मैं उत्तराखंड आता हूं तो पुरानी यादें भी ताजा करता हूं।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इससे पहले मैं भारत के दक्षिणी छोर पर, सागर तट पर बसे तमिलनाडु में था। वहां भी लोग कह रहे हैं ”फिर एक बार मोदी सरकार।” आज हिमालय की गोद में, बाबा केदार और बद्री विशाल के सानिध्य में आया हूं तो यहां भी फिर एक बार मोदी सरकार की गूंज है। ये गूंज इसलिए है क्योंकि देश के लोगों ने पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार का काम देखा है। मां गंगा के सानिध्य में बसे, चारधाम के द्वार ऋषिकेश में इतनी विशाल संख्या में लोग हमें आशीर्वाद देने आए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हमारी सरकार ने बीते 10 साल में भारत को कई गुना ज्यादा मजबूत बना दिया है। जब देश में कमजोर और अस्थिर सरकार रही है, तब दुश्मनों ने फायदा उठाया है। कमजोर और अस्थिर सरकारों में भारत में आतंकवाद ने पैर पसारे। आज भारत में मोदी की मजबूत सरकार है, इसलिए आतंकवादियों को घर में घुसकर मारा जाता है, भारत का तिरंगा युद्धक्षेत्र में भी सुरक्षा की गारंटी बनता है, तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया जाता है, महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में आरक्षण दिया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस की कमजोर सरकार, सीमाओं पर आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बना पाई। पर आज हमारी सरकार पूरी सीमा पर आधुनिक सड़कें, सुरंगें बना रही है। मैं जब बाबा केदार की भूमि में आया था तभी मैंने कहा था कि यह दशक उत्तराखंड का दशक है। हमारी सरकार उत्तराखंड के सामर्थ्य का लगातार विस्तार करने में जुटी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा टिहरी-गढ़वाल से माला राज्यलक्ष्मी शाह, गढ़वाल से अनिल बलूनी और हरिद्वार से त्रिवेंद्र सिंह रावत को हर बूथ पर विजयी बनाना है।

पांचों सीटों पर विजय के लिए जेपी नड्डा ने संतों से मांगा आशीर्वाद

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हरिद्वार में भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत उत्तराखंड की पांचों सीटों की जीत के लिए संत समाज से आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि साधु-संतो की सात्विक ताकत देश को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ताकत दे रही है। संतो के आशीर्वाद से पिछले 10 साल में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश मजबूत हो रहा है। जूना अखाड़ा में संतो से आशीर्वाद लेने के बाद जेपी नड्डा ने कहा, यह सनातन के जागरण का काल है। पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि यही समय है, सही समय है। यह दौर भारत के गौरव का दौर है। एक ऐसा दौर भी आया जब हमारी आध्यात्मिक शक्ति क्षीण हुई। उस दौर का नेतृत्व कभी भी आध्यात्मिक शक्तियों के साथ नहीं था। लेकिन मोदी के नेतृत्व में देश में आध्यात्मिक शक्तियां मजबूत हुई हैं। सभी ने दस साल में बदलता दौर देखा है। उन्होंने कहा कि भारत अर्थव्यवस्था में बिट्रेन और यूरोप जैसे देश को पछाड़कर पांचवी शक्ति बन गया है। अब हम तीसरी शक्ति बनने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। कार्यक्रम में संतों ने खड़े होकर और हाथ उठाकर आने वाले चुनाव में त्रिवेंद्र सिंह रावत को भारी बहुमत से विजयी बनाने और दिल्ली की गद्दी पर मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाने के लिए पूरा समर्थन देने का विश्वास दिलाया।

डबल रफ्तार से हो रहा उत्तराखंड का विकास: राजनाथ सिंह

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने काशीपुर के रामलीला मैदान में विजय संकल्प रैली को संबोधित किया। उन्होंने जनता से नैनीताल से बीजेपी प्रत्याशी अजय भट्ट को भारी मतों से विजय बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, उत्तराखंड को देवताओं का आशीर्वाद है। इस धरती ने वीर सपूतों को जन्म दिया है। ये शौर्य और पराक्रम की भूमि है। बड़ी संख्या में सैनिक उत्तराखंड की धरती से निकलते हैं। मेरा और हमारी पार्टी का सैनिकों के प्रति विशेष लगाव है। कांग्रेस की सरकार ने सीमा में बसे गांवों को अंतिम गांव बताकर उनका विकास नहीं किया। प्रधानमंत्री मोदी ने सीमांत गांव को पहला गांव बताकर उनमें बुनियादी ढांचों का विकास किया। डबल इंजन की सरकार में डबल रफ्तार के साथ उत्तराखंड का विकास हो रहा है। आज कोई दुश्मन देश यदि भारत को आंख दिखाता है, तो उससे बड़ी आंख भारत दुश्मन देश को दिखाता है। भारत ने हमेशा से अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि भाजपा जो कहती है, वो करती है। हमने हर घोषणा पत्र में किए वादों को पूर्ण किया है। 1984 से भाजपा अपने घोषणा पत्र में कहती थी कि सदनों में बहुमत मिलने के बाद भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा। जनता ने संसद के दोनों सदनों में भाजपा को बहुमत दिया और आज अयोध्या की धरती पर भव्य राम मंदिर बनकर तैयार है। प्रभु श्रीराम अपनी झोपड़ी से निकलकर भव्य महल में प्रवेश कर चुके हैं, भारत में राम राज्य आने का यह शुभ संकेत है।

