उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण पहाड़ के नदी नाले उफान पर है। गंगा और अलकनंदा नदी खतरे के निशान पर चल रही हैं। वहीं, भूस्खलन के चलते देहरादून, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी समेत प्रदेश में कईं जगह भवन ध्वस्त हो गये हैं। उधर, प्रदेश में अब भी 275 सड़कें बंद हैं।
उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय स्थित आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम से प्रदेश में हो रही अतिवृष्टि की जानकारी ली। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से फोन पर वार्ता कर निर्देश दिये कि हर चुनौती का सामना करने के लिए प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखा जाये।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि किसी भी आपदा की स्थिति में लोगों को शीघ्र राहत मिले, इसके लिए पूरी तैयारी रखी जाये। जनपदों में खाद्य सामग्री, आवश्यक दवाइयों एवं अन्य आवश्यक सामग्री की पूरी व्यवस्था रखी जाये।
उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वर्षा के कारण सड़क, विद्युत, पेयजल व्यवस्थाएं बाधित होने की दशा में, सभी व्यवस्थाएं संबंधित विभागों से तत्काल सुचारू की जाये।
मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन को निर्देश दिए कि लक्सर, खानपुर एवं प्रदेश के अन्य ऐसे स्थानों जहां पर कम बरसात के बावजूद भी जलभराव की समस्याएं आ रही हैं, ऐसे स्थानों के लिए ड्रेनेज की उचित व्यवस्था हो, इसके लिए दीर्घकालिक प्लान बनाया जाये।
उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से लगातार संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिये, ताकि जनपदों में कुछ भी आवश्यकता पड़ने पर शीघ्र उपलब्ध कराई जा सके। मुख्यमंत्री ने सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ द्वारा तैनात की गई फोर्स के बारे में भी जानकारी ली।
मौसम विभाग ने पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चम्पावत, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर के कई इलाकों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि अन्य जिलों में बारिश का यलो अलर्ट है।
भारी बारिश के कारण अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण श्रीनगर डैम में करीब तीन हजार क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ा गया है। जिसके चलते देवप्रयाग, ऋषिकेश और हरिद्वार में अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिये गये हैं। जिसके बाद गंगा तटों पर जल पुलिस तैनात की गई है।
इस बारिश का असर अब मैदानी इलाकों में भी दिखाई दे रहा है बारिश के कारण कई निचले इलाकों में पानी भर गया है जिससे यहां के लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
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