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CDS – Hill Mail https://hillmail.in Sun, 05 Jun 2022 05:30:26 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.5.3 https://i0.wp.com/hillmail.in/wp-content/uploads/2020/03/250-X-125.gif?fit=32%2C16&ssl=1 CDS – Hill Mail https://hillmail.in 32 32 138203753 संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा में हल्द्वानी के हिमांशु पांडे ने आल इंडिया स्तर पर पहली रैंक पाकर उत्तराखंड का नाम किया रोशन https://hillmail.in/himanshu-pandey-of-haldwani-made-uttarakhand-proud-by-getting-the-first-rank-at-all-india-level-in-combined-defense-services-examination/ https://hillmail.in/himanshu-pandey-of-haldwani-made-uttarakhand-proud-by-getting-the-first-rank-at-all-india-level-in-combined-defense-services-examination/#respond Sun, 05 Jun 2022 04:20:00 +0000 https://hillmail.in/?p=33703 उत्तराखंड के युवा लगातार प्रदेश का नाम रोशन कर रहे है। एक बार फिर उत्तराखंड का नाम रोशन हुआ है। संयुक्त रक्षा सेवा (सीडीएस) परीक्षा में हल्द्वानी के हिमांशु पांडे ने आल इंडिया स्तर पर पहली रैंक पाकर उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। जिसके बाद हिमांशु का चयन भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून के लिए हुआ है।

हल्द्वानी निवासी हिमांशु बचपन से सेना में अफसर बनना चाहते थे। बेटे की उपलब्धि से परिवार खुशी का माहौल है। सीडीएस का फइनल रिजल्ट यूपीएससी की वेबसाइट upsconline.nic.in पर देखा जा सकता है।

बता दे कि  जारी हुए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के सीडीएस परीक्षा में देश में पहला स्थान पाने वाले हिमांशु की इंटरमीडिएट तक की शिक्षा हल्द्वानी के एबीएम स्कूल से हुई। 12वीं में 95 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। इसके बाद उन्होंने स्व. विपिन चंद्र त्रिपाठी इंजीनियरिंग कॉलेज द्वाराहाट अल्मोड़ा से बीटेक की शिक्षा प्राप्त की। हिमांशु इंजीनियरिंग की पढ़ाई के साथ निरंतर सेना में जाने की तैयारी में जुटे रहे।

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भारत के पहले CDS जनरल बिपिन रावत की याद में सेना ने यूएसआई में ‘चेयर ऑफ एक्सीलेंस’ स्थापित की https://hillmail.in/general-bipin-rawat-memorial-chair-of-excellence-instituted-at-the-united-service-institution-of-india/ https://hillmail.in/general-bipin-rawat-memorial-chair-of-excellence-instituted-at-the-united-service-institution-of-india/#respond Tue, 15 Mar 2022 18:37:22 +0000 https://hillmail.in/?p=31428 सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने मंगलवार को भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत की याद में शीर्ष सैन्य थिंक टैंक ‘यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया’ (यूएसआई) में ‘चेयर ऑफ एक्सीलेंस’ स्थापित किए जाने की घोषणा की। जनरल रावत की 65वीं जयंती की पूर्व संध्या पर यह घोषणा की गई। जनरल रावत की गत वर्ष आठ दिसम्बर को तमिलनाडु के कुन्नूर के निकट एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। इस दुर्घटना में जनरल रावत की पत्नी मधुलिका तथा 12 सशस्त्र बलों के कर्मी भी मारे गए थे।

जनरल बिपिन रावत स्मृति ‘चेयर ऑफ एक्सीलेंस’ सशस्त्र बलों के बीच एकजुटता और अखंडता पर ध्यान केंद्रित करेगी। सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘भारत के पहले सीडीएस और 27वें सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत असाधारण पेशेवर व्यक्ति थे और भारतीय सेना के सर्वाधिक महत्वपूर्ण बदलावों में से एक के संवाहक थे।’  ‘यूएसआई के निदेशक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) बीके शर्मा को पांच लाख रुपये का चेक सौंपा गया है, इसका भुगतान नामित ‘चेयर ऑफ एक्सीलेंस’ को मानद राशि के तौर पर किया जाएगा।’

यह भी देखें – सीडीएस जनरल बिपिन रावत के जन्मदिन पर दिल्ली और देहरादून में दो बड़े कार्यक्रमों का आयोजन, कई सैन्य अधिकारी होंगे शामिल

सेना ने कहा, ‘चेयर ऑफ एक्सीलेंस जनरल रावत के कुशाग्र नेतृत्व और पेशेगत विशेषज्ञता को एक श्रद्धांजलि है।’ सेना प्रमुख ने 15 मार्च 2022 को साउथ ब्लॉक में आयोजित एक समारोह में अपने संबोधन में कहा कि जनरल रावत रणनीतिक मामलों को लेकर बहुत जोशीले थे तथा विभिन्न थिंक टैंक की गतिविधियों में अपना व्यापक समय और ऊर्जा डालते थे।

