नोएडा स्टेडियम में पांच दिन का महाकौथिग मेला लगा हुआ है 14वें मेले के दूसरे दिन नोएडा स्टेडियम पूरी तरह से उत्तराखंड के रंग में रंगा नजर आया। महाकौथिग में पहाड़ी उत्पादों, आभूषणों एवं पोशाकों के अलावा पहाड़ी खानपान के लगभग 150 स्टॉल लगे हैं। जहां पर लोगों ने जमकर खरीददारी की। इसके अलावा दिल्ली एनसीआर से आये हजारों दर्शकों ने महाकौथिग में सांस्कृतिक कार्यक्रम का मजा लिया।
नोएडा स्टेडियम में पांच दिन का महाकौथिग मेला लगा हुआ है आज मेले के दूसरे दिन नोएडा स्टेडियम पूरी तरह से उत्तराखंड के रंग में रंगा नजर आया। 14वें महाकौथिग के दूसरे दिन यहां प्रवासी उत्तराखंडियों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। रविवार की छुट्टी के चलते आज सुबह से मेले में लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी और शाम होते होते यहां दर्शकों की भीड़ से पूरा स्टेडियम खचाखच भर गया।
मुख्य अतिथि उत्तराखंड़ सरकार के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल तथा लेयों फिल्म्स के डारेक्टर दीप चंद थे। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री ने इतने सुंदर आयोजन के लिए महाकौथिग टीम का दिल खोलकर प्रशंशा की। सुबोध उनियाल ने महाकौथिग के मंच से दिल्ली-एनसीआर में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडियों के लिए दो महत्वपूर्ण बातें कही। पहला कि उत्तराखंड की जनता को एकजुट होकर रहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 7 लोकसभा सीट हैं और 70 विधानसभा सीट हैं। अगर देखा जाये तो कई लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ हम लोग संख्या बल में इतने ज्यादा हैं कि चुनाव परिणामों का रुख मोड़ सकते हैं। परन्तु हमारी आपस की एक जुटता की कमी के कारण आज हमारी कही भी गिनती नहीं है। उन्होंने के अमरैला मंच बनाने की बात कही। ताकि हर राजनितिक पार्टी में आपकी पूछ हो।
पहाड़ से हो रहे पलायन पर जताई चिंता
दूसरी बात उन्होंने पहाड़ से हो रहे पलायन को लेकर कही। उन्होंने कहा कि राज्य बनने के बाद जो पहली जनगणना हुई उसमे पहाड़ी क्षेत्र में 6 सीटें कम हुई और अगर अब जनगणना होती है तो कम से कम 10 सीटें और कम हो सकती हैं। ऐसे में हमारा जो पहाड़ी राज्य की अवधारणा ख़त्म हो जाएगी। पहाड़ी राज्य का सपना है तभी साकार हो सकता है जब आप लोग समय समय पर अपने अपने गांव जायें। उन्होंने दर्शकों से अपील करते हुए कहा कि उत्तराखंड में जब भी जनगणना होती है कम से कम उस समय आप लोग अपने गांव जायें ताकि पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक से अधिक जनसंख्या दर्ज हो सके और परिसीमन के दौरान पर्वतीय क्षेत्रों में विधानसभा सीटें कम न हों।
सुबह का सत्र उत्तराखंडी लोक नृत्य के नाम रहा
14वें महाकौथिग के दूसरे दिन सुबह के सत्र का शुभारम्भ मेजर जनरल (से.नि.) गोपाल के. थपलियाल, कुलपति, सुभारती यूनिवर्सिटी, मेरठ द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि ने उत्तराखंड महाकौथिग मेले की जमकर सराहना की और पूरी महाकौथिग टीम को बधाई दी। जिसके बाद दिल्ली एनसीआर में रह रहे प्रवासी उतराखंडियों की 28 महिला मंडलियों द्वारा उत्तराखंड लोक नृत्य प्रतियोगिता मे पहाड़ी लोक नृत्य की खूबसूरत प्रस्तुतियां पेश की गयी।
उत्तराखंड लोक नृत्य प्रतियोगिता में जज की भूमिका में उत्तराखंड की स्वर कोकिला कल्पना चौहान, मुकेश बिष्ट, पूजा आर्य रहे। प्रतियोगिता की विजेता वेस्ट विनोद नगर दिल्ली की तांदी ग्रुप टीम रही। जबकि भगवती आर्ट ग्रुप ने दूसरा स्थान हासिल किया। वहीं पूर्वांचल ग्रुप तीसरे स्थान पर रही।
रोहित, कैलाश और दीपा के नाम रहा शाम का सत्र
शाम का सत्र पूरी तरह लोक गायक रोहित चौहान, लोक गायिका दीपा पंत और लोक गायक कैलाश कुमार के नाम रहा। तीनों ने एक से बढ़कर एक कई बेहतरीन पहाड़ी गीत गाकर दर्शकों को खूब नचाया। सांस्कृतिक संध्या में यहां पर हजारों की संख्या में दर्शक मौजूद रहे और गायकों ने भी अपने गानों पर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
इस अवसर पर यथार्थ अस्प्ताल के मैनेजिंग डाइरेक्टर डॉ कपिल त्यागी, डॉ मंजू त्यागी, डॉ. गिरीश वैष्णव, विधु शर्मा, नीरज शर्मा, दिनेश चमोली को शाल और मोमेंटों देकर सम्मानित किया गया। डॉ. गिरीश वैष्णव को उत्तराखंड रत्न देकर सम्मानित किया गया।
महाकौथिग में पहाड़ी उत्पादों, आभूषणों एवं पोशाकों के अलावा पहाड़ी खानपान के लगभग 150 स्टॉल लगे हैं। जहां पर लोगों ने जमकर खरीददारी की। साथ ही पहाड़ी घरात में लोगों ने झंगोरे की खीर, मंडवे की रोटी, झंगोरा, घर्या चावल का भात, तोर की दाल सहित कई ठेठ पहाड़ी व्यंजनों का जमकर लुफ्त उठाया। इसके अलावा दिल्ली एनसीआर से आये हजारों दर्शकों ने महाकौथिग में सांस्कृतिक कार्यक्रम का मजा लिया।
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