उत्तराखंड में सोमवार रात बारिश और बर्फबारी से ठंड बढ़ गई है। गुरुद्वारा परिसर स्थित लोकपाल लक्ष्मण मंदिर अभी करीब आठ फीट बर्फ के आगोश में है। हेमकुंड साहिब में भी इतनी ही बर्फ जमी है। हेमकुंड सरोवर भी बर्फ से ढका है। पिछले 13 साल में हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर में जून माह में इतनी बर्फ देखने को मिल रही है।
हेमकुंड साहिब मार्ग से बर्फ हटाए जाने के बाद तीर्थयात्रा सुचारु हो गई है। सोमवार को करीब 2200 तीर्थयात्रियों ने हेमकुंड साहिब के दर्शन किए. जबकि 300 बच्चे और बुजुर्ग तीर्थयात्री घांघरिया में ही रोके गए थे।
सुबह नौ से दस बजे तक ही तीर्थयात्रियों को हेमकुंड साहिब जाने की अनुमति दी जा रही है। बता दें कि हेमकुंड साहिब में प्रतिदिन सुबह नौ बजे, दोपहर में साढ़े बारह बजे और अपराह्न ढाई बजे अरदास की जाती है।
रविवार को ग्लेशियर खिसकने की घटना के बाद से अब अपराह्न ढाई बजे की अरदास को फिलहाल के लिए रोक दिया है। अब दोपहर साढे़ बारह बजे की अरदास के बाद तीर्थयात्रियों को हेमकुंड साहिब से घांघरिया के लिए वापस भेज दिया जाएगा।
गोविंदघाट गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि हेमकुंड साहिब में प्रतिदिन एक बजे लाउडस्पीकर से तीर्थयात्रियों को वापस घांघरिया जाने की अपील की जाती है, लेकिन कई तीर्थयात्री थकान और फोटो खिंचवाने के चलते रास्ते में ही काफी देर कर देते हैं।
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