सौगातों की बारिशः इधर 250 किमी के राष्ट्रीय राजमार्गों का लोकार्पण-शिलान्यास…उधर दौड़ी जनशताब्दी स्पेशल ट्रेन

सौगातों की बारिशः इधर 250 किमी के राष्ट्रीय राजमार्गों का लोकार्पण-शिलान्यास…उधर दौड़ी जनशताब्दी स्पेशल ट्रेन

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस मौके पर कहा कि बहुत सी अड़चनों के बाद इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सका है। हमने वचन दिया था कि कुंभ से पहले यह काम कर लिया जाएगा। बड़ी खुशी है कि हम इसे पूरा करने में कामयाब रहे। इन राजमार्गों के पूरा होने से समय की काफी बचत होगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इन प्रोजेक्टों के लिए केंद्रीय मंत्री का आभार जताया।

उत्तराखंड को केंद्र सरकार से मिलने वाली सौगातों का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड के लिए 5400 करोड़ रुपये की लागत से 250 किमी लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इनमें 5000 करोड़ के राजमार्गों का लोकार्पण और 400 करोड़ के राजमार्गों का शिलान्यास किया गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के अनुरोध पर राज्य का सीआरएफ की स्वीकृति को 10 गुना कर दिया है। प्रस्ताव मिलने पर इस वर्ष 250 करोड़ रुपये के कार्य की स्वीकृति दे दी जाएगी।

उधर, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दिल्ली से टनकपुर के बीच पूर्णागिरी जनशताब्दी स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन का शुभारंभ किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि यह ट्रेन उत्तराखंड से कनेक्टिविटी को बढ़ावा देते हुए यहां पर्यटन और आर्थिक विकास की गति को तेज करेगी।

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दिल्ली-टनकपुर जन शताब्दी ट्रेन शुरू होने के अवसर पर राज्यसभा सांसद और भाजपा के नेशनल मीडिया इंचार्ज अनिल बलूनी ने ट्वीट कर कहा, सरकार की उत्तराखंड को एक और सौगात। टनकपुर से दिल्ली के लिए पूर्णागिरी जनशताब्दी एक्सप्रेस का शुभारंभ। माननीय प्रधानमंत्री @narendramodi  जी और रेल मंत्री @PiyushGoyal का हार्दिक धन्यवाद।

इस बीच, लोकार्पण किए गए राष्ट्रीय राजमार्गों में मुजफ्फरनगर-हरिद्वार एनएच 58 का 4 लेन निर्माण (लंबाई 78 किमी, लागत 1750 करोड़ रुपये), रुड़की-छुटमलपुर-गागलहेड़ी (एनएच 73), छुटमलपुर-गणेशपुर (एनएच 72 ए) का 4 लेन निर्माण (लंबाई 54 किमी लागत 2200 करोड़ रुपये), हरिद्वार-देहरादून एनएच 58 एवं 72 का 4 लेन निर्माण (लंबाई 37 किमी, लागत 1000 करोड़ रुपये), मुजफ्फरनगर-हरिद्वार एलिवेटेड संरचना मायापुरी एस्केप चैनल पर सेतु एनएच 58 (लंबाई 01 किमी, लागत 50 करोड़ रुपये) शामिल हैं। इसी प्रकार रुद्रप्रयाग जिले में 1 किमी लंबी टनल का निर्माण एवं अलकनंदा नदी पर एनएच 107, एनएच 7 को जोड़ने के लिए बड़े पुल का निर्माण (लंबाई 02 किमी, लागत 250 करोड़ रुपये), अल्मोड़ा जिले में एनएच 309 बी के अंतर्गत पैटशाल से पनुवानौला और दानिया से पनार के सुदृढ़ीकरण का कार्य (लंबाई 45 किमी, लागत 50 करोड़ रुपये) और पौड़ी गढ़वाल जिले में एनएच 119 (नया 534) के अंतर्गत सतपुली से अगरोड़ा तक सुदृढ़ीकरण का कार्य (लंबाई 33 किमी, लागत 100 करोड़ रुपये) का शिलान्यास किया गया।

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस मौके पर कहा कि बहुत सी अड़चनों के बाद इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सका है। हमने वचन दिया था कि कुंभ से पहले यह काम कर लिया जाएगा। बड़ी खुशी है कि हम इसे पूरा करने में कामयाब रहे। इन राजमार्गों के पूरा होने से समय की काफी बचत होगी।

ट्रैफिक सुधरेगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि मुजफ्फरनगर-हरिद्वार एनएच 58 से बाईपास निर्माण से पुरकाजी-रूड़की और बहादराबाद शहर को ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी। इससे समय और ईंधन की बचत होगी। कुंभ नगरी हरिद्वार के लिए यात्रा सुगम होगी। रोजगार के नए अवसरों का सृजन होगा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

