उत्तराखंड में बारिश से जन-जीवन अस्त व्यस्त, रुद्रप्रयाग जिले में फटा बादल, जानमाल को कोई नुकसान नहीं

उत्तराखंड में बारिश से जन-जीवन अस्त व्यस्त, रुद्रप्रयाग जिले में फटा बादल, जानमाल को कोई नुकसान नहीं

उत्तराखंड में कई स्थानों पर बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हो गया है। आज भी उत्तराखंड के कई जगहों में बारिश होने की संभावना है। मौसम विज्ञान के अनुसार गढ़वाल और कुमाऊं के कुछ जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है।

रुद्रप्रयाग जिले में आज बादल फटने की घटना हुई है जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि 03 जुलाई को प्रातः 8 बजे ग्राम प्रधान रुमसी द्वारा सूचना दी गई कि रुमसी देवीदार तोक में बादल फटने के कारण स्कूल का रास्ता व कुछ खेतों में मलवा आया है। घटना की सूचना प्राप्त होते ही मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जीएस खाती, मुख्य कृषि अधिकारी लोकेंद्र सिंह बिष्ट, खंड विकास अधिकारी अगस्त्यमुनि प्रवीन भट्ट एवं जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार तथा राजस्व उप निरीक्षक घटना स्थल के लिए रवाना हुए तथा घटना स्थल पर पाया कि देवधार में जूनियर हाईस्कूल का रास्ता एवं कतिपय कृषि भूमि का आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस घटना में किसी प्रकार से कोई जानमाल, जनहानि एवं पशु हानि नहीं हुई है।

घटनास्थल पर पहुंचे मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जीएस खाती ने मुख्य कृषि अधिकारी, राजस्व उप निरीक्षक एवं खंड विकास अधिकारी सहित संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आंशिक रूप से क्षति हुई कृषि भूमि एवं जूनियर हाईस्कूल रास्ते का आंगणन प्रस्ताव आपदा प्रबंधन के तहत तैयार कर शीघ्रता से शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं तथा जूनियर हाईस्कूल के रास्ते में आए मलबे को तत्परता से हटाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

उत्तराखंड में कई स्थानों पर बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हो गया है। आज भी उत्तराखंड के कई जगहों में बारिश होने की संभावना है। मौसम विज्ञान के अनुसार गढ़वाल और कुमाऊं के कुछ जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। पूर्वानुमान के अनुसार नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर जिले के कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।

नैनीताल में भी मूसलाधार बारिश हो रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटे में नैनीताल जिले में औसतन 46.4 एमएम वर्षा रिकॉर्ड की गई है। जिसमें सबसे ज्यादा 111.0 मिलीमीटर बारिश हल्द्वानी में रिकॉर्ड की गई है, तो वही सबसे कम 14.5 एसएस बारिश बेतालघाट में रिकॉर्ड की गई है।

भारी बारिश के कारण कई जगहों पर रोड़ पर मलबा आ जाने से कई स्थानों के मोटरमार्ग को बंद करना पड़ा है। वहीं, चोरगलिया-हल्द्वानी मार्ग पर स्थित शेर नाला और सूर्या नाला में अधिक बारिश होने के कारण जल स्तर बढ़ने से मोटर मार्ग बंद किया गया है। जिसके बाद यहां से आने जाने वाले यात्रियों को अन्य स्थानों से भेजा जा रहा है। नैनीताल पुलिस ने भी इस रास्ते से आने जाने वाले यात्रियों से अपील की है कि सभी यात्री स्थिति सामान्य होने पर ही अपनी यात्रा करें अथवा अन्य मार्गों का उपयोग कर गंतव्य तक पहुंचे।

नैनीताल के अलावा भी कुमाऊं के कई अन्य स्थानों में भी भारी बारिश हो रही है, अल्मोड़ा में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश के बाद नगर रानीधारा, टैक्सी लिंक सड़क, माल रोड, लोअर माल रोड सहित विभिन्न हिस्सों में जलभराव होने से लोग परेशान रहे। बताया जा रहा है कि चौखुटिया के चांदीखेत में नाला उफान पर आ गया। नाले का पानी मलबे के साथ मुख्य बाजार और घरों के पास बहने लगा इससे लोग दहशत में रहे।

गढ़वाल के कई हिस्सों में भी लगातार बारिश हो रही है जिससे कई सड़कें बंद हो गई हैं। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पागल नाला में भारी मात्रा में मलबा आने के कारण अवरुद्ध हो गया है। बदरीनाथ धाम जाने वाले यात्रा वाहनों को पीपलकोटी, पाखी, तांगनी में रोका गया है। हाईवे से मलबा हटाने का काम जारी है। वहीं यमुनोत्री हाईवे ओजरी डाबरकोट के पास मलबा आने से बंद है। यहां दोनों ओर से दर्जनों वाहन फंसे हुए हैं।

बताया जा रहा है कि जोशीमठ में भारी बारिश के चलते पगनो गांव में एक बार फिर से गांव के ऊपर से मलबा और पानी आने से लोग दहशत में है। पिछले वर्ष से गांव के ऊपर से लगातार भूस्खलन हो रहा है। यहां 11 सरकारी व निजी भवन ध्वस्त हो गए थे। कल देर रात को भारी बारिश के चलते लोग घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गये हैं।

दूसरी तरफ श्रीनगर में अलकनंदा का जल स्तर बढ़ने से घाटों तक पानी पहुंच गया है। हालांकि जल स्तर खतरे के निशान से काफी नीचे है, लेकिन घाटों के डूबने से लोगों को शव दाह आदि के लिए दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।

पर्वतीय क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश के कारण मलबा आने से लोनिवि लैंसडौन की दो और लोनिवि दुगड्डा की चार सड़कें बंद हो गईं। सड़कें बंद होने से दर्जनों गांवों का सड़क संपर्क कट गया है। कई स्थानों पर ग्रामीण मीलों पैदल चलकर अपने गतंव्य स्थान तक पहुंच रहे हैं।

पौड़ी के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि कोटद्वार से दुगड्डा के आठ किलोमीटर के दायरे में कई स्थानों पर पहाड़ से मलबा आ रहा है। इस भूस्खल के कारण यहां पर रात 8 बजे से सुबह पांच बजे तक यातायात को फिलहाल बंद किया जा रहा है जिससे कि इससे मानव क्षति न हो। लोनिवि की तरफ से भी जेसीबी मशीनें लगाकर बंद मोटर मार्गों को खोलने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।

 

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