8वें डॉ. वी.एस. माथुर मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किए गये डॉ. जेपी जायसवाल

8वें डॉ. वी.एस. माथुर मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किए गये डॉ. जेपी जायसवाल

विश्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय में आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग के डॉ. जय प्रकाश जायसवाल, प्राध्यापक एवं गेहूं प्रजनक को वर्ष 1941 में स्थापित भारतीय आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन सोसाइटी द्वारा गेहूं सुधार में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए 8वें डॉ. वी.एस. माथुर मेमोरियल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान द्वारा इस उपलब्धि के लिए डॉ. जेपी जायसवाल को बधाई दी। उन्हें यह सम्मान 7 अगस्त 2024 को नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) में डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन की 99वीं जयंती पर सोसाइटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रदान किया गया।

इस अवसर पर मंच पर डॉ. एस.के. बंसल, विश्व विख्यात मक्का प्रजनक एवं विश्व खाद्य पुरस्कार विजेता, मूर्धन्य वैज्ञानिक प्रो. आर.बी. सिंह, पूर्व निदेशक आईएआरआई एवं एडीजी, एफएओ, डॉ. एच.एस. गुप्ता, पूर्व निदेशक, आईएआरआई एवं डीजी, बोरलाग इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशिया तथा डॉ. त्रिलोचन महापात्रा, अध्यक्ष पौध प्रजाति संरक्षण एवं कृषक अधिकार प्राधिकरण, भारत सरकार तथा पूर्व सचिव, डेयर और डीजी, आईसीएआर तथा सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार, निदेशक आईसीएआर-आईएसएस, मऊ उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सोसायटी के सचिव डॉ. एस.के. सिंह, प्रधान वैज्ञानिक, आईएआरआई द्वारा किया गया।

ज्ञातव्य हो कि डॉ. जेपी जायसवाल ने पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय के एल्यूमनस है। उन्होंने 1990 में पीएच.डी की उपाधि भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र की डॉ. के.एस. कृष्णन छात्रवृत्ति के साथ प्राप्त की थी। उन्होंने अपने पेशेवर कैरियर की शुरुआत महेन्द्रा हाइब्रिड सीड्स कंपनी लिमिटेड, जालना में सहायक मक्का प्रजनक एवं गुणवत्ता नियंत्रण अधिकारी के रूप में की। वे वैज्ञानिक अधिकारी (प्लांट ब्रीडिंग) के रूप में 10 वर्ष से अधिक उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद, लखनऊ में योगदान दिया। वर्तमान में विश्वविद्यालय में एआईसीआरपी (गेहूं एवं जौ) के कार्यक्रम समन्वयक और प्रजनक के रूप में योगदान दे रहे हैं।

डॉ. जायसवाल ने गेहूं और जौ सुधार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके द्वारा गेहूं की 15 और जौ की एक किस्म विकसित की गयी है। साथ ही उनके द्वारा गेहूं की 10 लोकप्रिय किस्में पीपीवी एंड एफआरए में पंजीकृत कराया गया है और 14 नोवल जर्मप्लाज्म को आईसीएआर-एनबीपीजीआर में पंजीकृत कराया गया है।

डॉ. जायसवाल को कई प्रतिष्ठित पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं जिसमें पद्मश्री डॉ. एम.वी. राव मैमोरियल अवार्ड, मैक्स के डॉ. आर.बी. एक्बोटे अवार्ड, एआईयू के डॉ. एस. राधाकृष्णन बेस्ट टीचर रिसर्चर अवार्ड आदि प्रमुख है। वे आईएसजीबीपी तथा साबार, आईआईडब्ल्यूबीआर, करनाल के फैलो भी है। डॉ. जायसवाल 2021 में म्यांमार में एफएओ के सलाहकार भी रहे है तथा वे अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा, मैक्सिको, जापान, रसिया आदि देशों में विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व भी किये हैं।

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1 Comment

  • OP jaiswal
    August 11, 2024, 7:02 pm

    Heartiest Congratulations. Wishing much more achievements in coming days ..

    REPLY

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