हिल मेल ब्यूरो, देहरादून अगले साल हरिद्वार में लगने वाले महाकुंभ की तैयारियां जोरों-शोरों पर चल रही हैं। विश्व के सबसे बड़े धार्मिक मेले को भव्य और दिव्य रूप देने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कुंभ
हिल मेल ब्यूरो, देहरादून
अगले साल हरिद्वार में लगने वाले महाकुंभ की तैयारियां जोरों-शोरों पर चल रही हैं। विश्व के सबसे बड़े धार्मिक मेले को भव्य और दिव्य रूप देने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कुंभ में चल रहे निर्माण कार्यों का हवाई सर्वेक्षण भी किया है। हेलिकॉप्टर से लिए गए विडियो का एक अंश शेयर करते हुए सीएम ने कहा कि 2021 के हरिद्वार महाकुंभ को भव्य और दिव्य रूप देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। आप सभी का कुंभ 2021 में हार्दिक स्वागत व अभिनन्दन है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड सरकार ग्रीन कुंभ की थीम पर मिशन मोड में काम कर रही है। प्लास्टिक-पॉलीथिन मुक्त कुंभ के आयोजन में ईको-फ्रेंडली इंतजामों पर फोकस रखने के साथ ही गंगा की स्वच्छता-निर्मलता पर खास जोर है। जनवरी 2021 से मई 2021 तक चलने वाले हरिद्वार कुंभ मेले में 16 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। 2010 में हुए कुंभ में करीब आठ करोड़ श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे थे। यही वजह है कि 2010 की तुलना में इंतजाम भी दोगुने स्तर पर हो रहे हैं।
https://www.facebook.com/tsrawatbjp/videos/894329110996114/
सीएम ने तमाम बैठकों में साफ कहा है कि तकनीकि दक्षता वाले विभागों के स्तर पर किए जाने वाले कार्यों में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कुंभ मेले के बाद कुंभ के कार्यों एवं व्यवस्थाओं पर किसी भी प्रकार की शिकायत न मिले, यह जिम्मेदारी विभागाध्यक्षों की होगी। कार्यदायी संस्थाओं को निर्माण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित हो, इसकी व्यवस्था प्राथमिकता पर किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि प्रत्येक 15 दिन में मुख्य सचिव के स्तर पर कुंभ कार्यों की समीक्षा की जाए। कुंभ कार्यों के लिए गठित तकनीकी समिति अपनी रिपोर्ट मुख्य सचिव को उपलब्ध कराए। काम समय पर पूरा हो, इसके लिए डबल शिफ्ट चलाई जाए। राष्ट्रीय राजमार्ग पर लंबित सड़क व पुलों के निर्माण के लिए तीन शिफ्ट में कार्य करने की अनुमति प्रदान करने को कहा गया है।
साल 2021 में शाही और पर्व स्नान कब-कब
- महाशिवरात्रि 11 मार्च
- सोमवती अमावस्या 12 अप्रैल
- बैसाखी 14 अप्रैल
- चैत्र पूर्णिमा 27 अप्रैल
- मकर संक्रांति 14 जनवरी
- मौनी अमावस्या 11 फरवरी
- बसंत पंचमी 16 फरवरी
- माघ पूर्णिमा 27 फरवरी
- नव सम्वत्सर 13 अप्रैल
- राम नवमी 21 अप्रैल
Leave a Comment
Your email address will not be published. Required fields are marked with *