नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में 09 मार्च से 05 अप्रैल 2024 तक इस कोर्स का आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है कि जनपद चमोली की विकट भौगोलिक परिस्थिति एवं आपदाओं के प्रति संवेदनशीलता के दृष्टिगत चमोली जिला प्रशासन द्वारा वर्ष 2023 में जनपद आपदा मोचन दल (डीडीआरएफ) का गठन किया गया।
जनपद आपदा मोचन दल के 26 सदस्यों को यह दल 10 से 29 जुलाई 2023 तक 15वीं वाहिनी राष्ट्रीय आपदा मोचन दल, गदरपुर, उधम सिंह नगर में 21 दिवसीय प्रशिक्षण पहले ही पूरा कर चुका है।
इस दल ने विगत मानसून अवधि में आपदा प्रबंधन कार्यों में उत्कृष्ट योगदान किया।
]]>सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पुरोला में भारी जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि सैकड़ों वर्षों से भगवान श्री राम का मंदिर नहीं बन पाया आज मोदी जी ने विशाल मंदिर का निर्माण करवा दिया। वहीं जम्मू कश्मीर में धारा 370 जैसे धारा को हटा दिया ये सब आप लोगों के वोट की तागत थी जिसे मोदी जी ने करके दिखाया।
उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए और तीसरी बार मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाने की अपील की। जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए टिहरी लोकसभा से पार्टी प्रत्याशी माला राज्य लक्ष्मी शाह जी के पक्ष में मतदान करने की अपील की।
मुख्यमंत्री की सभा को सफल बनाने के लिए पुरोला विधानसभा के प्रभारी लोकेंद्र सिंह बिष्ट पिछले 4 दिनों से क्षेत्र में डेरा डाले रहे। मुख्यमंत्री के रोड शो और चुनावी रैली को सफल बनाने के लिए बीजेपी जिला संगठन, मंडलों के अध्यक्ष और खासकर स्थानीय विधायक दुर्गेश्वर लाल ने खूब पसीना बहाया।
आज के रोड शो और चुनावी रैली में कार्यक्रम के दौरान मंच पर भाजपा जिलाध्यक्ष सत्येन्द्र राणा, विधायक दुर्गेश्वर लाल, राज्य मंत्री बागवानी राजकुमार, पूर्व विधायक केदार सिंह रावत, पूर्व विधायक मालचंद, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष श्याम डोभाल, लोकसभा के संयोजक रमेश चौहान, पुरोला विधानसभा के प्रभारी लोकेंद्र सिंह विष्ट, पूर्व अनुसूचित जाति आयोग सदस्य डा. स्वराज विद्वान, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष नारायण सिंह चौहान, मोरी प्रमुख बचन पंवार, पूर्व प्रमुख सुलोचना गौड़, जिला महामंत्री पवन नौटियाल, अमित चंद शाह, सहित हजारों लोग मौजूद रहे।
जनसभा के बाद पुरोला की प्रमुख ने बीजेपी की सदस्यता ली। इसी के साथ क्षेत्र के 500 जनप्रतिनिधियों और कांग्रेसियों ने बीजेपी का दामन थाम।
]]>लोकसभा चुनाव के लिए जहां विरोधी पार्टी प्रत्याशी घोषित करनें में देरी कर चुकी है। वहीं भारतीय जनता पार्टी और पार्टी कार्यकर्ताओं नें लोकसभा चुनाव की तैयारी 90 प्रतिशत पूरी कर दी है।
भारतीय जनता पार्टी के अलग-अलग शक्ति केंद्रों पर मां भारती, हेडगेवारजी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय के छायाचित्रों पर दीप प्रज्ज्वलित कर बैठक और चुनाव का शुभारंभ किया।
बैठक में शक्ति केंद्रों के प्रभारी, संयोजक व बूथ अध्यक्ष, पन्ना प्रमुख एवं कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। साथ ही बुजुर्गों, युवाओं, महिलाओं व हर एक मतदाताओं को प्रधानमंत्री मोदी जी और उनके द्वारा किए गए एतिहासिक कार्यों की जानकारी दी। शक्ति केंद्रों में वंदे मातरम्, मोदी, धामी, रानी के नामों के साथ भारत माता के जयकारे लगाए ।
