गजब: कोरोना काल में स्कूली बच्चों ने चीड़ के पत्तों, फूलों से बनाई राखी

गजब: कोरोना काल में स्कूली बच्चों ने चीड़ के पत्तों, फूलों से बनाई राखी

रक्षाबंधन का त्योहार इस साल सोमवार, 3 अगस्त को मनाया जाएगा। कोरोना के खतरे को देखते हुए उत्साह पहले जैसा नहीं है। लोग बाजार भी कम जा रहे हैं। ऐसे में घर पर ही आसपास मिलने वाली चीजों से राखी बनाकर देखिए इन स्कूली छात्रों ने कितना खूबसूरत संदेश दिया है…

रक्षाबंधन का त्योहार करीब है। कोरोना काल में पहले जैसी बाजारों में रौनक, भीड़भाड़ या घरों का माहौल तो नहीं है पर लोग सामाजिक दूरी के साथ बिल्कुल संक्षिप्त में यह त्योहार मनाने की तैयारी जरूर कर रहे हैं। जो चीज जितनी मिले, उतने से ही इस बार मनाया जाएगा हिंदुओं का यह प्रमुख त्योहार। प्लास्टिक, धागे आदि से तैयार राखियां तो हर साल से बांधते आ रहे हैं हम, तो इस बार क्यों न कुछ अलग किया जाए।

बाजार जाने की जरूरत नहीं…

उत्तराखंड में स्कूली बच्चों ने देखिए कितना खूबसूरत विकल्प तैयार कर दिया है। इसके लिए आपको बाजार जाने की भी जरूरत नहीं है। जी हां, राजकीय प्राथमिक विद्यालय बजेला, अल्मोड़ा के बच्चों ने चीड़ के पत्तों, फूलों, घिघारू के फलों एवं अन्य जैविक सामग्रियों से जैविक राखियां तैयार की हैं।

विद्यालय के अध्यापक भाष्कर जोशी कहते हैं कि यह भी आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। अध्यापकों ने ही वेस्ट मटेरियल एवं जैविक पदार्थों से राखी बनाने की कला इन बच्चों को सिखाई है।

सभी बच्चे 1 से 5वीं कक्षा के हैं। इनकी उम्र 6 साल से लेकर 11 साल तक है। आपको बता दें कि बजेला के इस सरकारी स्कूल के बच्चे व्हाट्सएप ऑनलाइन के माध्यम से पढ़ रहे हैं। अध्यापक ने बताया कि वह हर साल बच्चों को राखी निर्माण का प्रशिक्षण देते हैं, इस बार दूरी बनाते हुए बच्चों ने बेहतरीन काम किया है।

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