इस साल चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं का अपार भीड़ देखी जा रही है। पिछले सालों की तुलना में इस साल श्रद्धालुओं के सारे रिकार्ड टूट चुके हैं और अब तक चारधाम यात्रा में 46 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालु चारधाम की यात्रा कर चुके हैं जो कि एक रिकार्ड बन गया है।
पंडित श्रीनिवास पोस्ती, गुप्तकाशी
2013 की आपदा के पश्चात मानो लग रहा था कि अब केदारनाथ का भविष्य क्या होगा, इतनी ज्यादा जान माल की हानि हुई थी, कैसे आम जन मानस का जीवन पटरी पर आएगा, क्योंकि अधिकतर लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से धाम पर ही आश्रित है।
उस समय स्थानीय लोग हताश थे बाहर से आने वाला यात्री घबराया हुआ था, लेकिन तमाम चीजों के बाद एक बात हमेशा की तरह बनी हुई थी वह थी भक्तों की बाबा केदार के प्रति आशा और उसके बाद जैसे ही देश की बागडोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में आई उन्होंने केदारनाथ पुनर्निर्माण का जिम्मा लिया और यह आशा पूर्ण विश्वास में बदल गई।
शिवभक्त नरेंद्र मोदी कुल 6 बार केदार दर्शन के लिए आ चुके है और आज केदारनाथ में लाखों यात्रियों का आना मोदी जी का सनातन के प्रति अडिग विश्वास का ही प्रमाण है, मोदी जी ने जिस तरह से लोगों में सनातन के प्रति अलख जगाई है उसका सबको सम्मान करना चाहिए।
अब देश को राम राज्य बनने से कोई नही रोक सकता, मोदी जी के विज़न में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी उनसे कंधा से कंधा मिलाते आगे बढ़ रहे हैं। वर्तमान विधायक शैला रानी रावत ने भी जिस तरह से स्थानीय लोगों को आय के स्रोत प्रदान किये उससे भी लोगों में एक पॉजिटिव ऊर्जा आई है।
अब इतनी बड़ी यात्रा सुचारु रुप से आगे बढ़ रही है उसमें जिला प्रशाशन और मंदिर समिति का भी अद्वितीय योगदान रहा है। इस यात्रा के सफल संचालन में हर एक स्थानीय आदमी योगदान दे रहा है जिसमें घोड़े खच्चर वाले, डंडी-कंडी वाले से लेकर छोटे व्यवसायी सब शामिल हैं।
हैली कम्पनियों की वजह से अब वृद्ध लोग, चलने फिरने में अक्षम लोग भी बाबा के दर्शन कर पा रहे हैं। इसके अलावा होटल एसोसिएशन, व्यापार संघ, स्थानीय लोग और श्रीसभा (तीर्थ पुरोहित समाज) द्वारा ‘अतिथि देवों भवः’ की तर्ज पर बाहर से आने वाले यात्रियों का केदारनाथ धाम में दिव्य एवं भव्य स्वागत किया जा रहा है।
हर बार की तरह इस साल भी लाखों की संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ धाम आ रहे है। हर बार की तरह इस बार यह संख्या बढ़ती जा रही है और इस साल 20 लाख यात्रियों ने अब तक बाबा केदार के दर्शन किए है जो की ऐतिहासिक है।
लेकिन सबसे बड़ी बात यह है यहां इतनी संख्या में यात्रियों के आने के बाद भी कभी अपराध नहीं होते वह यहां खुद को सुरक्षित महसूस करते है, यहां आने से, यहां की आबो हवा का रसपान करने से, यहां के लोगों से मिलने के बाद वह यही रहने की इच्छा जाहिर करते है उनको लोगों से अथाह प्यार, आदर, सत्कार मिलता है और वह जीवन के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण को लेकर जीवन में आगे बढ़ते है। उनको दो चीजों का आभास हो जाता है पहली कि ‘पहाड़ की सड़कें टेढ़ी-मेढी है लेकिन लोग सीधे साधे है और दूसरा कि क्यों आखिर इस राज्य को देवभूमि कहा जाता है क्योंकि यहां के कंकड कंकड में शंकर बसते है’।
इतनी बड़ी यात्रा का सुचारु रूप से संचालन करना बिना पूर्व तैयारी के संभव नही है मैं पूरे जिला प्रशाशन को और मंदिर समिति को धन्यवाद करता हूं आप आने वाले वर्षो में भी इसी तरह से यात्रा को अविरल रूप से चलाने में अपनी अहम भूमिका निभायेंगे।
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