सीमांत जनपद चमोली में हिमालय की प्राकृतिक संपदा भोजपत्र और सांस्कृतिक विरासत पौणा नृत्य को संजोए रखने के लिए भारतीय डाक विभाग द्वारा खास लिफाफा लांच किया गया है। इस लिफाफे पर विरासत भोजपत्र एवं पौणा नृत्य को चित्रित किया गया है।
डाक विभाग द्वारा अंबेडकर भवन गोपेश्वर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री सलाहकार बीडी सिंह एवं डाक अधीक्षक एचसी उपाध्याय ने इन खास लिफाफों को लांच किया। इस दौरान भोटिया जनजाति की महिलाओं ने पौणा नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि पौणा नृत्य और भोजपत्र हमारी प्रचीन विरासत है। इसका संरक्षण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि लोगों की आर्थिकी से जोड़ते हुए भोजपत्र को संरक्षित करने की दिशा में निरंतर काम किया जा रहा है। नीती माणा की महिलाओं को कैलीग्राफी में प्रशिक्षण देकर भोजपत्र पर सोवनियर बनाए जा रहे है।
चारधाम पर आने वाले तीर्थयात्रियों को भोजपत्र के सोवनियर उपलब्ध कराए जा रहे है। जिससे महिलाओं की आर्थिकी सुदृढ़ हो रही है। दुर्लभ प्रजाति के भोजपत्र को संरक्षित करने के लिए उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भोजपत्र की नर्सरी भी स्थापित की गई है।
उन्होंने कहा कि पौणा नृत्य चमोली जनपद का पारंपरिक लोकनृत्य है और सभी उत्सवों एवं शुभ अवसर में किया जाता है। डाक विभाग द्वारा जनपद की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत पर चित्रित लिफाफे जारी करने पर उन्होंने हार्दिक बधाई दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सीमांत गांव माणा भ्रमण का जिक्र करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि विगत 21 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री माणा आए थे। इस दौरान बदरीनाथ में आयोजित सरस मेले में स्थानीय स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने भोजपत्र पर तैयार एक अनूठी कलाकृति प्रधानमंत्री को भेंट की थी। जिसके बाद पीएम ने जनजाति महिलाओं की खूब प्रशंसा की थी और ट्वीट करते हुए इसको प्रचारित किया था। इससे प्रेरित होकर महिलाओं ने भोजपत्र के सोविनियर बनाने शुरू किए।
नीति माणा गांव की महिलाओं को भोजपत्र पर कैलीग्राफी का प्रशिक्षण देकर सोविनियर तैयार कराए गए और तीर्थयात्रियों तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई। इससे महिलाओं की आजीविका सुदृढ़ हुई है। इसके लिए महिलाओं ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आभार व्यक्त किया। मन की बात कार्यक्रम के दौरान भी प्रधानमंत्री ने नीती-माणा घाटी की महिलाओं का खासतौर पर जिक्र किया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि सीमा पर बसे हर गांव को प्रथम गांव की उपाधि दी गई है। बाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत इन गावो को विकसित किया जा रहा है।
उन्होंने बाइब्रेंट विलेजों में धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के साथ पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने में सहयोग करने हेतु प्रेरित किया। सीमांत गांवों में पर्यटन बढ़ने से लोगों को यहां की धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत से रूबरू होने का मौका मिलेगा।
विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री सलाहकार बीडी सिंह ने डाक विभाग द्वारा हिमालय की सांस्कृतिक धरोहर को ऐतिहासिक अमली जामा पहनाने के लिए हार्दिक बधाई देते हुए पीढी दर पीढ़ी इस विरासत को आगे ले जाने पर जोर दिया।
इस अवसर पर डाक अधीक्षक चमोली एचसी उपाध्याय, कार्यालय सहायक दिनेश चंद सेमवाल सहित बडी संख्या में स्थानीय जनता मौजूद थी।
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *