पीएम के ख़ास भास्कर खुल्बे को उत्तराखंड में मिली ये बड़ी जिम्मेदारी, इस जिले से है ख़ास नाता

पीएम के ख़ास भास्कर खुल्बे को उत्तराखंड में मिली ये बड़ी जिम्मेदारी, इस जिले से है ख़ास नाता

पीएम मोदी के ख़ास माने जाने वाले भाष्कर खुल्बे को पर्यटन विभाग(उत्तराखंड) में विशेष अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे को उत्तराखंड सरकार के पर्यटन विभाग में विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) बना दिया गया है। वह केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों पर निगरानी रखने के साथ ही इन प्रोजेक्ट को लेकर राज्य व केंद्र सरकार के मध्य समन्वयक की भूमिका निभाएंगे।

प्रधानमंत्री के सलाहकार रहते भास्कर खुल्बे केदारनाथ और बदरीनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की निगरानी करते आ रहे है। वे कुछ दिनों से उत्तराखंड प्रवास पर भी थे। यहां उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु से शिष्टाचार भेंट की थी। इन मुलाकातों के बाद सचिवालय के गलियारों में खुल्बे को प्रदेश सरकार में बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था। बता दें कि कल दिन में ही यह चर्चा गर्म थी कि उन्हें उत्तराखंड में रहते हुए पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी दी जा सकती है। जिसके बाद  देर शाम ही उन्हें पर्यटन विभाग में ओएसडी बनाए जाने के आदेश भी जारी कर दिए गए।

कौन हैं आईएएस भास्कर खुल्बे
1983 बैच के आइएएस भाष्कर खुल्बे उत्तराखंड के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए हैं। पश्चिम बंगाल कैडर के आइएएस खुल्बे की पहली तैनाती निदेशक मत्स्य के रूप में हुई थी। अल्मोड़ा जिले के भतराैंजखान के सीम गांव निवासी ठेकेदार स्व. ख्यालीराम खुल्बे के बेटे भाष्कर नैनीताल में रिक्शा स्टैंड के समीप रहते थे। उन्होंने  1979 में डीएसबी कॉलेज से पासआउट होने के बाद आइएएस, फिर  आइएमए और उसके बाद फ़ॉरेस्ट सर्विस की परीक्षा पास की। उनके करीबी भरत पांडेय के अनुसार उत्तराखंडी नौजवानों को मजबूत इरादों की वजह से उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। खुल्बे ने कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर से 1979 में जूलॉजी से एमएससी की थी।

भारतीय सेना से हो गए थे बाहर
भास्कर का चयन भारतीय सेना में अधिकारी के पद के लिए हो गया था। उन्होंने छह माह तक ट्रेनिंग भी की लेकिन मेडिकल कारण से उन्हें वापस आना पड़ा। लेकिन देश सेवा का जज्बा उनके मजबूत इरादों को और ज्यादा दृढ करता रहा। जिसके चलते भास्कर ने जेआरएफ की परीक्षा उत्तीर्ण कर  प्रो. जेएस बिष्ट के निर्देशन में पीएचडी शुरू कर दी थी। 1982 में उनका चयन इंडियन फॉरेस्ट सर्विसेज के लिए हो गया था और इसमें वह अखिल भारतीय स्तर पर तीसरे स्थान पर रहे थे। आईएफएस की ट्रेनिंग के दौरान भी वे पढ़ाई में लगे रहे और अंतत: उनका चयन आईएएस में हो गया। उनकी योग्यता को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान उन्हें पीएमओ में महत्वपूर्ण पोस्टिंग दी गई थी। भास्कर मध्यमवर्गीय परिवार से थे। उनका परिवार नैनीताल में तल्लीताल में लक्ष्मी कुटीर के निकट रहता था। उनके पिता ख्यालीराम खुल्बे कांट्रेक्टर थे और उनके दो भाई नवीन व जीवन बैंक अधिकारी थे।

पत्नी भी रह चुकी है आईएस अधिकारी
भास्कर खुल्बे की पत्नी मीता खुल्बे भी आईएस अधिकारी रह चुकी है। उनके द्वारा किये गए कामो को भी काफ़ी सरहाना मिली है। भाष्कर खुल्बे के बेटे प्रतीक खुल्बे दिल्ली आईटी में है।

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