केदारनाथ में हुए उपचुनाव में जनादेश भाजपा के पक्ष में गया है। इस उपचुनाव को जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी थी। वहीं केदारनाथ उपचुनाव के दौरान कांग्रेस ने नई दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के शिलान्यास को मुद्दा बनाने पर पूरा जोर दिया था। लेकिन केदारनाथ मंदिर के चक्रव्यूह में कांग्रेस खुद ही फंस गई और उसकी नैया पार नहीं हो पाई।
भाजपा के लिए केदारनाथ उपचुनाव सिर्फ एक विधान सभा सीट का चुनाव नहीं था। इस सीट पर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई थी। बद्रीनाथ में हार के बाद उसे वैचारिक मोर्चे पर रक्षात्मक होना पड़ा था। भाजपा ऐसी असहज स्थिति दोबारा नहीं दोहराना चाहती थी। इसलिए पार्टी ने उपचुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। आज आये चुनाव परिणाम में जनता ने भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल को अपना विधायक चुना है। इसी के साथ केदारनाथ विधानसभा में महिला प्रत्याशी की जीत का मिथक भी भाजपा ने दोहराया है।
वहीं अब एंटी इनकम्बेंसी के सूत्र पर नापे जाने वाली चुनावी राजनीति में मतदाता अब नकारात्मक प्रचार के बजाय काम करने वाली सरकारों को पुनः जनादेश देने से हिचकते नहीं है। यही परिणाम केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में भी देखने को मिला रहा है, केदारनाथ की जनता ने पवित्र धाम और यात्रा को लेकर किए गए कांग्रेस के नकारात्मक प्रचार को नकारते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किए जा रहे कार्यां पर अपनी मुहर लगाई है।
2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद से भारतीय मतदाताओं के मिजाज में एक गुणात्मक बदलाव आया है। मतदाता अब सरकारों का आंकलन उनकी परफॉरमेंस के आधार पर करने लगे हैं। साल 2019 और 2024 में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार की वापसी रही हो या फिर 2022 में उत्तराखंड और यूपी और हाल ही में हरियाणा में भाजपा सरकार की वापसी, इसकी बानगी है। यही क्रम हमें केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में भी देखने का मिला रहा है। इस उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने पूरी तरह नकारात्मक मुद्दों पर फोकस किया। क्षेत्रवाद से लेकर जातिवाद का दांव खुलकर चला गया। लेकिन मतदाताओं ने तमाम तरह के नकारात्मक प्रचार को सिरे से खारिज करते हुए, केदारनाथ धाम से लेकर पूरे यात्रा मार्ग के लिए केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों पर मुहर लगाने का काम किया है।
कांग्रेस रही नकारात्मक
केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस का प्रचार मुख्य रूप से चारधाम यात्रा को कैंचीधाम की ओर मोड़ने, दिल्ली में एक ट्रस्ट की ओर से बनाए जा रहे मंदिर को केदारनाथ धाम से जोड़ने, केदारनाथ मंदिर को दान में मिले सोना पर सवाल उठाने के साथ ही पहाड़ की दो प्रमुख जातियों को आमने सामने रखने पर केंद्रित था। कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय नेताओं ने खुलकर इन नकारात्मक मुद्दों का हवा दी। कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत तो यहां तक कह गए कि यह मुकाबला उनके और भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल के बीच नहीं बल्कि ‘धाम’ और ‘धामी’ के बीच है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल समेत तमाम नेता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर हमलावर रहे। इस तरह कांग्रेस पूरी तरह विकास और जनसरोकार के मुद्दों को हासिए पर रखकर नकारात्मक मुद्दों पर निर्भर होती चली गई।
सीएम धामी ने गिनाए काम
दूसरी तरफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भाजपा के चुनाव अभियान का खुद नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने पहले ही दिन से केदारनाथ सहित पूरे चारधाम यात्रा मार्ग क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को जनता के सामने रखा। साथ ही प्रदेश सरकार की ओर से महिलाओं, युवाओं के लिए चलाई जा रही नीतियों को हाईलाइट किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद उन्होंने आगे आकर उपचुनाव तक खुद को केदारनाथ सीट का विधायक माना और क्षेत्र के विकास के लिए लगभग 700 करोड़ की घोषणाएं कीं जिनके शासनादेश भी जारी हो चुके हैं। अपने कैम्पेन में धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के केदार प्रेम को सबसे आगे रखा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में जलप्रलय से ध्वस्त हो चुकी केदारपुरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किस तरह संवारा और आज केदारनाथधाम नये स्वरूप में दिखाई दे रहा है। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी की 7 बार केदारनाथ की यात्रा का जिक्र उन्होंने अपने हर भाषण में किया। भाजपा प्रदेश संगठन ने भी कंधे से कंधा मिलाकर मुख्यमंत्री धामी का पूरा साथ दिया। पार्टी ने कैबिनेट मंत्रियों समेत पार्टी के सभी विधायकों का चुनाव प्रचार में बखूबी उपयोग किया।
भाजपा ने तंत्र का किया दुरुपयोग
केदारनाथ चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने बयान जारी कर कहा कि केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव में जनता ने जो जनादेश दिया है हम उसका सम्मान करते हैं भाजपा को जीत की बहुत-बहुत बधाई लेकिन नामांकन के दिन से ही भारतीय जनता पार्टी ने जमकर के तंत्र का दुरुपयोग किया हम लगातार आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत चुनाव आयोग से करते रहे लेकिन भाजपा के खिलाफ कोई भी कार्रवाई देखने को नहीं मिली चुनाव के आखिरी दो दिनों में भारतीय जनता पार्टी ने घर-घर पैसा और शराब पार्टी रुद्रप्रयाग में भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य की गाड़ी में खुलेआम दारू पकड़ी गई कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उसका लाइव प्रसारण भी किया लेकिन उसके बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई इससे साबित होता है कि प्रशासन ने जमकर भाजपा प्रत्याशी का साथ दिया।
करन माहरा ने कहा कि केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव मुख्यमंत्री और भाजपा की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ चुनाव था इसीलिए भाजपा ने एक और जहां तंत्र और धन का पूरा-पूरा दुरुपयोग किया वहीं दूसरी ओर भाजपा सत्ता विरोधी वोटो को बांटने में सफल रही जिसका लाभ भाजपा प्रत्याशी को मिला अगर बीजेपी विरोधी वोटो को एकजुट करके देखा जाए तो जनादेश स्पष्ट तौर पर भाजपा के खिलाफ है लेकिन लोकतंत्र में अंतोगत्वा जनता जनार्दन के अंतिम फैसले को ही माना जाता है, और हम केदारनाथ की जनता के जनादेश को स्वीकार करते हैं, और इसके साथ ही प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं कि केदार घाटी के विकास, तीर्थ पुरोहितों और हक हकूकदारियों के हक की लड़ाई वहां के व्यापारियों की समस्याओं घोड़े खच्चर डांडी-कठी वालों के हितों और बेटियों की सुरक्षा और छोटे-छोटे कारोबारी की लड़ाई को हम पुरजोर तरीके से लड़ते रहेंगे, भविष्य में भाजपा विरोधी वोटो का बटवारा ना हो इस पर भी रणनीति बनाई जाएगी।
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