हरिद्वार-देहरादून एनएच 58 एवं 72 से हरिद्वार से देहरादून की यात्रा सुगम होगी। इसमें राजाजी टाइगर रिजर्व वन्य जीव के आवागमन के लिए तीन एलीफेंट कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। बाईपास निर्माण से डोईवाला को यातायात जाम से राहत मिलेगी।

रुड़की-छुटमलपुर-गागलहेड़ी (एनएच 73), छुटमलपुर-गणेशपुर (एनएच 72 ए) से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच सुगम आवागमन की सुविधा होगी। बाईपास निर्माण से रूड़की एवं छुटमलपुर को जाम से राहत मिलेगी। भगवानपुर और सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र में व्यावसायिक वाहनों की बेहतर कनेक्टिविटी होगी। मुजफ्फरनगर-हरिद्वार एलिवेटेड संरचना मायापुरी एस्केप चैनल पर सेतु से हरिद्वार में ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी।

रुद्रप्रयाग जिले में 1 किमी लंबी टनल का निर्माण एवं अलकनंदा नदी पर एनएच 107, एनएच 7 को जोड़ने के लिए लंबे पुल के निर्माण से बाईपास निर्माण से रूद्रप्रयाग में जाम से राहत मिलेगी और केदारनाथ एवं बदरीनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधा मिलेगी। पौड़ी गढ़वाल जिले में एनएच 119 से सड़क की राइडिंग गुणवत्ता में सुधार होगा, संकीर्ण पुलों का चौड़ीकरण होगा और चारधाम यात्रा के लिए वैकल्पिक मार्ग विकसित होगा।

चारधाम परियोजना में 450 किमी के काम पूरे

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चारधाम परियोजना बहुत महत्वपूर्ण है। यह 12,500 करोड़ की 825 किमी की परियोजना है। इसमें 53 पैकेज हैं। 647 किमी में इसका काम शुरू हो गया है। इसमें से 450 किमी के 7508 करोड़ रुपये के कार्य पूरे हो चुके हैं। सामरिक दृष्टि से यह मार्ग परियोजना बहुत महत्वपूर्ण है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस परियोजना में सड़कों का निर्माण अंतरराष्ट्रीय स्तर का वैज्ञानिक तरीके से किया जा रहा है। दुर्घटना रोकने के लिए क्रेश बैरियर भी बनाए गए हैं। अभी तक 13 लाख से ज्यादा पेड़ लगाए हैं।

ऐपण कलाकृति को सराहा, पारंपरिक हस्तकला के लिए पैवेलियन

 

केंद्रीय मंत्री ने हाल ही में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह द्वारा दिल्ली में मुलाकात के दौरान उन्हें भेंट की गई ऐपण पर आधारित कलाकृति की तारीफ की। उन्होंने कहा कि सीएम की ये भेंट प्राप्त करने के बाद उन्होंने निर्णय किया है कि चारधाम परियोजना के रोड साइड एमेनिटी में 2000 वर्ग फीट के पैवेलियन राज्य सरकार को देंगे, ताकि वहां उत्तराखंड के पारंपरिक हस्तकला और स्थानीय उत्पादों को विक्रय के लिए रखा जा सके। इससे उत्तराखंड के हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।

कैलाश मानसरोवर का सड़क मार्ग जल्द होगा पूरा

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर अच्छी सड़कें होती तो 2013 की आपदा में बहुत से लोगों का जीवन बचाया जा सकता था। चारधाम सड़क परियोजना को अपने जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे वर्ष भर चारधाम यात्रा संचालित की जा सकेगी। चारधाम के लिए ऑल सीजन रोड का उनका सपना पूरा हो रहा है। उनका दूसरा सपना है कि उत्तराखंड से सड़क मार्ग से कैलाश मानसरोवर जाने का। मार्ग का 85 प्रतिशत काम पूरा हुआ है। अगले 5-6 माह में यह सड़क पूरी हो जाएगी और वे स्वयं इस सड़क से मानसरोवर के दर्शन के लिए जाएंगे। चारधाम परियोजना हमारी आस्था, अस्मिता और स्वाभिमान का प्रोजेक्ट है। हमें पर्यावरण और विकास को साथ लेकर चलना है। एक पेड़ के बदले हम 10 पेड़ लगाएंगे।

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे से हरिद्वार के लिए भी कनेक्टिविटी