जनरल नरवणे ने कहा, ‘इसलिए उनकी 64वीं जयंती ने बौद्धिक संस्थानों के साथ सेवाओं को फिर से जोड़ने का अवसर प्रदान किया है।’ सेना प्रमुख ‘चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी’ (सीओएससी) के मौजूदा अध्यक्ष के तौर पर अपनी सेवा दे रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि इस वर्ष के शोध का विषय रखा गया है – ‘भारत में जमीनी लड़ाई के संदर्भ में एकजुटता एवं अखंडता।’ शोध की अवधि एक वर्ष की होगी, जो हर साल एक जुलाई से शुरू होगी।

इस अवसर पर उपसेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे, उपवायुसेना प्रमुख एयर मार्शल संदीप सिंह, उपनौसेना प्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमाडे, सीआईएससी एयर मार्शल बीआर कृष्णा, डीसीओएएस लेफ्टिनेंट जनरल एसके शर्मा भी उपस्थित थे।

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सीडीएस जनरल बिपिन रावत के भाई कर्नल विजय रावत भाजपा में शामिल, चुनावी रण में उतार सकती है पार्टी https://hillmail.in/col-vijay-rawat-brother-of-cds-general-bipin-rawat-joins-bjp-may-contest-elections-from-kotdwar-assembly/ https://hillmail.in/col-vijay-rawat-brother-of-cds-general-bipin-rawat-joins-bjp-may-contest-elections-from-kotdwar-assembly/#respond Wed, 19 Jan 2022 17:03:13 +0000 https://hillmail.in/?p=30519 दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत के छोटे भाई कर्नल विजय रावत (रिटा.) बुधवार को नई दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गए। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा के उत्तराखंड प्रभारी एवं राज्यसभा सदस्य दुष्यंत कुमार गौतम और प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक ने कर्नल विजय रावत को पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस अवसर पर राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी भी मौजूद रहे।

इससे पहले, सुबह उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की थी। पहले यह माना जा रहा था कि वह कुछ दिन बाद देहरादून में आधिकारिक तौर पर भाजपा की सदस्यता लेंगे। लेकिन अब पार्टी की ओर से विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों की सूची कभी भी जारी की जा सकती है, इसलिए उन्हें शाम को ही दिल्ली में पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। ऐसा समझा जाता है कि पार्टी उन्हें कोटद्वार विधानसभा से मैदान में उतार सकती है।

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कर्नल विजय रावत (रिटा.) को भाजपा से जोड़ना सैनिक बहुल प्रदेश में सीएम धामी का एक अहम कदम माना जा रहा है। वह खुद भी सैनिक के बेटे हैं। सीडीएस जनरल रावत के निधन के बाद उन्होंने कई मंचों से उन्हें अपना अभिभावक बताया था। इसके अलावा सैनिक बहुल उत्तराखंड में पूर्व और सेवारत सैनिकों का झुकाव सत्ता के गणित को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।

सीएम धामी से मुलाकात के बाद कर्नल रावत ने भी चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी उन्होंने कहा था कि मैं उत्तराखंड में भाजपा के लिए काम करना चाहता हूं। हमारे परिवार की विचारधारा भाजपा से मिलती है। अगर पार्टी चाहेगी तो मैं चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार हूं।

इस मुलाकात के बाद सीएम धामी ने ट्वीट किया, दिल्ली में देश के प्रथम CDS और उत्तराखंड के अभिमान स्वर्गीय श्री बिपिन रावत जी के भाई कर्नल विजय रावत जी से भेंट की। बिपिन रावत जी व उनके परिवार द्वारा की गई राष्ट्रसेवा को हमारा नमन है। मैं सदैव उनके सपनों के अनुरूप उत्तराखण्ड बनाने हेतु कार्य करता रहूंगा।

देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 अन्य सैन्यकर्मियों की 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए एक हवाई हादसे में जान चली गई थी। उत्तराखंड सरकार देहरादून में बन रहे सैनिक धाम के मुख्यद्वार का नाम स्व. सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखेगी। उत्तराखंड के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने ऋषिकेश में आयोजित रैबार कार्यक्रम में सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देते हुए यह बात कही थी। उन्होंने कहा था कि प्रथम विश्व युद्ध से लेकर अभी तक हमारे उत्तराखंड से 1734 शहीद हुए हैं, उनके घरों से पवित्र मिट्टी को लेकर हम देहरादून आए हैं और उस पवित्र मिट्टी से हम सैन्य धाम का निर्माण कर रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अभी 20 तारीख को वहां उस मिट्टी से उसका पूजन किया था और हमने संकल्प लिया है कि हम उस सैन्यधाम के मुख्यद्वार का नाम हमें अचानक छोड़कर चले गए उत्तराखंड के इस वीर के नाम पर होगा।

