डॉ मनमोहन सिंह चौहान मानद उपाधि से सम्मानित, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और मनोहर लाल खट्टर ने किया सम्मानित

डॉ मनमोहन सिंह चौहान मानद उपाधि से सम्मानित, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और मनोहर लाल खट्टर ने किया सम्मानित

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने हरियाणा के करनाल में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर – एनडीआरआई) के 19वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया। इस समारोह में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मंत्री पुरषोत्तम रूपाला सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

डॉ मनमोहन सिंह चौहान को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कर कमलों से राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई), करनाल (हरियाणा) की ओर से ‘डॉक्टर आफ फिलासफी (मानद)’ उपाधि से सम्मानित किया गया। डॉ मनमोहन सिंह चौहान और उनकी टीम द्वारा एनडीआरआई में किए गए क्लोनिंग की तकनीकी को विकसित कर कई दुधारू भैंसे तैयार की गई हैं, उन्होंने ही विश्व की प्रथम क्लोन कटड़ी गरिमा को पैदा कर इतिहास रचा है। उन्होंने अभी हाल ही में इसी क्लोनिंग तकनीकी के द्वारा एनडीआरआई में गिर गाय की भी क्लोनिंग तकनीकी एनडीआरआई में स्थापित की है, जिसके द्वारा ’गंगा’ नाम की क्लोंन गिर बछड़ी का पिछले महीने मार्च में जन्म हुआ। डॉ मनमोहन सिंह चौहान के द्वारा किए जा रहे क्लोनिंग तकनीकी के द्वारा पशु प्रजनन एवं पशु सुधार के नए आयाम खुले हैं, इस प्रकार हम दुधारू पशुओं की संख्या को अति शीघ्र बढ़ा सकते हैं।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि डेयरी उद्योग हमारे देश की खाद्य एवं पोषण संबंधी सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है। डेयरी सेक्टर हमारे देश की जीडीपी में लगभग 5 प्रतिशत का योगदान भी देता है तथा भारत में लगभग 8 करोड़ परिवारों को आजीविका उपलब्ध कराता है। इसलिए, एनडीआरआई जैसे संस्थानों को देश के समावेशी विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करना है। उन्होंने कहा कि गौ तथा अन्य पशुधन भारतीय समाज और परंपराओं के अभिन्न अंग रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि एनडीआरआई ने अधिक दूध देने वाली भैंसों और गायों के क्लोन का निर्माण करने के लिए प्रौद्योगिकी विकसित की है। राष्ट्रपति ने कहा कि यह पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता में वृद्धि करेगी तथा किसानों की आय बढ़ाएगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि दुग्ध तथा दुग्ध के उत्पाद सदैव भारतीय भोजन तथा संस्कृति के अभिन्न अंग रहे हैं। भारत विश्व में सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है, लेकिन हमें दुग्ध के उत्पादों की बढ़ती मांग की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त, डेयरी सेक्टर भी अच्छी गुणवत्ता वाले चारे की उपलब्धता, जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में बदलाव और पशुधन में रोगों जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है। दुग्ध उत्पादन और डेयरी फार्मिंग को टिकाऊ बनाना हमारे सामने एक चुनौती है। पशु कल्याण को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण के अनुकूल और जलवायु स्मार्ट प्रौद्योगिकीयों को अपनाकर डेयरी उद्योग का विकास करना हम सभी का उत्तरदायित्व है। राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि एनडीआरआई, डेयरी फार्मों से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने के लिए विभिन्न प्रौद्योगिकीयों को बढ़ावा दे रहा है। इसके साथ-साथ, एनडीआरआई बायोगैस उत्पादन जैसी स्वच्छ ऊर्जा पर भी बल दे रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि महिलाएं भारत में डेयरी उद्योग के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। यह सेक्टर महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसलिए, उन्हें शिक्षा, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास में और अधिक अवसर उपलब्ध कराये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि डेयरी सेक्टर में उद्यम की स्थापना करने के लिए महिलाओं को सरल ऋण तथा बाजार पहुंच भी उपलब्ध कराये जाने की आवश्यकता है।

राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल में पैदा हुई भारत की प्रथम क्लोन गिर गाय की बछड़ी को आज राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने भी देखा। एनडीआरआई करनाल के पूर्व निदेशक डॉ मनमोहन सिंह चौहान के नेतृत्व में गिर, साहीवाल और रेड-सिंधी गायों की क्लोनिंग का कार्य शुरू हुआ था। इस परियोजना के तहत 16 मार्च 2023 को गिर नस्ल की एक क्लोन बछिया पैदा हुई, जिसे ‘गंगा’ नाम दिया गया है। जन्म के समय इसका वजन 32 किलोग्राम था।

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