ऋषिगंगा नदी में बनी झील… भूगर्भ विज्ञानी डॉ. राणा ने मौके पर जाकर दिखाया वीडियो

ऋषिगंगा नदी में बनी झील… भूगर्भ विज्ञानी डॉ. राणा ने मौके पर जाकर दिखाया वीडियो

उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों ही नहीं, यूपी से भी लोग अपने लापता परिजन की तलाश में चमोली पहुंचे हैं। वक्त बीतने के साथ चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। उधर, प्रशासन ने 7 फरवरी को आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के बरामद शवों का अंतिम संस्कार करना शुरू कर दिया है। आपदाग्रस्त क्षेत्र में बचाव और राहत अभियान जोरों से चलाया जा रहा है।

ग्लेशियर टूटने से चमोली में आई आपदा में 160 से ज्यादा लोगों की कोई खबर नहीं मिली है। तपोवन सुरंग में फंसे लोगों तक पहुंचने के लिए बचाव कार्य लगातार जारी है। हालांकि ऋषिगंगा नदी में अचानक पानी बढ़ने के कारण टनल में बचाव अभियान कुछ देर के लिए रोकना पड़ा था। प्रशासन ने भी निचले इलाकों के लोगों को अलर्ट कर दिया है। ऐसे में साफ है कि खतरा अभी टला नहीं है। इस बीच, गढ़वाल विश्वविद्यालय के भूगर्भ विज्ञानी डॉ. नरेश राणा ने दावा किया कि ऋषि गंगा के मुहाने पर झील बन गई है।

यह झील आगे के लिए मुसीबत बन सकती है। डॉ. राणा खुद उस जगह पर पहुंचे, जहां यह झील बनी है। 2.11 मिनट के सामने आए वीडियो में वह रास्ता बताते हैं जहां से फ्लड आया है। उनका कहना है कि गांववाले उस जगह की पहचान कर पा रहे हैं जहां से लैंडस्लाइड हुआ है क्योंकि उन्होंने पहले उस जगह को देखा है।

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राणा ने आगे कहा कि बाढ़ ने अस्थायी रूप से डैमिंग की थी और उसके कारण ऋषि गंगा नदी पूरी तरह से ब्लॉक हो गई है। उन्होंने बताया कि ब्लू रंग की लेक दिख रही है इससे साफ है कि पानी काफी देर से रुकना शुरू हो गया है। यह काफी लंबी हो सकती है। हां, एक बात स्पष्ट है कि ऋषिगंगा नदी ब्लॉक हो गई है। भविष्य में यह फिर टूटेगी तो बाढ़ आ सकती है और रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल लोगों को भी नुकसान हो सकता है।

उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इलाके का हवाई सर्वे किया जाए और देखा जाए कि झील कहां तक और कितनी लंबी है। रैणी गांव के लोग भी आपदा के बाद काफी डरे हुए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक आपदा प्रबंधन सचिव एसए मुरुगेशन ने अलग-अलग एजेंसियों को पत्र लिखकर जांच के लिए कहा है। पत्र में कहा गया है कि मामले की तहकीकात कर रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। गुरुवार को नदी में पानी बढ़ने के बाद राहत एवं बचाव कार्य रोकना पड़ा। जानकारों का कहना है कि इस बात की पूरी संभावना है कि ऊपरी इलाके में अब भी कुछ बदलाव हो रहे हैं।

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सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन का कहना है कि ऋषि गंगा में झील बनने की जानकारी मिली है। अभी तक यही लग रहा है कि यह झील रविवार की आपदा के बाद बनी है। झील कितनी बड़ी है, कितना खतरा है, इस विषय में जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

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