पुराने छात्र-छात्राओं की सेमेस्टर परीक्षाएं यूजीसी गाइडलाइन के अनुसार अगली कक्षाओं में प्रमोट करते हुए 05 अगस्त तक परीक्षा फल घोषित कर 16 अगस्त से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी।
उत्तराखंड के विश्वविद्यालयों में नया सत्र पहली नंवबर से आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय में उच्च शिक्षा विभाग की बैठक में इस संबंध में चर्चा की गई।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशानिर्देशों के तहत विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में परीक्षाएं संचालित किए जाने के संबंध में यह फैसला किया गया कि विश्वविद्यालय स्तर पर अंतिम वर्ष एवं अंतिम सेमेस्टर के छात्र-छात्रों की परीक्षाएं 24 अगस्त से 25 सितम्बर तक आयोजित की जाएंगी तथा 25 अक्टूबर तक परीक्षा फल घोषित कर दिया जाएगा जबकि 01 नवंबर से नया सत्र शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा पुराने छात्र-छात्राओं की सेमेस्टर परीक्षाएं यूजीसी गाइडलाइन के अनुसार अगली कक्षाओं में प्रमोट करते हुए 05 अगस्त तक परीक्षा फल घोषित कर 16 अगस्त से ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी जाएंगी। 12वीं के परीक्षाफल घोषित होने के साथ ही समस्त राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों बीए, बीएससी, एमए, एमएससी आदि कक्षाओं में प्रथम वर्ष हेतु प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी तथा एक नंवबर के कक्षाएं शुरू होंगी।
बैठक में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों द्वारा बताया गया कि राज्य के कई महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों को कोविड19 क्वारंटीन सेंटर बनाए गए हैं जिसके चलते परेशानी आ सकती है जिस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोविड-19 के दृष्टिगत जिन विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में क्वारंटीन सेंटर बनाए गए हैं संबंधित संस्थान के मुखिया के ओर से जिलाधिकारी को पत्र भेजकर 25 जुलाई तक क्वारंटीन सेंटर खाली कराते हुए अन्यत्र शिफ्ट करा दिए जाएं तथा वहां पर छात्रों के आने से पहले सैनेटाइजेशन की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाए ताकि परीक्षा देने वाले छात्रों को कोई कठिनाई न हो।
बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि पूरे प्रदेश में लगभग 03 लाख छात्र-छात्राए उच्च शिक्षा में अध्यनरत हैं जिनमें से लगभग 80 हजार छात्र-छात्रायें अंतिम वर्ष/सेमेस्टर के शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग 25 हजार छात्र-छात्राएं बाहरी राज्यों से अध्यनरत हैं जिनको परीक्षा से पूर्व 01 अगस्त तक संबंधित विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में अपनी उपस्थिति देनी होगी, लेकिन उनके लिए शर्त रखी गई है वह अपने प्रदेशों से कोविड-19 का टेस्ट कराते हुए प्रमाणपत्र भी साथ लेकर आएंगे ताकि क्वारंटीन की अनिवार्यता से बचा जा सके।
बैठक में प्रमुख सचिव आनंद वर्द्धन ने बताया कि यूजीसी द्वारा पूर्व में शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कार्यालय आने संबंधी छूट समाप्त कर दी गई है। अब सभी प्राचार्यों, शिक्षकों अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कार्यालय में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा। आदेशों का पालन न करने पर सम्बन्धित के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
बैठक के बाद मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति ओपीएस नेगी ने कोविड-19 के दृष्टिगत मुख्यमंत्री राहत कोष हेतु विश्वविद्यालय की ओर से 5 लाख 80 हजार की धनराशि का चेक भेंट किया।
बैठक में राज्य मंत्री डा. बहादुर सिंह बिष्ट, दीप्ति रावत, मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति ओपीएस नेगी, दून विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एके कर्नाटक, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डा. पीपी ध्यानी, कुमाऊं विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ एनके जोशी, उच्च, शिक्षा निदेशक डा. कुमकुम रौतेला आदि उपस्थित थे।
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