उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी ने एक नोटिफिकेशन से तीन न्यायाधीशों को अनिवार्य सेवानिवृति दे दी गई है। ये तीनों न्यायाधीश हरिद्वार, काशीपुर के श्रम न्यायालय और 4अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर आसीन थे।
उत्तराखंड उच्चतर न्यायिक सेवा नियमावली, 2004 की धारा 25 क का हवाला देते हुए मुख्य न्यायाधीश ने अपने पत्र संख्या 424ध्गगग;4द्धध्2023 में कहा कि उत्तराखंड सरकार ने 21 सितम्बर के आदेश से तीन हायर ज्यूडिशियल सर्विस कार्डर के न्यायाधीशों को अनिवार्य सेवानिवृत प्रदान की जाती है।
राज्यपाल ने लोकहित में आदेश दिया है कि निम्नलिखित न्यायिक अधिकारीगण इस आदेश के जारी होने के दिनांक के अपराह्न से सेवानिवृत हो जायेंगे तथा तीन माह की अवधि के लिए वह उसी दर पर अपने वेतन और भत्ते, यदि कोई हों, की धनराशि के बराबर धन के दावेदार होंगे जिस दर पर वह उनको अपनी सेवानिवृत से ठीक पूर्ण पा रहे थे।
राज्यपाल की अनुमति से सचिव शैलेश बगोली ने आदेश जारी किया है। आदेश में हरिद्वार के श्रम न्यायालय में पीठासीन अधिकारी राजेंद्र जोशी, काशीपुर के श्रम न्यायालय में पीठासीन अधिकारी शमशेर अली और चतुर्थ अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश शेष चंद्र को तत्काल प्रभाव से सेवानिवृत कर दिया गया है।
आदेश की एक कॉपी मुख्य न्यायाधीश समेत अन्य न्यायाधीशों, रजिस्टार जर्नल, सचिव उत्तराखंड सरकार, सभी जिला जजों, परिवार न्यायालय के जजों, उजाला के निदेशक, राज्यपाल के विधि सलाहकार समेत कुल 30 लोगों को भेजी गई है।
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