उन्होंने कहा कि सीमान्त जनपद चंपावत को मॉडल जनपद के रूप में विकसित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में ‘सीमान्त क्षेत्रों में आपदा प्रभावित महिला केन्द्रित आजीविका प्रबन्धन कार्यक्रम’ का शुभारम्भ किया।
उल्लेखनीय है कि एसबीआई फाउण्डेशन, हैस्को तथा यू कॉस्ट के सम्मिलित प्रयासों से ‘सीमान्त क्षेत्रों में आपदा प्रभावित महिला केन्द्रित आजीविका प्रबन्धन कार्यक्रम’ तहत राज्य के सीमान्त क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आजीविका, स्वरोजगार के अवसरों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
उक्त कार्यक्रम के तहत 10 सीमावर्ती गांवों में वहां की आर्थिकी और पारिस्थितिकी के साथ ही आपदाओं की चुनौतियों को भी समझते हुए यहां के स्थानीय जन-समुदाय को सबल आजीविका के साथ तैयार किया जाएगा।
यूकॉस्ट द्वारा जानकारी दी गई कि राज्य के प्रतिष्ठित साइंस कांग्रेस को आगामी वर्ष 10-11 फरवरी को ‘ग्राम्य विज्ञान सम्मेलन’ के रूप में आयोजित किया जा रहा है। इसके साथ ही उत्तराखण्ड राज्य में पहली बार ‘अन्तराष्ट्रीय आपदा सम्मेलन’ का आयोजन किया जा रहा है जिसमें देश-दुनिया के सैकड़ों प्रतिनिधि प्रतिभाग करेंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सीमावर्ती गांव हमारे लिए अमूल्य हैं, ये मात्र हमारे सीमान्त प्रहरी नहीं बल्कि अमूल्य धरोहर भी हैं। सीमान्त क्षेत्र हमारी जड़े हैं, इनकों निरन्तर सिंचित किया जाना चाहिए। गांव और शहरों की असमानता को दूर करके ग्राम आधारित सशक्त आर्थिकी को आधार बनाना ही राज्य सरकार का मूलमंत्र है।
हम ‘माणा-मुन्स्यारी’, ‘असकोट-आराकोट’ के सीमान्त क्षेत्रों के गांवों को ‘अन्तिम गांवों’ के स्थान पर प्रधानमंत्री की संकल्पना के अनुरूप ‘प्रथम पंक्ति’ के प्रथम गांवों की तरह विकसित करने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ हैं। हमनें बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत इन्हीं गांवों को एक प्रहरी का रूप भी दिया है जिसे प्रधानमंत्री ने अपने स्तर पर गहन चिंतन-मंथन कर इनको आगे बढ़ाने का सकंल्प लिया है।
इस अवसर पर हैस्को संस्थापक डॉ अनिल प्रकाश जोशी, महानिदेशक, यूकॉस्ट प्रो दुर्गेश पंत, संस्थापक, एसबीआई फाउंडेशन ललित मोहन, डीजीएम, एसबीआई राजकुमार सिंह, एसबीआई जनरल अन्यया मोहन्ती, एसबीआई जनरल किलफोर्ड डी कोस्टा तथा सीमान्त गांवों से महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य उपस्थित थी।
]]>सीएम धामी ने चंपावत में होने वाले उपचुनाव के लिए 9 मई को अपना नामांकन भरा था। नामांकन भरते समय भाजपा के कार्यकर्ताओं में जबर्दश्त जोश देखने को मिला। जैसे जैसे चुनाव के दिन नजदीक आ रहे हैं वह वैसे यहां पर चुनाव प्रचार भी तेज होता जा रहा है।
कुछ दिन बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, अनुराग ठाकुर यहां चुनाव प्रचार करने के लिए आएंगे। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व पार्टी मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह ने 40 स्टार प्रचारकों के नामों की सूची जारी की।
]]>आज सुबह नामांकन से पहले सीएम धामी ने पत्नी गीता धामी के साथ चकरपुर बनखंडी महादेव शिव मंदिर खटीमा में पूजा अर्चना की। फिर नामांकन दाखिल करने के बाद मुख्यमंत्री गोल्ज्यू भगवान का आशीर्वाद लेने पहुंचे।
चम्पावत विधानसभा उपचुनाव के नामांकन हेतु बनबसा से चम्पावत जाते हुए बनबसा, टनकपुर, अमोड़ी, स्वाला, धौन, बनलेख आदि स्थानों पर मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं देवतुल्य जनता, कर्मठ कार्यकर्ताओं के अपार स्नेह और आशीर्वाद के लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
इस अवसर पर उन्होंने जनसभा को भी संबोधित किया जिसमें भारतीय जनता पार्टी के कई दिग्गज नेता पहुंचे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं अनेक धार्मिक एवं ऐतिहासिक धरोहरों को समेटे हुए चम्पावत की पवित्र भूमि को नमन करता हूं। हम सहभागिता के साथ क्षेत्र के विभिन्न स्थानों को विकसित कर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ते हुए विकास के नए आयाम स्थापित करेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत तहसील में नामांकन पत्र भरा। इस असवर पर उनके साथ पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी मौजदू थे।
