ले. जनरल अनिल भट्ट को PVSM और एयर मार्शल एमएस बुटोला को AVSM सम्मान

ले. जनरल अनिल भट्ट को PVSM और एयर मार्शल एमएस बुटोला को AVSM सम्मान

ले. जनरल भट्ट को सैन्य सचिव, प्रतिष्ठित श्रीनगर कोर के कमांडर और DGMO के तौर पर निभाई गई जिम्मेदारियों के लिए PVSM सम्मान दिया गया है। वह चीन के साथ डोकलाम गतिरोध के दौरान महानिदेशक सैन्य अभियान (DGMO) थे।

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर वीरता एवं विशिष्ट सैन्य सेवा के लिए दिए जाने वाले सम्मानों का ऐलान किया गया है। उत्तराखंड के दो सपूतों लेफ्टिनेंट जनरल (अब रिटायर) अनिल भट्ट को परम विशिष्ट सेवा मेडल (PVSM) और एयर मार्शल (अब रिटायर) एमएस बुटोला को अति विशिष्ट सेवा मेडल (AVSM) प्रदान किया जाएगा।

ले. जनरल भट्ट को सैन्य सचिव, प्रतिष्ठित श्रीनगर कोर के कमांडर और DGMO के तौर पर निभाई गई जिम्मेदारियों के लिए यह सम्मान दिया गया है। वह चीन के साथ डोकलाम गतिरोध के दौरान महानिदेशक सैन्य अभियान (DGMO) थे। इसके बाद जब उन्हें श्रीनगर स्थित 15वीं कोर का कमांडर बनाया गया तो उनके नेतृत्व में सबसे ज्यादा आतंकियों का सफाया हुआ। यह आंकड़ा पिछले 12 साल के दौरान सबसे अधिक रहा। वहीं सैन्य सचिव के तौर पर ले. जनरल अनिल भट्ट ने नई एचआर नीतियों को आगे बढ़ाया साथ ही उनके कार्यकाल में महिलाओं को स्थायी कमीशन दिए जाने की योजना अमल में आई।

अनिल भट्ट मूल रूप से टिहरी गढ़वाल के कीर्तिनगर ब्लाक के खटवाड़ गांव के निवासी हैं। उनका परिवार पिछले कई सालों से मसूरी में निवास कर रहा है। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा मसूरी के हैंपटन कोर्ट और 12वीं तक की पढ़ाई प्रतिष्ठित कान्वेंट स्कूल सेंट जाॅर्ज कॉलेज में की। उनके पिता सत्य प्रसाद भट्ट ने भी कई वर्षों तक फौज में रहकर देश की सेवा की।

उधर, महानिदेश मेडिकल सर्विसेज के पद से रिटायर हुए एयर मार्शल बुटोला मेडिकल फील्ड में एक बड़ा नाम हैं। इलाहाबाद के एमएलएन मेडिकल से एमबीबीएस करने के बाद साल 1984 में उन्होंने सेना की मेडिकल कोर ज्वाइन की। सेना में उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन से अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन यानी एमडी इन एविएशन मेडिसिन में पूरी की। 25 साल तक सेना में सेवाएं देने के बाद साल 2008 में वह भारतीय वायुसेना में पहुंचे। सेना और वायुसेना में सेवा के दौरान उन्हें कई रेजीमेंटल, कमांड और स्टॉफ नियुक्तियां मिलीं।

पहाड़ के परिवेश से निकलकर उन्होंने सफलता के शिखर को छुआ है। एयर मार्शल बुटोला ने राजकीय इंटर कॉलेज नंदप्रयाग से हाईस्कूल करने के बाद गोपेश्वर से इंटरमीडिएट किया और फिर बीएससी की। एयर मार्शल बुटोला की पत्नी भी सेना में डॉक्टर हैं। मूल रूप से उत्तराखंड के ही रानीखेत की रहने वाली ब्रिगेडियर वंदना नेगी ने अपना एमबीबीएस और एमडी पीडियाट्रिक्स एमएलएन कॉलेज इलाहाबाद से किया।

बीते साल गलवान घाटी ( Galwan Vally Violence) में चीनी सैनिकों से लोहा लेते हुए शहीद होने वाले कर्नल संतोष बाबू को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा गलवान हिंसा में शहीद नायब सूबेदार नुदूराम सोरेन, हवलदार के.पलानी, नायक दीपक सिंह, सिपाही गुरतेज सिंह और हवलदार तेजेंदर सिंह को वीर चक्र का ऐलान किया गया है।

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