अपने बजट भाषण में सीएम रावत ने कहा, सामान्यतः सरकारी नौकरी प्राप्त करना प्रदेश के युवाओं की प्राथमिकता रहती है, परंतु यह एक सुविदित तथ्य है कि सर्जित राजकीय पदों को रिक्त सीमा तक ही भरा जा सकता है और इससे अधिक इस क्षेत्र में रोजगार विद्यमान नहीं हो सकता है। अतः स्वरोजगार के अधिक से अधिक अवसर विकसित किए जाने के भरसक प्रयास सरकार द्वारा किए गए हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण स्थित विधानसभा में 2021-22 का आम बजट प्रस्तुत किया। वित्तीय वर्ष 2021- 22 के लिए कुल 57400.32 करोड़ रुपये का अनुमानित व्यय के रूप में बजट पेश किया गया है। जबकि इस वित्तीय वर्ष में 57024.22करोड़ की कुल प्राप्तियां अनुमानित है।
अपने बजट भाषण में सीएम रावत ने कहा, राज्य सरकार द्वारा पिछले लगभग 04 वर्षों के दौरान रोजगार – सृजन पर विशेष फोकस किया गया है। सामान्यतः सरकारी नौकरी प्राप्त करना प्रदेश के युवाओं की प्राथमिकता रहती है, परंतु यह एक सुविदित तथ्य है कि सर्जित राजकीय पदों को रिक्त सीमा तक ही भरा जा सकता है और इससे अधिक इस क्षेत्र में रोजगार विद्यमान नहीं हो सकता है। अतः स्वरोजगार के अधिक से अधिक अवसर विकसित किए जाने के भरसक प्रयास सरकार द्वारा किए गए हैं, ताकि इच्छुक व्यक्ति आत्मनिर्भर बन सकें और उनकी प्रतिभा व क्षमता का पूर्ण सदुपयोग हो सके। सरकार के प्रयासों से अप्रैल, 2017 से 31 जनवरी, 2021 तक विभिन्न विभागों के अंतर्गत 7 लाख से अधिक व्यक्तियों को रोजगार/स्वरोजगार प्रदान किया गया है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में बजट पेश करने के दौरान कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की। गैरसैंण को उत्तराखंड में एक नई कमिश्नरी बनाया जाएगा। इसमें चमोली, रूद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों को शामिल किया जायेगा। गैरसैंण कमिश्नरी में कमिश्नर एवं डीआईजी की नियुक्ति की जाएगी। नई बनाई गई नगर पंचायतों में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 01-01 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। भराड़ीसैंण (गैरसैंण) ग्रीष्मकालीन राजधानी क्षेत्र के नियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान का टेंडर एक माह के भीतर किया जाएगा।
इससे पहले, अपने भाषण की शुरुआत में सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि मुझे अपनी सरकार का पांचवा एवं इस दशक का प्रथम आय-व्ययक प्रस्तुत करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
‘‘जीवन नहीं यह रणभूमि है
बस कर्म है तेरे हाथ में
क्यों व्यर्थ चिंता करता है
जब सारथी ईश्वर तेरे साथ है
कुरुक्षेत्र के मध्य
फिर विजयी पताका लहराएगा
बुरा दौर भी आया था
अच्छा दौर भी आएगा‘‘
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष हमने राज्य स्थापना के बीस वर्ष पूरे किये हैं। मैं इस अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के सभी अमर शहीदों और राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूंय़ साथ ही, भारत माता की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर जवानों को भी श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। मैं डॉक्टरों, नर्सों, सफाई कर्मियों, पुलिस, प्रशासन तथा सामाजिक संस्थाओं से जुड़े सभी कोरोना योद्धाओं को भी नमन करता हूं, जिनके योगदान के बिना कोरोना के विरूद्ध लड़ाई नहीं लड़ी जा सकती थी।