देश की समस्याओं का नाम है कांग्रेस : योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, उत्तराखंड अनेक महापुरुषों को जन्म देने वाली धरती है। यूपी के पहले मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत, नारायण दत्त तिवारी और हेमवती नंदन बहुगुणा को इसी धरती ने जन्म दिया है। ऐसी धरती को कोटि कोटि नमन करता हूं। देवभूमि के कंकड़ कंकड़ में शंकर है। देश की समस्याओं का नाम कांग्रेस है। आतंकवाद, नक्सलवाद, जातिवाद, भ्रष्टाचार आदि सभी समस्याएं कांग्रेस की देन है। मोदी के नेतृत्व में सभी समस्याओं का समाधान किया है। देश ने गौरव की नई ऊंचाइयों को छुआ है। मेरा बचपन उत्तराखंड में ही बीता। दूर- दूर जाकर पानी लाना पड़ता था। आज हर घर नल की योजना के कारण 100 में से 90 घरों में पानी पहुंच गया है। अयोध्या का विवाद कांग्रेस ने खड़ा किया था। कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट देकर कहा था कि राम और कृष्ण तो हुए ही नहीं। हमने राम और कृष्ण की विरासत को स्वीकार किया और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण किया। उत्तराखंड में केदारनाथ, बद्रीनाथ धाम को नई पहचान के साथ प्रस्तुत किया। यूपी में पहले बमबाजी होती थी। अब हर हर बम बम के उद्घोष के साथ कावड़ यात्रा निकलती है। यूपी में अपराधियों को गलतफहमी होती है कि यूपी में अपराध करके उत्तराखंड भाग जायेंगे। मैं उन्हें इस लायक छोडूंगा ही नहीं कि वो देवभूमि को अपवित्र कर सकें। आज जो परिवर्तन देखने को मिला है, वो आपके वोट ने किया है। आज मोदी के नेतृत्व में एक भारत श्रेष्ठ भारत के दर्शन हो रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने हल्द्वानी, देहरादून और रूड़की में जनसभाओं को संबोंधित किया और बीजेपी के प्रत्याशियों को भारी बहुमत से जिताने के लिए अपील की।

रोजगार बढ़ाकर पलायन रोकने पर जोर रहेगा : अनिल बलूनी

कोटद्वार में अनिल ​बलूनी का प्रचार करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह पहुंचे थे। उन्होंने लोगों से अनिल ​बलूनी को भारी मतों से विजयी ​बनाने की अपील की और कहा कि अनिल बलूनी गढ़वाल की लोगों की लगातार सेवा कर रहे हैं और आपके सहयोग से वह यहां से जीतने के बाद फिर से गढ़वाल के चौहुमुखी विकास के लिए काम करेंगे। पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट पर बीजेपी ने सासंद तीरथ सिंह रावत का टिकट काटकर अनिल बलूनी को मैदान में उतारा है। अनिल बलूनी इस बार सांसदी का चुनाव लड़कर अब सक्रिय राजनीति में आ गए हैं। वह खुद मानते हैं कि उत्तराखंड में पलायन सबसे बड़ा विषय है और जितनी आबादी उत्तराखंड में रहती है, लगभग उतनी ही आबादी इस राज्य से बाहर रहती है। ऐसे में इस पर और ज्यादा काम किया जाना चाहिए। अनिल बलूनी कहते हैं कि अगर जनता उन्हें अपना आशीर्वाद देती है, तो वह राज्य में रोजगार बढ़ाकर पलायन रोकने के लिए काम करेंगे। वह कहते हैं कि डबल इंजन की सरकार में राज्य में लगाकार काम हुआ। शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य सेवाएं पहले से बेहतर हुई हैं। एम्स आ गया है। कई जगहों के लिए चॉपर सेवा शुरू हो गई हैं। हर घर नल योजना में उत्तराखंड नंबर एक है। अनिल बलूनी कहते हैं कि कैंसर की बीमारी को हराकर मैंने नया जीवन पाया है और इसे अपने क्षेत्र की सेवा पर लगाऊंगा। मैं गढ़वाल के विकास में लगा हुआ हूं। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास कार्यों का उत्तराखंड में असर दिखता है। यह चुनाव बहुत अलग है क्योंकि इसे जनता लड़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास कार्यों से प्रभावित होकर लोग आज भाजपा के पक्ष में खड़े हैं। अनिल बलूनी कहते हैं, हम सनातन धर्म के साथ हैं। कुछ लोग सनातन धर्म पर सवाल उठाते हैं। इस देश के अंदर अगर आप राम और सनातन धर्म को गाली देंगे तो नेस्तनाबूद हो जाएंगे। अनिल बलूनी का प्रचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत कई लोग आये और सभी लोगों ने अनिल बलूनी को भारी मतों से विजयी बनाने की अपील की।

