रक्षा सचिव गिरिधर अरमने ने 25 अगस्त, 2023 को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) में चार तटरक्षक तीव्र निगरानी पोतों (एफपीवी) के निर्माण कार्य की शुरुआत की। इस अवसर पर बोलते हुए, रक्षा सचिव ने इस प्रमुख उपलब्धि को हासिल करने में गोवा शिपयार्ड के प्रयासों की सराहना की और विशेष रूप से भारतीय उद्योग के सहयोग से स्वदेशीकरण के ऊंचे स्तर को बनाए रखने के लिए भी सराहना की।
रक्षा सचिव गिरिधर अरमने ने देश के जहाज निर्माण उद्योग को बढ़ावा देने और उसके विकास के महत्व पर जोर दिया, जिसकी एक समृद्ध विरासत रही है। गोवा शिपयार्ड की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जहाज़ निमार्ण उद्योग तेजी से प्रतिस्पर्धी होता जा रहा है और जीएसएल से अत्याधुनिकता बनाए रखने के लिए दक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता के मामले में आगे बढ़ने का आग्रह किया।
जीएसएल द्वारा डिज़ाइन किया गया एफपीवी एक मध्यम दूरी का हथियार से लैस सतह वाला जहाज है, जिसकी लंबाई 51.43 मीटर और चौड़ाई 8 मीटर है। यह पोत दोहरे इंजन से संचालित होता है और इसकी अधिकतम गति 27 नॉट है। जहाज का डिस्प्लेसमेंट लगभग 320 टन है और यह कठिन समुद्री परिस्थितियों में काम करने में सक्षम है।
भारतीय तटरक्षक बल के लिए ये जहाज जीएसएल के इन-हाउस डिजाइन पर आधारित हैं और इनमें सबसे आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत मशीनें और कम्प्यूटरीकृत नियंत्रण प्रणालियां लगाई जाएंगी, जिससे ये भारतीय तटरक्षक बल के अत्याधुनिक तेज़ गश्ती जहाज बन जाएंगे।
महानिदेशक भारतीय कोस्ट गार्ड राकेश पाल ने गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके समर्पित प्रयासों के लिए बधाई दी। राकेश पाल ने कहा कि जीएसएल पूर्णता के लिए प्रयास करना जारी रखेगा और आने वाले वर्षों में उच्च लक्ष्यों को हासिल करेगा।
रक्षा सचिव ने जीएसएल एकीकृत स्टोर्स कॉम्प्लेक्स का भी उद्घाटन किया। इस अवसर पर, महानिदेशक, भारतीय तटरक्षक, राकेश पाल, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, जीएसएल, ब्रजेश कुमार उपाध्याय और आईसीजी के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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