मुख्यमंत्री ने कहा,कोरोना के कारण आर्थिकी पर बुरा प्रभाव पड़ना स्वाभाविक था, किन्तु हम सजग थे। लॉकडाउन के कारण प्रभावित पर्यटन व्यवसाय में जिलाधिकारियों के माध्यम से त्वरित सर्वेक्षण के आधार पर होटल में कार्यरत कार्मिकों, फोटोग्राफरों, टैक्सी, ऑटो रिक्शा तथा ई-रिक्शा चालकों के रूप में कार्योजित लगभग दो लाख चालीस हजार व्यक्तियों को दो हजार रूपये प्रति व्यक्ति की दर से एक मुश्त आर्थिक सहायता प्रदान की गयी। वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना और पं. दीनदयाल उपाध्याय होम-स्टे योजना में ऋण लेने वालों को अप्रैल से जून माह तक ब्याज पर छूट दी गयी। लॉकडाउन की अवधि हेतु व्यावसायिक उपभोक्ताओं यथा होटल, रेस्टोरेंट, ढ़ाबों इत्यादि को उक्त अवधि में की गई विद्युत खपत हेतु निर्गत विद्युत बिलों में फिक्स चार्ज में पूर्ण छूट प्रदान की गई है।
हम प्राकृतिक आपदा की दृष्टि से अत्यन्त संवेदनशील हैं। इसी क्रम में 7 फरवरी, 2021 को ऋषि गंगा (रैणी गांव) में आई भीषण आपदा में अपूर्णीय जन-धन की क्षति हुई है। हम प्रकृति जनित आपदा को रोक तो नहीं सकते, लेकिन बेहतर आपदा प्रबन्धन कर सकते हैं। अपने रिस्पांस में, हम अत्यंत मुस्तैद थे। मैं शुक्रगुजार हूं टीम आपदा प्रबन्धन, एसडीआरएफ., पुलिस, सेना एवं आईटीबीपी का, जिन्होंने त्वरित कार्यवाही कर राहत एवं बचाव के द्वारा इस विभीषिका के प्रभाव को सीमित कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केन्द्र सरकार के विशेष सहयोग से ऐसे बहुत से काम हुए हैं, जो कि पहले मुमकिन नहीं लग रहे थे। केन्द्र सरकार ने विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत की हैं। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, चारधाम सड़क परियोजना, केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण, भारतमाला परियोजना, जमरानी बहुद्देशीय परियोजना, नमामि गंगे एवं देहरादून स्मार्ट सिटी परियोजना गतिमान है। निःसन्देह यह ‘‘डबल इंजन’’ का ही परिणाम है। हम उत्तराखण्ड में अनेक उच्च स्तरीय संस्थाएं लाए हैं। इस क्रम में देशका पहला ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर, सीपेट, कोस्ट गार्ड भर्ती सेन्टर, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी एवं सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन नेचुरल फाइबर उल्लेखनीय हैं।
विगत चार वर्षों में हमारी प्राथमिकता रही है कि वर्षों से लम्बितपरियोजनाओं को पूर्ण कर सकें। ‘‘ज्पउम वअमत तनद पे बवेज वअमत तनद’’ इस सूत्र वाक्य के साथ आज अनेकों योजनाएं दु्रत गति से विकासमान हैं। टिहरी झील के ऊपर डोबरा-चांटी स्थान पर बने भारत के सबसे बडे़ सस्पेंशन पुल का निर्माण पूर्ण करते हुए इसे जन आवागमन हेतु दिनांक 08 नवम्बर, 2020 को सुलभ करा दिया गया है। निःसन्देह यह राज्य के अवस्थापना विकास के क्षेत्र में कीर्तिमान है। इसी प्रकार गंगा नदी पर मुनि की रेती में कैलाश गेट के समीप जानकी सेतु के निर्माण को पूर्ण करते हुए लोकार्पित कर दिया गया है।
राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न विकास कार्यक्रमों का असर सतत् विकास लक्ष्यों की प्रगति में परिलक्षित हुआ है। आर्थिक सर्वेक्षण 2021 के अनुसार बुनियादी जरूरत सूचकांक में उत्तराखण्ड अग्रणी राज्यों में सम्मिलित है। नीति आयोग द्वारा जारी ‘‘भारत नवाचार सूचकांक 2019’’ में पूर्वाेत्तर एवं पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में उत्तराखण्ड सर्वश्रेष्ठ तीन राज्यों में शामिल है।
