कोरोना का कहर जारी है। देश में लगातार नए मरीजों की संख्या हजारों में बढ़ रही है तो कुछ दिन दो अंकों में आ रहे उत्तराखंड में कोरोना के केस रविवार को फिर अचानक बढ़ गए। दरअसल, मरीजों के ठीक होने की रफ्तार देखें तो प्रदेश में स्थिति अच्छी है पर केस बढ़े तो हालात बिगड़ सकते हैं।
उत्तराखंड में कोरोना के मामले कभी एक अंक में आया करते थे, बाद में ये दो अंकों में आने लगे पर अब आंकड़े टेंशन दे रहे हैं। रविवार शाम 7 बजे तक की जो रिपोर्ट सामने आई है उसके मुताबिक उत्तराखंड में 120 नए मरीज सामने आए हैं। इसके साथ ही कुल मामलों की संख्या 3500 के आंकड़े को भी पार कर गई है।
3537 कुल पॉजिटिव मामलों में से एक्टिव केस की संख्या 674 है और 2786 लोग ठीक होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हो चुके हैं। कुल 47 लोगों की मौत हो चुकी है। अगर पिछले 24 घंटों की बात करें तो 68 पॉजिटिव मरीज रविवार को अस्पतालों से डिस्चार्ज किए गए।
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इस समय राज्य में पिछले सात दिनों में डबलिंग रेट 46.89 दिन का है। अगर प्रतिशत रिकवरी रेट देखें तो यह राज्य में 78.77 प्रतिशत है, जो एक राहत की बात है। हालांकि अनलॉक में कोरोना संक्रमण को हल्के में लेने की गलती भारी पड़ सकती है। यही वजह है कि कई जगहों पर पाबंदी, लॉकडाउन या सील करने जैसे फैसले लेने पड़े हैं। उत्तराखंड में कुल टेस्ट किए गए सैंपल्स में से 4.10 प्रतिशत ही पॉजिटिव आए हैं।
अगर हम 13 जिलेवार आंकड़े देखें तो अब तक सबसे ज्यादा केस में देहरादून ही आगे है, जहां 871 केस सामने आ चुके हैं। दूसरे स्थान पर 577 केस के साथ नैनीताल, उधमसिंह नगर में 456, टिहरी गढ़वाल में 456, हरिद्वार में 365, अल्मोढ़ा में 201 केस सामने आए हैं। उधर, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी जिलों की हालत अच्छी कही जा सकती है क्योंकि यहां अभी कुल केस दो अंकों में ही हैं।
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