बीजेपी मुद्दों की जगह तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है: प्रियंका गांधी

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव प्रियंका गांधी का कहना है कि बीजेपी मुद्दों की जगह तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। प्रियंका गांधी ने कहा ये चुनाव का समय है। पांच सालों में आपको एक बार मौका मिलता है कि अपना भविष्य बदल सकते हैं। चुनाव में चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी हो सभी के नेता भाषण देते हैं। आप सुनते हैं। प्रियंका ने लोगों से पूछा कि आपने इन्हें कितने चुनावों में ऐसे ही सुना। भारतीय जनता पार्टी असल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है इसलिए लगातार विपक्ष पर हमलावर रहती है। आज बेरोजगारी और महंगाई से आम जनता की कमर टूट रही है। जिन लोगों ने ओल्ड पेंशन स्कीम खत्म कर दी हो वह सत्ता में बैठने लायक नहीं। जिस जिस प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, वहां ओल्ड पेंशन स्कीम लागू कर दी गई है। उनको आपने परख लिया, आपने देख लिया है, बहुत हो गया है, ऐसी तानाशाही सरकार नहीं चलनी चाहिए, युवाओं को रोजगार मिलना चाहिए, इस बार एक ऐसी सरकार बननी चाहिए जो आपको सर्वप्रथम रखे, जिसके लिए सर्वोपरि आप हैं, जिसके लिए सर्वोपरि आपके मुद्दे हैं। वीरभूमि उत्तराखंड के जो नौजवान सेना में जाने का सपना देखते थे, वे आज निराश हैं। मोदी सरकार ने अग्निवीर योजना लाकर युवाओं का सपना तोड़ा है। कांग्रेस पार्टी की सरकार बनते ही अग्निवीर को रद्द करके सामान्य भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जनता से मेरी एक ही अपील है कि अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचिए और अबकी बार जनता की सरकार बनाइए।

2024 में किस सीट पर हुआ कितना मतदान?

हरिद्वार लोकसभा सीट- 63.53 प्रतिशत
नैनीताल- उधमसिंह लोकसभा सीट- 62.47 प्रतिशत
टिहरी लोकसभा सीट- 53.76 प्रतिशत
गढ़वाल लोकसभा सीट- 52.42 प्रतिशत
अल्मोड़ा- 48.82 प्रतिशत

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चारधाम यात्रा के शुरुआती 15 दिनों में न आएं VIP और VVIP, मुख्य सचिव ने सभी राज्यों को भेजा पत्र https://hillmail.in/vips-and-vvips-should-not-come-in-the-first-15-days-of-chardham-yatra-chief-secretary-sent-letter-to-all-the-states/ https://hillmail.in/vips-and-vvips-should-not-come-in-the-first-15-days-of-chardham-yatra-chief-secretary-sent-letter-to-all-the-states/#respond Wed, 01 May 2024 17:12:01 +0000 https://hillmail.in/?p=49119 चारधाम यात्रा को लेकर राज्य सरकार की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। चुनावी व्यस्तता के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यात्रा तैयारियों की नियमित मॉनिटरिंग कर रहे हैं। साथ ही अधिकारियों से भी इस संबंध में नियमित रूप से संपर्क में बने हुए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को यात्रा के शुरुआती 15 दिनों में वीवीआइपी दर्शनों को अवॉइड करने हेतु पत्र भेजा गया है।

गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने बताया कि मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन की ओर से सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इस आशय का पत्र भेजा गया है कि यात्रा के शुरुआती 15 दिनों (विशेष रूप से केदारनाथ धाम) में वीवीआइपी दर्शनों को जितना हो सके टाला जाए ताकि आम श्रद्धालुओं को दर्शनों में किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े। साथ ही इस संबंध में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को भी सूचित किया जा रहा है।

गढ़वाल कमिश्नर द्वारा यह भी अवगत कराया गया है कि हेली सेवाओं में किसी भी तरह की कालाबाजारी एवं ठगी जैसी घटनाएं न हो सकें, यह सुनिश्चित करने हेतु इस बार केवल आईआरसीटीसी की आधिकारिक वेबसाइट से टिकटों की बुकिंग की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा उन्होंने आमजन से भी अपील की है कि वे राज्य सरकार द्वारा अधिकृत आईआरसीटीसी से ही हेली बुकिंग करें। उन्होंने कहा कि, सुगम और सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इसके लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार यात्रा को लेकर तमाम अतिरिक्त व्यवस्थाएं की जा रही हैं ताकि श्रद्धालुओं को कम से कम परेशानी हो।

20 स्थानों पर पार्क हो सकेंगे 1495 वाहन

केदारनाथ यात्रा को लेकर इस बार राज्य सरकार की ओर से वृहद तैयारियां की गई हैं। गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने बताया कि इस बार गत वर्ष की तुलना में हर प्रकार से श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं में बढ़ोतरी की गई है। गत वर्ष केदारनाथ यात्रा मार्ग में जहां कुल 9 पार्किंग का संचालन किया जा रहा था तो उस बार कुल 20 स्थानों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है। यहां 1495 वाहनों की पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होगी। पहली बार वाहनों की मॉनिटरिंग के लिए एप बनाई गई है।