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EXCLUSIVE: सीएम पुष्कर सिंह धामी से मिले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के भाई कर्नल विजय रावत, देहरादून में होंगे भाजपा में शामिल https://hillmail.in/cds-general-bipin-rawat-brother-col-vijay-rawat-joins-bjp/ https://hillmail.in/cds-general-bipin-rawat-brother-col-vijay-rawat-joins-bjp/#respond Wed, 19 Jan 2022 06:00:48 +0000 https://hillmail.in/?p=30494 दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत के छोटे भाई कर्नल विजय रावत (रिटा.) ने बुधवार को नई दिल्ली में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। वह जल्द ही भाजपा में शामिल होने वाले हैं। कुछ दिन बाद देहरादून में कर्नल विजय रावत आधिकारिक तौर पर भाजपा की सदस्यता लेंगे। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले कर्नल विजय रावत (रिटा.) को भाजपा से जोड़ना सैनिक बहुल प्रदेश में सीएम धामी का एक अहम कदम माना जा रहा है। वह खुद भी सैनिक के बेटे हैं। सीडीएस जनरल रावत के निधन के बाद उन्होंने कई मंचों से उन्हें अपना अभिभावक बताया था।

सीएम धामी से इस मुलाकात के बाद कर्नल रावत ने कहा कि मैं उत्तराखंड में भाजपा के लिए काम करना चाहता हूं। हमारे परिवार की विचारधारा भाजपा से मिलती है। अगर पार्टी चाहेगी तो मैं चुनाव लड़ने के लिए भी तैयार हूं।

वहीं इस मुलाकात के बाद सीएम धामी ने ट्वीट किया, दिल्ली में देश के प्रथम CDS और उत्तराखंड के अभिमान स्वर्गीय श्री बिपिन रावत जी के भाई कर्नल विजय रावत जी से भेंट की। बिपिन रावत जी व उनके परिवार द्वारा की गई राष्ट्रसेवा को हमारा नमन है। मैं सदैव उनके सपनों के अनुरूप उत्तराखण्ड बनाने हेतु कार्य करता रहूंगा।

यह भी देखें – सीडीएस जनरल बिपिन रावत की बेटियों के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जारी की 25-25 लाख रुपये की अनुग्रह राशि 

देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 अन्य सैन्यकर्मियों की 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए एक हवाई हादसे में जान चली गई थी। उत्तराखंड सरकार देहरादून में बन रहे सैनिक धाम के मुख्यद्वार का नाम स्व. सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखेगी। उत्तराखंड के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने ऋषिकेश में आयोजित रैबार कार्यक्रम में सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देते हुए यह बात कही थी। उन्होंने कहा था कि प्रथम विश्व युद्ध से लेकर अभी तक हमारे उत्तराखंड से 1734 शहीद हुए हैं, उनके घरों से पवित्र मिट्टी को लेकर हम देहरादून आए हैं और उस पवित्र मिट्टी से हम सैन्य धाम का निर्माण कर रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अभी 20 तारीख को वहां उस मिट्टी से उसका पूजन किया था और हमने संकल्प लिया है कि हम उस सैन्यधाम के मुख्यद्वार का नाम हमें अचानक छोड़कर चले गए उत्तराखंड के इस वीर के नाम पर होगा।

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ऋषिकेश में सीडीएस जनरल बिपिन रावत की याद में बना रहा स्मृति द्वार, मेयर अनीता ममगाईं ने किया शिलान्यास https://hillmail.in/memorial-gate-being-built-in-memory-of-cds-general-bipin-rawat-in-rishikesh-mayor-anita-mamgain-laid-the-foundation-stone/ https://hillmail.in/memorial-gate-being-built-in-memory-of-cds-general-bipin-rawat-in-rishikesh-mayor-anita-mamgain-laid-the-foundation-stone/#respond Sat, 08 Jan 2022 08:34:25 +0000 https://hillmail.in/?p=30340 सीडीएस जनरल बिपिन रावत के तमिलनाडु के कुन्नूर में एक हेलीकॉप्टर हादसे में हुए निधन को एक महीना हो चुका है। 8 दिसंबर को सीडीएस जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 अन्य सैन्यकर्मियों को ले जा रहा एमआई17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में सभी 14 लोगों की मौत हो गई थी। उत्तराखंड के सपूत सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देते हुए ऋषिकेश नगर निगम उनकी याद में एक स्मृति द्वार बना रहा है। शनिवार को ऋषिकेश की मेयर अनीता ममगाईं ने जनरल रावत की याद में बनने वाले स्मृति द्वार का शिलान्यास किया। भारी बारिश के बीच मेयर अनीता ममगाईं ने भूमि पूजन कर स्मृति द्वार का शिलान्यास किया। इस दौरान मौजूद लोग बिपिन रावत अमर रहे के नारे लगाते रहे।

आईडीपीएल गेट हनुमान मंदिर के निकट मेयर ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत की याद में बनने वाले स्मृति द्वार का वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच भूमि पूजन किया। इस अवसर पर मेयर ने कहा कि सीडीएस जनरल रावत भले ही आज हमारे बीच नही हैं, पर वे भारत के हर नागरिक के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगे। राष्ट्र के प्रति उनके योगदान को देश के लोग कभी भुला नहीं पाएंगे। उनकी यादें हमेशा राष्ट्र एवं देश के वीर सैनिकों का मार्गदर्शन करती रहेगीं।

मेयर ने कहा कि चीन और पाकिस्‍तान जैसे नापाक इरादे वाले पड़ोसियों से देश की सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती के बीच भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत एक भरोसे का नाम रहे। पहले सेना प्रमुख और फिर सीडीएस के तौर पर उन्‍होंने भारत की सैन्‍य तैयारियों को दुश्‍मनों से मुकाबले के लिए नई बुलंदियों पर पहुंचाया। महापौर ने बताया कि उनकी याद में बनने वाला स्मृति द्वार पूरी भव्यता के साथ बनाया जाएगा। उनकी शख्सियत की झलकियों को उनके चित्रों के माध्यम से दर्शाया जाएगा ताकि यहां से गुजरने वाला हर शख्स देश के महान सपूत उत्तराखंड के गौरव शहीद जनरल बिपिन रावत से प्रेरणा ले सके। इस मौके पर सहायक अभियंता आनंद मिश्रवाण, पार्षद मनीष बनवाल, विपिन पंत, विजय बडोनी, बिजेंद्र मोघा, गुरविंदर सिंह गुरी, कमला गुनसोला,रवि शर्मा, यसवंत रावत,रूपेश गुप्ता, हर्ष व्यास, रंजन अंथवाल, रेखा सजवाण, राजेश गौतम,दिनेश बिष्ट, रिंकी राणा, संजय बिष्ट, अक्षय कौशिक, सफाई निरीक्षक धीरेंद्र सेमवाल, अभिषेक मल्होत्रा आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

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उत्तराखंड के सपूत सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के एक महीने बाद भी नहीं हुआ अनुग्रह राशि का ऐलान https://hillmail.in/no-declaration-of-ex-gratia-amount-even-one-month-after-the-death-of-cds-general-bipin-rawat/ https://hillmail.in/no-declaration-of-ex-gratia-amount-even-one-month-after-the-death-of-cds-general-bipin-rawat/#respond Fri, 07 Jan 2022 19:25:01 +0000 https://hillmail.in/?p=30332 देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की तमिलनाडु में एक हेलीकॉप्टर हादसे में मौत को एक महीने का समय हो गया है। 8 दिसंबर 2021 को कुन्नूर में हुए इस क्रैश में सीडीएस जनरल रावत के साथ उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 अन्य सैन्यकर्मियों की मौत हो गई थी। देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले इन सभी सैन्यकर्मियों के परिवारों के लिए संबंधित राज्य सरकारों की ओर से अनुग्रह राशि का ऐलान किया गया है। लेकिन उत्तराखंड से आने वाले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के परिवार के लिए अभी तक किसी तरह की अनुग्रह राशि की घोषणा नहीं की गई है। वह पौड़ी के सैंण गांव के मूल निवासी थे। सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के निधन के बाद परिवार में उनकी दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी कृतिका की शादी हो चुकी है जबकि छोटी बेटी तारिणी अविवाहित हैं।

उत्तराखंड में सीएम राहत कोष से सेना में सेवा के दौरान शहीद होने वाले सैन्यकर्मियों के परिजनों को 10 लाख रुपये से लेकर 25 लाख रुपये तक की अनुग्रह राशि दी जाती रही है।

यह भी पढ़ें – सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर कैसे हुआ क्रैश, जांच रिपोर्ट से मिला जवाब

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सीडीएस जनरल बिपिन रावत का एक घर उत्तर प्रदेश के नोएडा में भी है। हालांकि उन्हें सम्मान देते हुए उत्तराखंड सरकार ने देहरादून में बन रहे सैन्यधाम के द्वार का नाम सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखने का ऐलान किया है। वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मैनपुरी सैनिक स्कूल का नाम ‘जनरल बिपिन रावत सैनिक स्कूल’ किए जाने की घोषणा की है। सीडीएस जनरल बिपिन रावत के साथ इस हादसे में जान गंवाने वाले सैन्यकर्मियों के परिजनों को विभिन्न राज्य सरकारों की ओर से अनुग्रह राशि देने की घोषणा की गई है।

यह भी पढ़ें – यूपी का मैनपुरी सैनिक स्कूल सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम से जाना जाएगा, सीएम योगी आदित्यनाथ ने की घोषणा

राजस्थान सरकार ने इस हादसे में जान गंवाने वाले स्क्वॉड्रन लीडर कुलदीप सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया। वहीं यूपी सरकार ने शहीद विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान के परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा की। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस हादसे में जान गंवाने वाले लांस नायक जीतेंद्र कुमार के परिवार के लिए 1 करोड़ की सम्मान राशि और सरकारी नौकरी की घोषणा की। वहीं आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने लांस नायक बी साई तेजा के परिवार को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। हिमाचल प्रदेश सरकार ने लांस नायक विवेक कुमार के परिजनों को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी। इसी तरह पंजाब सरकार ने नायक गुरसेवक सिंह को नियमानुसार आर्थिक मदद, परिवार के एक सदस्य को नौकरी और बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का ऐलान किया है।

