कल हुए प्राकृतिक आपदा में लगभग 202 लापता लोगों में से लगातार लोग रिपोर्ट कर रहे हैं। तपोवन के छोटे टनन से रेस्क्यू कर 12 लोगों को सही सलामत बचाया गया है, दूसरे टनल के मलबे को निकाला जा रहा है। अब स्थिति सामान्य है। पुलिस की टीम राहत बचाव में लगी हुई है। इस पूरे अभियान में डीजीपी अशोक कुमार खुद जमीन पर निगरानी कर रहे हैं।
चमोली में रविवार को ग्लेशियर फटने की घटना के बाद राहत एवं बचाव अभियान युद्ध स्तर पर चल रहा है। आपदा प्रबंधन और राहत-बचाव कार्य की जिम्मेदारी उत्तराखंड पुलिस के कंधे पर आई। उत्तराखंड पुलिस महकमे के सबसे बड़े अधिकारी DGP अशोक कुमार ने घटना की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए अपनी कुशल नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया।
उत्तराखंड पुलिस के सामने दो चुनौतियां थीं। पहली मौके पर मौजूद संसाधनों के साथ राहत और बचाव कार्य को तुरंत शुरू करना और दूसरा देश-दुनिया में इस घटना के संबंध में ताजा विश्वसनीय जानकारी साझा करना। विश्वभर के लोगों की इस त्रासदी पर चिंता को देखते हुए लोगों ने सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में वीडियो और जानकारी शेयर करनी शुरू की।
उत्तराखंड पुलिस के तमाम सोशल मीडिया हैंडल से इन पर नजर रखी गई और लोगों को विश्वसनीय जानकारी तुरंत मुहैया कराई गई। सूबे के प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती लोगों के बीच भय को समाप्त करना था। लोग मैदानी इलाकों में पंहुचने वाले पानी को लेकर बेहद आंशकित थे। आपदा की पहली जानकारी मिलते ही डीजीपी अशोक कुमार ने अपने पहले ट्वीट में लोगों से अपील करते हुए कहा कि बेचैन न हों। हमारी टीमें मदद में लगी हुई हैं। राहत बचाव कार्य तेज़ी से किया जा रहा है। अपना और अपनों का ध्यान रखें, ख़ुद को सुरक्षित स्थान पर तुरंत ले जाएं। हमारी राहत बचाव टीम की मदद करें।
लोगों से अपील है कि बेचैन न हों। हमारी टीमें मदद में लगी हुई हैं। राहत बचाव कार्य तेज़ी से किया जा रहा है। अपनो और अपनो का ध्यान रखें, ख़ुद को सुरक्षित स्थान पर तुरंत ले जाएँ। हमारी राहत बचाव टीम की मदद करें।
@Ashokkumarips pic.twitter.com/k2n9Rif3v4— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) February 7, 2021
स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए डीजीपी अशोक कुमार ने रविवार को तुंरत मौके पर जाने का निर्णय लिया और खुद राहत और बचाव कार्यों की निगरानी की। राहत और बचाव कार्यों में पूरी दुनिया की मीडिया की कड़ी निगाहों और इस संबंध में गलत जानकारी का खंडन करना भी उत्तराखंड पुलिस का अहम काम था।
राहत की खबर।
श्रीनगर से अब नदी का बहाव सामान्य हो गया है। देवप्रयाग और निचले इलाक़ों के लोगों के लिए अब ख़तरे की बात नहीं है। पुलिस राहत बचाव तेज़ी से कर रही है। pic.twitter.com/axJxZXeWap— Ashok Kumar IPS (@AshokKumar_IPS) February 7, 2021
रविवार रात कुछ मीडिया हाउस द्वारा राहत और बचाव कार्य रोके जाने की खबर मिलते साथ ही डीजीपी अशोक कुमार तुंरत एक्शन में आए और उन्होंने तुरंत इसका खंडन करते मौके पर जारी राहत और बचाव कार्य का वीडियो ट्वीट किया। डीजीपी अशोक कुमार के इन त्वरित एक्शन से लोगों के बीच विश्वसनीय जानकारी तुंरत फैली।
Rescue work on the second tunnel was stopped temporarily only due to some rise in water level..it has already started again. The machine clearing the slush again at the entry of tunnel..some agencies are misquoting ..@ANI @aajtak @ABPNews pic.twitter.com/PW3eigANKQ
— Ashok Kumar IPS (@AshokKumar_IPS) February 7, 2021
राहत और बचाव कार्यों की खुद निगरानी कर रहे डीजीपी
उत्तराखंड DGP अशोक कुमार ने राहत और बचाव कार्यों की ताजा जानकारी देते हुए कहा कि ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से बह गया है। इस प्रोजेक्ट से कुल 46 लोग लापता हैं। तपोवन से लापता लोगों का कुल आंकड़ा 145 के करीब पहुँचा। आस-पास के गांवों के 11 लोग लापता हैं। 11 लोगों के शव बरामद किए गए हैं। बड़ी टनल में रेस्क्यू आपरेशन जारी है।
कृपया panic न फैलाएं। राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर किये जा रहे हैं, उसमें प्रशासन का सहयोग करें।#Chamoli #UttarakhandPolice #RescueOperation @ANI @aajtak @PIB_India @ABPNews @News18India @DDNewslive @DIPR_UK @IPS_Association pic.twitter.com/m1S1EI3ZZt
— Ashok Kumar IPS (@AshokKumar_IPS) February 8, 2021
कल हुए प्राकृतिक आपदा से हम बहुत हद तक निपट चुके हैं।लगभग 202 लापता लोगों में से लगातार लोग रिपोर्ट कर रहे हैं। तपोवन के छोटे टनन से रेस्क्यू कर 12 लोगों को सही सलामत बचाया गया है, दूसरे टनल के मलबे को निकाला जा रहा है। अब स्थिति सामान्य है। पुलिस की टीम राहत बचाव में लगी हुई है। pic.twitter.com/494lPyLtRZ
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) February 8, 2021
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