उत्तराखंड के अधिकांश जिलों में अगले चार दिन तक कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने 9 से 12 जुलाई तक प्रदेशभर के सभी जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
देश के कई राज्यों में मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। पहाड़ों में भी कई घंटे से लगातार बारिश हो रही है। कई जगहों पर नदी नाले उफान पर हैं। इसके चलते सीएम धामी ने भी अफसरों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। सीएम धामी ने ट्वीट करते हुए लिखा ’कुछ दिनों से प्रदेश में हो रही अत्यधिक बारिश के मद्देनज़र मेरा सभी से निवेदन है कि ऐसे समय में आप पूर्ण सतर्कता बनाए रखें व अनावश्यक यातायात से बचें। नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता पर रखते हुए किसी भी प्रकार की परिस्थिति से निपटने हेतु प्रशासन को भी रेड अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं।’
प्रदेश में भारी वर्षा की चेतावनी के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों को जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके आदेश सचिव आपदा प्रबंधन पहले ही जारी कर चुके हैं। वहीं, सीएम धामी ने भी इसे लेकर सख्ती से पालन कराए जाने के निर्देश दिए हैं। उत्तराखंड के अधिकांश जिलों में अगले चार दिन तक कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने नौ से 12 जुलाई तक प्रदेशभर के सभी जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया, 9 से 12 जुलाई तक मैदानी और पर्वतीय इलाकों के कुछ जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
इसके अलावा देश के अन्य राज्यों में भी पिछले दो दिन से लगातार मूसलाधार बारिश के कारण लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हिमाचल और उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन से भारी तबाही हुई है। शिमला जिला के कोटगढ़ इलाके में मलबे में दबने से दम्पति और बच्चे की मौत और दो अन्य चोटिल हुए हैं। भूस्खलन की ये घटना ठियोग-कुमारसैन विधानसभा क्षेत्र की उप तहसील कोटगढ़ के ग्राम पंचायत मधावनी के पानेवली गांव में हुई।
हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में लगातार जारी बारिश से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। मंडी जिला के पधर उपमंडल के अंतर्गत बरोट क्षेत्र में ऊहल नदी का जलस्तर एकाएक बढ़ गया। जिससे यहां हालात बिगड़ने लगे हैं।
बरोट स्थित शानन विद्युत परियोजना के बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं। लक्कड़ बाजार फिर खतरे की जद में आ गया है। ऊहल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन ने बरोट में होटल व गेस्ट हाउस खाली करा दिए हैं। वहीं, कीरतपुर नेरचौक फोरलेन पर समलेटू के पास मार्ग पत्थर गिर गए हैं। इसी के साथ फोरलेन पर लैंड स्लाइड के बाद प्रशासन ने मार्ग को पूरी तरह बंद कर दिया है।
ऊहल नदी का जल स्तर बढ़ने से ढरांगण स्थित रिवर रिट्रीट कैंपिंग साईट में दो कारें नदी के पानी मे दब गई हैं। बरोट से लेकर बोचिंग तक किसानों के खेतों में पानी घुसने से आलू की फसल को खासा नुकसान पहुंचा है। ऊहल नदी का बहाव बरोट के मुख्य लक्कड़ बाजार के करीब पहुंचना शुरू हो गया है। ऐसे में स्थिति को भांपते हुए स्थानीय ग्रामीण और दुकानदार रात को ही अपने घर और दुकानों को छोड़ कर सुरक्षित स्थानों में निकल गए हैं।
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