मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चम्पावत के गोरलचोड़ स्थित आडिटोरियम में स्मार्ट स्कूल-स्मार्ट ब्लॉक कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि इससे शिक्षा के क्षेत्र में नये आयाम प्राप्त होंगे उन्होंने इसे चंपावत को आदर्श जनपद बनाने की दिशा में बढ़ाया कदम बताते हुए कहा कि यह आदर्श उत्तराखंड के लिये भी अच्छी पहल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘सम्पर्क’ अर्थात ‘जुड़ना’, समाज के वंचित और हाशिए पर रह रहे लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना संपर्क फाउंडेशन के उद्वेश्य को सार्थक करता है। उन्होंने इसके लिये सम्पर्क फाउंडेशन के प्रयासों को भी समाजहित में बताया। उन्होंने कहा कि आज का युग साइंस और टेक्नोलॉजी का है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी कहा करते हैं कि देश के विकास के लिए लोग साइंस और टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग करें। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के माध्यम से हम कार्यों को आसानी के साथ ही कम समय में अधिक काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा की विद्यालयों को संपर्क स्मार्ट डिवाइस दिए गए हैं जिससे बच्चे आसानी से, सरल भाषा में, आनंदमय तरीके से शिक्षा ले सकेंगे।
पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नए भारत का निर्माण हो रहा है। दुनिया में अनेक देशों की अर्थव्यवस्था बिगड़ रही है, खराब हो रही है वहीं भारत की अर्थव्यवस्था इस विषम समय में भी 11 वें स्थान से 5 वें स्थान की अर्थव्यवस्था बन गई है। आने वाले समय में स्वतंत्रता की शताब्दी में भारत दुनिया का नेतृत्व करने वाला भारत बन जाएगा। किसी भी देश का सामाजिक एवं आर्थिक विकास उस देश के नौनिहाल व बच्चें है। उनकी शिक्षा किस प्रकार की हो, उसकी गुणवत्ता किस प्रकार की हो उस पर निर्भर करता है। यह सब कार्य शिक्षकों के जिम्मे है। पहला संस्कार माता-पिता देते हैं दूसरा शिक्षक गण देते हैं। उन्हें जीवन में शिक्षा देने, आगे बढ़ाने का कार्य शिक्षक करते हैं। चंपावत से निकलने वाले बच्चें विभिन्न क्षेत्रों में जाएंगे वहां जाकर अपने माता-पिता का नाम रोशन करने के साथ ही गांव, क्षेत्र, जिला, प्रदेश का नाम रोशन करेंगे, वहीं शिक्षकों का भी नाम रोशन करेंगे, जहां से उन्होंने शिक्षा ग्रहण की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा का चम्पावत में बनाये जा रहे कैंपस का शासनादेश जारी कर दिया गया है। साथ ही चम्पावत जिले के सभी विद्यालय भवनों का जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण सहित सभी में आवश्यक सुविधाए उपलब्ध करायी रही है, उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम छोर पर खड़़े व्यक्ति तक आधुनिक शिक्षा पहॅुचाने का कार्य संपर्क फाउण्डेशन, सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। राज्य के सरकारी स्कूलों में अभिनव और अपनी तरह का पहला अध्ययन कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए राज्य सरकार और संपर्क फाउंडेशन की यह साझेदारी शिक्षा की बेहतरी के लिये किया जा रहा प्रयास है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अनेक नवाचार हो रहे हैं साथ ही अनेक चुनौतियां भी आई है। इन सभी चुनौतियों के मध्य नई शिक्षा नीति आई है। यह नीति स्कूली शिक्षा एवं उच्च शिक्षा को नए आयाम देने का कार्य करेगी। वही सभी वर्गों के लोगों के लिए समानता के अधिकार के तहत शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगी। नई शिक्षा नीति के तहत प्रतियोगी परीक्षाओं के अध्ययन छात्र छात्राओं को लाभ मिलेगा। उत्तराखंड प्रथम राज्य है जिसने नई शिक्षा नीति है जो उसे स्कूली शिक्षा में पूरी तरह से लागू किया गया है। संपर्क फाउंडेशन ने इस कार्य में जो स्मार्ट कक्षाओं की नींव रखी गई है उससे बच्चों को लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने एक आदर्श चंपावत की जो अवधारणा दी थी वह सफलता के नए मुकाम गढ़ रही है। जिसके तहत चम्पावत विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। जनपद के विकास के लिए शासन की ओर से लगातार फंडिंग भी उपलब्ध कराई जा रही है। जिसमें कुछ कार्य प्रारंभ हो चुके हैं तथा स से पिटकुल सीएसआर के तहत पहली बार जनपद के बहुत से विद्यालय (हाईस्कूल व इंटरमीडिएट कॉलेजों) में कंप्यूटर लैब लगाई जाएंगी साथ कुछ कार्य योजना स्तर पर हैं। जनपद में साइंस सेंटर का भी निर्माण होने जा रहा हैं। जिसके लिए भूमि भी हस्तांतरित की जा चुकी है साथ ही डीपीआर के लिए भी धनराशि प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि चंपावत शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यटन के क्षेत्र में अलग ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री के प्रयाही उन्होंने बताया कि आपदा मद, अनटाइट फंड व जिला योजना से लगभग 10 करोड़ की धनराशि शिक्षा विभाग को दी जा चुकी है। जिसके परिणाम भी दिखने लगे हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशन में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय को 20 लाख की धनराशि दी गई है, जिससे वहां भी सुधार हो रहा है।जिलाधिकारी ने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री जी द्वारा कक्षा 11 व 12 के विद्यार्थियों के लिए स्कूल में बनने वाले विभिन्न प्रमाण पत्रों के लिए जो ऐतिहासिक कदम उठाया गया है उससे विद्यार्थियों को बहुत फायदा मिलेगा और साथ ही शिक्षा का स्तर और भी इम्प्रूव होगा।
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