700 सफाई कर्मियों की रहेगी तैनाती

यात्रा मार्ग पर सफाई व्यवस्था को लेकर भी बेहतर इंतजाम किए गए हैं। गत वर्ष जहां 617 सफाई कर्मियों को इस कार्य में लगाया गया था तो इस बार कुल 700 कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। यात्रा रूट में पहली बार चार नए हाई टेक मॉड्यूलर शौचालय एवं 4 नए मोबाइल मॉड्यूलर शौचालय की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त एक रोड स्वीपिंग मशीन भी सफाई कार्य में लगाई जाएगी।

पूरी तरह से निगरानी में रहेंगे घोड़े-खच्चर

इस बार यात्रा रूट पर चलने वाले सभी 4000 घोड़े-खच्चरों की निगरानी भी प्रशासन के स्तर से की जाएगी। गत वर्ष तक आंशिक रूप से मॉनिटरिंग का कार्य किया जाता था। इसके अलावा हॉकर्स के लिए पहली बार पहचान पत्र जारी किए जाएंगे। इसके अलावा, स्वास्थ्य जांच के साथ ही 30 टन क्षमता का वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट सोनप्रयाग में बनाने के साथ ही डंपिंग ग्राउंड की व्यवस्था की गई है। इस बार रोस्टर प्रणाली के संचालन की भी व्यवस्था की जा रही है। इस बार घोड़े-खच्चरों के लिए 24 घंटे संचालित कुल 15 पानी की चरी संचालित की जाएंगी। इसके अलावा, घोड़े-खच्चरों के साथ चलने वालों के लिए 197 लोगों की क्षमता की दो डोरमेट्री की व्यवस्था की गई है।

सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक सड़क चौड़ीकरण

सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक सड़क मार्ग को गत वर्ष की तुलना में और भी बेहतर कर दिया गया है। अधिकांश स्थानों पर 5 से 8 मीटर तक सड़क का चौड़ीकरण किया गया है।

स्वास्थ्य सुविधाओं में किया गया इजाफा

स्वास्थ्य सुविधाओं में भी इस बार अपेक्षित सुधार किया गया है। कुल 5 एम्बुलेंस की तैनाती के साथ ही पहली बार 3 गोल्फ कार्ट तैनात की जा रही है। गढ़वाल कमिश्नर ने बताया कि ऐसा प्रथम बार किया जा रहा है कि स्थानीय व्यवस्थाओं को न छेड़ते हुए सभी चिकित्सकों की व्यवस्था इससे इतर की जा रही है ताकि स्थानीय निवासियों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से परेशानी न झेलनी पड़े। वहीं, लगभग 18 स्थानों पर स्वास्थ्य जांच केंद्र संचालित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यात्रा पर आने से पहले लोगों को चाहिए कि वे अपनी स्वास्थ्य जांच के बाद ही यात्रा पर आएं।

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एनडीएमए के सदस्य ले. जनरल सैयद अता हसनैन ने परखीं चारधाम यात्रा की तैयारियां https://hillmail.in/member-of-ndma-general-syed-ata-hasnain-examined-the-preparations-for-chardham-yatra/ https://hillmail.in/member-of-ndma-general-syed-ata-hasnain-examined-the-preparations-for-chardham-yatra/#respond Wed, 01 May 2024 07:12:13 +0000 https://hillmail.in/?p=49114 आगामी चारधाम यात्रा की आपदा प्रबंधन की दृष्टि से तैयारियों को लेकर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) की ओर से आयोजित टेबल टॉप एक्सरसाइज में ले. जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा कि चारधाम यात्रा से जुड़े जनपदों में 2 मई 2024 को मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। इस ड्रिल का उद्देश्य चारधाम यात्रा की तैयारियों को पुख्ता करना है ताकि यात्रा में किसी तरह का व्यवधान न आए और हादसों में जान-माल के नुकसान को कम से कम किया जा सके।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में इन दिनों जंगलों की आग ने चिंताएं बढ़ा रखी हैं और एनडीएमए लगातार इन घटनाओं पर नजर बनाए हुए है और यूएसडीएमए के लगातार संपर्क में है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की चारधाम यात्रा और जम्मू-कश्मीर की अमरनाथ यात्रा प्रमुख धार्मिक यात्राएं हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर को एक मंच पर आकर धार्मिक यात्राओं को आयोजित करने के अनुभवों को साझा करना चाहिए ताकि और अच्छे ढंग से इन यात्राओं का संचालन किया जा सके। उन्होंने आपदाओं से निपटने में उत्तराखंड सरकार और यूएसडीएमए के प्रयासों की सराहना की। कहा, जिस तरह से सिलक्यारा टनल हादसे में आपदा प्रबंधन विभाग ने कार्य किया, वह बहुत सराहनीय है।

