आकाश मधवाल की इंजीनियर से मुंबई इंडियंस के स्टार बनने की कहानी

आकाश मधवाल की इंजीनियर से मुंबई इंडियंस के स्टार बनने की कहानी

अगर आप में कुछ कर गुजरने का ज़ज़्बा हो तो वह किसी भी समय पर किया जा सकता है। गढ़वाल के आकाश मधवाल ने ऐसा कारनामा करके दिखाया है उन्होंने मुंबई इंडियंस की ओर से खेलते हुए 21 गेदों में 17 डॉट बाल फेंकी और सिर्फ 5 रन देते हुए 5 विकेट भी झटक लिये। उनकी खतरनाक़ गेंदबाजी ने लखनऊ सुपरजायंट्स की टीम की कमर तोड़ दी। मुंबई इंडियंस ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 विकेट पर 182 रन बनाये इसके जवाब में लखनऊ सिर्फ 101 रन पर ही ढेर हो गई।

अक्सर हर मां बाप की इच्छा होती है कि उसका बच्चा पढ़ाई में सही हो और वह अपना ध्यान केवल पढ़ाई में लगाये। मधवाल परिवार भी ऐसा ही चाहता था यह बात 2010 की है, बच्चों के भविष्य के चलते स्वर्गीय घनानंद मधवाल ने अपना ट्रांसफर रुड़की से नैनीताल करवा लिया। उन्हें डर था कि कहीं क्रिकेट का कीड़ा उनके छोटे बेटे आकाश का 10वीं बोर्ड का रिजल्ट न बर्बाद कर दे। अब 13 साल बाद मधवाल परिवार के लिए वक्त का पहिया फिर घूम चुका है। क्रिकेट के उस कीड़े ने अब अपना काम कर दिया है। 29 साल के आकाश मधवाल ने आईपीएल प्लेऑफ इतिहास का बेस्ट बोलिंग फिगर फेंका है। 3.3 ओवर्स में 5 रन देकर 5 विकेट लिये। इस गेंदबाजी के बूते मुंबई इंडियंस ने लखनऊ सुपरजायंट्स को 81 रन से हराते हुए आईपीएल से बाहर कर दिया। अब उनकी टीम फाइनल से सिर्फ एक जीत दूर है।

आकाश मधवाल ने इंजीनियरिंग की है और इंजीनियरों में जल्दी सीखने की क्षमता होती है। आकाश मधवाल ने कहा कि उन्हें अपने प्रदर्शन पर गर्व है और वह आने वाले मैचों में भी बेहतर करने की कोशिश करेंगे। इंजीनियर ने आगे कहा कि मैं बस अभ्यास कर रहा था और इस मौके का इंतजार कर रहा था। मैंने अपनी इंजीनियरिंग की और टेनिस-बॉल क्रिकेट खेला क्योंकि यह मेरा जुनून था। मैं सिर्फ अभ्यास करता हूं और इस पर ही मैंने अमल किया। मधवाल ने कहा कि उनकी पारी में पूरन का विकेट उनके लिए सबसे अच्छा पल था। मुबंई की टीम में उनके जसप्रीत बुमराह की जगह लेने के सवाल पर 29 वर्षीय पेसर ने कहा कि बुमराह की अपनी जगह है और वह सिर्फ अपनी भूमिका निभाने की कोशिश कर रहे हैं और उसके लिए मैं कड़ी मेहनत कर रहा हूं।

आकाश के बड़े भाई आशीष कहते हैं, ’हम दोनों को क्रिकेट पसंद था, लेकिन आकाश की दीवानगी अलग थी। मैं सिर्फ मस्ती के लिए खेलता था, लेकिन उसके भीतर एक अलग जुनून था। हमारे पिताजी इस आदत से खूब परेशान रहते थे। बाद में उन्होंने रुड़की से नैनीताल ट्रांसफर ले लिया ताकि हम दोनों भाई पढ़ाई में फोकस कर पाए। मैं 12वीं में था और आकाश 10वीं में। पिता मिलिट्री इंजीनियर सर्विसेज में ऑफिसर थे। बेहद कम उम्र में आकाश ने अपने पिताजी को खो दिया, जिसके बाद उनका फोकस पूरी तरह पढ़ाई में शिफ्ट हो गया। इस दौरान रुड़की में बतौर साइट इंजीनियर जॉब भी करने लगे।

जब उत्तराखंड को 2018 बीसीसीआई की मान्यता मिल गई, तब देहरादून में ट्रायल्स के दौरान वसीम अकरम को आकाश ने इम्प्रेस कर लिया। जल्द ही उन्हें सीनियर टीम में मौका मिला और फिर एक साल बाद आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने बतौर नेट बोलर उन्हें साइन कर लिया। 2022 में मुंबई इंडियंस ने उन्हें बतौर सूर्यकुमार यादव का रिप्लेसमेंट स्क्वॉड में शामिल किया। मगर खेलने का मौका नहीं मिला। मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा ने आकाश मधवाल को काफी प्रोत्साहित किया और वह हमेशा कहते थे कि आप अपनी बोलिंग पर ध्यान दो। आकाश कहते है कि रोहित शर्मा ने उन्हें हमेशा कम्फर्टेबल फील कराया।

आकाश मधवाल को पिछले सीजन यानी 2022 में चोटिल सूर्यकुमार यादव की जगह बतौर रिप्लेसमेंट मुंबई इंडियंस स्क्वॉड में शामिल किया गया था। मगर एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। इस बार उन्हें 20 लाख के बेस प्राइस में टीम ने रिटेन किया और अब यह सस्ता प्लेयर महंगे काम कर रहा है। जसप्रीत बुमराह और जोफ्रा आर्चर जैसे दिग्गजों की गैरमौजूदगी में कहर ढा रहा है। छोटे कद की वजह से उनकी स्किड खाती गेंदों से बल्लेबाज जिस तरह गच्चा खा रहे हैं तो सोशल मीडिया पर तो उन्हें मुंबई का अगला बुमराह बताया जा रहा है।

आकाश मधवाल की मां आशा मधवाल एक किस्से को याद करते हुए कहती हैं कि आकाश मधवाल ने 5 साल पहले उन्हें फोन कर बताया कि वह उत्तराखंड में क्रिकेट ट्रायल के लिए 300 रुपये का फार्म भर रहा है। मां ने उस समय हां कह दिया। उस समय उन्हें इस बात का अहसास भर नहीं था कि यही फार्म उनके बेटे के लिए आईपीएल तक पहुंचने की राह तैयार कर देगा। आज रुड़की से लेकर मुंबई तक छाई अपने बेटे की तस्वीर को देखकर मां बस यही कहती है ये सब उसके पिता और ईश्वर के आशीर्वाद की बदौलत है। आकाश मधवाल की मां आशा मधवाल ने उनके जीवन में आए बदलावों और संघर्षों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि बीटेक के बाद उनका बेटा इंजीनियर बन गया था लेकिन क्रिकेट खेलने का सिलसिला जारी था।

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