पुरोला विधानसभा प्रभारी लोकेंद्र सिंह बिष्ट नें पांच मंडलों के अलग-अलग गांवों के शक्ति केंद्रों भितरी, दणगाणगांव, खरसाड़ी पुजेली, नौगांव, चंदेली, बरनीगाड़ के शक्ति केंद्रों में बीजेपी के कर्मठ कार्यकर्ताओं के साथ हर एक वोट को साधकर बूथ को मजबूत बनानें का संदेश दिया।
टिहरी लोकसभा चुनाव के पुरोला विधानसभा प्रभारी के साथ शक्ति केंद्र दौरे में जिला उपाध्यक्ष चमन रावत, मंडल प्रभारी जयचंद रावत, मंडल अध्यक्ष मोरी ईशवन पंवार, मंडल अध्यक्ष सांकरी दर्शन रावत, मंडल अध्यक्ष बर्नीगाड़ दिनेश नौटियाल, मंडल अध्यक्ष नौगांव संदीप असवाल, पुरोला मंडल अध्यक्ष जगमोहन पंवार, मोरी मीडिया प्रभारी दर्शन पंवार, पुलम पंवार, ओबीसी मोर्चे के उपाध्यक्ष रघुवीर रावत, पवन चौहान, शक्ति केंद्र प्रभारी अनिल राणा, पूर्व प्रधान बलबीर राणा, चतर सिंह राणा, किसान मोर्चे के सुरेश चौहान, वर्तमान प्रधान देवेंद्री चौहान, महामंत्री सांकरी बलबीर पंवार, किसान मोर्चा अध्यक्ष केदार सिंह रावत आदि मौजूद रहे।
]]>इस अवसर पर सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि आज भारत विश्व का अग्रणी देश बनने की ओर अग्रसर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हम उत्तराखंड में विकास के नए आयाम स्थापित कर रहे हैं।
सर्वप्रथम मैं आप सब लोगों को बधाई देना चाहती हूं, और केंद्र सरकार का धन्यवाद देना चाहती हूं कि यमुनोत्री धाम आने वाले मुख्य मार्ग को ऑल वेदर रोड में सम्मिलित किया गया। यमुना घाटी के समस्त क्षेत्र को मोबाइल नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है।
आज हम विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। जल्द ही हमारा स्थान तीसरे नंबर पर होने जा रहा है। आज प्रधानमंत्री मोदी, गांव, गरीब, किसान, वंचित सभी की चिंता कर रहे हैं। उनके द्वारा संचालित की गई गरीब जनकल्याणकारी योजनायें आम जनमानस को लाभान्वित कर रही हैं।
उज्ज्वला योजना हमारे पहाड़ की महिलाओं के आंखों को धुएं से मुक्ति दिला रही है। आज हमारी बहने, माताएं घरों में गैस चूल्हे पर आराम से भोजन बना रही हैं। यह भी मोदी जी के कारण ही सम्भव हो पाया है। प्रधानमंत्री अंत्योदय योजना के अंतर्गत हर गरीब को राशन मिल रहा है।
आज हर गरीब का अपना पक्का मकान बन रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाखों की संख्या में गरीब लाभान्वित हो रहे हैं। जन – धन योजना से करोड़ो लोगों के बैंक खाते खुल चुके हैं। जिससे केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति के खाते में जा रहा है, किसान सम्मान योजना प्रत्येक परिवार को प्रदान की जा रही है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत गांव – गांव में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। उत्तराखंड के सीमांत गांव को भी मोबाइल नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत हर घर जल, हर घर नल से पानी पहुंचाने का काम किया जा रहा है। यमुनोत्री धाम में भक्तों की सुगम यात्रा हेतु रोपवे के निर्माण की अनुमति प्रदान की गई है।
मोरी नैटवाड 60 मेगावाट बांध परियोजना पूर्ण रूप से संचालित की जा रही है। दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तीव्र गति से गतिमान है। डोईवाला से गंगोत्री, खरादी, यमुनोत्री रेल लाइन की डीपीआर कार्य पूर्ण हो चुका है और इसी क्रम में मोदी गारंटी से प्रत्येक व्यक्ति को लाभांवित किया गया है, किया जा रहा है, किया जायेगा।