सभी विभागों के बीच आपसी सामंजस्य जरूरी

इंडियन कोस्ट गार्ड के पूर्व डीजी तथा एनडीएमए के सदस्य राजेंद्र सिंह ने कहा कि आपदाओं से निपटने के लिए सभी विभागों के बीच आपसी सामंजस्य होना जरूरी है। चारधाम यात्रियों को सभी जरूरी जानकारियां दी जानी चाहिए। सभी संबंधित विभागों को एसओपी बनानी चाहिए ताकि उनका पालन कर तीर्थयात्री एक सुरक्षित माहौल में अपनी यात्रा कर सकें। उन्होंने तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए आपदा मित्रों की मदद लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि वे आज दिल्ली में उत्तराखंड में वनाग्नि को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक में शिरकत कर रहे हैं और एनडीएमए लगातार उत्तराखंड में जल रहे जंगलों की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। राज्य को इससे निपटने के लिए हर तरह की सहायता प्रदान की जाएगी।

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास तथा यूएसडीएमए डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि उत्तराखंड के लिए चारधाम यात्रा का महत्व काफी बड़ा है। यह आस्था के साथ-साथ तीर्थाटन, पर्यटन तथा आर्थिकी का आधार भी है। यूएसडीएमए का उद्देश्य चारधाम यात्रा को पूरी तरह से सुरक्षित बनाना है। इन्हीं तैयारियों को 2 मई को प्रस्तावित मॉक ड्रिल के जरिये परखा जाएगा और अगर कहीं कोई गैप रहेगा तो तुरंत उसे दूर किया जाएगा।

इस मौके पर एनडीएमए वरिष्ठ सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल, कर्नल नदीम अरशद (अप्रा), कर्नल केपी सिंह, सचिव पंकज कुमार पांडेय, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रशासन) यूएसडीएमए आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (परिचालन) यूएसडीएमए/ डीआईजी राजकुमार नेगी, आईजी गढ़वाल करन सिंह नगनयाल, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. ओबैदुल्लाह अंसारी, अधिशासी निदेशक यूएसडीएमए डॉ. पीयूष रौतेला के साथ ही अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

शैडो एरिया में नेटवर्क को मजबूत करें

सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बीएसएनएल को निर्देश दिए कि चारधाम यात्रियों की सुविधा तथा किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए शैडो एरिया, जहां नेटवर्क या कनेक्टिविटी की दिक्कत है, वहां इसका समाधान किया जाए। उन्होंने बीआरओ के प्रतिनिधियों से कहा कि जोशीमठ स्थित ज्वाइंट कंट्रोल रूम में बेहतर समन्वय के लिए बीआरओ से किसी कर्मचारी की तैनाती की जाए। उन्होंने कहा कि बीआरओ, एनएच, लोक निर्माण विभाग आदि विभागों को स्पष्ट होना चाहिए कि सड़क का कौन सा हिस्सा किसके पास है ताकि रोड ब्लॉक होने पर भ्रम की स्थिति कतई न रहे।

जिलों ने बताया, तैयार हैं हम

टेबल टॉप एक्सरसाइज में सभी जिलों ने आगामी चारधाम यात्रा तथा मॉक ड्रिल को लेकर अपनी तैयारियों का खाका पेश किया। बीकेटीसी से रमेश रावत ने बताया कि यात्रा के सुगम संचालन के लिए भूतपूर्व सैनिकों तथा स्वयं सेवकों की सहायता ली जा रही है। सीडीओ चमोली अभिनव शाह ने बताया कि इस बार पांडुकेश्वर में ही यात्रियों का पंजीकरण और जांच की जा रही है। पहले यह बदरीनाथ धाम में ही होती थी, जिससे धाम में जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती थी। इस बार व्यवस्था में परिवर्तन किया गया है। जिलाधिकारी उत्तरकाशी मेहरबान सिंह बिष्ट, रुद्रप्रयाग के अपर जिलाधिकारी श्याम सिंह राणा, देहरादून की सीडीओ झरना कमठान के अलावा मौसम केंद्र, देहरादून, एनडीआरएफ, एयर फोर्स, यूटीडीबी, बीआरओ, पीडब्ल्यूडी आदि विभागों के अफसरों ने चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर अपना प्लान पेश किया।

एनडीएमए ने परखी जिलों की तैयारियां

टेबल टॉप एक्सरसाइज के जरिये एनडीएमए के वरिष्ठ सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने चारधाम यात्रा को लेकर जिलों की तैयारियों को परखा। उन्होंने यात्रा के दौरान भगदड़, चारधाम यात्रियों को मेडिकल इमरजेंसी, बस दुर्घटना, बाढ़, भूस्खलन, मौसम संबंधी एलर्ट मिलने पर कैसे राहत और बचाव कार्य किए जाएंगे, इसे लेकर जिलों की कार्ययोजना की समीक्षा की।

