मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए की होम आइसोलेशन का नियमानुसार पालन किया जाए।
उत्तराखंड सरकार राज्य में आने वालों को कुछ रियायतें देने जा रही है। इससे अनलॉक-4 के दौरान राज्य में आने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने सचिवालय में एक बैठक के दौरान सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जरूरत व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाएं।
मुख्य सचिव ने सचिवालय में कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए की होम आइसोलेशन का नियमानुसार पालन किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि होम आइसोलेशन किट सभी को शीघ्र मिल जाए। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा होम आइसोलेट किए गए लोगों के घरों पर जाकर उन्हें सभी जानकारी एवं आवश्यक दवाई उपलब्ध कराई जाए।
उन्होंने कहा कि सोमवार से राज्य में आने वाले लोगों को बॉर्डर पर कुछ रियायतें दी जाएंगी, जिससे आने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी। एक माह बाद त्योहारों का सीजन भी शुरू हो जाएगा, जिससे आवागमन में तेजी से वृद्धि होगी। इन बातों को ध्यान में रखते हुए सभी जिलाधिकारी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर लें। पर्यटक स्थलों पर भी लोगों की संख्या बढ़ेंगी। इसके लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाए। जिलाधिकारी पर्याप्त मैन पावर की व्यवस्था कर लें। अस्पतालों में ऑक्सीजन बैड, आईसीयू और वेंटिलेटर की पर्याप्त व्यवस्था हो। अगर किसी गंभीर मरीज को रेफर करना हो तो, इसकी सूचना संबंधित अस्पताल को भी दी जाए, ताकि अस्पताल इसके लिए पहले से तैयार रहे।
मुख्य सचिव ने कहा कि देहरादून में लोगों से शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ प्राइवेट लेब में टेस्ट कराने पर रिपोर्ट पॉजिटव आ रही है, जबकि सरकारी अस्पताल में उसी व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है। यह भी शिकायतें आ रही हैं कि देहरादून के प्राइवेट लेबों से लगभग 50 प्रतिशत लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। उन्होंने जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिए कि जिन लोगों के प्राइवेट लेब में टेस्ट पॉजिटव आए हैं, उनमें से कुछ लोगों की सरकारी अस्पतालों में टेस्टिंग की जाए। यदि किसी प्राइवेट लैब द्वारा गलत रिपोर्ट दी जा रही है, तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाए।
उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि कोई गर्भवती महिला कोविड पॉजिटिव आ रही हैं, तो उनके स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि नर्सिंग स्टाफ की संख्या को बढ़ाने के लिए नर्सिंग कॉलेज के फाइनल ईयर के बच्चों को हॉयर किया जाए। एनएचएम के मानकों के हिसाब से उन्हें वेतन दिया जाए। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने वालों और मास्क का प्रयोग न करने वालों पर लगातार कार्रवाई की जाए।
सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी ने कहा कि सभी जिलों में कोविड कंट्रोल रूम में सुपरविजन के लिए वरिष्ठ अधिकारी को रखा जाए। 24 घंटे कर्मचारियों की ड्यूटी हो, लोगों की समस्याओं का शीघ्र निदान किया जाए। कोविड केयर सेंटर, होम आइसोलेशन एवं अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए एंबुलेंस की अलग-अलग व्यवस्था की जाए। कोविड केयर सेंटर में दिन में दो बार स्वास्थ्य परीक्षण जरूर करवाएं। सभी कोविड सेंटरों में सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था हो। ट्रू-नॉट मशीन से सेंपलिंग और बढ़ाई जाए। फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स को भी आईवर मेक्टिन दवा दी जाए। सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जनपदों में दवा की पर्याप्त उपलब्धता हो।
इस बैठक में सचिव पंकज पांडेय, दून मेडिकल कॉलेज के डॉ आशुतोष सयाना, आईजी संजय गुंज्याल, अपर सचिव युगल किशोर पंत, श्रीमती सोनिका, डीजी स्वास्थ्य डॉ. अमिता उप्रेती, वीसी के माध्यम से सभी जिलाधिकारी, एसएसपी एवं सीएमओ उपस्थित थे।
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