क्रौंच पर्वत में स्थित कार्तिकेय स्वामी मंदिर उत्तर भारत का एक मात्र मंदिर

क्रौंच पर्वत में स्थित कार्तिकेय स्वामी मंदिर उत्तर भारत का एक मात्र मंदिर

उत्तराखंड पर्यटन विकास द्वारा जनपद के क्रौंच पर्वत में स्थित कार्तिकेय स्वामी मंदिर में भव्य 108 बालमपुरी शंख पूजा व हवन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, केदारनाथ विधायक शैला रानी रावत, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार और वर्तमान में उत्तराखंड पयर्टन मंत्रालय में विशेष कार्यकारी अधिकारी भास्कर खुल्बे, दक्षिण भारत से आए शिवाचार्य व गुरुजनों ने पूजा अर्चना की।

इस अवसर पर पर्यटन मंत्री ने कहा कि कार्तिक स्वामी मंदिर में 108 बालमपुरी शंख से पूजा व हवन किया गया तथा दक्षिणा वर्त से स्वामी कार्तिकेय का जलाभिषेक किया गया। उन्होंने कहा कि पृथ्वी की परिक्रमा करने के बाद कार्तिकेय स्वामी यहां पर पहुंचे तो गणेश को श्रेष्ठ पद दिया गया है जिसके बाद कार्तिकेय ने अपनी मां पार्वती से नाराज होकर यहां पर तपस्या की। उन्होंने कहा कि इसके बाद कार्तिकेय दक्षिण भारत को चले गए। जहां उनकी मुरगन स्वामी के नाम से विशेष रूप से आराधना की जाती है।

उन्होंने कार्तिक स्वामी मंदिर व कार्तिकेय स्वामी के जीवन के बारे में विस्तार से बताया। यह उत्तर भारत का कार्तिकेय स्वामी का एक मात्र मंदिर है। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में तमिलनाडु व कर्नाटक में भगवान कार्तिकेय के बहुत अनुयायी हैं तथा आज दक्षिण के शिवाचार्य आए हैं तथा सभी अनुयायी देश के आगे बढने की कामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगस्त्यमुनि के अगस्त्य ऋषि, कार्तिकेय स्वामी मंदिर व अनसूया मंदिर को पर्यटन सर्किट से जोड़ा जाएगा तथा पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि कार्तिकेय स्वामी मंदिर के विकसित होने से स्थानीय स्तर पर भी रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि कार्तिकेय मंदिर को पर्यटन के मानचित्र पर उभरकर आए इसके लिए पर्यटन की दृष्टि से इसे विकसित किया जाएगा। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल होने पर सभी शिवाचार्य, गुरुजनों एवं भक्तजनों का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर केदारनाथ की विधायक शैला रानी रावत ने कहा कि उत्तर भारत व दक्षिण भारत के लोगों के लिए यह ऐतिहासिक मिलन का दिन है जहां सभी लोग एक साथ मिले हैं। उन्होंने कहा कि कार्तिकेय स्वामी को पांचवें धाम के रूप में विकसित किए जाने तथा कार्तिक सर्किट बनाए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से इस स्थल को विकसित किए जाने से क्षेत्र के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे तथा प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर होगा।

उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार और वर्तमान में उत्तराखंड पयर्टन मंत्रालय में विशेष कार्यकारी अधिकारी भास्कर खुल्बे भी लगातार उत्तराखंड में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा ले रहे हैं और पुनर्निर्माण के कामों में अपनी पैनी नजर बनाये हुए हैं। वह लगातर बद्रीनाथ और केदारनाथ में जाकर कामों की समीक्षा भी कर रहे हैं।

इस अवसर पर ड्रोन कैमरे के माध्यम से श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की गई। पदमश्री शिवमणि व उनके साथियों द्वारा अपनी प्रस्तुति भी दी गई। साथ ही शिवाचायों व गुरुजनों व अतिथियों को सम्मानित भी किया गया।

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