मेरा यमुना घाटी की समस्त जनता से अनुरोध है की मोदी की गारंटी के साथ मोदी के संकल्प के साथ एक श्रेष्ठ भारत का निर्माण हम सबको करना होगा।
इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, भाजपा जिला अध्यक्ष सतेंद्र राणा, विधायक दुर्गेश्वर लाल, विधायक सुरेश चौहान, विधायक संजय डोभाल, मीडिया प्रभारी भाजपा मनवीर चौहान एवं अन्य लोग मौजूद रहे।
]]>भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू कश्मीर से एक कार्यक्रम में प्रतिभाग के दौरान देश के विभिन्न केन्द्रीय विद्यालयों सहित जनपद टिहरी के जिला मुख्यालय स्थिति 36 करोड़ 2 लाख रुपये की लागत के केन्द्रीय विद्यालय न्यू टिहरी टाउन के स्थायी भवन का आभासी माध्यम से शिलान्यास किया। केन्द्रीय विद्यालय प्रांगण नई टिहरी में कार्यक्रम का शुभारम्भ टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह द्वारा द्धीप प्रज्जवलित किया गया। इसके उपरान्त उन्होने केन्द्रीय विद्यालय न्यू टिहरी टाउन के स्थायी भवन का भौतिक रुप से शिलान्यास किया।
शिलान्यास कार्यक्रम में सांसद टिहरी ने उपस्थितों को सम्बोधित करते हुए कहा कि 36 करोड की लागत से 4.01 एकड ़(1.625 है0) लागत से बनने जा रहे केन्द्रीय विद्यालय न्यू टिहरी टाउन के स्थायी भवन का देश के प्रधानमंत्री के करकमलों द्वारा शिलान्यास किया जाना गर्व की बात है। उन्होने कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों व अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के करकमलों द्वारा केवी के स्थायी भवन का शिलान्यास होना मोदी की गारण्टी एक छोटा सा हिस्सा है।
उन्होने कहा कि आगे भी इसी प्रकार से शिक्षण संस्थाओं के निर्माण के साथ-साथ पढाई की गुणवत्ता को बेहतर करने के कार्य निरंतर जारी रहेंगे। उन्होने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जनपद एक नये-नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। कहा कि केन्द्र सरकार शिक्षण संस्थाओं के बुनियादी ढांचों में लगातार सुधार कर रही है। उन्होने कहा कि विद्यालयों में छात्रों को इतिहास के साथ-साथ सामान्य ज्ञान को पढ़ाये जाने की आवश्यकता है। ताकि इस तकनिकी युग में छात्रों को स्थानीय स्तर पर महान विभूतियों के त्याग, बलिदान, भौतिकी व संस्कृति विरासत के बारें में परिचत जानकारी हो सके।
माला राज्य लक्ष्मी शाह ने कहा है कि मोदी गारंटी का यह एक संकल्प है, प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं की आने वाली पीढ़ी का भविष्य उज्जवल हो, और उन्हें गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा प्रदान की जा सके ताकि एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण किया जा सके।
केंद्रीय विद्यालय नई टिहरी की छात्राओं द्वारा लोक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी गई। सांसद द्वारा बच्चों का उत्साह वर्धन किया गया एवं परीक्षाओं के लिए बच्चों को लगन और मेहनत के साथ तैयारी करने के लिए प्रेरणा और आशीर्वाद प्रदान किया गया।
स्थानीय विधायक किशोर उपाध्याय ने अपने संबोधन में कहा कि केवी के स्थायी भवन के बनने से पठन-पाठन सहित अन्य शिक्षण गतिविधियों को प्रभावी रुप से क्रियान्वित करने में मदद मिलेगी। कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार शिक्षण संस्थानों के सुदृडीकरण के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता पर भी निरंतर कार्य कर रही है, जिसके चलते जनपद के प्रतिभावान युवा विभिन्न क्षेत्रों में उंचो पदों को सुशोभित कर रहे हैं।
