पंतनगर विश्वविद्यालय में 28वें कुलपति के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह चौहान द्वारा कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व वह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के भारतीय बकरी अनुसंधान संस्थान मखदूम के निदेषक के अलावा राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल के निदेशक और कुलपति के रूप में अपना योगदान दे चुके है। क्लोनिंग के माध्यम से गाय-भैंस की उच्च उत्पादकता वाली नस्लों के विकास में डॉ. चौहान द्वारा महत्वपूर्ण योगदान दिया गया है।
डॉ. मनमोहन सिंह चौहान भारत की चार प्रतिष्ठित राष्ट्रीय अकादमी के फैलो भी है। डॉ. चौहान को राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एडीआरआई) करनाल में कृष्णास्वामी किलारा अय्या स्मृति व्याख्यान पुरस्कार से सम्मानित किया गया। डॉ. मनमोहन सिंह चौहान के नेतृत्व में एनडीआरआई के वैज्ञानिकों के प्रयासों से भारत में गिर गाय की पहली क्लोन बछिया 16 मार्च 2023 को पैदा हुई जिसका नाम ‘गंगा’ रखा गया।
कुलपति डॉ. चौहान द्वारा पंतनगर विश्वविद्यालय में कार्यभार ग्रहण करने के उपरांत छः माह में विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण कार्यों को संपादित किया जिसमें विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों के गत 2 वर्षों से लम्बित एक्रीडेशन का कार्य, गत पांच वर्षों से संकाय सदस्यों की प्रोन्नति लम्बित थी, को पूर्ण कराकर कुल 109 संकाय सदस्यों की प्रोन्नति की गयी। 6 से 7 वर्षों से शोध एवं प्रसार सलाहकार समितियों की बैठक नहीं हुई थी जोकि सम्पन्न कराया गया जिससे कि शोध एवं प्रसार कार्यों में गति लाई जा सके। 34वें दीक्षांत समारोह का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया जिसमें 2503 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गयी क्योंकि कोरोना के चलते पिछले दो वर्षों से विद्यार्थियों को डिग्रिया प्रदान नहीं की गयी थी।
कुलपति डॉ. चौहान के नेतृत्व में वैज्ञानिकों द्वारा शैक्षणिक डेयरी फार्म नगला की गायों के खान-पान में बदलाव करके पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष दुग्ध उत्पादन में बढ़ोत्तरी की गयी। कुलपति द्वारा जी-20 के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार गोलमेज बैठक में मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के बारे में ‘वन हेल्थ’ कान्सेप्ट पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखा गया। डॉ. मनमोहन सिंह चौहान को महामहिम राज्यपाल द्वारा कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल के कुलपति का अतिरिक्त दायित्व प्रदान किया गया।
आज डॉ. मनमोहन सिंह चौहान द्वारा कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल के कुलपति का कार्यभार ग्रहण किया गया तदोपरांत विश्वविद्यालय में उनका गरम जोशी से स्वागत किया गया। आशा की जाती है कि कुलपति के प्रगाढ़ अनुभवों से कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल भी ख्याति प्राप्त करेगा।
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