विश्व पुस्तक मेला देशवासियों को भारत की स्वतंत्रता यात्रा से फिर से जोड़ रहा है : शिक्षा राज्य मंत्री

विश्व पुस्तक मेला देशवासियों को भारत की स्वतंत्रता यात्रा से फिर से जोड़ रहा है : शिक्षा राज्य मंत्री

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2023 देशवासियों को हमारे गुमनाम नायकों की कहानियों से फिर से परिचित कराएगा, शिक्षा राज्य मंत्री, अन्नपूर्णा देवी ने थीम मंडप में इंडिया/75 शृंखला के अंतर्गत राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत से प्रकाशित मनोज कुमार मिश्र की पुस्तक ‘नानाजी देशमुख एक महामानव’ और धनंजय चोपड़ा की पुस्तक ‘गणेशशंकर विद्यार्थी’ का विमोचन करते हुए कहा।

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2023 देशवासियों को हमारे गुमनाम नायकों की कहानियों से फिर से परिचित कराएगा, शिक्षा राज्य मंत्री, अन्नपूर्णा देवी ने थीम मंडप में इंडिया/75 शृंखला के अंतर्गत राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत से प्रकाशित मनोज कुमार मिश्र की पुस्तक ‘नानाजी देशमुख एक महामानव’ और धनंजय चोपड़ा की पुस्तक ‘गणेशशंकर विद्यार्थी’ का विमोचन करते हुए कहा। “यह देखकर खुशी हो रही है कि देश की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत ने आजादी का अमृत महोत्सव को थीम के रूप में चुना है।“ थीम पवेलियन के अगले सत्र ‘प्राइम टाइम टॉक’ में उदय माहुरकर, केंद्रीय सूचना आयुक्त, भारत सरकार ने अपनी नवीनतम पुस्तक ‘वीर सावरकरः ए मैन हू कुड हैव प्रीवेंटेड पार्टीशन’ के बारे में बात की।

बाल मंडप अपने विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों के साथ बच्चों और अभिभावकों के बीच लोकप्रिय रहा है। शिवानी कनोडिया के साथ एक स्टोरीटेलिंग सत्र में, बच्चों ने गीतों के माध्यम से ’बन बन गेंदे की कहानी’ सुनी। आईओसीएल के सहयोग से आयोजित इस कहानी सत्र में विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने भाग लिया। कक्षा 5 की छात्रा, वाणी, जो मेले में पहली बार आई थी, ने कहा कि उसे नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला के इतने रोमांचक होने की उम्मीद नहीं थी। “मैं अब हर साल इस मेले में आउंगी“ उसने कहा।

निपुन मिशन द्वारा ‘घर में बच्चों के पढ़ने की आदतों में बदलते पैटर्न’ के बीच की खाई को पाटने में कोविड-19 महामारी के बाद शिक्षकों और अभिभावकों के क्षमता निर्माण पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें नागेंद्र गोयल, प्रज्ञा मजुमदार और थॉमस एंटनी शामिल थे।

ऑथर्स कॉर्नर पर प्रकाशन विभाग (सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा “आजादी का अमृत महोत्सव“ संबंधी एक परिचर्चा सत्र के साथ व्यास मणि त्रिपाठी की ‘भारतीय स्वाधीनता संग्राम और अंडमान’ व राजेंद्र भट्ट की ‘पूरा है विश्वास’ पुस्तक का विमोचन किया गया। इस सत्र में वक्ता के रूप में वर्षा दास, अनुपमा भटनागर महानिदेशक, प्रकाशन विभाग, एल. मधुनाग, उपमहानिदेशक, प्रकाशन विभाग, शुभा गुप्ता, उपमहानिदेशक, प्रकाशन विभाग, शामिल थे। इस कार्यक्रम का समापन बाल साहित्य और योग के बारे में कई पुस्तकों के विमोचन के साथ हुआ।

लेखक मंच पर मनीष शुक्ल के प्रथम कविता-संग्रह ‘निलंबित मौन के स्वर’, रश्मि कौशल की ‘मैं प्रेम हूं’, संगीता की पुस्तक ‘भारतीय अध्यात्म एवं ध्यान; वर्तमान संदर्भ में’ पुस्तकों का विमोचन चंद्रभूषण सिंह के संचालन में हुआ। इस अवसर पर साध्वी प्रज्ञा भारती, शिवशक्ति बक्शी, विभूति मिश्र, उमेश शर्मा, राखी बक्शी आदि वक्ता भी उपस्थित थे।

मेले के आने वाले दिनों में पुस्तक प्रेमियों के लिए अनेक दिलचस्प कार्यक्रम – जैसे सुमन बाजपई और रूस की अनस्तास्या स्त्रोकीना के साथ कथावाचन, आचार्य बालकृष्ण की बच्चों के लिए योग कार्यशाला, साहित्य अकादमी द्वारा पुस्तक ’अस्मिता’ पर परिचर्चा और भी बहुत कुछ आयोजित किया जाएगा।

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