पर्वतीय कला केंद्र दिल्ली द्वारा मंचित उत्तराखंड के आंचलिक लोकनृत्यों, लोकगीत और संगीत ने मोहा दर्शकों का मन

पर्वतीय कला केंद्र दिल्ली द्वारा मंचित उत्तराखंड के आंचलिक लोकनृत्यों, लोकगीत और संगीत ने मोहा दर्शकों का मन

आजकल पूरे देश में शरदीय नवरात्रि का उत्सव चल रहा है। अनेक संस्थाओं द्वारा जगह जगह रामलीला का मंचन किया जा रहा है जिसमें लोगों की भारी भीड़ दिख रही है।

शारदीय नवरात्रि की चहल पहल से सम्पूर्ण दिल्ली एनसीआर जगमगाया हुआ है। छोटी-बड़ी रामलीलाओं, दुर्गा पूजा के पंडालो तथा आयोजित मेलों में हजारों की संख्या में लोगों की उत्साह जनक भागीदारी व आवाजाही देखने लायक है। संजोए गए अनेकों मंचों पर देश के विभिन्न प्रदेशों की लोकसंस्कृति से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मंचन भी बड़े स्तर पर किया जा रहा है।

शारदीय नवरात्रि अष्टमी की सायं नोएडा सैक्टर 110 स्थिति ‘लोटस पंछी’ गगन चुंबी इमारतों से सुसज्जित हाउसिंग सोसाइटी में 10 अक्टूबर की सायं आयोजित एक अति विशेष कार्यक्रम में ‘देवभूमि उत्तराखंड एसोशिएसन’ से जुड़े प्रबुद्धजनों में प्रमुख जाने माने समाज सेवी व देश के प्रमुख उद्योग जगत से जुड़े टाटा समूह सलाहकार रवींद्र जोशी, सेवानिवृत डीजी सीपीडब्ल्यूडी प्रमोद कुमार गर्ग, जापानी कंपनी से जुड़े सेवानिवृत सीईओ प्रकाश चंद्र जोशी, व्यवसाई संतोष कार्की, उदित पंत, देवव्रत, विभा लोहनी, शुभा लोहनी, ज्योति साहू, पीसी सिंह, भीम सिंह बिष्ट इत्यादि इत्यादि के सौजन्य व सहयोग से देश की ख्याति प्राप्त सांस्कृतिक संस्था व अनेकों बार अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी तथा वर्ष 2018 में ओलम्पिक थिएटर तक का सफर तय कर चुकी ‘पर्वतीय कला केंद्र’ दिल्ली के 18 प्रतिभावान कलाकारों द्वारा उत्तराखंड की लोकसंस्कृति से जुड़े लोकनृत्य, लोकगीत व लोक संगीत का अति मनभावन कार्यक्रम मंचित कर सैंकड़ों दर्शकों को मंत्रमुग्ध तो किया ही, दशकों को नाचने-झूमने के साथ-साथ तालियों की गड़गड़ाहट कर सभी कलाकारों का भव्य अभिवादन किया गया। मंचित लोकगीतों, नृत्यों व लोकसंगीत की श्रोताओं द्वारा भूरि-भूरि प्रशंसा की गई।

मंचित मनोहारी आंचलिक लोकनृत्यों व लोकगीतों की प्रभावशाली कोरियोग्राफी चंद्रा बिष्ट तथा आंचलिक कर्ण प्रिय लोक संगीत की धुनों को मधु बेरिया साह द्वारा हरीश शर्मा, मोहित शर्मा तथा भुवन रावत के सानिध्य में संजोया गया था। लोकगायन में भुवन रावत, हरीश रावत, महेंद्र लटवाल, चंद्रा बिष्ट, मधु बेरिया साह, नीमा गुसाई, स्वेता चांद द्वारा तथा मंचित नृत्यों में अखिलेश भट्ट, गोबिंद महतो, गीता गुसाईं नेगी, तुलिका, मेघा बिष्ट, लक्ष्मी महतो, निवेदिता, मिनी ढांका इत्यादि द्वारा दर्शकों के मध्य यादगार छाप छोड़ी गई।

आयोजित कार्यक्रम का मंच संचालन मोनिका बिष्ट तथा ज्योति रावत द्वारा तथा राष्ट्रीय व वैश्विक फलक पर वर्ष 1968 से निरंतर ख्यातिरत रही सांस्कृतिक संस्था ’पर्वतीय कला केंद्र’ द्वारा मंचित किए जा रहे कार्यक्रम के बावत तथा विगत 57 वर्षो में संस्था को मिली उपलब्धियों के बावत संस्था अध्यक्ष सी एम पपनै द्वारा अवगत कराया गया।

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