]]>शाम 4 बजे उत्तराखंड के लिए पर्यवेक्षक बनाए गए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और सह-पर्यवेक्षक विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी की मौजूदगी में विधायक दल की बैठक होगी। इस बैठक में राज्य के पांच लोकसभा और दो राज्यसभा सांसद भी मौजूद रहेंगे। अगर चुनकर आए विधायकों में से बात करें तो डा. धन सिंह रावत सबसे मजबूत दावेदार बने हुए हैं। वहीं सांसदों में से अनिल बलूनी और अजय भट्ट का नाम लगातार लिया जा रहा है। हालांकि पुष्कर सिंह धामी भी लगातार सुर्खियों में है। उनके पक्ष में जनमानस के होने की दलील दी जा रही है। कुमाऊं के कई विधायकों समेत निशंक भी धामी के चेहरे पर अपनी सहमति जता चुके हैं। हालांकि शीर्ष नेतृत्व उनके नाम को लेकर पूरी तरह कनविंस नजर नहीं आ रहा। सीएम का चुनाव करने में हो रही देरी और किसी तरह का संकेत न दिया जाना इसकी तस्दीक करता है।
इससे पहले, रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ-साथ उत्तराखंड के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ मंत्रणा की। हरिद्वार से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक से भी इस मुद्दे पर चर्चा की गई। इस बाद देर रात तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय महासचिव संगठन बीएल संतोष के बीच बैठक हुई। इसमें राज्य की कमान किसे सौंपनी है, यह नाम फाइनल हो गया है। पार्टी को क्षेत्रीय, जातीय समीकरण को भी साधना है और अगले पांच साल स्थायी सरकार चलाने में सक्षम चेहरे को भी चुनना है।
नई कैबिनेट को लेकर भी माना जा रहा है कि पार्टी सभी समीकरणों को देखते हुए नाम तय करेगी। पूर्व मंत्रियों में से कुछ को इस बार कैबिनेट से बाहर किया जा सकता है। माना जा रहा है कि गुजरात की तर्ज पर युवा चेहरों को कैबिनेट में जगह दी जाएगी।
]]>सीएम धामी आज गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व से भेंट कर राज्य की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा उत्तराखंड के बीजेपी के अध्यक्ष मदन कौशिक भी दिल्ली में मौजूद हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की भी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भेंट की, उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष को होली की शुभकामनाएं देने आये थे, लेकिन इस मुलाकात के सियासी मायने भी टटोले जा रहे हैं। इसके अलावा उनकी राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष से बातचीत हो सकती है।
पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी की पुत्री व भाजपा की कोटद्वार से विधायक ऋतु खंडूड़ी ने भी दिल्ली में नड्डा सहित अन्य केंद्रीय नेताओं से भेंट की है। जिसके बाद अब सुगबुगाहट तेज हो गई है। राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं तेज हैं।
पहले विधायक दल की बैठक आज शाम होने की उम्मीद थी जिसके लिए भाजपा ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पर्यवेक्षक और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी को सह पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। इन्हें आज को देहरादून पहुंचना था। लेकिन अब समझा जा रहा है कि अब पर्यवेक्षक सोमवार को देहरादून पहुंचेंगे और इसी दिन या फिर मंगलवार को भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई जा सकती है।
]]>इस शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री योगी के साथ उप मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और राज्यमंत्री शपथ लेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित केंद्र सरकार के कई मंत्री, भाजपा शासित राज्यों के सीएम, संघ और भाजपा के प्रमुख पदाधिकारी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे।
सूत्रों से पता चला है कि सीएम योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह में राज्य और देश के कई प्रमुख नेताओं को भी न्यौता दिया गया है। इसके अलावा इस कार्यक्रम में केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों को भी आमंत्रित किया गया है। लखनऊ के आसपास के जिलों से लाभार्थियों को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाया जायेगा। इस बार महिलाओं ने योगी सरकार बनाने में काफी अहम भूमिका निभाई है, इसलिए सरकार चाहती है कि खासतौर पर महिला लाभार्थियों को भी समारोह में शामिल किया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ पहले ही कह चुके हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज देश और उत्तर प्रदेश आगे बढ़ रहा है। चार राज्यों के लोगों ने प्रधानमंत्री के विकास और सुशासन पर अपना विश्वास जताया है। उत्तर प्रदेश देश की आबादी का सबसे बड़ा राज्य है इस कारण उत्तर प्रदेश पर पूरे देश और दुनिया की निगाहंे रहती हैं। लेकिन अब पूरी दुनिया ने देख लिया है कि विकास और सुशासन के कारण यूपी में दोबारा योगी आदित्यनाथ की सरकार आ गई है।
]]>रेस से क्यों बाहर हुए पुष्कर धामी!
