जीबी पंत विश्वविद्यालय ने सीडीएस जनरल अनिल चौहान को डी.लिट. की मानद उपाधि दी

जीबी पंत विश्वविद्यालय ने सीडीएस जनरल अनिल चौहान को डी.लिट. की मानद उपाधि दी

गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय ने अपना 36वां दीक्षांत समारोह मनाया, जिसमें सीडीएस जनरल अनिल चौहान को डी.लिट. की मानद उपाधि दी।

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान के नेतृत्व में 36वें दीक्षान्त समारोह का सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ जिसमें राज्यपाल ले जनरल गुरमीत सिंह और कृषि मंत्री गणेश जोशी एवं केन्द्रीय राज्य मंत्री सड़क परिवहन एवं राजमार्ग अजय टम्टा उपस्थित रहे। इस अवसर पर सीडीएस जनरल अनिल चौहान को डी.लिट. की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर राज्यपाल एवं कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि जो छात्र यहां से उपाधि प्राप्त कर रहे हैं वे अपने माता-पिता से आर्शीवाद जरूर लें। विश्वविद्यालय द्वारा नयी शोध, तकनीक विकसित कर कृषकों तक पहुंचा रहा है, जिससे किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकें। उन्होंने हनी, अरोमा एवं मिलेट पर बल दिया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि सपने देखना सही है मगर खुली आंखों से सपना देखना चाहिए जिससे वे अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है। हरित क्रांति लाने में पन्तनगर विश्वविद्यालय का अहम योगदान रहा है। विश्वविद्यालय के योगदान के लिए विभिन्न पुरस्कार प्राप्त हैं और रैकिंग भी अच्छी है। उन्होंने कहा कि किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए विश्वविद्यालय को बदलते वातावरण की चुनौतियों के अनुसार शोध करने की आवश्यकता है।

सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में प्रतिभाग करने पर प्रसन्नता व्यक्त की और यहां के उपलब्धियों की चर्चा की तथा देश को आगे ले जाने में जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान एवं जय अनुसंधान का बहुत महत्व है। निरंतर नये शोध के द्वारा हम अपनी खाद्यान्न की मांग को पूरा करते हुए आत्मनिर्भर बने रहेंगे। जेनिटिक मोडिफिकेशन जैसे नयी तकनीकों का प्रयोग कर वातावरण की चुनौतियों से निपटा जा सकता है। देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने में विश्वविद्यालय की अहम् भूमिका होगी। विद्यार्थी नयी सोच के साथ कार्य कर देश को प्रगति के मार्ग पर ले जाने की क्षमता रखते है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी भारत की होगी।

कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि लैंड ग्रान्ट पैटर्न की तर्ज पर अमेरिका के इलिनोय विश्वविद्यालय की तकनीकी सहायता से स्थापित इस विश्वविद्यालय ने हरित क्रान्ति के द्वारा देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। विगत् 64 वर्षों से लगातार यह विश्वविद्यालय खाद्य फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के अलावा पशुधन, दुग्ध, तिलहन एवं मत्स्य उत्पादन में भी अपना अहम योगदान दे रहा है। कृषि शिक्षा, अनुसंधान तथा प्रसार में अपने अहम योगदान के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा ’सरदार पटेल आउटस्टेंडिंग इन्स्टीट्यूशन सम्मान’ से इसे तीन बार सम्मानित किया जा चुका है।

डॉ चौहान ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर क्यूएस वर्ल्ड रैकिंग में 331वां स्थान बनाया है। स्थापना से अब तक 44,112 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गयीं हैं। विश्वविद्यालय द्वारा विकसित विभिन्न फसलों की 355 उन्नत किस्में एवं पशुओं की दो नस्लें राष्ट्र को समर्पित हैं, जोकि देश में खाद्य सुरक्षा एवं कृषकों की आय बढ़ाने में अभूतपूर्व रूप से सहायक रहीं हैं। विश्वविद्यालय एग्रीकल्चर लीडरशिप 2023 सम्मान से सम्मानित है। पंतनगर विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 वर्ष 2024-25 से लागू कर दी गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को अपनाने वाला यह देश का प्रथम कृषि विश्वविद्यालय है। देश एवं विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ करार हुए हैं। गत दो वर्षों में दलहन की 10 प्रजातियां विकसित की गयी है। अंत में उन्होंने सभी उपाधि प्राप्तकर्ताओं को दीक्षा दी। इस अवसर पर कुलपति के निर्देशन में बनी ‘विश्वविद्यालय की गत दो वर्ष की उपलब्धियां’ नामक पुस्तक का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। इस अवसर पर किसान प्रेम चंद शर्मा को भी मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।

इस दीक्षांत समारोह में राज्यपाल द्वारा 1,172 विद्यार्थियों को उपाधि व दीक्षा प्रदान की गयी। इस अवसर पर सर्वोत्तम स्नातक विद्यार्थी दीक्षा उप्रेती को कुलाधिपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त 15 विद्यार्थियों को कुलपति स्वर्ण पदक, 12 विद्यार्थियों कुलपति रजत पदक एवं 12 विद्यार्थियों को कुलपति कांस्य पदक प्रदान किये गये।

Hill Mail
ADMINISTRATOR
PROFILE

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked with *

विज्ञापन

[fvplayer id=”10″]

Latest Posts

Follow Us

Previous Next
Close
Test Caption
Test Description goes like this