केदारनाथ यात्रा के दौरान यात्रियों की संख्या में साल दर साल वृद्धि होती जा रही है। केदारनाथ धाम में जाने वाले रास्तों में किसी भी स्थान पर यात्रियों की सुविधा के लिए अभी तक सरकार की ओर से ऐसे कोई उचित स्थान नहीं था जिसमें यात्री विश्राम कर सकते थे और वहां पर आराम करने के बाद यात्री आगे की यात्रा करेंगे। इसके लिए सरकार अब चार चितंन शिविर लगाने जा रही है।
केदारनाथ धाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पैदल मार्ग पर चार चिंतन शिविर बनाए जाएंगे। इसके लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने योजना तैयार कर ली है। छोटी लिंचोली, बड़ी लिंचोली, भीमबली और रामबाड़ा में चिंतन शिविर के लिए जगह का चयन किया गया। जहां पर श्रद्धालु आराम कर सकेंगे।
गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक लगभग 18 किमी. लंबे पैदल मार्ग पर अभी तक तीर्थयात्रियों को विश्राम करने के लिए पर्याप्त सुविधा नहीं है। जहां पर यात्री आराम कर थकान को दूर कर सकें। अब केदारनाथ पुनर्निर्माण के मास्टर प्लान के तहत संस्कृति मंत्रालय ने चार स्थानों पर चिंतन शिविर बनाने की योजना बनाई है, लेकिन केदारनाथ विकास प्राधिकरण की ओर से चिंतन शिविर के नक्शा स्वीकृति के लिए 75 लाख रुपये का शुल्क लिया जा रहा था।
संस्कृति मंत्रालय ने भी चिंतन शिविर की योजना बनने के बाद शुल्क देने में असमर्थता जताई थी। इस पर सरकार ने प्राधिकरण की ओर से लिया जाने वाला शुल्क माफ कर दिया है। केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर यात्री चिंतन शिविर में आराम कर सकेंगे। इससे उच्च हिमालयी क्षेत्रों के मौसम के अनुरूप यात्री अपने शरीर को ढाल सकेंगे। प्रदेश सरकार की ओर से शुल्क माफ करने से जल्द ही चिंतन शिविर का निर्माण कार्य शुरू होगा।
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