क्या पार्टी पुष्कर सिंह धामी को दोबारा मौका देगी, इस सवाल का जवाब हर कोई खोज रहा है। दरअसल, यह चुनाव पूरी तरह नरेंद्र मोदी के दम पर जीता गया है। भले ही धामी को चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट किया गया, लेकिन वह अपने ही मैदान में बुरी तरह हार गए इसलिए पार्टी के लिए उन्हें रिपीट करना मुश्किल है। ऐसी दलीलें दी जा रही हैं कि धामी अपने छह माह में किए गए काम के दम पर भाजपा को सत्ता दिलाने में सफल रहे। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि ये काम खटीमा के मतदाताओं को क्यों नहीं दिखे? 2017 के चुनाव में 2000 के अंतर से जीतने वाले धामी अगर सीएम होते हुए 6579 के अंतर से हार जाते हैं, तो निश्चित तौर पर इसका मतलब है कि खटीमा की जनता ने उन्हें नकार दिया। इसलिए काम की दलील ‘नाकाम’ नजर आती है। एक बड़ा कारण धामी और उनके सहयोगियों पर खनन को लेकर लगे कथित आरोप भी हैं।
यह भी देखें – अटकलों पर न जाएं! उत्तराखंड में पीएम मोदी ने जिताया, अब सीएम भी उनकी पसंद का ही होगा
धामी नहीं तो किस पर होगी हामी?
पार्टी के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि विधायक दल में से किसी को सूबे की कमान सौंपी जाए या फिर एक बार दिल्ली से किसी सांसद की ताजपोशी की जाए। फिलहाल विधायकों में श्रीनगर से जीते डा. धन सिंह रावत, चौबट्टाखाल से जीते सतपाल महाराज का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। इसके अलावा नैनीताल से सांसद एवं रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट और राज्यसभा सांसद एवं भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी भी मजबूत दावेदार बनकर उभरे हैं।
धन सिंह रावत पहले भी सीएम पद की होड़ में रहे हैं, लेकिन इस बार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल से कड़ा मुकाबला होने के बावजूद वह जीतकर आए हैं। ऐसे में उनकी दावेदारी की अनदेखी करना बहुत मुश्किल होगा। संघ से भी उनके नाम पर हरी झंडी मिलना आसान होगा। चौबट्टाखाल से विधायक सतपाल महाराज भी एक बड़ा नाम हैं। उनके अनुभव पर भी पार्टी दाव खेल सकती है।
यह भी देखें – उत्तराखंड की 70 विधान सभाओं में किस किस ने मारी बाजी, कौन जीता-कौन हारा एक नजर
प्लान B का हिस्सा रहे दो नाम अब फ्रंट में!