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यूपी का मैनपुरी सैनिक स्कूल सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम से जाना जाएगा, सीएम योगी आदित्यनाथ ने की घोषणा https://hillmail.in/up-yogi-adityanath-government-rename-mainpuri-sainik-school-after-cds-general-bipin-rawat/ https://hillmail.in/up-yogi-adityanath-government-rename-mainpuri-sainik-school-after-cds-general-bipin-rawat/#respond Thu, 06 Jan 2022 17:52:31 +0000 https://hillmail.in/?p=30301 देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के सम्मान में उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ी घोषणा की है। उत्तर प्रदेश में मैनपुरी के सैनिक स्कूल को अब जनरल बिपिन रावत सैनिक स्कूल के नाम से जाना जाएगा। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि स्वरूप उत्तर प्रदेश सरकार ने मैनपुरी स्थित सैनिक स्कूल को नया नाम देने का फैसला किया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इसकी घोषणा की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मां भारती के अमर सपूत, देश के प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए जनपद मैनपुरी स्थित सैनिक स्कूल का नाम जनरल बिपिन रावत सैनिक स्कूल किया गया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया है कि अमर शहीद जनरल बिपिन रावत को समर्पित यह स्कूल युवाओं को सतत प्रेरणा प्रदान करने वाला होगा।

सीडीएस जनरल रावत का 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए एक हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया था। इस हेलीकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वाले 14 लोगों में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका, उनके रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह शामिल थे। यह हादसा उस वक्त हुआ था जब आठ दिसंबर को सुलूर एयरबेस से वेलिंगटन के लिए हेलीकॉप्टर उड़ान भर रहा था।

यह भी देखें – 

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उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में नए सैनिक स्कूल की शुरुआत 01 अप्रैल 2019 को की गई थी। 30 अप्रैल 2015 को रक्षा मंत्रालय और यूपी सरकार के बीच हुए करार के बाद इस स्कूल की नींव रखी गई थी। इस स्कूल का पहला बैच 22 जुलाई 2019 को शुरू हुआ था। अन्य सैनिक स्कूलों की तरह मैनपुरी सैनिक स्कूल रक्षा मंत्रालय के अधीन सैनिक स्कूल सोसायटी के अंतर्गत आता है।

 

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सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर कैसे हुआ क्रैश, जांच रिपोर्ट से मिला जवाब https://hillmail.in/defence-minister-rajnath-singh-briefed-about-cds-general-bipin-rawat-helicopter-crash-by-probe-team/ https://hillmail.in/defence-minister-rajnath-singh-briefed-about-cds-general-bipin-rawat-helicopter-crash-by-probe-team/#respond Wed, 05 Jan 2022 12:39:35 +0000 https://hillmail.in/?p=30257 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए एक हेलीकॉप्टर हादसे में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मौत के मामले की जांच रिपोर्ट आ गई है। जांच दल ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जांच के नतीजों की जानकारी दी गई है। विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, वायुसेना ने तीनों सेनाओं की जांच में निकले निष्कर्ष के बारे में रक्षा मंत्री को 45 मिनट का प्रजेंटेशन दिया। इस रिपोर्ट के हवाले से कहा गया कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत और पायलट समेत 13 अन्य लोगों को ले जा रहा एमआई17 हेलीकॉप्टर खराब मौसम के चलते हादसे का शिकार हुआ।

समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि उस दिन एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर के पायलट विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान थे और क्रैश से ठीक 8 मिनट पहले उन्होंने कहा था कि वह हेलीकॉप्टर को लैंड करा रहे हैं। वह हेलीकॉप्टर को काफी नीचे उड़ा रहे थे। जमीन से करीब 500-600 मीटर की ऊंचाई पर उस दिन हेलीकॉप्टर के चारों ओर बादलों की मोटी परत थी और इससे विजिबिलिटी काफी कम हो गई थी।

यह भी पढ़ें – #Raibaar2021 गणेश जोशी बोले, देहरादून में बन रहे सैन्यधाम का नाम सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर होगा

रिपोर्ट के मुताबिक, विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान रेलवे लाइन को फॉलो करते हुए हेलीकॉप्टर को उड़ा रहे थे और उन्हें वेलिंग्टन में डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज में उसे उतरना था। यहां सीडीएस जनरल बिपिन रावत को एक लेक्चर देना था। हेलीकॉप्टर से आखिरी कम्युनिकेशन क्रैश से 8 मिनट पहले रिकॉर्ड किया गया था। मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि जांच रिपोर्ट में किसी तरह की गड़बड़ी या नुकसान की आशंका सिरे से खारिज कर दी गई है।

यह भी देखें – सीडीएस जनरल बिपिन रावत की श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, एनएसए अजीत डोभाल, कई सैन्य अधिकारियों ने भी किया नमन

एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह ने इस हादसे की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का नेतृत्व किया। तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हुई इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले 14 लोगों में जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका, उनके रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के स्टाफ ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह शामिल थे।

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रैबार में बोले सीएम पुष्कर धामी देवभूमि को ऐसी ही सामूहिक चर्चाओं की जरूरत, मिलकर बनाएंगे उत्तराखंड को नंबर वन https://hillmail.in/raibaar-2021-held-in-rishikesh-uttarakhand-remember-cds-general-bipin-rawat/ https://hillmail.in/raibaar-2021-held-in-rishikesh-uttarakhand-remember-cds-general-bipin-rawat/#respond Sun, 26 Dec 2021 19:24:10 +0000 https://hillmail.in/?p=30128 उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट गवर्नर गुरमीत सिंह (रिटा.) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को ऋषिकेश के गंगा रिसोर्ट में आयोजित रैबार एक नए उत्तराखंड का कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान उत्तराखंड से संबंध रखने वाली तमाम हस्तियों ने उत्तराखंड के विकास के लिए मिलकर काम करने की इच्छा जताई। कार्यक्रम के दौरान दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत को विशेष श्रद्धांजलि दी गई। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, नेशनल टेक्नीकल रिसर्ट आर्गेनाइजेशन (एनटीआरओ) के प्रमुख अनिल धस्माना, मशहूर गीतकार एवं सेंसर बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी, इंडियन स्पेस एसोसिएशन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अनिल भट्ट (रिटा.), एनडीएमए के मेंबर राजेंद्र सिंह, एनडीआरआई करनाल के निदेशक डा. मनमोहन सिंह चौहान, सीडीएस जनरल बिपिन रावत के मामा कर्नल सत्यपाल परमार (रिटा.), ऋषिकेश की मेयर अनीता ममगाईं ने भी शिरकत की।

सुबह के सत्र को संबोधित करते हुए उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि यह हमारे राज्य के लिए बड़ी क्षति है। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि के क्षेत्र में काफी काम किया जा रहा है। राज्य को केंद्र द्वारा कई पुरस्कार मिले हैं।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (रिटा.) ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत के सेना में योगदान को याद करते हुए कहा कि रैबार बड़ा ही खूबसूरत शब्द है। संदेश देने के लिए गंगा के किनारे से बेहतरीन कोई जगह नहीं हो सकती। उत्तराखंड के इन सपूतों को देवभूमि के विकास के लिए एक मंच पर लाने की कोशिश बहुत अच्छी है। इसके लिए हिल-मेल को बधाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में कहा था कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा। यहां हो रहे विकास कार्यों को देखकर ऐसा नजर भी आता है। उत्तराखंड सैनिकों की भूमि है। मैं आप सभी को भरोसा दिलाता हूं कि राजभवन देश की सेवा करने वाले सैनिकों के लिए हमेशा खुला है।

सीएम धामी ने कहा कि विश्वास ही नहीं होता कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत अब हमारे बीच नहीं हैं. वो देश और प्रदेश का गौरव थे. उनकी सादगी और सरलता से लगता ही नहीं था कि वो सीडीएस जैसे शीर्ष ओहदे पर थे। वीर शहीद जनरल बिपिन रावत का उत्तराखंड से बेहद लगाव था। वह मेरे लिए एक अभिभावक के समान थे। आज भी जब उनके साथ बिताया समय याद आता है तो आंखें भर आती हैं। सीएम धामी ने कहा कि हम सभी के आदर्श ,टल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है और हम इसी सुशासन की परिकल्पना को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। आज के दिन पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी की भी जयंती है हम उनको भी नमन करते हैं।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के जो लोग बाहर हैं, जिन्होंने प्रदेश का गौरव बढ़ाया है, हम सभी क्षेत्रों में काम करने वाले ऐसे लोगों के विचार जानना चाहते हैं कि कैसे हम मिलकर अपने प्रदेश को आत्मनिर्भर बना सकें। अपनी भौगोलिक परिस्थितियों और विभिन्नताओं में कैसे सामंजस्य बिठाया जाए और कैसे हम आगे बढ़े। इस पर लगातार मंथन चल रहा है।

उन्होंने कहा कि जब मैं इस राज्य के पहाड़ों की ओर देखता हूं तो मुझे एक प्रतिध्वनि सुनाई पड़ती है, जोकि ईमानदारी, सच्चाई,साहस और दैवीय प्रकाश की प्रतिध्वनि है। उन्होंने कहा कि हम बोधिसत्व कार्यक्रम की अभी तक 4 श्रृंखलाएं आयोजित कर चुके हैं। इस कार्यक्रम के तहत अपने अपने क्षेत्र के विशेषज्ञों के माध्यम से उत्तराखंड के विकास के हेतु नए बिंदुओं को शामिल कर, विकास की गति को तेज करना हमारा उद्देश्य है।