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उत्तराखंड बोर्ड का 10वीं और 12वीं का रिजल्ट जारी, 10वीं में 89.14 और 12वीं में 82.63 प्रतिशत बच्चे हुए पास https://hillmail.in/uttarakhand-boards-10th-and-12th-results-released-89-14-percent-students-passed-in-10th-and-82-63-percent-in-12th/ https://hillmail.in/uttarakhand-boards-10th-and-12th-results-released-89-14-percent-students-passed-in-10th-and-82-63-percent-in-12th/#respond Tue, 30 Apr 2024 07:11:39 +0000 https://hillmail.in/?p=49096 उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं का परीक्षा परिणाम घोषित हो गया है जिसमें कुल 1 लाख 12 हजार 377 छात्रों ने परीक्षा दी और जिसमें 1 लाख 179 छात्रों ने परीक्षा पास की है। 12वीं में 92 हजार 20 छात्रों ने परीक्षा दी जिनमें 76 हजार 39 छात्र परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं। 10वीं का परीक्षा परिणाम 89.14 प्रतिशत और 12वीं का परीक्षा परिणाम 82.63 प्रतिशत रहा।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर सिंह रावत ने रिजल्ट घोषित किया। परीक्षा में शामिल स्टूडेंट्स यूके बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट ubse.uk.gov.in और uaresults.nic.in पर जाकर अपना रिजल्ट देख सकते हैं।

जीआईसी गंगोलीहाट की 10वीं की विद्यार्थी प्रियांशी रावत ने 500 में से 500 अंक हासिल किये और वह टॉप पर रही। रुद्रप्रयाग के शिवम मलेठा ने दूसरा स्थान तथा पौड़ी गढ़वाल की आयुष ने तीसरा स्थान हासिल किया है।

इंटरमीडिएट की परीक्षा में अल्मोड़ा के पीयूष खोलिया ने पहले स्थान पर बाजी मारी। वहीं, दूसरे स्थान पर रुद्रप्रयाग के अंशुल नेगी व तीसरा स्थान पर ऋषिकेश के हरीश चंद्र बिजल्वाण रहे।

 

 

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डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जारी की 20 बिन्दुओं की गाइडलाइन https://hillmail.in/health-department-issued-20-point-guidelines-regarding-dengue-and-chikungunya/ https://hillmail.in/health-department-issued-20-point-guidelines-regarding-dengue-and-chikungunya/#respond Tue, 30 Apr 2024 06:05:49 +0000 https://hillmail.in/?p=49088 सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार लगातार डेंगू व चिकनगुनिया रोकथाम के लिए लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के सुझाव पर स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू व चिकनगुनिया मरीजों के उपचार व रोकथाम के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा विगत वर्षों से डेंगू व चिकनगुनिया रोग राज्य में एक प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में परिलक्षित हो रहा है। डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग का वेक्टर एडिज मच्छर है।

जुलाई से नवम्बर माह तक का समय डेंगू वायरस के संक्रमण के लिये अनुकूल होता है। डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग एक मच्छर जनित रोग है जो कि कूलर, फूलदान, गमले, खुली पानी की टंकी, पुराने टायर, एकत्रित कबाड, इत्यादि में जमा पानी में पैदा होते हैं। डेंगू रोग के रोकथाम के लिए जन सहभागिता अत्यन्त आवश्यक है।

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग की समुचित रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु अन्य समस्त विभागों की भी महत्वपूर्ण भागीदारी होती है। समस्त विभागों द्वारा डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु उनके द्वारा की जाने वाली गतिविधियां समयान्तर्गत की जायें। डेंगू मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए की जाने वाली समस्त गतिविधियां समस्त विभाग निरन्तर करते रहें ताकि डेंगू के मच्छर को पनपने से रोका जा सकें और इसकी सूचना जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरन्तर प्राप्त की जाए।

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग पर रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु ब्लाक वार माइक्रो प्लान बनाकर कार्यवाहिया करना सुनिश्चित करें व उक्त माइक्रो प्लान राज्य एनवीबीडीसीपी यूनिट को प्रेषित किये जायें। नगर निगमों द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया जाये ताकि डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।

स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग की समुचित रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु अन्य समस्त विभागों की भी महत्वपूर्ण भागीदारी होती है। समस्त विभागों द्वारा डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु उनके द्वारा की जाने वाली गतिविधियां समयान्तर्गत की जायें।

1. डेंगू मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए की जाने वाली समस्त गतिविधियां समस्त विभाग निरन्तर करते रहें ताकि डेंगू के मच्छर को पनपने से रोका जा सकें और इसकी सूचना जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरन्तर प्राप्त की जाए।

2. डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग पर रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु ब्लाक वार माइक्रो प्लान बनाकर कार्यवाहिया करना सुनिश्चित करे व उक्त माइक्रो प्लान राज्य एनवीबीडीसीपी यूनिट को प्रेषित किये जायें।

3. नगर निगमों द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया जाये ताकि डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।

4. डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग पर नियंत्रण हेतु लार्वा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्शन) एक कारगर व उपयुक्त उपाय है, जिसके लिए नगर निगम/नगर पालिका आशा कार्यकत्री व अन्य विभागों के सहयोग से टीमें बनाकर क्षेत्र में कार्यवाही की जाए।

5. डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग को महामारी का रूप लेने से रोकने के लिए नगर निगम/नगर निकाय द्वारा आवश्यकतानुसार फॉगिग की जाये।

6. जनजागरूकता व जनसहभागिता हेतु आईईसी संसाधनो का समुचित्त व समयान्तर्गत उपयोग करें।

7. डेंगू एवं चिकनगुनिया रोकथाम हेतु स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों जैसे नगर निगम, शिक्षा विभाग, ग्राम्य एवं शहरी विकास, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, लोक निर्माण, जल संस्थान, जल निगम आदि के सहयोग व अंतर्विभागीय समन्वय हेतु जनपद स्तर पर बैठकों का समय से आयोजन किया जाए व उनके कार्यवृत्त राज्य एनवीबीडीसीपी यूनिट को प्रेषित किये जायें।

8. डेंगू के उपचार एवं नियंत्रण हेतु भारत सरकार की गाईडलाइन “National Guidelines for Clinical Management of Dengue fever” (संलग्न) को समस्त राजकीय एवं निजी चिकित्सालायों/चिकित्सकों को आवश्यक कार्यवाहियों हेतु उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

9. जनपदों के चिकित्सालयों (जिला/बेस व मेडिकल कालेज) में भारत सरकार की गाईडलाइनके अनुसार आवश्यक कार्यवाही जैसे पृथक डेंगू आईसोलेशन यार्डतैयार करमच्छरदानी (LLIN) युक्त पर्याप्तबेड की उपलब्धता, Standard Case Management आदि सुनिश्चित करें एवं डेंगू आइसोलेशन वार्ड के लिए नोडल अधिकारी नामित करें।

10. डेंगू एवं चिकनगुनिया रोगियों के समुचित प्रबन्धन हेतु अपने जनपद में चिकित्सा केन्द्रों को पूर्ण रूप से कार्यशील रखें व उनमें पर्याप्त स्वास्थ्य मानव संसाधन जैसे चिकित्सक, नर्स आदि की व्यवस्था सुनिश्चित रखें।

11 . डेंगू पीडित गम्भीर रोगियों (DHF/DSS) हेतु Platelets की उपलब्धता सुनिश्चित करें।

12. डेंगू जांच केन्द्रो में समय से आवश्यक सामग्री जैसे ELISA जांच किट व अन्य जांच सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये।

13. डेंगू रोगियों की शुरूआती चरण में पहचान हेतु, फीवर सर्वे किये जायें, लक्षणों के आधार पर डेंगू रोग की संदिग्धता होने पर जांच की जाये।

14. डेंगू एवं चिकनगुनिया रोगी पाये जाने की स्थिति में रोगी के घर के आस-पास लगभग 50 घरों की परिधि में आवश्यक रूप से Space/ Focal Spray कराने के साथ साथ जनपदीय आरआरटी द्वारा क्षेत्र में सघन फीवर सर्विलेन्स एवंलार्वा निरोधात्मक कार्यवाहियां (सोर्स रिडक्शन) कराएँ।

15. डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग की रोकथाम के लिए आम जनमानस का सहयोग अत्यन्त आवश्यक है व जन जागरूकता ही एक कारगर उपाय है। अतः आप अपने स्तर से प्रभावी प्रचार प्रसार करवायें। प्रचार प्रसार सामग्री की सापट प्रति संलग्न।

16. स्वास्थ्य विभाग व आईएमए प्रतिनिधियों / निजी चिकित्सालयों/पैथोलोजी लैबों के मध्य समन्वय बैठक (CME Meeting/Workshop) की जाये ताकि आमजन में डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग के प्रति व्यापत भ्रान्ति/भय को दूर किया जा सके। दृष्टिगत जनपद स्तर पर जिला कार्ययोजना मे भी

17 . किसी भी प्रकार की आकस्मिक / आपातकालीन आवश्यकता के डेंगू के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान किया जाये।

18. मीडिया को डेंगू एवं चिकनगुनिया सम्बन्धित संवेदनशील सूचनायें व सकारात्मक जानकारी सम्बोधित करने हेतु जनपद स्तर पर स्वास्थ्य विभाग के किसी एक अधिकारी को Media Spokes person अधिकृत किया जाये।

19. जनमानस को डेंगू सम्बन्धित जागरूकता एवं समुचित जानकारी प्रदान करने के लिये राज्य मुख्यालय पर Integrated Helpline क्रियाशील है जिसका टोल फ्री नं० 104 है। इसी प्रकार जनपद स्तर पर डेंगू के संक्रमण काल (माह जून से नवम्बर तक) के दौरान कन्ट्रोल रूम स्थापित कर उक्त दूरभाष न० से राज्य एनवीबीडीसीपी यूनिट को अवगत करायें।

20. डेंगू एवं चिकनगुनिया की दैनिक रिर्पोट (केस शून्य होने पर भी) संलग्न प्रारूप पर सायं 4:00 बजे तक नियमित रूप से राज्य स्तर पर E-mail- uknvbdcp@gmail.com पर भेजना सुनिश्चित करें। अतः उपरोक्तानुसार समयबद्ध कार्यवाही कर, कृत कार्यवाही से अधोहस्ताक्षरी को अवगत कराना सुनिश्चित करें।

