मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने हरिद्वार भ्रमण के दौरान डामकोठी में अधिकारियों के साथ विकास कार्यों आदि के सम्बन्ध में एक समीक्षा बैठक ली।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय से हरिद्वार जनपद में चल रही विभिन्न विकास योजनाओं की प्रगति के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी ली तथा अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो भी जन-कल्याणकारी योजनायें चल रही हैं, उनका लाभ अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक अवश्य पहुंचे।
उन्होंने कहा कि समय-समय पर ग्राम सभाओं में चौपालों का आयोजन किया जाये तथा उसमें जिस भी ग्रामवासी की जो भी समस्या हो, उसका निस्तारण शीर्ष प्राथमिकता पर किया जाये एवं गर्मी के मौसम को देखते हुये बिजली, पानी आदि पर विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा कि सब्सिडी की जो भी योजनायें हैं, उनका लाभ समय पर लाभार्थी को दिलाना सुनिश्चित करें तथा जिस किसी भी योजना का कार्डधारक हो, उसे समय पर राशन का वितरण होना चाहिये।
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा का उल्लेख करते हुये कहा कि हरिद्वार चारधाम यात्रा का प्रमुख पड़ाव है, जिसे देखते हुये यहां हर तरह की व्यवस्थायें, खासतौर पर हरिद्वार शहर तथा गंगा के घाटों की साफ-सफाई की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाये। यातायात व्यवस्था के सम्बन्ध में चर्चा करते हुये जिलाधिकारी ने बताया कि चारधाम यात्रा को देखते हुये दुधाधारी या अन्य स्थानों पर जाम की स्थिति न बने, इसके लिये विभिन्न वैकल्पिक योजनाओं-भारी वाहनों की नो इण्ट्री का समय निर्धारण करना, पार्किंग की उचित व्यवस्था आदि पर कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।
कानून-व्यवस्था आदि के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री द्वारा जानकारी लिये जाने पर जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री अजय सिंह ने बताया कि हनुमान जयन्ती के अवसर पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रम निर्विघ्न तथा सकुशल सम्पन्न हुये हैं तथा कानून-व्यवस्था चुस्त एवं दुरूस्त है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक आयोजित होने वाली परीक्षाओं को कड़े कदम उठाते हुये नकल विहीन व सकुशल सम्पन्न कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बैठक में जमीन सम्बन्धी प्रकरण आदि पर भी विस्तृत विचार-विमर्श किया तथा दिशा-निर्देश दिये। इससे पहले मुख्यमंत्री ने साक्षी महाराज से शिष्टाचार भेंट की तथा पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से हरिद्वार में संचालित हो रही विभिन्न विकास योजनाओं के बारे में भी विचार-विमर्श किया।
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