दो नाम जो सबसे ज्यादा चर्चा में हैं, वो हैं अजय भट्ट और अनिल बलूनी। ये दोनों नाम चुनाव से पहले भी पार्टी के प्लान B का हिस्सा थे। पार्टी जनादेश एकतरफा न होने की स्थिति में इन्हीं दो नामों को आगे कर बहुमत जुटाती। फिलहाल इसकी जरूरत नहीं है। पार्टी के पास स्पष्ट और बड़ा जनादेश है। अजय भट्ट को राज्य का काफी अनुभव है। वह संगठन की पेचीदगियों को भी समझते हैं। ऐसे में उनके लिए सरकार और संगठन में तालमेल बनाना आसान होगा।
अनिल बलूनी निश्चित रूप से एक बड़ा और स्वीकार्य चेहरा नजर आते हैं। राज्य सभा सांसद के तौर पर उन्होंने राज्य के लिए कई केंद्रीय और गैर सरकारी प्रोजेक्टों की राह खोली। एक बड़ा वर्ग है, जो उन्हें भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देखता है। इसके अलावा वह पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। ऐसे में विधायकों का समर्थन उन्हें मिलना आसान होगा। जहां तक पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की बात है, तो वह खुद ही यह कह चुके हैं कि उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा, इसलिए वह रेस में नहीं हैं। पार्टी को विधायकों में से ही किसी को सीएम बनाना चाहिए। हालांकि कई जानकार यह भी मानते हैं कि चार साल सत्ता चलाने का अनुभव त्रिवेंद्र सिंह के पक्ष में जा सकता है। उन्हें सत्ता से हटाने का भी पार्टी कोई ठोस कारण नहीं बता पाई थी।
]]>
शुरुआत में कोरोना के मद्देनजर चुनाव रैलियों पर पाबंदी थी। लेकिन चुनाव के अंतिम दिनों में इसमें ढील दी गई। इसके बाद पीएम मोदी ने आखिरी दिनों में जिस तरह से चुनाव प्रचार का नेतृत्व किया, उसने भाजपा की जीत की इबारत लिख दी। अल्मोड़ा, श्रीनगर में पीएम मोदी की रैली ने ही इस चुनाव का परिणाम सुनिश्चित कर दिया। दोनों जिलों में भाजपा ने जबरदस्त जीत दर्ज की।
यह भी पढ़ें – जीत के बाद बोले योगी आदित्यनाथ, जनता ने जातिवाद-वंशवाद तोड़ा, राष्ट्रवाद, सुरक्षा, विकास को दिया समर्थन
इस चुनाव ने राज्य में चुनाव को लेकर बने कई मिथक तोड़े लेकिन मुख्यमंत्री के चुनाव हार जाने का मिथक इस बार भी नहीं टूट पाया। खटीमा से पुष्कर सिंह धामी को कड़ी पराजय का सामना करना पड़ा। ऐसे में अब अटकलें लग रही हैं कि अगला सीएम कौन होगा। इस रेस में अनिल बलूनी, अजय भट्ट, धन सिंह रावत के नाम चर्चा में हैं। पिछली सरकार में पार्टी ने तीन सीएम दिए। ये तीनों राजपूत थे, ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि पार्टी इस बार किसी ब्राह्मण चेहरे पर दांव खेल सकती है। इसमें अनिल बलूनी और अजय भट्ट की दावेदारी मजबूत दिखती है।
राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी को पीएम मोदी और अमित शाह का करीबी माना जाता है। वह भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख हैं। ऐसे में मीडिया के जरिये केंद्र और राज्य सरकार के उत्तराखंड में होने वाले कामों को बेहतर ढंग से जनता के बीच में रखने का अनुभव उन्हें वरीयता देता है। हालांकि अजय भट्ट का राज्य में कई विभागों में काम करने का अनुभव है। वह जमीनी तौर पर भी काफी सक्रिय रहते हैं।
यह भी पढ़ें – उत्तराखंड में पहली बार सत्ता में लौटा सत्ताधारी दल, भाजपा की बड़ी जीत, पुष्कर धामी-हरीश रावत हारे
पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व कैबिनेट मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को लेकर भी अटकलों का दौर चल रहा है। वहीं विधायकों में से सीएम पद के लिए उम्मीदवार की बात करें तो धन सिंह रावत का नाम हमेशा चर्चा में रहा है। संगठन पर पकड़ रखने वाले धन सिंह बेहद कड़ा मुकाबला जीते हैं, ऐसे में पार्टी उन पर भी भरोसा जता सकती है।
पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री पद का चेहरा थे। भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी शानदार जीत के लिए पुष्कर सिंह धामी को श्रेय दिया। ऐसे में यह भी संभव है कि पार्टी उन्हें फिर से मौका दे सकती है। अभी पार्टी किसी महिला को सीएम पद पर बिठाएगी इसकी संभावना कम ही नजर आती है। हालांकि ऋतु खंडूरी का नाम भी चर्चाओं में है।
भाजपा की इस जीत के शिल्पी पीएम मोदी हैं। उत्तराखंड में महिला वोटरों ने विशेष रूप से मोदी पर भरोसा जताया। इसका परिणाम यह रहा कि विधायकों के खिलाफ नाराजगी के बावजूद भाजपा मोदी के नाम पर चुनाव जीतने में सफल रही। ऐसे में राज्य की बागडोर किसे सौंपी जाएगी इसका फैसला भी पीएम मोदी ही करेंगे। फिलहाल जीतने वाले विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में हैं, इसलिए कुछ दिन और अटकलों का दौर चलता रहेगा।
]]>इस बार जो चुनाव परिणाम आये हैं उसने उत्तराखंड के मिथक को तोड़ दिया है जिसमें एक बार कांग्रेस और एक बार बीजेपी की सरकार बनती थी लेकिन इस बार बीजेपी यहां पर दोबारा अपनी सरकार बना रही है लेकिन इस बार बीजेपी को पिछली बार से 10 सीटें कम मिली है।
हालांकि इस बार आम आदमी पार्टी तीसरे विकल्प बनकर मैदान में उतरी थी लेकिन वह एक भी सीट हासिल नहीं कर पाई। इस बार जिन प्रत्याशियों को जीत मिली है वह इस प्रकार से है।
राज्य की 70 विधानसभा सीटों पर कौन जीता-कौन हारा एक नजर पूरी सूची पर।
अल्मोड़ा- कैलाश शर्मा (BJP)
रानीपुर- आदेश चौहान (BJP)
बद्रीनाथ- राजेंद्र सिंह भंडारी (Cong)
बागेश्वर – चंदन राम दास (BJP)
बाजपुर- यशपाल आर्य (Cong)
भगवानपुर- ममता राकेश (Cong)
भीमताल- राम सिंह कैड़ा (BJP)
चकराता- प्रीतम सिंह (Cong)
चंपावत – कैलाश चंद्र गहतोड़ी (BJP)
चौबट्टाखाल- सतपाल महाराज (BJP)
देहरादून कैंट- सविता कपूर (BJP)
देवप्रयाग- विनोद कंडारी (BJP)
धनोल्टी- प्रीतम सिंह पंवार (BJP)
धरमपुर- विनोद चमोली (BJP)
धारचूला- हरीश सिंह धामी ( Cong)
डोईवाला- बृज भूषण गैरोला (BJP)
डीडीहाट- बिशन सिंह चुफाल (BJP)
द्वाराहाट – मदन सिंह बिष्ट (Cong)
गदरपुर- अरविंद पांडे (BJP)
गंगोलीहाट – फकीर राम (BJP)
गंगोत्री – सुरेश सिंह चौहान (BJP)
घनसाली- शक्ति लाल शाह (BJP)
हल्द्वानी – सुमित हृदेश (Cong)
हरिद्वार – मदन कौशिक (BJP)
हरिद्वार ग्रामीण – अनुपमा रावत (Cong)
जागेश्वर- मोहन सिंह (BJP)
जसपुर – आदेश सिंह चौहान (Cong)
झबरेड़ा – वीरेंद्र कुमार (Cong)
ज्वालापुर- रवि बहादुर (Cong)
कालाढूंगी – बंशीधर भगत (BJP)
कपकोट- सुरेश गढ़िया (BJP)
कर्णप्रयाग – अनिल नौटियाल (BJP)
काशीपुर- त्रिलोक सिंह चीमा (BJP)
केदारनाथ- शैला रानी रावत (BJP)
खानपुर- उमेश शर्मा (IND.)
खटीमा- भुवन चंद्र कापडी (Cong)
किच्छा- तिलक राज बेहड़ (Cong)
कोटद्वार- रितु खंडूरी (BJP)
लक्सर- शहजाद (BSP)
लाल कुआं- मोहन सिंह बिष्ट (BJP)
लैंसडाउन- दिलीप रावत (BJP)
लोहाघाट- खुशाल सिंह (Cong)
मंगलौर – शरवत करीमअंसारी (BSP)
मसूरी- गणेश जोशी (BJP)
नैनीताल – सरिता आर्या (BJP)
नानकमत्ता- गोपाल सिंह राणा (Cong)
नरेंद्र नगर – सुबोध उनियाल (BJP)
पौड़ी – राजकुमार पोरी (BJP)
पिरान कलियर – फुरकान अहमद (Cong)
पिथौरागढ़ – मयूख महर (Cong)
प्रताप नगर – विक्रम सिंह नेगी (Cong)
पुरोला – दुर्गेश्वर लाल (BJP)
रायपुर- उमेश शर्मा काऊ (BJP)
राजपुर रोड – खजान दास (BJP)
रामनगर- दीवान सिंह बिष्ट (BJP)
रानीखेत- प्रमोद नैनवाल (bjp)
ऋषिकेश- प्रेमचंद्र अग्रवाल (BJP)
रुड़की – प्रदीप बत्रा (BJP)
रुद्रप्रयाग- भरत सिंह चौधरी (BJP)
रुद्रपुर- शिव अरोड़ा (BJP)
सहसपुर- सहदेव सिंह पुंडीर (BJP)
सल्ट- महेश जीना (BJP)
सितारगंज – सौरभ बहुगुणा (BJP)
सोमेश्वर- रेखा आर्य (BJP)
श्रीनगर – धन सिंह रावत (BJP)
टिहरी – किशोर उपाध्याय (BJP)
थराली- भोपाल राम टम्टा (BJP)
विकास नगर- मुन्ना सिंह चौहान (BJP)
यम्केश्वर- रेनू बिष्ट (BJP)
यमुनोत्री- संजय डोभाल ( IND.)
