मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में देश भर से आए सिद्ध योगेश्वरों से विभिन्न विषयों पर की चर्चा, संतों के आर्शीवचन भी सुने।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रयागराज दौरे पर आज महाकुम्भ स्थित श्री गुरुगोरक्ष नाथ अखाड़ा पहुंचे। यहां उन्होंने धर्म ध्वजा की पूजा की और सभी संतों को प्रसाद गृहण कराया और स्वयं भी प्रसाद भी प्रसाद गृहण किया। इस अवसर पर उन्होंने देश भर से आए सिद्ध योगेश्वरों से विभिन्न विषयों पर चर्चा भी की।
योगी महासभा के विशिष्ट उपाध्यक्ष महंत बालक नाथ योगी ने बताया कि यह अखाड़ा स्वयं मुख्यमंत्री जी का है। यह अखाड़ा नाथ सम्प्रदाय का है, गुरु गोरक्षनाथ जी की परंपरा का है। जब से यहां धर्म ध्वजा की स्थापना हुई तब से भारत के विभिन्न स्थानों से सिद्ध योगेश्वर यहां पहुंच रहे हैं। इनके रहने, सोने और प्रसाद की व्यवस्था यहां पर होती है।
आज का प्रसाद हमारे अध्यक्ष योगी आदित्यनाथ जी की ओर से था, क्योंकि यह उनका ही अखाड़ा है। सभी साधुओं को प्रसाद की व्यवस्था की गई थी। मुख्यमंत्री जी ने धर्म ध्वजा की पूजा भी की और सभी संतों के आर्शिवचन सुनने का मौका प्राप्त किया। उनके द्वारा संतों को प्रसाद भी गृहण कराया गया, जबकि उन्होंने स्वयं भी भंडारे का प्रसाद गृहण किया। इस अवसर पर सभी अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वर उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुम्भ को दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन बताया जो एकता का प्रतीक है। उन्होंने सनातन धर्म की महत्ता पर जोर देते हुए इसकी तुलना बरगद के पेड़ से की। उन्होंने कहा, ‘सनातन धर्म एक विशाल और भव्य बरगद के पेड़ की तरह है। इसकी तुलना कभी भी महज झाड़ियों या झाड़ियों से नहीं की जानी चाहिए।’
मुख्यमंत्री ने महाकुम्भ को अपार श्रद्धा के साथ मनाया जाने वाला आयोजन बताया। उन्होंने कहा कि त्रिवेणी संगम पर करोड़ों श्रद्धालु एकत्र होकर स्नान कर रहे हैं, आज इस कार्यक्रम में दो करोड़ लोग मौजूद हैं। ‘सड़कें पूरी तरह से भरी हुई हैं और यहां पर आगे भी ऐसी ही भीड़ देखने को मिलेगी। पिछले 10 दिनों में 10 करोड़ से अधिक भक्तों ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई है, और अगले 35 दिनों में यह संख्या 45 करोड़ पहुंचने की उम्मीद है।
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