मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 27 फरवरी को पौड़ी के सर्वागीण विकास के सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिकारियों के साथ समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में मुख्य सचिव को निर्देश दिए है कि पौड़ी के सर्वागीण विकास और इसके गौरव को पुनःस्थापित करने के लिए सचिव कार्मिक, जनपद पौड़ी के प्रभारी सचिव तथा आयुक्त गढ़वाल मण्डल से उनके स्तर पर उन्हें दिए गए निर्देशों के अनुपालन में तैयार की गई कार्ययोजना प्राप्त की जाए। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में 27 फरवरी को आयोजित बैठक में सभी संबंधित अधिकारियों को उपस्थित रहने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा पौड़ी दौरे के उपरान्त पौड़ी के गौरव पुनः स्थापित करने के संकल्प का कार्य शुरू कर दिया गया है। पौड़ी भ्रमण के उपरान्त मुख्यमंत्री धामी द्वारा पौड़ी के सर्वागीण विकास एवं पौड़ी के मण्डल मुख्यालय के विभिन्न कार्यालयों के मण्डल मुख्यालय से संचालित किए जाने के सम्बन्ध में कदम उठाए जाने का संकल्प लिया था।
इस क्रम में मुख्यमंत्री द्वारा मुख्य सचिव को निर्देश दिए गए हैं कि सचिव कार्मिक, जनपद पौड़ी के प्रभारी सचिव और आयुक्त गढ़वाल मण्डल से एक सप्ताह में इस बिन्दु पर आख्या प्राप्त करें कि ऐसे कौन-कौन से कार्यालय हैं, जो मण्डल मुख्यालय में स्थापित हैं या मण्डल मुख्यालय में स्थापित होने चाहिए, परन्तु जिनका संचालन मण्डल मुख्यालय से नही हो रहा है। साथ ही मुख्य सचिव से पौड़ी की ऐतिहासिकता, पौराणिकता और प्राकृतिक सौन्दर्य आदि की दृष्टि से सर्वागीण विकास की कार्य योजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
उक्त कार्य समयबद्ध रूप से हो सके इस हेतु मुख्यमंत्री धामी द्वारा मुख्य सचिव को तीनों अधिकारियों से प्राप्त आख्या के साथ दिनांक 27 फरवरी को चर्चा हेतु उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री द्वारा पौड़ी के सर्वागीण विकास एवं पौड़ी के गौरव को पुनः स्थापित करने सम्बन्ध में जो आश्वासन पौड़ी की जनता को दिया है उस में वह समयबद्ध रूप से कार्य करने के लिए संकल्पबद्ध हैं।
उल्लेखनीय है कि ऐतिहासिक दृष्टि से प्रशासनिक रूप से पौड़ी का विशेष महत्व रहा है और इसी ऐतिहासिकता की दृष्टि से पौड़ी को गढ़वाल मण्डल का मण्डल मुख्यालय बनाया गया। समय के साथ पौड़ी से धीरे-धीरे मण्डल स्तरीय कार्यालयों का देहरादून या अन्यन्त्र स्थानों से संचालित होने की परम्परा शुरू हुई, जिससे पौड़ी मण्डल मुख्यालय का महत्व कम होने लगा।
मुख्यमन्त्री द्वारा पौड़ी की इस पीड़ा को महसूस किया है और पौड़ी का भ्रमण खत्म होने के तत्काल बाद ही राजधानी देहरादून में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पौड़ी के विकास की कार्य-योजना के साथ-साथ पौड़ी की ऐतिहासिकता और गौरव को पुनः स्थापित किये जाने की आवश्यकता पर कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमन्त्री के इस प्रयास से उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले वर्षों में पौड़ी अपने गौरव को पुनः प्राप्त कर सकेगा।
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