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सीएम धामी ने अधिकारियों को दिए निर्देश, चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाएं https://hillmail.in/cm-dhami-gave-instructions-to-the-officials-all-arrangements-should-be-completed-before-the-start-of-chardham-yatra/ https://hillmail.in/cm-dhami-gave-instructions-to-the-officials-all-arrangements-should-be-completed-before-the-start-of-chardham-yatra/#respond Fri, 26 Apr 2024 13:20:22 +0000 https://hillmail.in/?p=49052 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों की बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले यात्रा मार्गों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। चारधाम यात्रा से जुड़े सभी विभागों के सचिव यात्रा मार्गों का स्थलीय निरीक्षण कर सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा की सभी तैयारियों को लेकर साप्ताहिक समीक्षा बैठक की जाए। चारधाम यात्रा में यातायात प्रबंधन और कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए डीजीपी को भी चारधाम यात्रा से पूर्व स्थलीय निरीक्षण के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं। बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा मार्ग पर जग्ह-जगह प्राईवेट हेल्थकेयर टेस्टिंग किट की व्यवस्था की जायेगी।

प्लास्टिक और कूड़ा प्रबंधन के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की जाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की चारधाम यात्रा देश-दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए आस्था के प्रमुख केन्द्र हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि देवभूमि उत्तराखंड का अच्छा संदेश देश और दुनिया तक जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि यात्रा मार्गों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। प्लास्टिक और कूड़ा प्रबंधन के लिए चारधाम यात्रा से जुड़े जनपदों के जिलाधिकारियों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा धनराशि उपलब्ध कराई जाए।

घोड़े और खच्चर चालकों का किया जायेगा वेरिफिकेशन

चारधाम यात्रा के लिए घोड़ा और खच्चर चालकों का वेरिफिकेशन कराया जाए। तथा सभी का पुलिस और आपराधिक रिकॉर्ड चेक कर लिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि जो भी घोड़े और खच्चर चारधाम यात्रा में लगाये जाएं उनका स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही पंजीकरण किया जाए। घोड़े और खच्चरों के लिए गर्म पानी की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय।

श्रद्धालुओं से शालीनतापूर्ण व्यवहार किया जाए

मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा मार्गों पर विद्युत, पेयजल और सड़कों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यात्रा मार्गों पर जगह-जगह बने शौचालयों को दुरस्त किया जाए एवं महिलाओं के लिए पृथक शौचालय की व्यवस्था की जाए। चारधाम यात्रा से जुड़े सभी अधिकारी और कर्मचारी शालीनता एवं सहनशीलता का परिचय दें, यह सुनिश्चित किया जाए कि श्रद्धालुओं के साथ अभद्रता न हो। यात्रा ड्यूटी में तैनात सुरक्षाकर्मी अलर्ट मोड पर रहें। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक छह घंटे के बाद सुरक्षा में तैनात कर्मियों को आराम दिया जाए। यात्रा में आने वाले वाहन चालकों के रहने और सोने की उचित व्यवस्था की जाए। यह भी प्रयास हो कि चारधाम यात्रा में जाने वाले वाहनों में दो-दो वाहन चालकों की व्यवस्था हो। वाहनों की फिटनेस का विशेष ध्यान रखा जाए।

सूचना तंत्र मजबूत किया जाए

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा के कुशल प्रबंधन के लिए सभी विभाग अलर्ट मोड पर रहें। श्रद्धालुओं को मौसम से संबंधित जानकारी, यातायात प्रबंधन और अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी समय पर प्राप्त हो, इसके लिए श्रद्धालुओं को आवश्यक सूचनाएं ससमय प्राप्त हो इसके लिए सोशल मीडिया का बेहतर प्रयोग किया जाए। होटल, गेस्ट हाउस एवं होम स्टे में चारधाम यात्रा संबंधित निर्देशिका विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। इस निर्देशिका में चारधाम के साथ ही अन्य पर्यटक स्थलों की जानकारी भी विस्तृत रूप से दी जाए।

10 मई 2024 को श्री केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे जबकि 12 मई 2024 को श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। अभी तक चारधाम यात्रा के लिये 15 लाख से अधिक श्रद्धालु ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन करा चुके है।

अलर्ट मोड पर रहें अधिकारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इस समय चारधाम यात्रा के साथ ही वनाग्नि को रोकना महत्वपूर्ण विषय है। उन्होंने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए वन विभाग के अलावा अन्य विभाग भी अलर्ट मोड पर रहें। वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए सूचना तंत्र और मजबूत किया जाए। क्विक रिस्पांस टाईम कम से कम किया जाए। वनाग्नि पर प्रभावी रोकथाम के लिए स्थानीय स्तर पर लोगों का सहयोग लिया जाए।

बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, शहरी विकास मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल, बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. रंजीत सिन्हा, डॉ. आर. राजेश कुमार, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी एवं चारधाम यात्रा से जुड़े विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और वर्चुअल माध्यम से संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

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