हिल की बात कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने सीएम से पूछी दिल की बात

हिल की बात कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने सीएम से पूछी दिल की बात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में ‘हिल की बात : युवा संवाद’ कार्यक्रम में स्कूली छात्र-छात्राओं से संवाद किया। कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं द्वारा उत्तराखंड की लोक परंपरा एवं संस्कृति पर आधारित प्रस्तुतियां दी गई। स्कूली बच्चों द्वारा भाषण एवं कविता का प्रस्तुतीकरण भी दिया गया। इस अवसर पर बच्चों ने मुख्यमंत्री से संवाद भी किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिल की बात : युवा संवाद कार्यक्रम में आये सभी विद्यार्थियों एवं युवाओं का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का देवभूमि उत्तराखंड से विशेष लगाव है। उनका देवभूमि उत्तराखंड से कर्म एवं मर्म का रिश्ता है। प्रधानमंत्री के 9 साल के कार्यकाल में उन्होंने उत्तराखंड के लिए लाखों करोड़ रूपये के कार्यों की स्वीकृतियां प्रदान की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में कार्य करने का मौका मिला है। आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि 2025 तक उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। 2025 तक देवभूमि उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में पूर्ण पारदर्शिता बनी रहे, इसके लिए राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। जो भी भर्ती परीक्षाओं में धांधली करते हुए पाये गये उन पर सख्त कार्रवाई की गई। 90 से अधिक लोगों को जेल भेजा गया। मुख्यमंत्री ने सभी युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे अपने जीवन में जिस भी क्षेत्र को चुने, उसमें पूर्ण मनोयोग से कार्य करें। यदि हम किसी कार्य को पूरी ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा से करते हैं, तो उसमें सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने कहा कि जो भी अपना कार्यक्षेत्र चुनें, उसमें लीडर की भूमिका में रहें।

मुख्यमंत्री से स्कूल के छात्र-छात्राओं ने भी इस अवसर पर संवाद किया। विकासनगर की वंशिका ने पूछा कि अभिभावकों को कैसे समझाएं कि जो हम करियर में करना चाहते हैं, वे उसमें अपनी सहमति दे दें। उन्होंने कहा कि जो भी कार्य करें, कुछ बनने के लिए नहीं बल्कि जीवन में कोई सराहनीय कार्य करने के लिए करें। आप अपने अभिभावकों को इस तरह से समझा सकती हैं, कि मैं जिस भी क्षेत्र को अपने करियर के लिए चुनूंगी, इसमें अपनी ओर से सर्वश्रेष्ठ कार्य करने का प्रयास करूंगी। बागेश्वर के दिव्यम कंडवाल ने पूछा कि क्या आपके जीवन में कभी ऐसे क्षण आते हैं, जब आप अपने परिवार को समय नहीं दे पाते हैं।

उन्होंने कहा कि राजनीतिक व्यक्ति के जीवन में ऐसे क्षण बार-बार आते हैं। राजनीति में कार्य प्रोफेशन नहीं मिशन है, इसके लिए कार्य के प्रति समर्पण बहुत जरूरी होता है। भूमिका रावत ने पूछा कि देहरादून भारत की स्कूल राजधानी है। देहरादून में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। राज्य सरकार का प्रयास है कि उत्तराखंड के युवाओं को राज्य में रोजगार एवं स्वरोजगार के पर्याप्त अवसर मिले। इस दिशा में सरकार लगातार कार्य कर रही है। ऋषिका भट्ट ने पूछा कि पढ़ाई के साथ अन्य गतिविधयों के लिए समय कैसे निकालें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आजकल तो बच्चों का टाइम टेबल अभिभावक बना देते हैं। बच्चों को इस बात का ध्यान देना होगा कि जिस समय जो कार्य कर रहे हैं, उस समय पूरा ध्यान उस कार्य पर होना चाहिए। रिया ने पूछा कि युवाओं के लिए आपका क्या विजन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि युवा सिर्फ रोजगार पाने वाले न बने, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। राज्य में स्वरोजगार के अलावा हार्टिकल्चर, पर्यटन, स्टार्टअप को तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है।

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