]]>टिहरी राजदरबार नरेंद्रनगर में आज प्रातः से कपाट खुलने की तिथि घोषित करने के लिए कार्यक्रम शुरू हुआ। महाराजा मनुजयेंद्र शाह, सांसद रानी माला राज्यलक्ष्मी शाह सहित श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय, राजकुमारी शिरजा शाह की उपथिति में पंचांग गणना पश्चात राजपुरोहित आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल ने तिथि तय कर महाराजा के सम्मुख रखी तत्पश्चात महाराजा मनुजयेंद्र शाह ने कपाट खुलने की तिथि की विधिवत घोषणा की इस दौरान राजमहल परिसर जय बदरी विशाल के उद्घोष से गूंज उठा।
इससे पहले श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पदाधिकारी – सदस्यों ने तेल कलश राजदरबार के सुपुर्द किया। इसी कलश में राजमहल से तिलों का तेल पिरोकर 25 अप्रैल तेलकलश यात्रा राजमहल से शुरू होकर कपाट खुलने की तिथि पर भगवान बद्रीविशाल के अभिषेक हेतु श्री बद्रीनाथ धाम पहुंचेगी।
इस अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय होते ही यात्रा की तैयारियों शुरू कर दी गयी है। मंदिर समिति आगामी बजट में यात्री सुविधाओं हेतु पर्याप्त बजट प्रावधान करेगी। उन्होंने श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय के अवसर पर सबको बधाई दी है।
कपाट खुलने की तिथि तय होने के अवसर मुकुंदानंद महाराज डिमरी पंचायत अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, मंदिर समिति सदस्य वीरेंद्र असवाल, श्रीनिवास पोस्ती, पुष्कर जोशी भास्कर डिमरी, राजपाल जड़धारी, हरीश डिमरी, विनोद डिमरी, सुरेश डिमरी, मुख्यकार्याधिकारी योगेंद्र सिंह, अनुसचिव धर्मस्व रमेश रावत, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, निजी सचिव प्रमोद नौटियाल, मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, माधव नौटियाल, संजय डिमरी, ज्योतिष डिमरी आदि मौजूद रहे।
]]>आज बसंत पंचमी है। किसानों के लिए भी यह ऋतु बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। किसानों के सरसों के खेत बसंत ऋतु में फूलों से खिले हुए होते हैं। हमारे उत्तरकाशी के अठाली गांव के विशाल खेतों में आजकल सरसों के पीले फूलों से महक रहा है। सरसों के पीले पीले सुन्दर फूल इस ऋतु को और भी मनमोहक बना देते हैं। किसान की कई फसलें जैसे मक्का, धनिया, मसूर आदि इस ऋतु में तैयार हो जाती हैं।
माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी या पांचवी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस बार बसंत पंचमी आज 14 फरवरी को मनाई जा रही है। बसंत की शुरुआत इस दिन से होती है। इसको बुद्धि, ज्ञान और कला की देवी सरस्वती की पूजा-आराधना के दिन के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है।
बसंत ऋतु वर्ष की एक ऐसी ऋतु है जिसमें वातावरण का तापमान प्रायः सुखद रहता है। भारत में यह फरवरी से मार्च तक होती है। बसंत पंचमी या श्री पंचमी हिन्दू त्यौहार है। यह पूजा पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनायी जाती है। लोग इस दिन पीले वस्त्र धारण करते हैं।
बसंत भारतीय बसंत को दर्शाता है, जो भारतीय समाज में एक सांस्कृतिक और धार्मिक त्योहार है, जिसे बसंत के पहले दिन, हिंदू महीने के पांचवें दिन (पंचमी) मनाया जाता है। बसंत ऋतु खुशी, उत्सव और नई शुरुआत का मौसम है। यह एक ऐसा मौसम है जो नए सिरे से शुरुआत करने का प्रतीक है। बसंत हमें और हमारे आस-पास के वातावरण को फिर से जागृत करता है। सब कुछ वापस जीवन में लाता है। रंग-बिरंगे फूल, उत्सव और प्रकृति में प्रचुर विकास जीवन के चक्र का प्रतीक हैं।
बसंत ऋतु में प्रकृति का एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है। इस मौसम में प्रकृति बहुत ही खुबसूरत अंदाज़ में देखने को मिलती है। ऐसा लगता है जैसे चारो तरफ प्रकृति में ख़ुशी का माहौल है। बसंत ऋतु में प्रकृति को देखने में बहुत आनंद मिलता है क्योंकि इस समय प्रकृति अपनी छटा वखेरे हुए होती है। पेड़ पौधे नए पत्तो व फूलों से सजने लगते है।
आम के पेड़ों पर इसी मौसम में बौर आता है जो आम का एक तरह का फूल ही होता है। इससे आम के पेड़ पूरी तरह लधे होते हैं और देखने में यह बहुत ही ज्याद खुबसूरत लगते हैं। आम के पेड़ो पर जब बौर आता है तो इन पेड़ों की कुछ पत्तियां भी नई आने लगती है जो इसकी सुन्दरता को और बढ़ा देती है। इसके साथ साथ इस आम के बौर में से मीठी मीठी सुगंध भी आती है जो प्रकृति में और चार चाँद लगा देती है।
बसंत ऋतु का अन्य ऋतुओं के अलावा हमारे जीवन में एक अलग ही योगदान है। इस ऋतु में जहां हमें अधिक शर्दी से छुटकारा मिलता है तो वहीं इस ऋतु में अधिक गर्मी का भी सामना नहीं करना पड़ता है। मौसम इतना शानदार होता है जैसे मानो दिल करता है कि यह मौसम कुछ दिन और रहे। लेकिन प्रकर्ति का यह नियम है के मौसम हमेशा एक जैसा नहीं रहता है।
बसंत पंचमी बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाई जाती हैं। और फिर होली का रंग विरंगा त्योहार भी इसी ऋतु में आता है। जिस तरह पेड़ पौधे अपने आप को रंग विरंगे फूलों से सजा लेते हैं उसी तरह लोग भी इसी ऋतु में होली के सुभ अवसर पर अपने आप को रंग लेते हैं।
बसंत ऋतु का सीधा सम्बन्ध प्रकृति से है। क्योंकि प्रकृति बसंत ऋतु में एक अलग ही अंदाज़ में दिखाई देती है। इन दिनों में हवाएं एकदम मस्त होते हुए चलती हैं। बागों में कोयल अपनी मधुर वाणी में कू कू करती है। इस सुहावने मौसम में कोयल की बोली कानों में मधुर रस घोलती है।
बागों में पेड़ो पर नई नई पत्तियां आई हुई होती हैं जो देखने में बहुत अच्छी लगती हैं। बसंत ऋतु में इसीलिए वागों में जाना वहाँ की सैर करना बहुत अच्छा लगता है। बसंत ऋतु में घर से बाहर निकलना, घूमना फिरना बहुत अच्छा लगता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर होते है। और मन को शांति भी मिलती है।
लेकिन इस मौसम में कुछ स्वास्थ्य से सम्बंधित नुकसान भी होते हैं। जैसे कि इस ऋतु में सर्दी ख़त्म होने को होती है और गर्मी का मौसम आने के लिए तैयार होता है। तो इस दौरान बदलते मौसम के चलते हमारा स्वास्थ्य थोडा बिगड़ सकता है अगर इस पर ध्यान नही दिया जाये । हर बदलते मौसम में हमें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।
बसंत ऋतु सभी ऋतुओं से बेहतर ऋतु मानी जाती है। क्यूंकि इस ऋतु में मौसम बहुत अच्छा होता है। वसंत ऋतु में अधिक गर्मी भी नहीं होती है और अधिक शर्दी भी नहीं होती है। मौसम सामान्य रहता है, इसीलिए बसंत ऋतु को ऋतुराज भी कहा जाता है। यह मौसम शिशिर ऋतु के बाद आता है और मार्च से अप्रैल तक रहता है। इसके बाद शुरू होता है गर्मी का मौसम।
लोकेंद्र सिंह बिष्ट