राज्य को 66वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में बेस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट घोषित किया गया। ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान में ऊधमसिंह नगर जिले को देश के सर्वश्रेष्ठ 10 जिलों में चुना गया है। पहले राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2018 में कोसी नदी पुनर्जनन अभियान के लिए अल्मोड़ा को समूचे उत्तर जोन में सर्वश्रेष्ठ जिले के रूप में चयनित किया गया। उत्तराखण्ड को खाद्यान्न उत्पादन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए ‘‘कृषि कर्मण प्रशंसा’’ पुरस्कार दिया गया। हिमालयी राज्यों में ई-गवर्नेंस में जनपद रूद्र्रप्रयाग को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार दिया गया है। ‘‘ईज आॅफ डुईंग बिजनेस’’ के अन्तर्गत राज्य का प्रदर्शन देश के शीर्ष राज्यों में रहा है। ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी इंटीग्रेटेड रेटिंग्स आॅफ यूटिलिटिज में यू.पी.सी.एल. को लगातार तीन वर्षों से ए प्लस की शीर्ष श्रेणी में रखा गया है। निर्बाध विद्युत आपूर्ति और 1912 हेल्पलाइन सेवा के माध्यम से उपभोक्ताओं की शिकायत निवारण में उत्तराखण्ड तीसरे स्थान पर है। देश के लगभग 15 हजार पुलिस थानों में राज्य के दो थाने मुन्स्यारी और वनभूलपूरा को शीर्ष 10 थानों में सम्मिलित किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत परफाॅर्मेंस इंडेक्स में उत्तराखण्ड टाॅप 5 राज्यों में रहा है, जबकि इसी योजना में आवास पूर्ण कराने की श्रेणी में राज्य दूसरे स्थान पर रहा। ऋषिकेश को भी बेस्ट एडवेंचर डेस्टीनेशन के नेशनल टूरिज्म अवार्ड से पुरस्कृत किया गया है।
जीरो टोलरेंस ऑन करप्शन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का परिणाम है कि सत्ता के गलियारों से बिचैलियों को खत्म कर दिया गया है। विभिन्न अनियमितताओं की समयबद्ध जांच कराते हुये दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है। प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ एवं व्यवस्थित करने हेतु एक समान कार्यवृत्ति वाले विभागों के एकीकरण की प्रक्रिया गतिमान है।
हमने ‘आत्मनिर्भर भारत’ की संकल्पना के महत्व को समझा है और इसको साकार करने के लिए प्रयत्नशील रहे हैं। ‘आत्मनिर्भर भारत’ का सपना तब साकार होगा जब प्रत्येक इकाई अपने उपलब्ध संसाधनों की महत्ता को समझेगी। ‘आत्मनिर्भर भारत’ का रास्ता ‘आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड’ से भी गुजरता है। ‘आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड’ का मूल मंत्र है- स्थानीय भौतिक, प्राकृतिक व मानव संसाधनों का समुचित प्रयोग, स्थानीय उत्पादों का समुचित विकास व विपणन एवं गांव व शहर में बेहतर गुणवत्तायुक्त शिक्षा, स्वास्थ्य, खाद्य, आवास, पेयजल, ऊर्जा, संयोजकता व रोजगार की उपलब्धता। ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने के लिए हमने अपनी अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता के प्रयास किये हैं। ‘आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड’ तब सम्भव है जब हम स्वयं के संसाधनों को बढायेगें, आधारभूत सुविधाओं में निवेश करेगें और अनुत्पादक व्यय में कमी करेंगे। हमने ‘वोकल फॉर लोकल’ के सही मायने समझे हैं। अपने स्थानीय उत्पादों को ब्रांड बनाने की कोशिश की है। इसलिए आश्चर्य नहीं कि जहां एक ओर इस आय-व्यय के केन्द्र में विकास के अवसरों को गांव और विकासखण्ड स्तर तक पहुंचाने का प्रयास किया गया है वहीं दूसरी ओर ‘मिनिमम गवर्नमेन्ट मेक्सीमम गर्वनेन्स’ को चरितार्थ करते हुए जनकल्याण की भावना के साथ सार्वजनिक सेवाओं को आम जनमानस तक पहुंचाने, प्रदेशवासियों के जीवन स्तर में सुधार करने, सौहार्दपूर्ण समाज की स्थापना करने, सुशासन स्थापित करने व पूंजीगत परिसम्पत्तियों के सृजन के लिए समुचित प्रावधान किये हंै और यथोचित राजकोषीय उपायों पर जोर दिया है।
पर्वतीय राज्य की अवधारणा से बने उत्तराखंड में पहली बार किसी सरकार ने रिवर्स पलायन पर सुनियोजित तरीके से काम शुरू किया है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एम.एस.एम.ई.) के केन्द्र में पर्वतीय क्षेत्रों को रखा गया है। ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग का गठन किया है तथा सीमांत तहसीलों के लिए मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना शुरू की गई है।
हमने गुड गवर्नेंस के लिए ई-गवर्नेंस की महत्ता को समझा है। सूचना तकनीक के प्रयोग से प्रशासनिक कार्यकुशलता में सुधार के लिए ई-कैबिनेट, ई-ऑफिस, ई-डिस्ट्रिक्ट, सीएम हेल्पलाइन, सी.एम. डैशबोर्ड ‘उत्कर्ष’, आदि महत्वपूर्ण पहल की है। कोशिश है कि लोगों को सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक लाभ मिलें। दूरस्थ क्षेत्रों में निवास करने वाला आम आदमी भी सी.एम. हेल्पलाइन के द्वारा अपनी शिकायत का समाधान निश्चित समयावधि में प्राप्त कर सकता है।
‘‘बातें कम काम ज्यादा’’ के मूल मंत्र के साथ हमनें जनकल्याण को सदैव शीर्ष प्राथमिकता पर रखा है। बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए एक साफ दृष्टि रखी है। हमारी सरकार द्वारा अनेक महत्वपूर्ण रोजगार परक योजनाएं संचालित की गयी हैं।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार के अन्तर्गत ‘‘मोटर साइकिल टैक्सी योजना’’ में प्रमुख पर्यटक स्थलों में पर्यटक/यात्रियों को परिवहन सेवा उपलब्ध कराने हेतु सहकारी बैंकों के माध्यम से वाहन क्रय किये जाने हेतु 60 हजार से 1 लाख 25 हजार रूपये तक का 02 वर्षों तक ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत इस आय-व्ययक में 40 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
विश्व बैंक पोषित उत्तराखण्ड वर्कफोर्स डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के अन्तर्गत मार्च 2021 तक 19 हजार 200 युवाओं को प्रशिक्षित कर प्रमाणित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके सापेक्ष 11 हजार 551 युवाओं को प्रशिक्षित कर प्रमाणित किया जा चुका है तथा उनके सेवायोजन की कार्यवाही गतिमान है वर्तमान में 4 हजार 469 अभ्यर्थियों को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इस आय-व्ययक में 140 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
सीएम ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजनान्तर्गत’’ ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा की आवश्यकताओं की पूर्ति तथा वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के विकास हेतु प्रदेश के उद्यमशील युवाओं, प्रवासियों एवं कृषकों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान किये जाने के उद्देश्य से पात्र सदस्यों को राज्य/जिला सहकारी बैंकों द्वारा 8 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।