]]>योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इसके लिए जनता का हृदय से आभार और कोटि कोटि कार्यकर्ताओं का अभिनंदन करता हूं, जिनके सहयोग से भाजपा को सरकार बनाने का अधिकार मिला है। राज्य में 7 चरणों के चुनाव शांतिपूर्ण तरह से संपन हुए। पिछले दो तीन दिन से जो दुष्प्रचार चलाये जा रहे थे आज भारतीय जनता पार्टी और सहयोगी दलों को प्रचंड बहुमत मिल जाने से अब उन लोगों ने बोलना बंद कर दिया है।
उन्होंने चुनाव आयोग को शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए धन्यवाद दिया इसके अलावा सभी सुरक्षा कर्मचारियों को भी हृदय से धन्यवाद। हम आभारी है आदरणीय प्रधानमंत्री जी का जिन्होंने हमें पूरा समय दिया और उत्तर प्रदेश को स्वशासन देने के लिए प्रधानमत्री का सहयोग होता रहा है। प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री केंद्रीय मंत्रियों भाजपा के राष्ट्रवाद और विकास का लाभ प्राप्त हुआ है। इस आर्शीवाद को हम सबको स्वीकार करके आम जन मानस के सबका साथ सबका विकास के मंत्र को आगे बढ़ाना होगा।
सुशासन, सुरक्षा और राष्ट्रवाद को समर्पित आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के हृदयस्पर्शी मार्गदर्शन में उ.प्र. में भाजपा गठबंधन की ऐतिहासिक विजय सुनिश्चित हुई है।
यह प्रचंड बहुमत प्रधानमंत्री जी की लोक कल्याणकारी नीतियों पर आमजन के अटूट विश्वास की मुहर है।
जय श्री राम! pic.twitter.com/OdUWZTPmjn
— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) March 10, 2022
भाजपा ने सुरक्षा का जो आश्वासन दिया, विकास के कार्यक्रर्मो को जिस माध्यम से आगे बढ़ाने का काम किया, गरीब कल्याणकारी योजना को आगे बढ़ाया, जातिवाद, वंशवाद को तोडकर प्रचंड बहुमत से विजयी बनाया है। कोरोना काल में भी आदरणीय प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन इस जीत को यश्वस्वी बना रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन में जो भी कार्यक्रम चालू किये गये उनको जमीन पर उतारा गया। हम सबको राष्टवाद, सुरक्षा, विकास के माध्यम से जनता ने हमें समर्थन दिया है इसके लिए हम सबको आगे बढ़ना होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के लिए समर्थन दिया है उसके लिए सबका धन्यवाद, आधी आबादी का धन्यवाद। जब मोदी जी के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत पैदा होता है तो हम आगे बढ़ते हैं। ये जीत हमें जवाबदेही का संकेत देता। जोश के साथ होश भी बनाये रखना है। हमें आम जनता के समर्थन को बनाये रखना है। हमारे पास दुनिया का यश्वस्वी नेता मोदी जी है उनके नेतृत्व में भारत विश्व का नंबर वन देश बनेगा।
भारतीय निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग, राज्य की जनता और सुरक्षा कर्मियों का धन्यवाद करता हूं। कोई भी सरकार एंटी एम्बेसी को बीट करती है तो यह उनकी परफोरमेंस होती है। जिस कुर्सी में लोगों ने उनको बिठाया है उसे उन्होंने अच्छी तरह से निभाया है। मोदी जी कहा भी है कि उत्तर प्रदेश के लिए योगी ही है उपयोगी। उन्होंने राज्य के लोगों को राशन, प्रशासन और महिलाओं को सुरक्षा देने का काम किया है।
]]>