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिल्ली से देहरादून का सफर आने वाले समय में केवल 2 घंटे का होगा। दिल्ली से देहरादून एक्सप्रेस वे के तहत एक कनेक्टिविटी दिल्ली-हरिद्वार के लिए भी दी जाएगी। इससे दिल्ली-हरिद्वार का मार्ग भी 2 घंटे का हो जाएगा। सहारनपुर बाईपास से 2000 करोड़ की लागत से 49 किमी का 6 लेन का नया मार्ग बनाया जाएगा। जनवरी 2024 से पहले इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा। दिल्ली-देहरादून कॉरिडोर की कुल लंबाई 210 किमी और कुल लागत 13 हजार करोड़ रुपये होगी। पहले चरण में यह 6 लेन का होगा। नौ पैकेज में यह काम होगा, इसमें से 5 पैकेज का टेंडर भी हो गया है। शेष 4 पैकेज का टेंडर अप्रैल 2021 तक हो जाएगा।

जौलजीवी-मड़कोट-मुन्स्यारी-थापा से मिलम की सड़क खुलेगी

गडकरी ने बताया कि मुख्यमंत्री के अनुरोध पर यमुना घाटी क्षेत्र को चारधाम परियोजना से जोड़ने के लिए डीपीआर बनाया जा रहा है। सांसद अजय टम्टा के अनुरोध पर जौलजीवी-मड़कोट-मुन्स्यारी-थापा से मिलम की सड़क खोलने के लिए बीआरओ को कह दिया गया है। सतपाल महाराज के अनुरोध पर धनोरीपुल, मिरापुल की मरम्मत और सल्ट महादेव से थैलीसैंण की मरम्मत का काम कर दिया गया है। मदन कौशिक के अनुरोध पर पावनधाम चौक से दुधाधारी चौक तक एलीवेटेड रोड और भूपतवाला में बन रहे अंडरपास में पिलर निर्माण किया जाएगा। डॉ. धन सिंह रावत ने श्रीनगर में एलीवेटेड रोड एवं मैरीन ड्राइव के अनुरोध पर डीपीआर बना ली गई है।

कोटद्वार-सतपुली-ज्वाल्पा- श्रीनगर 2 लेन का डीपीआर बन गया है। रामेश्वर से अल्मोड़ा तक 2 लेन सड़क का निर्माण की डीपीआर बन गई है। कालसी से बड़कोट बैंड 2 लेन सड़क का निर्माण की डीपीआर को सुधार के लिए भेजा गया है। डाटकाली से आईएसबीटी तक सड़क मरम्मत कार्य, बागेश्वर से बिलना तक सड़क सुरक्षा कार्य, छारा में सड़क सुरक्षा कार्य अल्मोड़ा में बनारघाट में सड़क सुरक्षा कार्य, पाण्डुवाखाल से कर्णप्रयाग तक सड़क मरम्मत का कार्य, चोपता से कुंडा तक सड़क मरम्मत का कार्य, चमोली से चोपता तक रामनगर से बुआखाल मोटरमार्ग पर दो पुलों का निर्माण, चंपावत-लोहाघाट-पिथौरागढ़ सड़क मरम्मत कार्य, काकड़ीघाट से कुड़ाब तक चौड़ीकरण जल्द अवार्ड कर दिए जाएंगे।

इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने केंद्रीय मंत्री गडकरी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश के साथ उत्तराखंड में भी तेजी से विकास के काम हो रहे हैं। केंद्र द्वारा स्वीकृत विभिन्न सड़क परियोजनाओं से उत्तराखंड में सड़क कनेक्टिविटी में काफी विस्तार हो रहा है। इससे न केवल चार धाम यात्रा सुगम होगी बल्कि उत्तराखंड में पर्यटन गतिविधियों का विस्तार होगा। इसका फायदा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को होगा। इससे लाखों लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

पांवटा-देहरादून 4 लेन की रोड पास

एनएचएआई के चैयरमैन एसएस संधु ने बताया कि पांवटा-देहरादून 4 लेन स्वीकृत हो चुकी है यहां से मसूरी के लिए वैकल्पिक मार्ग का प्लान भी तैयार किया जा रहा है। हरिद्वार रिंग रोड़ स्वीकृत हो चुकी है। खटीमा बाईपास भी प्लान किया गया है। रामपुर में बाईपास से नैनीताल के लिए समय की बचत होगी। मुरादाबार बाईपास से कार्बेट के लिए समय बचेगा।

इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री जनरल (से.नि) वीके सिंह, केंद्रीय पशुपालन, डेयरी व मत्स्य राज्य मंत्री संजीव बालियान, उत्तराखंड के विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज, सांसद नरेश बंसल, अजय टम्टा, तीरथ सिंह रावत, उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, सांसद हाजी फजलुर्रहमान सहित विधायकगण और केंद्र एवं राज्य सरकार के अधिकारी उपस्थित थे।

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