सीडीएस जनरल अनिल चौहान ‘उत्तराखंड गौरव सम्मान’ से सम्मानित

सीडीएस जनरल अनिल चौहान ‘उत्तराखंड गौरव सम्मान’ से सम्मानित

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर माताश्री मंगला, पद्मश्री प्रीतम भरतवाण, हेमंत पांडेय और डॉ. महेश कुड़ियाल को मिला उत्तराखंड गौरव सम्मान।

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पुलिस लाईन, देहरादून में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने रैतिक परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। राज्यपाल ने विशिष्ट सेवाओं के लिए ‘राष्ट्रपति पुलिस पदक’ एवं ‘पुलिस पदक’ प्राप्त पुलिस अधिकारियों को सम्मानित भी किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वीडियो संदेश के द्वारा सभी प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री द्वारा सूचना एवं लोक संपर्क विभाग की पत्रिका ‘संकल्प सतत विकास का’ एवं ‘उत्तराखंड पुलिस पत्रिका-2024’ का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में पुलिस विभाग द्वारा विशिष्ट साहसिक प्रदर्शन किया गया, इसमें विशेष रूप से श्वान दल द्वारा किए गए उत्कृष्ट प्रदर्शन ने उपस्थित दर्शकों को रोमांचित कर दिया।

राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम में इस वर्ष का उत्तराखंड गौरव सम्मान भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, समाज सुधारक एवं आध्यात्मिक गुरु माताश्री मंगला, लोक गायक पद्मश्री प्रीतम भर्तवाण, अभिनेता हेमंत पांडेय और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. महेश कुड़ियाल को दिया गया। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड गौरव सम्मान पुरस्कार-2024 के महानुभावों को सम्मानित किया।

देश की रक्षा की महती ज़िम्मेदारी जनरल अनिल चौहान के कंधों पर है। देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत के उत्तराधिकारी रूप में उन्होंने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पदभार संभाला था। इससे पहले वह नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में सैन्य सलाहकार और सेना की पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ रहे हैं। पूर्वी कमान के प्रमुख रहने के दौरान उनकी निगरानी में बने 17 कोर में इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप की अवधारणा साकार होनी शुरू हुई। चीन के साथ गतिरोध के दौरान उन्होंने देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र की सुरक्षा का जिम्मा संभाला था। जनरल अनिल चौहान ने आर्मी कमांडर बनने से पहले महानिदेशक सैन्य अभियान की जिम्मेदारी भी संभाली।

11 गोरखा राइफल में 1981 में कमीशन लेने वाले जनरल अनिल चौहान को जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के राज्यों में आतंकरोधी अभियानों का खासा अनुभव रहा है। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ बालाकोट एयरस्ट्राइक में भी विशेष भूमिका निभाई थी। खड़कवासला स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और देहरादून की भारतीय सैन्य अकादमी के पूर्व छात्र रहे जनरल चौहान का विभिन्न कमांड, स्टाफ और निर्देशात्मक नियुक्तियों में एक प्रतिष्ठित करियर रहा है। जनरल चौहान को सैन्य सेवा के लिए परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से अलंकृत किया गया है।

मुखौटे जमा करने के शौकीन जनरल चौहान का जन्म 18 मई 1961 को दिल्ली में हुआ था। हालांकि मूलरूप से वह पौड़ी जिले के खिर्सू ब्लॉक की ग्रामसभा रामपुर कांडा गवाणा के निवासी हैं। उनका परिवार दिल्ली में रहता है। उनका पुश्तैनी घर देहरादून के वसंत विहार में है। सीडीएस अनिल चौहान का कहना है कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ ही सैन्य भूमि भी है, जहां से हर परिवार का कोई न कोई सेना में सेवाएं दे रहा है।

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