आपदा प्रबंधन में गैर सरकारी संगठनों (एजीओ) की अहम भूमिका होती है। गैर सरकारी संगठन धरातल पर काम करते हैं और उन्हें उन क्षेत्रों के बारे में पूरी जानकारी होती है। इसलिए जब भी कभी ऐसी स्थिति बनती है तो यह संगठन उस समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सरकारी संगठन भी गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए एडीएमए ने गैर सरकारी संगठनों (एजीओ) के साथ एक बैठक की। इस बैठक में राजेंद्र सिंह, सदस्य एवं विभागाध्यक्ष, एनडीएमए ने एनडीएमए भवन में ‘आपदा जोखिम परिप्रेक्ष्य को बदलने में एनजीओ की भूमिका’ विषय पर एक बैठक की अध्यक्षता की।
इस बैठक में पूरे भारत में काम करने वाले 19 एनजीओ ने भाग लिया। इस बैठक में लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन, सदस्य एनडीएमए, सफी अहसन रिज़वी, सलाहकार एनडीएमए और एनडीएमए के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
आपदा प्रबंधन में गैर सरकारी संगठन (एजीओ) महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी भागीदारी आपदाओं की तैयारी और प्रतिक्रिया में सरकारों और अन्य हितधारकों के प्रयासों की पूरक है। यह संगठन सामुदायिक स्तर पर योजनाओं को विकसित और कार्यान्वित करके आपदा तैयारियों में योगदान करते हैं। यह जोखिम आकलन करते हैं, प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली बनाते हैं, और समुदायों को आपदा तैयारी उपायों पर शिक्षित करते हैं।
गैर सरकारी संगठन आपदाओं के दौरान और बाद में तत्काल सहायता प्रदान करते हैं, जिसमें खोज और बचाव अभियान, राहत आपूर्ति (भोजन, पानी, आश्रय, चिकित्सा सहायता) का वितरण, और अस्थायी आश्रय और चिकित्सा सुविधाएं स्थापित करना शामिल होता है। यह संगठन आपदाओं से प्रभावित व्यक्तियों और समुदायों को मनोसामाजिक सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
इस बैठक में एडीएमए और एजीओ के सदस्यों के बीच में बातचीत काफी सार्थक रही और सभी एजीओ के सदस्यों ने अपने अपने कार्य क्षेत्रों के बारे में बताया। एडीएमए ने भी सभी एजीओ को आश्वासन दिया कि हम लोग मिलकर देश को आगे ले जाने में एक साथ मिलकर काम करेंगे और जब कभी भी किसी की जरूरत पड़ेगी तो सब लोग एक साथ होकर काम करेंगे।
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