जनरल अनिल चौहान ने सुकना में त्रिशक्ति कोर मुख्यालय का भी दौरा किया, जहां उन्हें सिक्किम की उत्तरी सीमाओं पर परिचालन स्थिति की जानकारी दी गई। उन्होंने हाल ही में पूर्वी सिक्किम में हुए हिमस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय नागरिक प्रशासन और स्थानीय आबादी को सहायता पंहुचाने तथा बल संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए सैन्यदल की सराहना की।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने 8 और 9 अप्रैल 2023 को त्रिशक्ति कोर के जीओसी के साथ वायु सेना स्टेशन और उत्तर बंगाल के अग्रिम क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने क्षेत्र में अवसंरचना विकास, परिचालन और संचालन तैयारियों के प्रगति की समीक्षा की। सीडीएस ने दूरदराज के इलाकों में तैनात सैनिकों के साथ बातचीत की और उनके उच्च मनोबल तथा व्यावसायिक कुशलता की सराहना की।
जनरल अनिल चौहान ने सुकना में त्रिशक्ति कोर मुख्यालय का भी दौरा किया, जहां उन्हें सिक्किम की उत्तरी सीमाओं पर परिचालन स्थिति की जानकारी दी गई। उन्होंने हाल ही में पूर्वी सिक्किम में हुए हिमस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय नागरिक प्रशासन और स्थानीय आबादी को सहायता पंहुचाने तथा बल संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए सैन्यदल की सराहना की।
सीडीएस जनरल अनिल चौहान के साथ लेफ्टिनेंट जनरल वीपीएस कौशिक भी थे। दोनों ने चीन बॉर्डर से सटे इलाकों में इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट, ऑपेरशनल और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी तैयारियों को परखा। भारत ने पिछले कुछ सालों में बेहद संवेदनशील सिलीगुड़ी कॉरिडोर की सुरक्षा बढ़ाई है।
सीडीएस ने सैन्य दल को मजबूत प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने और हमेशा सतर्क रहने के लिए कहा। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि सैनिकों को सूचना प्रौद्योगिकी के नवीनतम रुझानों, उभरते साइबर खतरों और जवाबी उपायों के प्रति खुद को हमेशा सचेत रखना चाहिए।
भारत के लिए चीन बॉर्डर से सटा यह इलाका बहुत अहम है। चीन की हरकतों के चलते 3,488 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव बरकरार है। 2 अप्रैल को चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम जारी करके भड़काने की एक और कोशिश की। चीन ने इन इलाकों में सैन्य आधारभूत संरचना में तेजी से बढ़ोतरी की है जिसके जवाब में भारत ने भी बॉर्डर के क्षेत्रों में विकास की रफ्तार बढ़ाई है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने सिक्किम-भूटान-तिब्बत ट्राई जंक्शन के पास डोकलाम में भूटानी क्षेत्र में गतिविधि बढ़ाई है।
चीन वहां तेजी से आधारभूत संरचना बढ़ा रहा है। चीन के मूवमेंट से सिलीगुड़ी कॉरिडोर या ‘चिकन नेक’ को खतरा है। उत्तरी बंगाल की इस पतली सी पट्टी के जरिए पूर्वोत्तर बाकी भारत से जुड़ता है। आर्मी और एयरफोर्स, दोनों ने ही एलएसी के पूर्वी सेक्टर में डिफेंसिव और ऑफेंसिव क्षमता बढ़ाई है। अप्रैल-मई 2020 के बाद पीएलए ने कई बार अलग-अलग जगहों पर घुसपैठ की कोशिश की। चीन की इन नापाक कोशिशों के चलते भारत के लिए यहां पर सर्तकता बरतना बहुत जरूरी है जिससे कि आने वाले समय में भारत के लिए यह क्षेत्र परेशानी का कारण न बने।
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