स्थानीय उपज को बढावा देने और ग्रामीण महिलाओं को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्यों के साथ चैलाई लड्डू को उत्तराखण्ड के विभिन्न मन्दिरों में प्रसाद के रूप में पेश किया जा रहा है।
जी.एस.टी. मित्र योजना के माध्यम से न केवल दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित छोटे कर दाताओं को सहायता प्रदान की गयी वरन् शिक्षित युवाओं हेतु रोजगार भी सृजित किया गया। वर्तमान में 1 हजार 698 जी.एस.टी. मित्र कार्यरत हैं।
परिवहन विभाग के तत्वावधान में सरकार के गत 04 वर्षों की अवधि में 73 हजार 81 परमिट जारी किये गये हैं, जिनके माध्यम से इन परमिटधारियों को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति की महिला लाभार्थियों को स्वयं का उद्यम स्थापित करने के उद्देश्य से बनायी गयी स्टेण्ड अप इण्डिया योजना में अच्छी प्रगति हुई है। माह सितम्बर, 2020 तक 2 हजार 167 लाभार्थियों को लगभग 442 करोड़ रूपये का ऋण वितरित किया गया है।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत अप्रैल, 2017 से दिसम्बर, 2020 तक 124 करोड़ 78 लाख रूपये का ऋण विभिन्न बैंकों के माध्यम से वितरित किया गया है एवं 53 हजार 651 रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 89 करोड़ 28 लाख रूपये का ऋण वितरण किया गया है, जिससे 10 हजार 312 को रोजगार प्राप्त हुआ है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अन्तर्गत देश का प्रथम बैच उत्तराखण्ड में संचालित किया गया। योजना आरम्भ से आतिथि तक 35 हजार 536 युवाओं को प्रशिक्षित कर प्रमाणित किया जा चुका है, जिसमें से 11 हजार 32 युवाओं को रोजगार के अवसरों से जोड़ा गया है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तृतीय संस्करण (पी.एम.के.वी.वाई. 3.0) के अन्तर्गत स्वरोजगार तथा उद्यमिता विकास पर विशेष बल दिया जा रहा है।
हमने पारदर्शिता के साथ नियुक्ति को शीर्ष प्राथमिकता प्रदान की है। लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ चयन आयोग व प्राविधिक शिक्षा की ओर से नियुक्ति की प्रक्रिया सतत् रूप से जारी है।
लोक सेवा आयोग के द्वारा विगत चार वर्षो में उत्तराखण्ड न्यायिक सेवा सिविल जज (जू.डि.), सम्भागीय निरीक्षक, उत्तराखण्ड सचिवालय व उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी एवं अपर निजी सचिव, सम्मिलित राज्य सिविल/प्रवर अधीनस्थ सेवा, असिस्टेंट प्रोफेसर, उत्तराखण्ड विशेष अधीनस्थ शिक्षा सेवा, सहायक अभियोजन अधिकारी, सहायक भू-वैज्ञानिक, सम्मिलित राज्य अवर अधीनस्थ सेवा, सहायक वन संरक्षक, अर्थ एवं संख्याधिकारी आदि परीक्षायें संचालित कर पूर्ण पारदर्शिता के साथ सैकड़ों रोजगार के अवसर सृजित किये गये हैं।
रोजगार के क्षेत्र में पारदर्शिता एवं निष्पक्षता हेतु एकीकृत भर्ती पोर्टल की स्थापना की गयी, जिसमें उत्तराखण्ड में रोजगार सृजित होने से लेकर रोजगार प्रकाशन की पूरी प्रक्रिया को कम्प्यूटरीकृत किया गया है। यह हमारी सरकार द्वारा ई-गवर्नेस की दिशा में लिया गया महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आय-व्ययक हमारी प्राथमिकताओं का प्रतिबिंब है। इस आय-व्ययक में कई नई मांगें भी स