रिकॉर्ड समय में इस जगह पर 180 फीट के बैली ब्रिज को तैयार कर लिया गया है। रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि 16 अगस्त को बीआरओ ने पुल का काम पूरा कर लिया है। अब इस पर वाहन चल रहे हैं।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में मानसूनी बारिश ने भारी तबाही मचा रखी है। जगह-जगह बादल फटने और बड़े पैमाने पर भूस्खलन होने से कई गांवों को संपर्क कट गया है। कई गांवों में मकानों पर भूस्खलन की चपेट में आने का खतरा मंडरा रहा है। इस बीच जिले के जौलजीबी सेक्टर में 27 जुलाई को बादल फटने से भारी तबाही हुई थी। जौलजीबी-मुनस्यारी रोड पर भारी भूस्खलन हुआ था। यहां 50 मीटर का कंक्रीट का पुल सैलाब में बह गया।
ऐसे में एक बड़े हिस्से का संपर्क अन्य क्षेत्रों से कट गया। यह रोड सामरिक लिहाज से भी काफी अहम है। इसके बाद सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने पुल को तैयार करना शुरू किया। रिकॉर्ड समय में इस जगह पर 180 फीट के बैली ब्रिज को तैयार कर लिया गया है। रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि 16 अगस्त को बीआरओ ने पुल का काम पूरा कर लिया है। अब इसपर वाहन चल रहे हैं।
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दुर्गम और सीमांत इलाकों में सड़कें एवं पुल तैयार करने में बीआरओ को विशेषज्ञता हासिल है। कुछ समय पहले पिथौरागढ़ जिले में ही सामरिक रूप से बेहद अहम पिथौरागढ़-मुनस्यारी-मिलम रोड पर टूटे बैली ब्रिज को बीआरओ ने पांच दिन के अंदर फिर तैयार कर दिया था।
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