महिला एवं बाल विकास से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों व महिलाओं को रेडी टू ईट फूड उपलब्ध कराने की तैयारी है। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के क्रम में इस व्यवस्था के लिए किसी केंद्रीय एजेंसी से टाइअप किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि इस साल अक्टूबर अथवा नवंबर से यह व्यवस्था अमल में लाई जायेगी। इसके पीछे सरकार की मंशा है कि बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को वैज्ञानिक कसौटी पर परखा सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराया जाए। प्रदेश में इस समय 15 हजार के आसपास आंगनबाड़ी केंद्र और 5 हजार से अधिक मिनी आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें पंजीकृत छह माह से तीन वर्ष तक के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता की पूर्ति के लिए पोषाहार टेक होम राशन दिया जाता है।
इसमें 25 दिन के लिए एकमुश्त राशन उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। पूर्व में यह कार्य स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किया जा रहा था, लेकिन बाद में केंद्र सरकार ने टेक होम राशन के मानकों में बदलाव कर दिया। वर्तमान में माता समितियों के माध्यम से इसका वितरण किया जा रहा है, लेकिन इस व्यवस्था में भी बदलाव करने की तैयारी है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने अपने दिशा-निर्देशों में स्पष्ट किया है कि बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्रों से दिया जाने वाला भोजन हाईजीनिक, वैज्ञानिक व मशीनरी पर आधारित हो। अति कुपोषित श्रेणी के बच्चों को दोगुना पोषाहार एवं ऊर्जा आधारित रेडी टू यूज टेंपरेट आहार देने पर जोर दिया गया है। अब इसी के दृष्टिगत सरकार ने कदम उठाने शुरू किए हैं।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि टेक होम राशन के दृष्टिगत केंद्र के मानकों के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों से रेडी टू ईट फूड देने के मद्देनजर कसरत चल रही है। इसके लिए किसी केंद्रीय एजेंसी से टाइअप किया जाएगा। व्यवस्था बनाने में थोड़ा समय लगेगा। प्रयास यह है कि इसी वर्ष अक्टूबर अथवा नवंबर से नई व्यवस्था को धरातल पर मूर्त रूप दे दिया जाए। इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *