बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर पूरे विधि-विधान से खोले जाएंगे। लॉकडाउन के चलते तब किसे दर्शन की अनुमति मिलेगी, क्या कोई शर्त होगी और क्या है तैयारी, आइए विस्तार से जानते हैं…
15 मई 2020 को श्रीबद्रीनाथ धाम (Badrinath Temple) के कपाट खुलने जा रहे हैं। हालांकि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए अभी लॉकडाउन चल रहा है। ऐसे में गृह मंत्रालय के निर्देश पर 15 मई को पूजा-पाठ आदि प्रक्रिया संपन्न कराई जाएंगी। इस बाबत जोशीमठ के उप जिला मजिस्ट्रेट ने आदेश भी जारी कर दिया है।
सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि धार्मिक स्थलों पर मंदिर से संबंधित व्यक्तियों के सिवाय अन्य लोगों के जाने की पाबंदी है। ऐसे में श्रीबद्रीनाथ मंदिर में पूजा-पाठ के लिए 14 मई से लॉकडाउन अवधि तक तय लोगों को ही निम्न प्रतिबंधों के साथ जाने की अनुमति प्रदान की जाती है।
आइए शर्तों और प्रतिबंधों को बिंदुवार तरीके से समझते हैं-
1-पूजा स्थल पर सदस्यों के बीच कम से कम एक मीटर की सामाजिक दूरी बनाकर रखनी होगी।
2- सभी सदस्यों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
3- पूजा स्थल को समय-समय पर सैनिटाइज करना अनिवार्य है।
4- पूजा स्थल पर बीड़ी, सिगरेट, पान मसाला खाना और थूकना दंडनीय अपराध की श्रेणी में माना जाएगा।
5- पूजा स्थल एवं सार्वजनिक स्थल पर थूकना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा।
6- पूजा-पाठ से संबंधित प्रत्येक व्यक्ति लॉकडाउन की अवधि तक बिना प्रशासन की अनुमति के श्रीबद्रीनाथ क्षेत्र नहीं छोड़ेंगे।
7- जिसको जहां तक की अनुमति मिली है, वह वहीं तक जाएंगे।
8- जो व्यक्ति होम क्वारंटीन हों या रेड जोन से 14 दिन पूर्व आए हों तो उन्हें मंदिर परिसर में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर इन नियमों का उल्लंघन होगा तो आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्यवाही की जाएगी।
अब आइए एक-एक कर वो लिस्ट देखते हैं कि पूजा-पाठ एवं अन्य कार्यों के लिए किन-किन लोगों को अनुमति दी गई है-
भगवान बद्रीनाथ की डोली की यात्रा के लिए कुल 15 लोगों को अनुमति दी गई है।
इसी प्रकार से प्रशासन की ओर से मुख्य मंदिर तक जाने के लिए कुल 24 विशिष्ट लोगों को अनुमति मिली है।
इसके अलावा एक लिस्ट उन अधिकारियों, कर्मचारियों और गेस्ट हाउस से संबंधित लोगों की है, जिन्हें अलग-अलग कार्यों के लिए इजाजत मिली हुई है।
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