उन्होंने कहा, पहाड़ में हम में से अधिकतर लोग रेल को लेकर बड़े उत्साहित रहते हैं. हमारे गांवों में बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्होंने कभी रेल नहीं देखी, ऐसे बहुत से लोगों को आप भी जानते होंगे जिनके लिए रेल किसी सपने से कम नहीं लेकिन अब ये सपना भी पूर्ण होने जा रहा है। आज 16 हजार 216 करोड़ रुपये की 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है और इस योजना को वर्ष 2024-25 तक पूरा कर लिया जाएगा। हमने हर क्षेत्र में का करने का प्रयास किया है। 5 महीने के कार्यकाल में मैंने पूरी क्षमता के साथ अपना काम किया। हम सब मिलकर उत्तराखंड को नंबर वन राज्य बनाएंगे। जब 2025 में उत्तराखंड के 25 साल होंगे आप नंबर वन उत्तराखंड देखेंगे।


एनटीआरओ के प्रमुख अनिल धस्माना ने कहा कि टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उत्तराखंड में काफी संभावनाएं हैं। देश का पहले ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर इसी राज्य में हैं। यहां से देश के लिए बड़े कार्य हो रहे हैं। उन्होंने सीडीएस जनरल रावत से अपने संबंधों का भी जिक्र किया। वहीं ले. जनरल अनिल भट्ट ने स्पेस टेक्नोलॉजी की बात की जबकि एनडीआरआई के निदेशक डा. मनमोहन सिंह चौहान के कहा कि आधुनिक खेती और डेयरी तकनीक अपनाकर उत्तराखंड के किसान प्रगति कर सकते हैं। राजेंद्र सिंह ने एनडीएमए ने द्वारा उत्तराखंड में की गई पहल का जिक्र किया।

मशहूर गीतकार प्रसून जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में अक्सर हम सुनते थे कि ‘फूल वही सर चढ़ा जो चमन से निकल गया, इज्जत उसी को मिली जो वतन से निकल गया’ इसे बदलने की आवश्यकता है। जो बाहर चला गया, अपना नाम कर लिया उसकी प्रतिध्वनि यहां सुनाई देती थी। इसे बदलना होगा और रैबार कार्यक्रम उस दिशा में अहम कदम है।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आज अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है, और मैं दावे के साथ आज कह सकता हूं कि वह पीएम नहीं बनते तो उत्तराखंड अलग राज्य नहीं बनता। सीडीएस रावत को याद करते हुए उन्होंने कहा कि जब भी मैं उनसे मिलता वह हमेशा उत्तराखंड के विकास की बात करते थे। गणेश जोशी ने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने फैसला किया है कि देहरादून में बन रहे सैन्य धाम का नाम सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर होगा।

आईटीबीपी के एडीजी मनोज रावत ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत को याद करते हुए कहा कि आज का वातावरण काफी अलग है। हम अपने उत्तराखंड के महानायक और देश के सीडीएस जनरल बिपिन रावत जी को रैबार के माध्यम से श्रद्धांजलि दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब भी मुझे कोई भी मसला होता था, मैं सीडीएस जनरल रावत के पास जाता था और समाधान हो जाता था।

स्वामी वीरेंद्रानंद गिरि जी महाराज, महामंडलेश्वर जूना अखाड़ा ने कहा कि बॉर्डर पर स्थित गांवों के लोगों को वहां रोकना जरूरी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हमें 14 से 24 साल के बच्चों की चिंता करनी है, उन्हें सही मार्ग दिखाने की जरूरत है।

इंडिया फाउंडेशन के डायरेक्टर शौर्य डोभाल ने कहा कि जब हम सरकार की बात करते हैं तो दो चीजों की उससे अपेक्षा की जाती है। पहला, सुरक्षा और दूसरा खुशहाली। समय के साथ दोनों क्षेत्रों में यह बढ़ती जाती है। उत्तराखंड का देश की सुरक्षा में अमूल्य योगदान है। अब खुशहाली की दिशा में आगे बढ़ने है।

कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड की लोकगायिका रेखा धस्माना ने सीडीएस जनरल रावत के लिए विशेष रूप से लिखा गीत गया। इसके साथ ही उन्होंने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को भी सुरीली श्रद्धांजलि दी। आईटीबीपी के प्रख्यात गायक अर्जुन खेरियाल ने भी सीडीएस जनरल बिपिन रावत को सुरीली श्रद्धांजलि दी। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड की कई जानी मानी शख्सियतों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के अंत में हिल-मेल शिखर पर उत्तराखंडी टॉप-50 पत्रिका का विमोचन किया गया। इस कार्यक्रम में आज तक के संपादक मनजीत नेगी का विशेष योगदान रहा।