]]>बर्फ पर्यावरण के लिए, हिमालय के लिए, हिमालय में विद्यमान ग्लेशियरों, नदियों, झरनों, तालाबों, प्राकृतिक जलस्रोतों, जल, जंगलों, जड़ी, बूटियों, फल, फूलों, बुगयालों और यहां की फसलों के लिए वरदान है।
हिमालयी राज्यों खासकर बर्फवारी वाले इलाकों में लोग आदि अनादि काल से जीवन यापन कर रहे हैं, इन इलाकों में रहने वाले लोग जानते हैं कि बर्फवारी के दौरान जीवन यापन कैसे करना है… इन लोगों ने मौसम के हिसाब से इन स्थानों में जीवन गुजर बसर करने की तकनीक ईजाद कर रखी है।
6 महीनों तक भारी बर्फवारी के दौरान माइनस डिग्री को झेलने व बर्फीली हवाओं को मात देने के लिए घरों का निर्माण भी उसी के अनुरूप निर्माण की तकनीकी ईजाद कर रखी है… स्वयं के लिए राशन, खाने पीने, दवा दारू व मवेशियों के लिए चारे पत्ती की माकूल व्यवस्था की हुई रहती है। इतना जरूर है कि उनका आवागमन भले ही बंद हो जाता है लेकिन इसके लिए वे तैयार रहते हैं।
दरअसल पिछले डेढ़ दशक से समूचे विश्व का ऋतुचक्र डगमगा गया है। हिमालयी राज्यों में बर्फवारी जनवरी के बाद शुरू हो रही है जो मार्च तक होती है और यही बर्फबारी हिमालय और उसके पर्यावरण के लिए घातक साबित हो रही है।
हिमालय में तेज़ी से बर्फ पिघलने का दौर जारी है, यहां विधमान ग्लेशियर तेज़ी के साथ पिघल रहे हैं। जिनमें मां गंगा का उद्गम श्रोत गौमुख यानी गंगोत्री ग्लेशियर सबसे तेजी के साथ पिघल रहा है।
समूचे हिमालय में जगह जगह धरती निकल आयी है, दरअसल वर्षभर हिमाच्छादित रहने वाले हिमालय में बर्फ पिघलने की रफ्तार बढ़ गई है, जिसके चलते समूचे हिमालय में जगह जगह जमीन दिखायी देने लग गई है, जनवरी में सूर्य मकर रेखा पर आने से मौसम में गर्माहट आ जाती है उसके बाद फरवरी से लेकर मार्च तक कि बर्फवारी हिमालय के लिए घातक साबित होती है, इस दौरान की बर्फवारी पहले से ही हिमालय में मौजूद बर्फ के लिए घातक होती है। इस दौरान की बर्फवारी पहले से मौजूद बर्फ को भी तेज़ी से पिघलने पिघलाने में सहायक बनती है। हिमालय में विद्यमान ग्लेशियरों के लिए भी जनवरी से लेकर मार्च की बर्फवारी अभिशाप बनकर आती है।
नवम्बर से लेकर दिसंबर की बर्फवारी हिमालय में विद्यमान बर्फ व ग्लेशियरों के लिए कवच का काम करती है। अक्टूबर से लेकर जनवरी तक की ही बर्फवारी से समूचे हिमालय व उसके ग्लेशियरों पर बर्फ की परतें चढ़ाती हैं।
अक्टूबर से लेकर जनवरी मध्य तक की बर्फवारी से ही ग्लेशियरों में एक के बाद एक परत बिछती जाती है, बर्फ की इन्हीं परत दर परतों से ही ग्लेशियरों का निर्माण होता है, और इन्हीं बर्फ की 2 से लेकर 12 फ़ीट मोटाई तक कि मोटी मोटी परतें हिमालय और उसके ग्लेशियरों को मई जून से लेकर सितम्बर तक सुरक्षित रखती हैं।
पिछले डेढ़ दशक से नंबर दिसंबर में बर्फवारी न होने के चलते हिमालय में विद्यमान बर्फ पिघलती रही और परिणाम ये हुआ कि हिमालय जगह जगह बर्फ से वीरान हो गया। वर्षभर बर्फ की चादर से ढके हिमालय में जगह जगह धरती निकल आई है जो आसमान झांकने लगी है।
समूचे हिमालय में बर्फ की ये मजबूत और मोटी मोटी चादरें फट ही नहीं रही हैं बल्कि उधड़ रहीं हैं। आपको बताते चलें कि फटने का इलाज तो प्रकृति के पास भी है और मानव के पास भी… लेकन उधड़ने का इलाज न प्रकृति के पास है न मानव के पास।
लोकेन्द्र सिंह बिष्ट
