पर्यटकों को भा रही हैं चंपावत की वादियां, पांच सालों में आए पांच लाख से ज्यादा पर्यटक

पर्यटकों को भा रही हैं चंपावत की वादियां, पांच सालों में आए पांच लाख से ज्यादा पर्यटक

उत्तराखंड में प्राकृतिक सुंदरता पूरे राज्य में फैली हुई है कहीं पर ऊचें ऊचें पहाड़ हैं, कहीं पर कल कल करती नदियां और कही पर हमारे पौराणिक मंदिर जिनको देखकर यहां पर आने वाले पर्यटक भारविभोर हो जाते हैं। ऐसा ही एक क्षेत्र नेपाल सीमा से लगा चंपावत भी हैं जहां पर सुरम्य वादियां हमेशा से ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती रही है, लेकिन यहां पर सुविधा का अभाव एवं पिकनिक स्पाट का विकास सहीं नहीं होने से विदेशी पर्यटकों की संख्या ज्यादा नहीं बढ़ पा रही है।

यहां के पर्यटन विभाग के अनुसार यहां पर विदेशी पर्यटकों की तुलना में यहां देशी पर्यटक ज्यादा आते हैं। पर्यटन विभाग के आंकड़े भी इस बात की गवाही दे रहे हैं। कोरोना के समय और उसके बाद पर्यटकों की संख्या कम होने से पर्यटन व्यवसाय पर विपरीत असर पड़ा था, लेकिन अब हालात सामान्य होने के बाद फिर से पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होने लगी है।

पांच सालों में पांच लाख से ज्यादा पर्यटक आए

अगर हम पर्यटन विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2018-19 में 1.88 लाख से अधिक देशी तथा 213 विदेशी पर्यटक यहां आए। साल 2019-20 में देशी पर्यटकों का यह आंकड़ा 2.10 लाख से अधिक पहुंच गया जबकि विदेशी पर्यटकों की संख्या 191 तक आ गई। वर्ष 2020-21 में 47 हजार से कुछ अधिक देशी पर्यटक जिले में पहुंचे। कोरोना के हालातों के बीच वर्ष 2021-22 में पर्यटकों की संख्या कम हो गई और केवल 15 हजार से कुछ अधिक ही देशी पर्यटक यहां आए। कोरोना के कारण वैसे तो इन दो सालों में हर जगहों पर पर्यटकों की संख्या कम ही देखी गई है। लेकिन अब एक बार फिर यहां पर पर्यटकों की रौनक दिख रही है।

इस वर्ष विदेशी पर्यटकों की संख्या और कम हो गई और मात्र सात विदेशी पर्यटक ही चंपावत पहुंचे। कोरोना के हालात में सुधार के बाद वर्ष 2022-23 में फिर से पर्यटक सैर पर निकले और देशी पर्यटकों की संख्या बढ़कर 36 हजार से अधिक पहुंच गई। जबकि विदेशी पर्यटकों की संख्या 205 तक आ गई। वर्ष 2018 से 2022 तक पांच वर्षों में जिले में पांच लाख से ज्यादा देशी पर्यटक आ चुके हैं जबकि महज 661 विदेशी पर्यटक ही जिले में पहुंचे हैं।

जानकारों का मानना है कि यहां पर विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी का मुख्य कारण यहां के होटलों में सुविधाओं का अभाव और पर्यटक स्थलों का विकास नहीं होना है। लेकिन पर्यटन विभाग का कहना है कि जिले के सभी पर्यटन स्थलों का विकास तेज गति से किया जा रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप काफी संख्या में पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि कोरोना के मामलों में कमी आ गई है इससे अब पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि होने की संभावना है। पिछले दो सालों से पूरे विश्व में पर्यटन का कारोबार काफी कम हो गया था लेकिन इस साल इसमें बढ़ोतरी होने की संभावना है।

चंपावत जिले के जिला पर्यटन विकास अधिकारी अरविंद गौड़ ने बताया कि जिले के धार्मिक एवं पर्यटन स्थलों का विकास पर्यटकों के सुविधा के अनुसार किया जा रहा है। जिले में स्थिति सभी पर्यटक आवास गृहों की मरम्मत का काम चल रहा है। सीएम पुष्कर सिंह धामी की मंशा के अनुरूप यहां पर्यटन विकास की अन्य संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं। जिससे कि इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा पर्यटक आयें और इससे यहां के लोगों की आमदनी में भी वृद्धि होगी।

अगर पर्यटक चंपावत घूमने आ रहे हैं तो आपको यहां पर कई पर्यटन स्थल देखने को मिल सकते हैं। बालेश्वर मंदिर, एकहथिया नौला, मायावती आश्रम, श्यामलाताल, एबटमाउंट, गुरुद्वारा रीठासाहिब, मां पूर्णागिरि धाम, बाणासुर किला आदि कई स्थान है जहां पर पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।

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