कोरोना के मामले हर रोज बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड में शनिवार और रविवार को लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया गया। सरकार सुपर स्प्रेडर्स पर भी नजर रख रही है, जिनसे समाज में बड़ी संख्या में लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं।
उत्तराखंड में अब हर रोज कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। शनिवार को प्रदेश में कोविड-19 के 174 नए केस दर्ज किए गए। सबसे अधिक 50 मामले देहरादून से हैं। इसके अलावा 45 मामले ऊधमसिंह नगर, 36 नैनीताल, 27 हरिद्वार, सात अल्मोड़ा, तीन-तीन मामले उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल और पिथौरागढ़ में सामने आए हैं। इसके साथ ही प्रदेश में कुल मामले बढ़कर 4276 हो गए हैं। 51 लोगों की मौत हो चुकी है पर राहत की बात यह है कि 3,081 लोग ठीक होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हो चुके हैं। वर्तमान में 1108 मामले एक्टिव हैं, जबकि 52 की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 35 मरीज राज्य से बाहर चले गए हैं।
18 जुलाई 2020 का हेल्थ बुलेटिन शाम साढ़े सात बजे जारी किया गया। शनिवार को सूबे के अलग-अलग अस्पतालों से 60 कोविड मरीज ठीक होकर अपने घर चले गए। इस समय 1108 सक्रिय केस हैं। चिंता यह है कि अभी 8197 सैंपल्स के परिणाम आने बाकी हैं।
केस दोगुना होने की दर अब 25.74 दिन हो गई है। राज्य में कोविड-19 मरीजों का रिकवरी प्रतिशत अब 72.05% है। उत्तराखंड में टेस्ट किए गए कुल सैंपल्स में से केवल 4.09 प्रतिशत ही पॉजिटिव पाए गए हैं। जिलेवार आंकड़े देखें तो देहरादून में सबसे ज्यादा 1049 केस आए हैं। उसके बाद 716 केस ऊधमसिंह नगर से हैं जबकि 684 कोरोना के मामले नैनीताल जनपद से आए हैं।
आपको बता दें कि केस भले ही बढ़ रहे हैं पर सरकार ने ऐसे हालात से निपटने की तैयारी पहले ही कर रखी है। पिछले दिनों हिल मेल के कार्यक्रम ई-रैबार में आए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि वह यह मानकर चल रहे हैं कि कोरोना के 5 हजार मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ सकती है और सरकार ने उस हिसाब से तैयारी कर रखी है। हालांकि सरकार का जोर सामाजिक दूरी का पालन कराने पर भी है, जिससे संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ा जा सके।