]]>इसके साथ ही जिलाधिकारी द्वारा पुस्तकालय के प्रथम तल का कायाकल्प करवाकर 165 से अधिक विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित पुस्तकें पुस्तकालय में उपलब्ध कराई गई हैं, जिनमें अर्थव्यवस्था, राजनीतिशास्त्र, इतिहास, भूगोल, फिजिक्स, सामान्य अध्ययन, रिजनिंग, एलएलबी, एनडीए, एएनएम, जीएनएम, एसएससी, नीट, जेईई, इंजीनियरिंग आदि से संबंधित पुस्तकें शामिल हैं।
प्रथम तल में एक कमरे में सीनियर सिटीजन के लिए पुस्तकें व्यवस्थित की गई हैं जबकि दूसरे कमरे को छोटे बच्चों के लिए सजाया गया है, नर्सरी क्लास के बच्चों के लिए पुस्तकों के साथ ही खिलौनों की व्यवस्था की गई है, ताकि बच्चा खेल-खेल में पुस्तकों की तरफ आकृष्ट हो सके।
इसके साथ ही हॉल में एक तरफ पुस्तकों को पुस्तकालय की साइट ssrjlibrarytehri.in पर ऑनलाइन किया जा रहा है, अब तक 200 से अधिक पुस्तकों को ऑनलाइन किया जा चुका है, जबकि दूसरी तरफ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं हेतु बुक सेल के साथ ही अनुकूल वातवरण उपलब्ध कराया गया है।
26 दिसम्बर, 2023 को जनपद भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी लाइब्रेरी का निरीक्षण कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने लाइब्रेरी में हुए उच्च स्तरीय काम की सराहना करते हुए कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए लाइब्रेरी काफी उपयोगी सिद्ध होगी।
मुख्य शिक्षा अधिकारी एस.पी. सेमवाल ने बताया कि पुस्तकालय में सीसी टीवी कैमरे, वाई-फाई कनेक्शन आदि अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु उच्च स्तरीय अधिकारियों को भेजा गया है, ताकि इस डिजिटल युग में छात्र-छात्राओं को इंटरनेट की सुविधा भी मिल सके। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा कमजोर वर्ग के छात्र-छात्राओं को प्राथमिकता के साथ मुफ्त वाई फाई सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं।
पुस्कालय व्यवस्थापक विशन सिंह रांगण ने बताया कि प्रातः 10 बजे से सांय 5 बजे तक संचालित इस वातानुकूलित लाइब्रेरी में 20 से 25 विद्यार्थी एक निर्धारित समय के भीतर अध्ययन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि महज 4 महीने में 15 लाख से तैयार हुई हाईटेक लाइब्रेरी में काफी बच्चे आने को उत्साहित दिख रहे हैं तथा छात्र-छात्राओं की संख्या में भी इजाफा हुआ है।
]]>इस अवसर पर वाइब्रेंट विलेज हर्षिल के उप प्रधान माधवेंद्र सिंह रावत की पत्नी अनुप्रिया रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट करने के लिए उनकी एक अनूठी पेंटिंग भोजपत्र पर तैयार की है, जिसे विशेषतौर अखरोट के छिलकों से तैयार रंग से बनाया गया है। इस पेंटिंग में दुर्लभ भोजपत्र और फलों के रंगों का प्रयोग किया गया है इस पेंटिंग को ग्रामीणों द्वारा प्रधानमंत्री को भेंट करने की योजना है।
इस पेंटिंग की विशेषता है कि इसे पूरी तरह से दुर्लभ भोजपत्र से तैयार किया गया है अनुप्रिया ने बताया कि भोजपत्र का प्रयोग प्राचीन समय में कागज की तरह ही किया जाता था अब यह बहुत कम ही देखने को मिलता है।
भोजपत्र पर पेंटिंग तैयार करना आसान नहीं होता है क्यों कि एक बार यही पेंटिंग में खामी रह जाती है तो फिर से दुबारा से बहुत बारीकी से तैयार करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि एक बार असफल होने के बाद दूसरी बार उन्हें भोजपत्र पर पेंटिंग बनाने में सफलता मिली। अनुप्रिया इससे पहले स्नो लेपर्ड सहित दर्जनों पेंटिंग तैयार कर चुकी हैं लेकिन प्रधानमंत्री की ये पेंटिग अदभुत और आकर्षक है।
]]>