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सीडीएस जनरल बिपिन रावत की श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, एनएसए अजीत डोभाल, कई सैन्य अधिकारियों ने भी किया नमन https://hillmail.in/minister-of-state-for-defense-ajay-bhatt-nsa-ajit-doval-reached-preyer-meeting-of-cds-general-bipin-rawat/ https://hillmail.in/minister-of-state-for-defense-ajay-bhatt-nsa-ajit-doval-reached-preyer-meeting-of-cds-general-bipin-rawat/#respond Mon, 20 Dec 2021 14:33:40 +0000 https://hillmail.in/?p=30070 दिवंगत चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की श्रद्धांजलि सभा में कई दिग्गज पहुंचे। नई दिल्ली स्थित सुब्रतो पार्क के वायुसेना सभागार में सीडीएस स्व. जनरल रावत के परिवार ने उनके लिए एक श्रद्धाजंलि सभा रखी थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, तीनों सेनाओं के प्रमुखों समेत कई मौजूदा और सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी स्व. जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी स्व. श्रीमती मधुलिका रावत जी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।   8 दिसंबर को एक हेलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 अन्य सैन्यकर्मियों का निधन हो गया था। इस दौरान सभी ने भारतीय सेना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के योगदान को याद किया।

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देश के पहले सीडीएस और थियेटर कमांड के शिल्पी

जनरल बिपिन रावत सेना में बदलाव लाने के लिए जाने जाते थे। तीनों सेनाओं को पुनर्गठन के महत्वपूर्ण काम को अंजाम देने के लिए हिए उन्हें 31 दिसंबर, 2019 को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) बनाया गया। उनका सबसे बड़ा काम तीनों सेनाओं में तालमेल बिठाने का था। इसके साथ ही तीन साल के भीतर उन्हें सेनाओं का पुनर्गठन कर ‘थिएटर कमांड’ बनाने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। वह जिस थिएटर कमांड प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे, वो प्रोजेक्ट चीन और पाकिस्तान से आने वाले खतरों से निपटने में अहम रोल अदा करता। दरअसल थिएटर कमांड्स का सबसे सही इस्तेमाल युद्ध के दौरान तब होता है, जब भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेना प्रमुखों के बीच तालमेल होता है। थिएटर कमांड्स से बनी रणनीतियों से दुश्मन पर अचूक वार करना आसान हो जाता। तीनों सेनाओं के संसाधनों और हथियारों का इस्तेमाल एक साथ किया जा सकता है।

1999 में भारत ने पाकिस्तान के साथ कारगिल की जंग लड़ी। इसके बाद बनी कई समितियों ने थिएटर कमांड और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद की स्थापना के सुझाव दिए थे। 20 साल बाद 15 अगस्त 2019 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीफ ऑफ डिफेंस पद की स्थापना की घोषणा की थी, तब उन्होंने कहा था, ‘तीनों सेनाओं में समन्वय तो है और वे अपने-अपने तरीके से आधुनिकीकरण के लिए भी प्रयास करते हैं लेकिन जिस तरह युद्ध के दायरे और रूप-रंग बदल रहे हैं और जिस तरह की टेक्नोलॉजी की भूमिका बढ़ रही है, उसके कारण भारत को भी टुकड़ों में सोचने से काम नहीं चलेगा, देश की पूरी सैन्‍यशक्ति को एकजुट होकर एक साथ आगे बढ़ना होगा।

अभी देश में करीब 15 लाख सशक्त सैन्य बल है। इन्हें संगठित और एकजुट करने के लिए थिएटर कमांड की जरूरत है। एक साथ कमांड लाने पर सैन्य बलों के आधुनिकीकरण का खर्च कम हो जाएगा। किसी भी आधुनिक तकनीक का प्रयोग सिर्फ एक ही सेना नहीं करेगी बल्कि उस कमांड के अंदर आने वाले सभी सैन्य बलों को उसका लाभ मिलेगा। सीडीएस जनरल बिपिन रावत 4 थिएटर कमांड पर काम कर रहे थे। वह साल 2022 तक थिएटर कमांड के गठन का लक्ष्य लेकर चल रहे थे।

जनरल रावत ने अपने दो साल के कार्यकाल में सेनाओं के एकीकरण के लिए तीन बड़ी एजेंसियां जरूर तैयार कर दी थीं। पहली थी साइबर डिफेंस एजेंसी, दूसरी डिफेंस स्पेस एजेंसी और तीसरी थी स्पेशल ऑपरेशन डिवीजन। निकट भविष्य में ये तीनों एजेंसियां अलग-अलग कमांड भी बन सकती थीं। सीडीएस जनरल बिपिन रावत का रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण में भी एक बड़ा योगदान था। पिछले पांच-छह साल से थलसेना, वायुसेना और नौसेना में स्वदेशी हथियारों को ही तरजीह दी जा रही थी, तो इसका एक बड़ा श्रेय जनरल रावत को जाता है। अगर विदेशी हथियार और सैन्य साजो-सामान खरीद भी रहे थे तो उसे मेक इन इंडिया के तहत देश में ही निर्माण करने की कोशिश रहती थी।यही कारण था कि थलसेना स्वदेशी अर्जुन टैंक लेने को तैयार हुई और  वायुसेना ने एलसीएच अटैक हेलीकॉप्टर लेने को हामी भरी थी। जनरल बिपिन रावत रक्षा क्षेत्र में सुधारों के लिए हमेशा जाने जाते रहेंगे।

 

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